० गंभीर कुपोषित बच्चों के ईलाज के लिए विभाग गंभीर नहीं
जगदलपुर, 06 जनवरी । महिला बाल विकास विभाग के अंतर्गत इस वर्ष वजन त्योहार के साथ आंगनबाड़ी व अन्य पोषण केंद्रों में आने वाले बच्चों का वजन लेकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली गई। कुल 20 हजार से अधिक बच्चों का परिक्षण हुआ और इनमें से 5946 से अधिक बच्चे कुपोषित पाये गये, जिनके तुरंत ही उपचार कराने की आवश्यकता थी, लेकिन विभाग ने इस दिशा में कोई भी गंभीरता नहीं दिखाई और इन बच्चों में से मात्र 1000 का ही उपचार शुरू हुआ है। बाकी बच्चे भगवान भरोसे हैं। विभाग की लापरवाही के कारण बस्तर में कुपोषण की समस्या अभी भी बनी हुई है और बस्तर का भविष्य बिगड़ रहा है, का अभी तक उपचार शुरू नहीं हुआ है।
उल्लेखनीय है कि मासूम बच्चों को कुपोषण से निजात दिलाने जिले में पोषण पुनर्वास केंद्रों की संख्या में बढ़ोत्तरी करते हुए बेड की संख्या भी बढ़ाई गई है, लेकिन इन केंद्रों में बच्चों का उपचार करने के लिए महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी व कर्मचारी लगातार लापरवाही बरत रहे हैं। इस बात की पुष्टि भी महिला बाल विकास विभाग से मिली जानकारी के बाद हो रही है। इन 5 हजार से अधिक कुपोषित बच्चों के बारे में विभाग के पास ही कोई जानकारी नहीं है। स्थानीय महारानी हास्पिटल में बनाए गए पोषण पुनर्वास केंद्र में जब पता किया गया तो यही जानकारी मिली कि यहां पिछले 9 महीने में केवल 79 कुपोषित बच्चों को भेजा गया। जबकि जगदलपुर विकास खंड में कुपोषित बच्चों की संख्या 3647 है। इनमें भी 680 बच्चे गंभीर कुपोषण का शिकार बने हुए हैं।