0-13 जिलों के रजिस्ट्रीकरण, सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों एवं मास्टर ट्रेनरों को मतदाता पुनरीक्षण का प्रशिक्षण
रायपुर, 18 दिसंबर । आगामी लोकसभा निर्वाचन-2019 के मद्देनजर प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची में सुधार की प्रक्रिया तेज हो गई है। इस सिलसिले में अधिकारियों को विधानसभावार मतदाता पुनरीक्षण कार्य का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आज प्रशिक्षण के तीसरे दिन रायपुर में 13 जिलों के 30 विधानसभा क्षेत्रों के रजिस्ट्रीकरण, सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी एवं मास्टर ट्रेनर शामिल हुए। उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी यू. एस.अग्रवाल ने प्रशिक्षण के दौरान बताया कि मतदाता सूची में सुधार, नए मतदाता जोडऩे तथा मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि इसके उपयोग से मतदाता पुनरीक्षण का काम भी तेज होगा। सभी मतदाताओं को इस प्रक्रिया का हिस्सा बनने में आसानी होगी। अग्रवाल ने बताया कि आम मतदाता भी इस पोर्टल के माध्यम से अपना नाम जुड़वा सकते हैं, विधानसभा क्षेत्र बदलवा सकते हैं या नाम हटवा सकते हैं। एक जनवरी 2019 की स्थिति में पुनरीक्षित मतदाता सूची का प्रकाशन 26 दिसंबर 2018 से 25 जनवरी 2019 के बीच किया जाना है। रायपुर स्थित नवीन विश्राम भवन स्थित ऑडिटोरियम में दो पालियों में हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम में बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, कांकेर, जाँजगीर-चाम्पा, कबीरधाम, गरियाबंद, धमतरी, महासमुंद, बालोद, कोण्डागाँव और नारायणपुर जिले के 30 विधानसभा क्षेत्र के 150 अधिकारी शामिल हुए। इससे पहले 14 और 15 दिसंबर को रायपुर और बिलासपुर में प्रशिक्षण दिया जा चुका है। प्रशिक्षण के बाद ये सभी अधिकारी जिला स्तर पर 19-23 दिसंबर तक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
मास्टर ट्रेनर पुलक भट्टाचार्य ने प्रशिक्षण में बूथ लेवल अधिकारी (बी.एल.ओ) और अविहित अधिकारियों के चयन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने एक जनवरी 2019 को 18 वर्ष पूर्ण करने वाले मतदाताओं को जोडऩे, मृत मतदाताओं तथा स्थानांतरित मतदाताओं के नाम हटाने की प्रक्रिया के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। साथ ही ऑनलाइन प्राप्त होने वाले आवेदनों का सत्यापन और शत-प्रतिशत निराकरण की प्रक्रिया के संबंध में बताया। प्रशिक्षण में अधिकारियों ने यह भी बताया कि पहली बार इपिक कार्ड प्रदान करने पर कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। यदि मतदाता डुप्लीकेट इपिक कार्ड बनवाना चाहते हैं, तो उन्हें निर्धारित शुल्क के साथ इपिक कार्ड दिया जा सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि बूथ लेवल अधिकारी अविहित अधिकारी से समन्वय कर उन्हें मतदाता सूची से संबंधित आवश्यक जानकारी दें। मतदाता सूची के साथ कंट्रोल टेबल में संलग्न नक्शा का सत्यापन करें। साथ ही घर-घर जाकर अनिवार्य रूप से प्रत्येक घर के मतदाताओं के नाम, पिता या पति का नाम, संबंध, उम्र, फोटो एवं पता का सत्यापन करें। इसके अतिरिक्त फोटो रहित मतदाताओं से अच्छी गुणवत्ता का फोटो प्राप्त करें। सर्वे फार्म भरने के बाद मतदाता सूची में नाम जुड़वाने की कार्यवाही निरंतर होनी चाहिए। अधिकारियों ने बताया कि बी.एल.ओ. को मतदान केन्द्र का भौतिक सत्यापन एवं मूलभूत सुविधाओं की जानकारी लेनी होगी।
प्रशिक्षण में अधिकारियों को विधानसभावार मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए। मतदाता सूची के प्रकाशन से पहले राजनीतिक दलों और मीडिया प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उन्हें अवगत कराते हुए मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन करवाएं।