जगदलपुर, 17 दिसंबर । बस्तर के दर्जनों क्षेत्रों, गांवों और स्कूलों में लगाये गये हेण्ड पंपों को सोलर सिस्टम से जोडक़र ओवरहेड पानी टंकी को स्वत: भरने के लिए जो व्यवस्था बनाई गई थी, वह व्यवस्था क्रेडा और पीएचई की लापरवाही से बंद हो गई है और लोगों तथा स्कूल में पढऩे वाले बच्चों को अब पानी के लिए मेहनत करनी पड़ रही है। इससे ग्रामीणों को सरलता से मिलने वाला पानी टंकियां रिक्त होने से घर बैठे नहीं मिल पा रहा और अधिकांश समय ग्रामीणों का पानी की व्यवस्था करने में लग रहा है।
उल्लेखनीय है कि बस्तर जिले के विभिन्न स्कूलों और गांवों में सोलर सिस्टम से हैण्ड पंपों को जोडक़र सूर्य की शक्ति से घर तक पानी पहुंचाने का व्यवस्था बनाई गई थी और इससे स्कूल में पढऩे वाले बच्चों को भी पीने का पानी सरलता से प्राप्त हो रहा था, लेकिन सोलर सिस्टम के उचित रख-रखाव के अभाव में अब पानी की टंकियां भर नहीं पा रही है और लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। यह भी विशेष तथ्य है कि एक हैण्ड पंप को सोलर सिस्टम से सज्जित करने में करीब 10 लाख रूपए का व्यय किया गया है। इस सिस्टम को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की है, लेकिन विभाग की लापरवाही से जिले के दर्जनों सोलर सिस्टम काम नहीं कर पा रहे हैं।
इस संबंध में प्रभावित गांवों के ग्रामीणों ने बताया कि उनके द्वारा बार-बार शिकायत करने के बाद भी पीएचई विभाग से कोई अधिकारी या मैकेनिक नहीं पहुंचा और अभी भी यह व्यवस्था ठप पड़ी है।