छत्तीसगढ़

09-Dec-2018 9:22:58 am
Posted Date

मतगणना के दौरान शांति-सुरक्षा बनाए रखने वरिष्ठ अफसरों की जिम्मेदारी तय

रायपुर, 09 दिसंबर । 11 दिसंबर को होने वाले मतगणना के दौरान शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने पुलिस प्रशासन ने 74 अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। दूसरी ओर राज्य निर्वाचन आयोग ने भी मतगणना की तैयारियां तेज कर दी है। आयोग की ओर से हाल ही में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को मतगणना की प्रक्रियाओं से अवगत कराया गया है। दूसरी ओर कांग्रेस ने ईवीएम और व्हीव्हीपैट के आंकड़ों में अंतर आने पर संबंधित विधानसभा क्षेत्र के सभी ईवीएम मशीनों के बजाए व्हीव्हीपैट से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर मतगणना कराए जाने की मांग की है। इस पर अभी तक भाजपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। कुल मिलाकर इस समय सभी राजनीतिक दलों की धडक़नें तेज हो चुकी है और सभी को बेसब्री से मतगणना का इंतजार है। 
राज्य में दो चरणों में 12 नवंबर और 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ। प्रथम चरण में राज्य के संवेदनशील माने जाने वाले 18 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव संपन्न हुआ और इसके बाद शेष 72 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को मतदान संपन्न कराया गया। इसके बाद अब आयोग पूरी पारदर्शिता बरतते हुए मतगणना की तैयारियों में जुट गया है। इधर पुलिस प्रशासन ने भी एग्जिट पोल को ध्यान में रखते हुए राजधानी रायपुर तथा प्रदेश में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपनी तैयारी पूरी कर ली है। इंटेलिजेंस की सूचना के बाद पीएचक्यू ने राजधानी रायपुर में 8 वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। इन अधिकारियों को 11 और 12 दिसंबर तक व्यवस्था बनाए रखने कहा गया है। इनमें एसपी शशिमोहन सिंह, एसपी राजश्री मिश्रा, डिप्टी कमांडेंट गायत्री सिंह, अस्टिेंट कमांडेंड मुक्ति तिर्की, डीएसपी रूपा खेस कुजूर, रमाशंकर द्विवेदी और निधि सोम को राजधानी रायपुर की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा प्रदेश के अन्य मतगणना केन्द्रों में भी इसी तरह अधिकारियों को सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। 
कांग्रेस जता चुकी है गड़बड़ी की आशंका :
मतदान के दौरान ही राजधानी रायपुर और प्रदेश के कुछ अन्य सीटों में ईवीएम में आई खराबी के बाद से ही कांग्रेस ने गड़बड़ी की आशंका जताते हुए राज्य निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद स्ट्रांग रूम में अनाधिकृत प्रवेश, लैपटॉप, मोबाइल आदि लेकर प्रवेश करने की कई घटनाएं प्रकाश में आई। कांग्रेस ने लगातार सभी मामलों की शिकायत आयोग तक की। कुछ मामलों की गंभीरता को देखते हुए कांग्रेस की ओर से इसकी शिकायत भारत निर्वाचन आयोग तक भी की गई है। इधर मतगणना की तिथि नजदीक आते ही राजनीतिक दलों की सांसे तेज हो गई है। कांग्रेस जहां लगातार गड़बड़ी की आशंका जता रही है तो वहीं भाजपा इन बातों से दूर रहकर मतगणना का इंतजार कर रही है। इधर तेलंगाना और राजस्थान में चुनाव संपन्न होने के बाद जैसे ही एग्जिट पोल जारी हुआ प्रदेश में राजनीतिज्ञों के सुर भी बदल गए। यहां कांग्रेस और भाजपा में कांटे की टक्कर होने तथा कुछ सीटों पर जोगी कांग्रेस का एकतरफा प्रभाव रहने की चर्चा शुरू होते ही सत्ताधारी दल की चिंताएं बढ़ गई है। बहरहाल तमाम अटकलों के बीच सभी को अब मतगणना तिथि और चुनाव परिणाम का इंतजार है। 

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