बीजापुर, 04 दिसंबर । तिमेड़ घाट से वन अमले ने एक ही महीने में तीसरी बार सागौन की अवैध लकड़ी के राफ्टर बरामद किए हैं। इस दौरान तस्करों ने वन अमले पर पत्थरों से हमला कर दिया, जिसमें 3 वनकर्मी घायल भी हो गए हैं। वहीं करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद अमले ने सागौन के लट्ठों को जब्त कर लिया, लेकिन एक भी तस्कर पकड़ में नहीं आया है।
इस तरह से एक ही महीने में अब तक वन अमले ने 27.5 घनमीटर सागौन के लट्ठे पकड़े हैं, जिनकी कीमत करीब 24 लाख रुपए बताई जा रही है। कार्रवाई के दौरान वन अमले ने सागौन के 83 लट्ठों को पकड़ा है। भोपालपटनम रेंजर कोटेश्वर राव चापड़ी ने बताया कि ये लट्ठे तेलंगाना की तरफ भेजे जा रहे थे। उन्होंने बताया कि तस्करों ने 83 लट्ठों का राफ्टर बनाकर इसे नदी में छोड़ दिया था।
अमले का नेतृत्व कर रहे चापड़ी ने बताया कि रात में गश्ती दल अपना काम कर रहा था। इसी बीच तिमेड़ में पुल के पास मट्टीमरका की तरफ से इंद्रावती नदी में बहती लकड़ी देखी। तस्कर इन लकडिय़ों को बहाकर तेलंगाना की तरफ लेकर जा रहे थे। इसी बीच गश्ती दल धमक पड़ा, जिसे देखकर तस्कर भागने लगे। इसी बीच उन्होंने वन अमले पर हमला भी कर दिया। इस कार्रवाई में ए और बी ग्रेड का सागौन मिला है, जिससे इसकी कीमत करीब 12 लाख रुपए आंकी गई है। वहीं करीब 17 घनमीटर लकड़ी बरामद किए जाने का दावा उन्होंने किया है। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र का वन अमला भी गश्त करता है, लेकिन वहां घने जंगल नहीं है, इसलिए तस्करों की नजर छत्तीसगढ़ के जंगलों पर है। इस कार्रवाई में मद्देड़ बफर के रेंजर बामदेव नाग, फॉरेस्टर अजय कोरम, मोहन सिंह संजय, शैलेंद्र एट्टी, बुधराम कश्यप, दिनेश वासम, डी. विजय सहित 25 वन सुरक्षाकर्मी शामिल थे।