छत्तीसगढ़

01-Dec-2018 1:45:27 pm
Posted Date

बजरंगबली का जातिकरण करने पर आस्थावादी भडक़े, बयान वापस नहीं होने पर करेंगे अदालती कार्रवाई

रायपुर, 01 दिसंबर । हाल ही में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा केसरीनंदन, मारूतिनंदन श्री हनुमानजी को दलित जाति का बताए जाने पर शहर के आस्थावादी नाराज हो गए हैं। योगी के बयान के तुरंत बाद अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय द्वारा हनुमान जी को अनुसूचित जनजाति का बताए जाने पर राजा तालाब हनुमान मंदिर में नियमित दर्शन करने वाले पंडित हरिशंकर मिश्रा ने भगवान का जातिकरण करने पर गहरी आपत्ति व्यक्त की है। पूर्व उप महाअधिवक्ता उच्च न्यायालय बिलासपुर डॉ. निर्मलकुमार शुक्ला, सिविल लाइंस निवासी हाईकोर्ट अधिवक्ता जेडी वाजपेयी एवं ब्राम्हणपारा निवासी अधिवक्ता केके शुक्ला ने आस्था के साथ खिलवाड़ करने पर योगी एवं साय द्वारा तत्काल माफी नहीं मांगने पर अदालती कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। ज्ञातव्य है कि रामचरित्र मानस में भी गोस्वामी तुलसीदास ने कांधे मुंज जनेउ साजे शब्द का उपयोग किया है जिससे यह प्रमाणित होता है कि हनुमान जी ब्राम्हण थे न की अन्य जाति वर्ग के यह विचार सुंदर नगर निवासी श्रीमती मीनल पाठक ने व्यक्त किया है। 

Share On WhatsApp