जगदलपुर, 30 नवम्बर । दूर संचार विभाग सहित दूर संचार की दूसरी निजी कंपनियों द्वारा मोबाईल सेवा प्रदान करने के लिए भले ही लाख उपाय किये जा रहे हैं लेकिन आज भी बस्तर के दूरस्थ व पहुंचविहीन क्षेत्रों में नेटवर्क प्राप्त करना बड़ी ही समस्या बन गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कांगेर घाटी का क्षेत्र भी ऐसा ही है जहां दूरस्थ स्थानों पर और दूर बसे हुए गांवों की आबादी को नेटवर्क नहीं मिलता और उन्हेें अपने मोबाईल से बात करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। इन गांवों के लोगों को या तो गांव से बाहर आकर किसी उंचे वृक्ष पर चढक़र बात करना पड़ता है या किसी उंची पहाड़ी पर चढक़र नेटवर्क मिलने से बात करने की इच्छा उनकी पूर्ण हो पाती है।
उल्लेखनीय है कि ऐसा ही एक गांव कावापाल कांगेर घाटी में तीरिया वनग्राम के पास बसा हुआ है। यहां से उसकी दूरी 50 किलोमीटर के करीब है, लेकिन इस ग्राम तक सहज ही जाना मार्ग की बिगड़ी स्थिति से संभव नहीं है और इसी गांव में तथा इसके आसपास स्थित अन्य गांवों में उन्हें किसी प्रकार की सूचना देने अथवा जानकारी प्रदान करने के लिए गांव से बाहर आकर किसी वृक्ष में चढऩे की कसरत करनी पड़ती है, उसके बाद ही वह सूचना दूसरी जगह पहुंच पाती है । वर्षा काल में स्थिति नेटवर्क के गायब रहने से और अधिक बिगड़ जाती है, तब उन्हें अपने गांव से मोटर साइकल से करीब 25 किलोमीटर बाहर आकर सूचना या जानकारी देनी पड़ती है। इस प्रकार ऐसे अनेकों गांव हैं, जहां नेटवर्क आज भी नहीं पहुंच सका है।