जांजगीर-चाम्पा, 29 नवंबर । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विगत दो-तीन दिन पूर्व से फगुरम चैकी क्षेत्रान्तर्गत् मानसिक रूप से कमजोर युवती के साथ दुष्कर्म होने, दुष्कर्म से गर्भवती होने तथा इलाज के आभाव में दर्द से तड़पने के प्रकाशित संवेदनशील समाचार पर संज्ञान लिया जाकर घटना के संबंध में पुलिस अधीक्षक से पांच बिन्दुओं पर विस्तृत प्रतिवेदन मांगा गया है। प्राधिकरण की प्रभारी सचिव उदयलक्ष्मी सिंह परमार ने बताया कि कई समाचार पत्रों में उक्त घटना की खबर प्रकाशित की गई है। समाचार में यह भी उल्लेखित किया गया है कि कि युवती की मानसिक स्थिति सालों से खराब है और उसके माता-पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी है और उसके कोई भाई-बहन भी नहीं है। पीडि़ता के 55 वर्षीय चाचा पीडि़ता की देखरेख करते हैं। युवती इलाज के आभाव में दर्द से तड़प रही है। महिलाओं के साथ घटित होने वाले ऐसे अपराधों के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा पीडि़त महिला, उत्तरजीवी को क्षतिपूर्ति योजना 2018 के तहत् नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। इसी प्रकार मानसिक रूप से अस्वस्थ के लिए नालसा मानसिक रूप से बीमार एवं मानसिक रूप से विकलंाग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाएं योजना 2015 क्रियान्वयन इस प्राधिकरण द्वारा किया जाता है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय से प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरंात इन योजनाओं के तहत् पीडि़ता को यथोचित विधिक सहायता प्रदान किए जाने की कार्यवाही की जाएगी। उन्होनें आगे बताया कि पुलिस अधीक्षक को इस प्राधिकरण द्वारा पूर्व में भी पत्र प्रेषित किया गया है कि बेसहारा, बेघर व असहाय मानसिक रोगियों के समुचित उपचार हेतु उनके अधीनस्थ समस्त थाना प्रभारी मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम 1987 की धारा 23 के तहत् यह सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्राधिकार के भीतर ऐसा कोई भी आवारा मानसिक बीमार अथवा खतरनाक मानसिक बीमार व्यक्ति नहीं है जिसे मनोचिकित्सकीय उपचार की आवश्यकता हो। और यह भी सुनिश्चित करें कि यदि ऐसा कोई व्यक्ति पाया जाए तो उसे मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम 1987 की धारा 23, 24 एवं 25 के तहत् कार्यवाही करते हुए राज्य मानसिक अस्पताल सेन्द्री बिलासपुर छ.ग. भिजवाए जाने बाबत् आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।
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