छत्तीसगढ़

24-Nov-2018 9:42:32 am
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साढ़े 13 हजार बनाकर रद कर दिए 15 हजार बीपीएल कार्ड

बिलासपुर।  बीपीएल राशन कार्ड बनाने के खेल ने प्रदेश में बिलासपुर जिला की कुछ ऐसी तस्वीर पेश कर दी है जिसे अच्छा नहीं कहा जा सकता है। बिलासपुर प्रदेश का ऐसा पहला जिला बन गया है जहां बीपीएल राशन कार्डों की भरमार है। यहां चार लाख 81 हजार 212 बीपीएल राशन कार्डधारी है। प्रदेश के अन्य जिलों से सर्वाधिक ज्यादा आंकड़ा है। विधानसभा चुनाव के छह महीने पहले फिर एक फर्जीवाड़ा हुआ । आनन-फानन पहले साढ़े 13 हजार राशन कार्ड फिर जारी किया गया । फिर क्या हुआ कि 15 हजार कार्ड को एकसाथ रद कर दिया । मतलब नए बनाए साढ़े 13 हजार के अलावा डेढ़ हजार पुराने कार्ड से खाद्यान की आपूर्ति बंद कर दी गई । राज्य शासन ने गरीबों को दो वक्त का भोजन मुहैया कराने के लिए वर्ष 2012 में खाद्य सुरक्षा कानून बनाई थी। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ देश का पहला प्रदेश बना जहां गरीबों को भोजन व्यवस्था के लिए कानून बनाया गया । इसके ठीक एक वर्ष बाद वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित था। चुनाव के ठीक पहले प्रदेशभर में खाद्य विभाग के निर्देश पर अंधाधुंध राशन कार्ड बनाए गए । 16 लाख लोगों को कार्ड थमा दिया गया। हर महीने इनको खाद्यान भी मिलने लगा। वर्ष 2014 में लोकसभा का चुनाव हुआ। केंद्र की सत्ता पर भाजपा के काबिज होने के बाद राज्य शासन के निर्देश पर राशन कार्डों की डोर-टू-डोर जांच पड़ताल शुरू हुई। अचरज की बात ये कि पड़ताल के बाद प्रदेशभर में सात लाख कार्ड रद कर दिए गए । प्रदेश के साथ ही बिलासपुर जिले में एक लाख 30 हजार राशन कार्ड बनाए गए। इसके साथ ही आंकड़ा चार लाख 81 हजार 212 हो गया है। प्रदेश में यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है।
छह महीने पहले बनाए साढ़े 13 हजार कार्ड
खाद्य विभाग के अफसरों की देखरेख में छह महीने पहले जिले में साढ़े 13 हजार नए राशन कार्ड बनाए गए थे। अचानक विभागीय अफसर जागे और एक झटके में 15 हजार 782 राशन कार्ड को रद कर दिया गया है। 
छह महीने तक खाद्यान आपूर्ति का क्या होगा
बीपीएल राशन कार्ड बनाने के साथ ही गरीबों के छह महीने तक जिले के विभिन्न राशन दुकानों से खाद्यान की आपूर्ति भी की जा रही थी। गलत तरीके  से बनना बताते हुए कार्ड को रद कर दिया गया है। अब यह सवाल उठने लगा है कि मापदंडों को पूरा न करने वालों का कार्ड किस आधार पर जारी किया गया। कार्ड जारी करने के साथ ही इनको छह महीने से राशन की आपूर्ति भी की जा रही थी। लाखों रुपये का चूना शासन को लगाया गया है। इसकी भरपाई कौन करेगा ।
ऐसे जोड़े और रद किए गए राशन कार्ड
महीना जोड़े गए रद किए गए
 अप्रैल 634 282
 मई 779 5076
जून 1843 6887
जुलाई 4172 2020
अगस्त 2844 1062
सितंबर 2499 455
आधार सीडिंग व अन्य तकनीकी जांच की वजह से अलग-अलग जगहों पर रहते हुए जिन
लोगों ने अपने नाम से राशन कार्ड बनवा लिए थे उनका एक जगह का कार्ड रद
किया गया है। वैसे भी कार्ड बनाना व नए नाम जोडऩा यह निरंतर चलने वाली
प्रक्रिया है। इसके बाद भी अगर लगता है कि कहीं गड़बड़ी हुई है तो जांच करा
ली जाएगी ।
बीएस उइके-अपर कलेक्टर

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