मेलबर्न,25 जनवरी । रिकॉर्ड 21वां ग्रैंडस्लैम पुरूष एकल खिताब जीतने की दहलीज पर खड़े रफेल नडाल ने डेनिस शापोवालोव को पांच सेट और चार घंटे के मैराथन मुकाबले में हराकर सातवीं बार आस्ट्रेलियाई ओपन के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया ।
नडाल, रोजर फेडरर और नोवाक जोकोविच के नाम 20 पुरूष एकल खिताब हैं । फेडरर और जोकोविच आस्ट्रेलियाई ओपन नहीं खेल रहे हैं ।
नडाल ने क्वार्टर फाइनल में 6 . 3, 6 . 4, 4 . 6, 3 . 6, 6 . 3 से जीत दर्ज की । पहले दो सेट में हावी रहने के बाद तीसरे और चौथे सेट में पेट की गड़बड़ी के कारण उनकी लय टूटी लेकिन निर्णायक सेट जीतकर उन्होंने अंतिम चार में जगह बनाई ।
नडाल यहां सिर्फ एक बार 2009 में खिताब जीत सके हैं और पिछले 13 में से सात क्वार्टर फाइनल हारे हैं । अब सेमीफाइनल शुक्रवार को होगा यानी उनके पास दो दिन का ब्रेक है । सेमीफाइनल में उनका सामना सातवीं वरीयता प्राप्त मात्तेओ बेरेत्तिनी या 17वीं रैंकिंग वाले गाएल मोंफिल्स से होगा ।
महिला वर्ग में मेडिसन कीस ने 2022 में अपना शानदार फॉर्म बरकरार रखते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया ।
उन्होंने क्वार्टर फाइनल में फ्रेंच ओपन चैम्पियन बारबोरा क्रेसिकोवा को 6 . 3, 6 . 2 से हराकर लगातार दसवीं जीत दर्ज की । इस साल वह एडीलेड इंटरनेशनल में पांच जीत दर्ज कर चुकी है जिसमें खिताबी जीत शामिल है । उसके बाद यहां मेलबर्न पार्क में पांच मैच जीत चुकी हैं ।
पिछले पूरे साल में उन्होंने कुल 11 मैच जीते थे ।
अब उनका सामना शीर्ष वरीयता प्राप्त ऐश बार्टी या जेसिका पेगुला से होगा ।
मेलबर्न,23 जनवरी । भारत की सानिया मिर्जा और अमेरिका के उनके जोड़ीदार राजीव राम ने रविवार को यहां सीधे सेट में एलेन पेरेज और मात्वे मिडलकूप को हराकर आस्ट्रेलियाई ओपन टेनिस टूर्नामेंट के मिश्रित युगल के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया।
भारत और अमेरिका की गैरवरीय जोड़ी ने कोर्ट नंबर तीन पर दूसरे दौर के मुकाबले में एक घंटा 27 मिनट में आस्ट्रेलिया की पेरेज और नीदरलैंड के मिडलकूप की जोड़ी को 7-6 (8/6),6-4 से हराया।
क्वार्टर फाइनल में सानिया और राम की भिड़ंत सैम स्टोसुर और मैथ्यू एबडेन तथा जेमी फोरलिस और जेसन कुब्लर की आस्ट्रेलियाई जोडिय़ों के बीच होने वाले दूसरे दौर के मुकाबले की विजेता जोड़ी से होगी।
सानिया और राम ने पहले दौर में सर्बिया की एलेक्सांद्रा क्रुनिच और निकोला केसिच की जोड़ी को हराया था।
छह बार की ग्रैंडस्लैम विजेता सानिया को हालांकि महिला युगल के पहले दौर में ही हार का सामना करना पड़ा था।
मौजूदा सत्र के बाद संन्यास की घोषणा करने वाली सानिया टूर्नामेंट में एकमात्र भारतीय खिलाड़ी बची हैं। सत्र के पहले ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट में शनिवार को मिश्रित युगल में रोहन बोपन्ना और क्रोएशिया की दारिजा जुराक श्रेबर की जोड़ी पहले दौर में ही हार गई थी।
लखनऊ,22 जनवरी । साल के पहले खिताब से मात्र दो कदम की दूरी पर खड़ी भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधु सैयद मोदी इंडिया इंटरनेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप एचएसबीसी वर्ल्ड टूर सुपर 300 के क्वार्टर फाइनल में शुक्रवार को छठी वरीय थाईलैंड की सुपानिदा कातेथोंग को हरा कर बेहद संतुष्ट है।
सिंधु ने मैराथन मुकाबले में कतेथोंग को मैराथन मुकाबले में 11-21, 21-12, 21-17 से हरा कर इंडिया ओपन में मिली हार का बदला पूरा करने के साथ सेमीफाइनल में जगह बना ली। ओलंपिक पदक विजेता ने मैच के बाद अपनी खुशी का इजहार करते हुये कहा कतेथोंग एक बेहतरीन खिलाड़ी है। इसी लडक़ी के साथ मै इंडिया ओपन का सेमीफाइनल हार गयी थी। आज भी पहला गेम हारने के बाद मैने संयम नहीं खोया था। आमतौर पर पहला गेम खोने के बाद आप आत्मविश्वास खो देते हो लेकिन मै अपने खेल को लेकर आश्वस्त थी। दूसरा गेम जीतने के बाद मै तीसरे गेम में भी 0-4 से पिछड़ रही थी लेकिन मै जानती थी कि हर अंक मेरे लिये महत्वपूर्ण है और आखिरकार मुझे जीत मिली।
उन्होने कहा निस्संदेह यह जीत यादगार रहेगी। यह एक मीठा बदला था। इंडिया ओपन में हार कर मिली यह जीत निश्चित ही मेरे मनोबल में इजाफा करेगी। कतेथोंग अच्छी खिलाड़ी है। हम एक दूसरे के खिलाफ पहले भी खेल चुके है और एक दूसरे के खेल को अच्छी तरह जानते हैं। वास्तव में आज का मैच जीतकर मै बहुत खुश हूं और अब आराम कर कल के मैच के लिये खुद को तैयार करना है।
गौरतलब है कि सेमीफाइनल में सिंधु की टक्कर पांचवी सीड रूस की एवगेनिया कोसत्सकाया से होगी जिन्होंने एक अन्य मैच में चेक गणराज्य की ट्रेजा सावाबिकोवा को 21-8, 21-14 से मात दी।
एक घंटा पांच मिनट चले मुकाबले में पहला गेम गंवाने के बाद सिंधु ने जुझारू खेल का प्रदर्शन करते हुये शानदार वापसी की। भारतीय स्टार शटलर के उम्दा स्मैश व ड्राप शॉट का प्रतिद्धंदी के पास कोई जवाब नहीं था। कतेथोंग ने हाल ही दिल्ली में खेली गयी इंडिया ओपन के सेमीफाइनल में सिंधु को मात दी थी।
नई दिल्ली । दक्षिण अफ्रीका की क्रिकेट टीम ने दुनिया की नंबर वन टेस्ट टीम भारत को टेस्ट सीरीज में हरा दिया। अब मेजबानों की निगाहें तीन मैचों की वनडे सीरीज जीतने पर हैं। साउथ अफ्रीका की सीमित ओवरों की टीम के कप्तान तेंबा बावुमा का मानना है कि भारत के खिलाफ तीन मैचों की आगामी एकदिवसीय सीरीज में जीत दर्ज करने से घरेलू टीम के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी। भारतीय टीम ने पिछली बार 2018 में दक्षिण अफ्रीका का दौरा किया था और छह मैचों की वनडे सीरीज में 5-1 से जीत दर्ज की थी। यह दक्षिण अफ्रीका में एकदिवसीय सीरीज में भारतीय टीम की पहली जीत थी। डेली मेवरिक के मुताबिक बावुमा ने कहा, हमें भारत के खिलाफ अगली वनडे सीरीज में चीजों को ठीक करना होगा। 2018 की सीरीज में जो हुआ मैं उससे बहुत चिंतित नहीं हूं। मैं अपनी खेल शैली को स्थापित करने और अपनी रणनीति को अच्छे प्रभाव से लागू करने के बारे में अधिक चिंतित हूं।
उन्होंने आगे कहा, भारत के खिलाफ एकदिवसीय सीरीज जीत से हमें काफी आत्मविश्वास मिलेगा। इससे आने वाले मैचों के लिए टीम बेहतर लय हासिल कर सकेगी। बावुमा भारत के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में टीम का हिस्सा थे, जिसे दक्षिण अफ्रीका ने 2-1 से जीता। बावुमा ने कहा कि 2021 आइसीसी टी20 विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका के अभियान ने टीम के तरीके और नजरिये को बदलने में मदद की।
यूएई में हुए टी20 विश्व कप 2021 में पांच मैचों में चार जीत के बाद भी दक्षिण अफ्रीका की टीम सेमीफाइनल में नहीं पहुंच पाई थी, क्योंकि टीम का नेट रन रेट बाकी टीमों को मुकाबले बेहतर नहीं था। उन्होंने कहा, दक्षिण अफ्रीका की सफेद गेंद वाली इस टीम के बारे में धारणाएं बदल रही हैं। पहले कहा जाता था कि हमारे पास स्पिन का मुकाबला करने की क्षमता नहीं है और हमने विदेशी परिस्थितियों में संघर्ष किया। मुझे ऐसा लगता है कि हमने टी20 विश्व कप में कई लोगों को गलत साबित किया है।
उनका कहना है कि एकदिवसीय टीम को संयुक्त अरब अमीरात में हुए विश्व कप के दौरान टी20 टीम के प्रदर्शन से सीख लेनी चाहिए। प्रोटियाज टीम के कप्तान ने कहा, हमारी टी20 टीम ने हाल के दिनों में जो हासिल किया है, उस पर ध्यान देना चाहिए। उस टीम ने नतीजों पर ज्यादा जोर नहीं दिया, बल्कि प्रक्रिया पर ध्यान दिया।
नई दिल्ली । विराट कोहली के भारत की टेस्ट टीम के कप्तान के रूप में पद छोडऩे के फैसले से कई लोगों को हैरानी हुई। रोहित के टी20 और वनडे कप्तान बनाए जाने और कोहली के टेस्ट कप्तान रहने के बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि इन फॉर्मेट के अलग-अलग कप्तान बनाने का चलन भारतीय क्रिकेट में लागू होने जा रहा है, लेकिन कोहली की घोषणा ने उन योजनाओं को रद्द कर दिया है। कप्तानी के फैसले को लेकर अटकलें शुरू होने से पहले ही बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने एक ट्वीट कर कहा कि ये फैसला पूरी तरह से कोहली का था, जिसका मतलब है कि बोर्ड का इससे कोई लेना-देना नहीं था। वहीं कोहली के आधिकारिक बयान के अनुसार ये साफ दिख रहा है कि उन्होंने बिना किसी दबाव के ऐसा किया। हालांकि, पाकिस्तान के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ की इस मामले में कुछ अलग राय है। पूर्व विकेटकीपर का मानना है कि गांगुली ने जो ट्वीट किया है उस पर कोहली ने जो कुछ भी कहा है, विराट के टेस्ट कप्तान के रूप में इस्तीफा देने का कारण बीसीसीआई प्रमुख के साथ उनका टकराव वजह बनी है।
राशिद लतीफ ने कॉट बिहाइंड पर एक वीडियो में कहा, ऐसा होने का असली कारण यह है कि आपका बोर्ड के साथ झगड़ा है। विराट चाहे कुछ भी कहें कि यह उनका फैसला है या सौरव गांगुली क्या ट्वीट करते हैं, यह दो दिग्गजों की लड़ाई है।
विराट ने जब दक्षिण अफ्रीका दौरे शुरू होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस की, तो उन्होंने गांगुली के उस बयान का पूरी तरह खंडन कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि विराट से टी-20 की कप्तानी ना छोडऩे का अनुरोध किया गया था। कोहली ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए टीम चयन से 90 मिनट पहले उन्हें वनडे टीम की कप्तानी से हटाया गया और बीसीसीआई ने उन्हें कभी टी-20 टीम की कप्तानी छोडऩे पर पुनर्विचार करने को नहीं कहा, जैसा बोर्ड ने दावा किया है। कोहली के खुलासे के बाद उनके फैंस ने सोशल मीडिया पर सौरव गांगुली को जमकर निशाने पर लिया। कई फैंस ने सौरव गांगुली के बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की मांग भी की।
उन्होंने कहा, कुछ लोग भावुक होते हैं। उन्हें पता है कि कोहली को कब और कैसे भडक़ाना है। जब उन्होंने घोषणा की कि वह विश्व कप के बाद ञ्ज20ढ्ढ में भारत की कप्तानी नहीं करेंगे, तो उन्हें ह्रष्ठढ्ढ कप्तान के रूप में भी हटा दिया गया था। आपने न केवल कोहली को परेशान किया है; आपने भारतीय क्रिकेट को अस्त-व्यस्त कर दिया है।
33 वर्षीय खिलाड़ी ने दिसंबर 2014 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली बार टेस्ट कप्तान के रूप में पदभार ग्रहण किया था। कोहली ने कप्तान के तौर पहली पारी में 115 रन बनाए थे। वह टेस्ट कप्तानी की शुरुआत में शतक बनाने वाले चौथे भारतीय बन गए। कप्तान के रूप में उनका आखिरी मैच केपटाउन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीसरा टेस्ट था, जिसे भारत ने 14 जनवरी को सात विकेट से गंवा दिया था।
नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट जगत विराट कोहली के टेस्ट कप्तानी छोडऩे के फैसले से हैरान है। विराट कोहली के अचानक भारत के टेस्ट कप्तान के रूप में पद छोडऩे के फैसले ने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया। जनवरी 2015 से टेस्ट क्रिकेट में पूर्णकालिक कप्तान के रूप में भारत का नेतृत्व कर रहे विराट कोहली ने ट्विटर के माध्यम से अपने टेस्ट कप्तानी छोडऩे का ऐलान किया।
कोहली ने दक्षिण अफ्रीका से सीरीज1-2 से हारने के एक दिन बाद ट्वीट किया ,एक मुकाम पर आकर सबको ठहरना होता है और मेरे लिये बतौर भारतीय टेस्ट कप्तान यह वही मुकाम है । इस सफर में कई उतार चढाव आये लेकिन प्रयासों या विश्वास में कभी कमी नहीं रही। उन्होंने आगे लिखा , पिछले सात साल लगातार कड़़ी मेहनत, अथक प्रयासों और दृढता से टीम को सही दिशा में ले जाने के रहे । मैने पूरी ईमानदारी से काम किया और कोई कसर नहीं छोड़ी । मैने हमेशा अपनी ओर से 120 प्रतिशत देने पर भरोसा किया है और अगर मैं ऐसा नहीं कर सकता तो मुझे वह सही नहीं लगता। मेरे दिल में यह एकदम साफ है और मैं अपनी टीम के प्रति बेईमान नहीं हो सकता।
कोहली ने अपने बयान में पूर्व कोच रवि शास्त्री और पूर्व कप्तान धोनी का नाम लिया और उन्हें धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा , मैं बीसीसीआई को धन्यवाद दूंगा कि मुझे इतने लंबे समय तक देश की टीम की कप्तानी करने का मौका दिया। उससे भी महत्वपूर्ण अपने साथी खिलाडिय़ों को धन्यवाद दूंगा जिन्होंने टीम के लिये मेरे नजरिये को पहले दिन से अपनाया और किसी भी हालात में हार नहीं मानी। आप सभी ने मेरे इस सफर को यादगार और खूबसूरत बना दिया।
उन्होंने आगे लिखा , रवि भाई और सहयोगी स्टाफ को धन्यवाद जो इस गाड़ी का इंजन रहे जो टेस्ट क्रिकेट में लगातार आगे बढ़ती रही। सभी ने इसमें अपना योगदान दिया। धोनी के बारे में उन्होंने लिखा,आखिर में एम एस धोनी को बहुत धन्यवाद जिन्होंने बतौर कप्तान मुझ पर भरोसा किया और मुझे भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने में सक्षम पाया।