मुंबई । भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेल 2022 से पहले कहा कि इस तरह के आयोजन महिला क्रिकेट के लिये महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। हरमनप्रीत ने एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, एक क्रिकेटर के रूप में हम ज्यादा मैच खेलना चाहते हैं। जब भी आप किसी बड़े आयोजन में जाते हैं तो आपके लिये आपके लिये अच्छा प्रदर्शन करना महत्वपूर्ण हो जाता है।
उन्होंने कहा, बिल्कुल, अगर हमें ऐसे आयोजनों में खेलने का मौका मिले तो यह महिला क्रिकेट के लिये अच्छा है। महिला क्रिकेट को बहु-राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शामिल करना गेम-चेंजर हो सकता है।
बर्मिंघम में 28 जुलाई से शुरू होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का पहला मैच ग्रुप ए में महिला टी20 विश्व कप विजेता ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होगा। इसके दो दिन बाद उनका सामना चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से होगा, जिसके बाद वह तीन अगस्त को ग्रुप स्टेज के आखिरी मैच में बारबाडोस के खिलाफ खेलेंगे।
टूर्नामेंट के सेमीफाइनल मैच छह अगस्त को खेले जाएंगे जबकि स्वर्ण और रजत पदक मुकाबले सात अगस्त को खेले जाएंगे। सभी मुकाबले एजबेस्टन में आयोजित होंगे। हरमनप्रीत ने कहा कि टीम पहली बार आयोजन में हिस्सा लेते हुए पोडियम पर जगह बनाना चाहेगी।
उन्होंने कहा, यह आयोजन हमारे लिये बहुत महत्वपूर्ण है। हम इस बार पदक के लिये खेल रहे हैं। अगर मैं अपने बारे में बात करूं तो हम इस तरह के आयोजन देखते हुए बड़े हुए हैं और इस बार हम इस आयोजन का हिस्सा बनकर बहुत खुश हैं। मेरा मानना है कि अगर भविष्य में हमें इस तरह के अवसर मिलते रहे तो हमारे लिये अद्भुत होगा।
नई दिल्ली । विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नीरज चोपड़ा के रजत पदक जीतने पूरे देश में खुशी का माहौल है। देशभर नीरज चोपड़ा के लिए बधाई संदेश आ रहे हैं। अपनी शानदार जीत पर नीरज चोपड़ा ने प्रतिक्रिया दी है।
नीरज चोपड़ा ने कहा कि मैं हमेशा से बोलता आया हूं कि हर एथलीट का दिन था। पीटर्स ने अच्छा किया, आज पीटर्स का दिन था। ओलंपिक की बात करें तो पीटर्स फाइनल में भी नहीं पहुंच पाया था। ये हर एथलीट के लिए काफी चैलेंजिंग होता है, हर एथलीट की बॉडी भी अलग होती है। कभी किसी को कंपेयर नहीं किया जा सकता। सभी ने दमखम लगाया। हमने भी काफी कोशिश की। टफ कॉम्पटिशन था। आज के खेल से बहुत कुछ सीखने को मिला है।
जीत के बाद नीरज चोपड़ा ने कहा कि सिल्वर की काफी खुशी है। उन्होंने कहा कि अलग से कोई रणनीति नहीं थी। क्वालिफिकेशन राउंड में काफी अच्छी थ्रो थी। हर दिन अलग होता है। हमेशा वैसा रिजल्ट नहीं मिलता जैसा हम सोचते हैं, लेकिन काफी कठिन मुकाबला था, हमने कमबैक किया और सिल्वर जीता।
नीरज चोपड़ा ने कहा कि एंडरसन पीटर्स की थ्रो काफी अच्छी थी। मेरे लिए आज की कंडीशन अलग थी। लेकिन मुझे लगा कि थ्रो ठीक है, मैं अपने थ्रो से खुश हूं। उन्होंने कहा कि हर बार गोल्ड नहीं आ सकता। स्पोर्ट्स में हमेशा अप-डाउन हो सकता है। मैं हमेशा बेस्ट देने की कोशिश करूंगा।
नीरज ने कहा कि आज के खेल ने बहुत कुछ सिखाया है। हवा खिलाफ थी। इसका भी असर हुआ है। कहीं न कहीं लग रहा था कि थ्रो लगेगी, लेकिन मेडल जीतने की खुशी है। आगे और मेहनत करेंगे।
मुम्बई । आईसीसी एलीट पैनल के सदस्य नितिन मेनन उन दस अधिकारिक लोगों में शामिल हैं जिन्हें बीसीसीाई के अंपायरों की नई शुरू की गई ए प्लस श्रेणी में शामिल किया गया है। अन्य में जो चार अंतर्राष्ट्रीय अंपायर शामिल हैं वह हैं अनिल चौधरी, मदनगोपाल जयरामन, वीरेंद्र शर्मा और केएन अनंतापद्मनाभन। रोहन पंडित, निखिल पटवर्धन, सदाशिव अय्यर, उल्हास गांधे और नवदीप सिंह सिद्धू भी ए प्लस श्रेणी का हिस्सा हैं।
सी शमशुद्दीन सहित 20 अंपायर ए ग्रुप में हैं, जबकि ग्रुप बी में 60, ग्रुप सी में 46 और ग्रुप डी में 11 अंपायर हैं, जो 60-65 आयु वर्ग में आता है। पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अंपायर के हरिहरन, सुधीर आसनानी और अमीश साहेबा और बीसीसीआई अंपायरों की उप-समिति के सदस्यों द्वारा किए गए कार्यों के बाद गुरुवार को एपेक्स काउंसिल की बैठक में पूरी सूची पेश की गई।
ए प्लस और ए श्रेणी वाले अंपायरों को प्रथम श्रेणी मैच के लिए प्रतिदिन 40,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा, जबकि बी और सी श्रेणी वाले अंपायरों को प्रति दिन 30,000 रुपये मिलेंगे। हालांकि सूची को अंपायरों के उन्नयन के रूप में प्रस्तुत किया गया था, बीसीसीआई के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि बोर्ड ने ग्रुप्स बनाए हैं।अधिकारी ने कहा, यह ग्रेडिंग नहीं है। ए प्लस नई श्रेणी का समूह है। कोई कह सकता है, ए प्लस और ए में सर्वश्रेष्ठ भारतीय अंपायर होंगे। बी और सी श्रेणी के अंपायर भी अच्छे हैं।
जब रणजी ट्रॉफ़ी के साथ शुरू होने वाले शीर्ष घरेलू आयोजनों में ड्यूटीज़ सौंपने की बात आती है, तो समूहवार वरीयता दी जाएगी। 2021-2022 सीजऩ के प्रदर्शन की समीक्षा के बाद ग्रुपिंग की गई है।
कोविड -19 के ख़तरे को कम करने के साथ, बीसीसीआई ने दो साल बाद 2022-23 में पूर्ण घरेलू सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया है। वह पुरुष और महिला क्रिकेट के विभिन्न आयु वर्गों में 1832 मैचों का आयोजन करने की योजना बना रहा है, जो एक अतिविशाल प्रयोग है।
आईपीएल में भारतीय अंपायरों के स्टैंडर्ड की अक्सर आलोचना की जाती है। केवल एक भारतीय, मेनन, वर्तमान में आईसीसी एलीट पैनल का हिस्सा हैं।
अधिक अंपायरों के सर्वोच्च लेवल पर पहुंचने के बारे में पूछे जाने पर बीसीसीआई अधिकारी ने कहा: हम एलीट पैनल पर बहुत अधिक ज़ोर देते हैं। एलीट पैनल में सिफऱ् इंग्लैंड के तीन अंपायर हैं, ऑस्ट्रेलिया के दो और बाकिय़ों के केवल एक हैं। ध्यान सभी स्तरों पर अंपायरिंग के स्टैंडर्ड में सुधार पर होना चाहिए।
0-19 साल बाद भारत को दिलाया पदक
यूजीन । वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप-2022 में गोल्डन ब्वाय हरियाणा के छोरे नीरज नीरज चोपड़ा ने अमेरिका के यूजीन में इतिहास रच दिया है। नीरज ने 88.13 मीटर दूर भाला फेंककर सिल्वर मेडल हासिल किया। नीरज ने 19 साल का सूखा खत्म करते हुए 2003 के बाद भारत को इस चैम्पियनशिप में पहला मेडल दिलाया है। इसी प्रतियोगिता में 10वें नंबर पर रहते हुए रोहित यादव रेस से बाहर हो गए थे। इससे पहले वर्ल्ड चैम्पियनशिप में इंडिया का सिर्फ एक ही मेडल था, जो लंबी कूद की एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 में कांस्य पदक से हासिल किया था। अब 19 साल बाद भारत के खाते में दूसरा मेडल आया, जो सिल्वर है।
नीरज चोपड़ा का पहला अटेम्प्ट फाउल रहा, जबकि दूसरे अटेम्प्ट में उनहोंने 82.39 मीटर का थ्रो किया। यह उनके सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से काफी दूर था। दूसरी ओर, ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने पहले ही अटेम्प्ट में 90 मीटर को पार कर लिया। उन्होंने लगातार 3 अटेम्प्ट में 90.46, 90.21 और 90.46 मीटर का थ्रो करते हुए अपना मेडल लगभग पक्का कर लिया था।
नीरज ने तीसरे अटेम्प्ट में अपने प्रदर्शन में सुधार किया। उन्होंने 86.37 मीटर का थ्रो करते हुए चौथे नंबर पर पहुंच गए। भारतीय स्टार ने चौथे राउंड में 88.13 मीटर का थ्रो करते हुए दूसरा नंबर पा लिया। नीरज का यह ओलिंपिक से भी बेहतर प्रदर्शन था। उन्होंने ओलिंपिक में 87.58 मीटर का जैवलिन थ्रो करते हए गोल्ड मेडल जीता था। अब चेक रिपब्लिक के जेकुब वाद्लेज तीसरे नंबर पर पहुंच गए थे। छठे राउंड में वह फाउल कर गए। वह 5वें राउंड में वह फाउल कर बैठे, लेकिन अच्छी बात यह रही कि जेकुब 81.31 मीटर ही फेंक सके। दूसरी ओर, ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स को गोल्ड मेडल मिला, जिन्होंने लगातार दूसरे बड़े इवेंट में नीरज से गोल्ड छीना है।
39 साल से चल रही वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत का गोल्ड जीतने का सपना पूरा नहीं हो पाया। उसे सिल्वर से संतोष करना पड़ा। 19 साल बाद देश को इस चैंपियनशिप में कोई मेडल मिला है। नीरज से पहले अंजू बॉबी जार्ज ने लॉन्ग जंप में 2003 में ब्रॉन्ज जीता था। नीरज इस चैंपियनशिप में सिल्वर जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट बन गए हैं। साथ ही वे पहले भारतीय पुरुष एथलीट हैं, जिन्होंने इस चैंपियनशिप में कोई मेडल जीता है।
नीरज ने पिछले साल ओलिंपिक में 120 सालों का सूखा खत्म किया था और भारत के लिए ट्रैक एंड फील्ड में गोल्ड मेडल लाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे। वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन पहली बार 1983 में किया गया था।
मुंबई । बीसीसीआई दुलीप ट्रॉफ़ी को क्षेत्रीय प्रारूप में और ईरानी कप को 2022-23 के सीनियर पुरुष घरेलू कैलेंडर में वापस लाने जा रहा है, जो सितंबर की शुरुआत में शुरू होने वाला है। सबसे महत्वपूर्ण रूप से अंडर-16 टूर्नामेंट के अलावा बोर्ड ने कैलेंडर में कई महिला प्रतियोगिताओं को भी शामिल किया है।
रणजी ट्रॉफ़ी को दिसंबर और फऱवरी के बीच संभावित रूप से आयोजित कराने की योजना है, जो सैयद मुश्ताक़ अली टी20 (अक्तूबर-नवंबर) और विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी (नवंबर-दिसंबर) के बाद होने की संभावना है। यह चार एलीट और एक प्लेट पूल वाले अपने पुराने प्रारूप में वापस आ जाएगा, जिसमें एलीट टीम को कम से कम सात ग्रुप मैच मिलने की संभावना है।
अस्थायी कैलेंडर, जो ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो ने देखा है, गुरुवार को मुंबई में शीर्ष परिषद की बैठक में संचालन टीम को बीसीसीआई के महाप्रबंधक अभय कुरुविला द्वारा प्रस्तुत किया गया। अंतिम तारीखें जल्द ही जारी की जाएगी।
2006 में भारतीय महिला क्रिकेट संघ द्वारा महिलाओं के लिए अंडर -16 टूर्नामेंट का आखऱिी बार आयोजन कराया गया था, जिसे महिला अंडर-19 विश्व कप (टी20) को ध्यान में रखते हुए अब वापस लाया गया है। इस ग्लोबल टूर्नामेंट का उद्घाटन संस्करण अगले साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्ऱीका में आयोजित किया जाना है।
भारत की उपकप्तान स्मृति मंधानाने कहा, अंडर-16 काफ़ी अहम टूर्नामेंट है। मुझे याद है जब मैं 10-11 साल की थी और अंडर-19 टीम में जगह बनाने की कोशिश कर रही थी, तो मुझे बताया गया था कि मैं बहुत छोटी हूं।
आयु वर्ग की बहुत सारी लड़कियों ने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया है और अब उनके लिए अंडर-16 में खेलने और फिर अंडर-19 टीम में शामिल होने का अवसर है। इस तरह उनके पास अंडर-19 विश्व कप के लिए ख़ुद को तैयार करने के लिए दो टूर्नामेंट हैं।
पांच साल के अंतराल के बाद सीनियर महिला खिलाडिय़ों के लिए क्षेत्रीय प्रतियोगिता (टी20 और वनडे पारूप) का फिर से शुरू करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। अंडर-23 के लिए भी टी20 और वनडे की प्रतियोगिताएं हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए कि अंडर -19 टीम में जगह बनाने से चूकने वाले खिलाडिय़ों के पास एक और लेवल है।
स्मृति ने कहा, मुझे व्यक्तिगत रूप से क्षेत्रिय प्रतियोगिता में खेलने में मज़ा आया है, यह ज़बरदस्त ख़बर है। मेरे पास वेस्ट ज़ोन के लिए खेलने की बहुत अच्छी यादें हैं। इससे मुझे एक क्रिकेटर के रूप में सुधार करने में मदद मिली। हमारे पास अंडर-19 और सीनियर लेवल पर दोनों में ज़ोनल टूर्नामेंट थे, जहां पूरे घरेलू सत्र से गुजऱने के बाद सिफऱ् पांच टीमों ने क्रिकेट का स्तर ऊंचा किया। मुझे ख़ुशी है कि यह वापस आ रहा है।
महिला कैलेंडर में कई नए टूर्नामेंट शामिल होने से बीसीसीआई को महिला आईपीएल को शुरू करने की दिशा में आगे बढऩे में मदद मिलेगी, जिसके लिए बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के मुताबिक़ काम चल रहा है। सितंबर में बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक में इस मामले पर चर्चा होने की संभावना है।
काठमांडू । पूर्व श्रीलंकाई विकेटकीपर पुबुदू दासानायका ने नेपाल नेशनल टीम के मुख्य कोच पद से पारिवारिक कारणों से इस्तीफ़ा दिया है। उनके अनुबंध में अभी डेढ़ साल का समय बचा था और अब वह 2023 के अंत तक कनाडा के मुख्य कोच का पद संभालेंगे।
52 वर्षीय दासानायका 1990 के दशक में टेस्ट क्रिकेट खेलने के बाद 2001 से ओंटारियो, कनाडा के ही निवासी हैं। उन्होंने 2005 में आयरलैंड में खेले गए आईसीसी ट्रॉफ़ी में पहली बार कनाडा का प्रतिनिधित्व किया था और अपनी टीम को 2007 के विश्व कप के लिए क्वालिफ़ाई करने में अहम भूमिका निभाई थी। 2007 से 2011 विश्व कप तक वह कनाडा के मुख्य कोच भी थे। यह कनाडा के लिए 50 ओवर विश्व कप खेलने का आखऱिी मौक़ा था। उसके बाद वह नेपाल टीम से जुड़े और 2015 तक मुख्य कोच बने रहे और इस दौरान नेपाल को 2014 में पहली बार टी20 विश्व कप तक पहुंचाया।
दासानायका 2016 से 2019 तक यूएसए के मुख्य कोच थे और इसके बाद उन्होंने दिसंबर 2021 में दूसरी बार नेपाल की कमान संभाली। हालांकि उन्होंने कहा कि कोविड के चलते उन्होंने अपने पारिवारिक जीवन को ज़्यादा प्राथमिकता देने का फ़ैसला किया है।
उन्होंने कहा, कोविड के दौरान मैं क्रिकेट से दूर था। मेरी बीवी कनाडा में पशु चिकित्सक हैं और इस दौरान वह काफ़ी व्यस्त रहीं और मैं उनकी सहायता करने लगा था। जब कोविड का क़हर थोड़ा कम हुआ तब मुझे नेपाल को कोच करने का अवसर मिला था। एक लंबे अंतराल के बाद यह नौकरी मेरे लिए सही थी। लेकिन नेपाल में पहली बार इस काम के दौरान हालात अलग थे। अब मेरे बच्चों को उनकी पढ़ाई के लिए मेरी मदद की ज़रूरत है। मेरी सास भी पिछले दो महीनों से अस्वस्थ हैं। सब कुछ मेरी बीवी को संभालना पड़ रहा है। ऐसे में मेरा दूर रहना मुनासिब नहीं।
दासानायका ने कहा कि वह क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ नेपाल को अपना त्यागपत्र स्कॉटलैंड में हालिया वनडे दौरे के दौरान ही देना चाहते थे लेकिन बोर्ड ने उन्हें कोच बने रहने का आग्रह किया। इस हफ़्ते काठमांडू लौटने पर उन्होंने बोर्ड के साथ एक मीटिंग में अपना इस्तीफ़ा दिया जिसे बोर्ड ने स्वीकार किया।
दासानायका का मानना है कि नेपाल टीम में सफल होने के लिए एक अच्छे टीम की नींव मौजूद है। कप्तान संदीप लामिछाने के अलावा उन्होंने 19-वर्षीय उपकप्तान रोहित पौडेल और 17-वर्षीय शीर्ष क्रम बल्लेबाज़ देव खनाल की तारीफ़ की। उन्होंने कहा, जब मैं नेपाल आया तो संगठन और खिलाडिय़ों में काफ़ी अनबन थी। दोनों में कोई बातचीत नहीं चल रही थी और दोनों अपने पक्ष पर अड़े थे। ऐसे में मैं दोनों के बीच मध्यस्थ बन सका क्योंकि खिलाडिय़ों का भरोसा मुझ पर था और बोर्ड ने भी माना कि वह मेरे फ़ैसलों का सम्मान करेंगे। जब बोर्ड ने युवा प्रतिभाओं को देखा तो उन्होंने उनका समर्थन किया। खिलाडिय़ों के वेतन, मैच फ़ी और अलाउंस में वृद्धि हुई। इस पूरे विवाद की वजह से हमें कुछ सीनियर खिलाडिय़ों को ड्रॉप करना पड़ा।
उन्होंने आगे कहा, हमने कुछ मैच इसलिए हारे कि 17 और 19 साल के लडक़े इस स्तर पर खेलने के आदि नहीं थे। थोड़ा समय लगेगा लेकिन यह बहुत प्रतिभावान हैं। वर्ल्ड क्रिकेट लीग टू में मैंने कई एसोसिएट देशों को देखा है और प्रतिभा के मामले में यह किसी से कम नहीं। मैं अगर यहां ना भी रहूं मैं हमेशा इनका समर्थन करूंगा। दासानायका के लिए कनाडा के साथ पहला कार्यक्रम होगा आईसीसी वर्ल्ड कप चैलेंज लीग ए में दूसरा राउंड, जो 27 जुलाई से 6 अगस्त तक खेला जाएगा। कनाडा फि़लहाल छह टीम के तालिका में पहले पांच में से चार मैच जीतकर शीर्ष पर है। आगे उन्हें सिंगापुर, क़तर, डेनमार्क, मलेशिया और वानुआटु की मेज़बानी करनी है।