मुंबई । एकल में पूर्व विश्व नंबर 21, जिल टेचमैन मुंबई में प्रतिष्ठित सीसीआई क्लब में खेले जा रहे मुंबई ओपन 2025 डब्ल्यूटीए 125 टूर्नामेंट में अभी भी सबसे बड़े नामों में से एक हैं। पिछले दो वर्षों से फॉर्म के लिए संघर्ष कर रही जिल रैंक में नीचे चली गई हैं; हालांकि, वह मुंबई के हार्ड कोर्ट में खिताब के साथ वापसी करने की कोशिश कर रही हैं।
डब्ल्यूटीए और आईटीएफ खिताबों की एक श्रृंखला जीतने के बाद, जिल दुनिया भर में टेनिस के उच्चतम स्तर पर खेली हैं और मुंबई ओपन के कोर्ट और सुविधाओं से प्रभावित हैं। सतह के बारे में बात करते हुए, उन्होंने कहा, सतह अच्छी गुणवत्ता की है और बहुत धीमी है। यह मुझे इंडियन वेल्स की बहुत याद दिलाती है।
भारत में पहली बार आने के कारण जिल मुंबई में खेलने के लिए बेहद उत्साहित थीं और उन्हें जो स्वागत मिला, वह उन्हें बहुत पसंद आया। उन्होंने कहा, “यहां की सुविधाएं और क्लब बहुत अच्छे हैं। उन्होंने आगे कहा, कार्य करने वाले लोगों ने आयोजन स्थल को साफ रखने और सब कुछ व्यवस्थित करने में बहुत अच्छा काम किया है, मुझे कोई शिकायत नहीं है।
उन्होंने कहा, मैंने भारत के बारे में बहुत अच्छी बातें सुनी हैं और मुझे यह देखकर खुशी हुई कि सब कुछ सच है। यहां के लोग बहुत अच्छे हैं और मुझे यहां बहुत स्वागत महसूस हो रहा है। मुझे मुंबई में अपना समय बहुत पसंद आ रहा है।
सिंगापुर ओपन से सीधे आने के कारण प्रशिक्षण के लिए सीमित समय होने के बावजूद जिल ने शानदार प्रदर्शन किया और एरियन हार्टोनो के खिलाफ़ 3 सेट के रोमांचक मैच में राउंड ऑफ़ 16 का गेम जीत लिया। जिल ने अपनी आगे की योजनाओं को संक्षेप में बताते हुए कहा, मेरा लक्ष्य इस टूर्नामेंट में जितना संभव हो सके आगे बढऩा, शीर्ष 100 में जगह बनाना और स्लैम में मुख्य ड्रॉ के लिए क्वालीफाई करना है। जिल शुक्रवार को अपने एकल क्वार्टर फ़ाइनल मैच में भारत की श्रीवल्ली भामिदिपति से भिड़ेंगी।
नई दिल्ली, 7 फरवरी । क्रिकेट की दुनिया में ऐसे पल बहुत कम होते हैं, जब कोई खिलाड़ी सच्ची खुशी महसूस करता है। लेकिन परूनिका सिसोदिया के लिए भारत को अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप जिताना उनकी जिंदगी का सबसे खुशहाल पल था।
2 फरवरी को कुआलालंपुर के बायूएमास ओवल मैदान पर जब सानिका चालके ने मोनालिसा लेगोडी की गेंद पर चौका लगाया, तो भारत ने 2025 अंडर-19 महिला टी20 विश्व कप जीत लिया। इससे दो साल पहले भारत ने दक्षिण अफ्रीका में यह खिताब अपने नाम किया था और अब इस जीत से उन्होंने अपनी बादशाहत बरकरार रखी।
परूनिका ने बातचीत में बताया, जब वह विजयी शॉट लगा, तो मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसा पहले कभी नहीं हुआ था। इस विश्व कप को जीतना मेरे लिए एक सपना था। पहले संस्करण में मैं टीम का हिस्सा नहीं बन पाई थी, लेकिन इस बार मैंने टीम के लिए खेला और यह खिताब जीतकर मुझे सिहरन हो रही थी। अब भी जब मैं इसके बारे में बात कर रही हूं, तो रोंगटे खड़े हो रहे हैं। यह मेरी जिंदगी का सबसे यादगार पल था।
विश्व कप जीतने के बाद भारतीय टीम में जबरदस्त जश्न मना। परूनिका ने कहा, हम नहीं जानते थे कि हम क्या कर रहे हैं। बस खुशी के मारे हाथ उठा रहे थे, हंस रहे थे और उस पल को जी रहे थे। टीम के खिलाडिय़ों ने मैदान पर खूब मस्ती की। कोई जमीन पर लेट गया, कोई नाचने लगा। उन्होंने कई मजेदार तस्वीरें खिंचवाईं, भाविका आहिरे का हार्दिक पांड्या स्टाइल सेलिब्रेशन भी शामिल था। आपने हमारी ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर जरूर देखी होंगी, और आगे भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा।
परूनिका के लिए यह सफर आसान नहीं था। 2023 में टीम में जगह न बना पाने का दर्द उन्हें अब भी याद है, लेकिन 2025 के इस टूर्नामेंट में उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से 10 विकेट चटकाए और टीम की जीत में अहम योगदान दिया।
उन्होंने कहा, पिछले दो सालों में मैंने सिर्फ यही सोचा कि मैं अपनी टीम के लिए कैसे उपयोगी बन सकती हूं। जब विश्व कप आया, तो मैंने देखा कि मैं वही कर रही थी जो मैंने सीखा था। मुझे बहुत खुशी हुई कि अब जब मैं घर लौटूंगी, तो अपने प्रदर्शन के वीडियो देखकर संतुष्टि मिलेगी कि मैंने कुछ हासिल किया है।
इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में भारतीय टीम दबाव में थी, क्योंकि विपक्षी टीम की शुरुआती जोड़ी मजबूती से खेल रही थी। तभी परूनिका ने आकर दो विकेट चटकाए और बाद में एक और विकेट लेकर 3-21 का शानदार स्पेल फेंका, जिससे उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का पुरस्कार मिला।
हालांकि, टीम के अंदर किसी भी तरह का तनाव नहीं था। परूनिका ने बताया, लोगों को बाहर से लग सकता था कि हम दबाव में हैं, लेकिन टीम के भीतर माहौल बहुत शांत था। हमें पता था कि बस एक अच्छी गेंद की जरूरत है, और हम वापसी कर लेंगे। जब मैं गेंदबाजी करने आई, तो मुझे अपनी टीम का पूरा भरोसा था कि अगर मैं वहां हूं, तो सब ठीक रहेगा।
भारत के लगातार दूसरे अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने में एक बड़ी भूमिका बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाजों की रही, जिन्होंने एक मजबूत इकाई की तरह प्रदर्शन किया। वैष्णवी शर्मा ने 17 विकेट लेकर टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लिए, जबकि आयुषी शुक्ला ने 14 विकेट हासिल किए। इन दोनों के साथ परूनिका भी प्रतियोगिता की शीर्ष चार विकेट लेने वाली खिलाडिय़ों में शामिल रहीं।
परूनिका ने बताया, हम तीनों इतने समय से साथ खेल रहे हैं कि अब हम परिवार जैसे हो गए हैं। जब भी कोई विकेट लेता था, तो हमें लगता था कि यह हमारी पूरी टीम की सफलता है। विश्व कप के दौरान जब कोई भी गेंदबाजी कर रहा होता था, तो हम एक-दूसरे की आंखों में देखते और समझ जाते थे कि सामने वाला क्या कहना चाहता है।
उन्होंने आगे कहा, हमारे स्पिन गेंदबाजों के बीच सबसे खास बात यही थी कि हम एक-दूसरे की रणनीति समझते थे और जानते थे कि अगली गेंद पर क्या करना है। जिस तरह हमारी बल्लेबाजी में साझेदारी देखने को मिली, वैसे ही हमारी गेंदबाजी भी एक टीम की तरह रही।
बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण ने नॉकआउट मुकाबलों से पहले भारतीय टीम का हौसला बढ़ाया। परूनिका ने बताया, उन्होंने हमें कई अच्छी बातें बताईं, लेकिन सबसे अहम यह था कि हमें शांत रहना है, चीजों को आसान बनाए रखना है और ज्यादा सोचने या जरूरत से ज्यादा प्रयास करने से बचना है। यह सलाह फाइनल और सेमीफाइनल में हमारे बहुत काम आई।
इसके अलावा, भारत की कप्तान निकी प्रसाद का शांत स्वभाव भी टीम के लिए बहुत मददगार रहा। परूनिका ने निकी के बारे में कहा, वह सबसे शांत स्वभाव वाली व्यक्ति हैं जिनसे मैं मिली हूं। कई बार ऐसा हुआ कि हमने कोई गलती कर दी, जिससे कोई भी नाराज हो सकता था, लेकिन निकी ने हमेशा बहुत शांत प्रतिक्रिया दी। उन्होंने हमें डांटने की बजाय सही रास्ता दिखाया और सकारात्मक सुझाव दिए, जिससे हमें आत्मविश्वास मिला और हम अपना सर्वश्रेष्ठ दे सके।
उन्होंने आगे कहा, हमने दो बड़ी ट्रॉफियां जीती हैं - एक आईसीसी की और एक एसीसी की। अब हम महिला क्रिकेट में यह परंपरा बनाना चाहते हैं कि हम लगातार जीतते रहें। निकी हमेशा कहती हैं कि हमें डोमिनेट करना है, बेझिझक खेलना है और बिना किसी डर के अपना सर्वश्रेष्ठ देना है। यही मानसिकता हमें सफलता दिला रही है और हम अब आगे की चुनौतियों के लिए तैयार हैं।
हर खेल से पहले, परूनिका हमेशा अपने पिता सुधीर सिंह सिसोदिया का मार्गदर्शन लेती हैं। उनके पिता एक क्रिकेट कोच हैं और उन्होंने ही 2018 में उन्हें टेनिस से क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित किया था।
परूनिका ने कहा, मेरे पिता घर पर सभी की भावनाओं के बारे में ज्यादा बात नहीं करते थे। हमारी केवल एक ही बातचीत होती थी - वह हमेशा मुझे कहते थे सर्वश्रेष्ठ करो, अच्छा खेलो, खेल का आनंद लो और वहां खुद बनो। एशिया कप से लेकर विश्वकप तक, हर एक दिन यह बातचीत होती रही है। उन्होंने मुझे आगे बढऩे, अच्छा करने के लिए कहा, और अगर हम जीत भी रहे थे, तो उन्होंने बस यही कहा कि जो हुआ वह बीत गया।
परूनिका की महत्वाकांक्षाएं बड़ी हैं। उनकी नजरें भारत की सीनियर महिला टीम के लिए खेलने जैसे बड़े लक्ष्यों पर टिकी हैं। वह यह भी जानती हैं कि अपने मुख्य लक्ष्य को पूरा करने के लिए स्थिर प्रगति आवश्यक है।
उन्होंने अंत में कहा, स्पष्ट रूप से, सीनियर टीम में प्रवेश करना मुख्य लक्ष्य है। लेकिन अभी के लिए, मुझे लगता है कि मेरे सामने फिलहाल काफी घरेलू क्रिकेट है जिस पर मैं ध्यान केंद्रित करूंगी। फिर हमारे पास यह एमर्जिंग एशिया कप है, इसलिए, मैं इस पर भी नजर रख रही हूं।
नईदिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम और इंग्लैंड क्रिकेट टीम के बीच वनडे सीरीज का आगाज 6 फरवरी से होने जा रहा है। इस सीरीज के बाद टीम चैंपियंस ट्रॉफी खेलेगी।
इस टूर्नामेंट में प्रदर्शन के आधार पर रोहित शर्मा और विराट कोहली के अंतरराष्ट्रीय करियर का फैसला लिया जाएगा।
इन दोनों खिलाडिय़ों पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की कड़ी नजर है। कोच गौतम गंभीर और मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर को कोई भी फैसला लेने की खूली छूट दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई ने गंभीर और अगरकर को बेहतरी के लिए कोई भी फैसला लेने की पूरी छूट दे दी है।
एक सूत्र ने कहा, अब आगे बढऩे का समय है। क्या आपने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में उनका प्रदर्शन देखा? रणजी में उनका प्रदर्शन? अगली 2 सीरीज उनके लिए काफी अहम होने वाली है। कोहली पर भी दबाव होना तय है। अगले एक महीने में उन्हें भी कड़ी परीक्षा से गुजरना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि टेस्ट टीम में कोहली का भविष्य भी बहस का विषय है। रोहित की तरह अगर कोहली अपना खेल नहीं सुधारते हैं तो कोच गंभीर और अगरकर बड़ा फैसला लेते हुए नजर आ सकते हैं।
कोहली को हर हाल में रन बनाने होंगे नहीं तो वह इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज से बाहर हो सकते हैं।
बता दें कि, इंडियन प्रीमियर लीग 2025 के ठीक बाद ये सीरीज खेली जाएगी।
रोहित और कोहली दोनों ने ग्रुप स्टेज के अंतिम चरण के दौरान अपनी-अपनी रणजी ट्रॉफी टीमों के लिए 1-1 मैच खेला था।
जम्मू कश्मीर के खिलाफ रोहित ने 3 और 28 के स्कोर बनाए थे। दिल्ली की ओर से खेलते हुए कोहली की सिर्फ एक बार बल्लेबाजी आई और वह 6 रन बनाकर हिमांशु सांगवान की गेंद पर क्लीन बोल्ड हो गए थे।
अगर रोहित और कोहली इंग्लैंड नहीं जाते हैं तो फिटनेस के आधार पर जसप्रीत बुमराह कप्तान होंगे।
भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे पहले वनडे मुकाबले में कोहली नहीं खेल रहे हैं। कोहली को उनके दाहिने घुटने पर चोट लगी है।
ऐसे में उनकी जगह यशस्वी जायसवाल को डेब्यू करने का मौका मिला है। रोहित इस मुकाबले में कप्तान के रूप में उतरे हैं और उनसे एक बड़ी पारी की उम्मीद होगी।
बता दें कि दोनों खिलाडिय़ों ने टी-20 विश्व कप 2024 के बाद क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप से संन्यास ले लिया था।
नईदिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम और इंग्लैंड क्रिकेट टीम के बीच पहले वनडे से बड़ी खबर सामने आई है। दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली चोटिल होने के कारण यह मुकाबला नहीं खेलेंगे।
उनकी जगह यशस्वी जायसवाल का वनडे क्रिकेट में डेब्यू हुआ है। हर्षित राणा भी अपना पहला वनडे मैच खेलते हुए नजर आएंगे।
इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया है। नंबर-3 पर शुभमन गिल खेलते हुए नजर आ सकते हैं।
भारतीय टीम: रोहित शर्मा (कप्तान), यशस्वी जयसवाल, श्रेयस अय्यर, शुभमन गिल, केएल राहुल (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या, अक्षर पटेल, रविंद्र जडेजा, हर्षित राणा, कुलदीप यादव और मोहम्मद शमी।
इंग्लैंड की टीम: फिल सॉल्ट (विकेटकीपर), बेन डकेट, जो रूट, हैरी ब्रूक, जोस बटलर (कप्तान), लियाम लिविंगस्टोन, जैकब बेथेल, ब्रायडन कार्से, जोफ्रा आर्चर, आदिल राशिद और साकिब महमूद।
भारतीय तेज गेंदबाज शमी वनडे विश्व कप 2023 के बाद पहली बार वनडे खेलते नजर आएंगे।
कोहली को उनके दाहिने घुटने पर पट्टी बांधे देखा गया और वह सावधानी से चल रहे थे।
रोहित ने कोहली की चोट को लेकर कहा, दुर्भाग्य से कोहली नहीं खेल रहे हैं, कल रात उन्हें घुटने में समस्या हो गई थी। कुछ समय के लिए आराम मिलना अच्छा है। यह एक नई शुरुआत है और अच्छा प्रदर्शन करने का एक शानदार मौका है। जो भी अवसर हमारे पास है उसका अधिकतम लाभ उठाने की कोशिश करें।
कोहली वर्तमान में वनडे क्रिकेट में तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने 58.18 की अविश्वसनीय औसत से 13,906 रन बनाए हैं।
वह सचिन तेंदुलकर और कुमार संगाकारा के बाद 14,000 वनडे रन बनाने वाले तीसरे खिलाड़ी बनने वाले हैं। बता दें कि तेंदुलकर ने 18,426 रनों के साथ 50 ओवर के प्रारूप को अलविदा कह दिया था।
वहीं, श्रीलंका के दिग्गज संगाकारा ने अपने 15 साल के वनडे करियर में 14,234 रन बनाए थे।
यशस्वी ने लिस्ट-ए क्रिकेट में 32 मुकाबले खेले हैं और इसकी 32 पारियों में 53.96 की औसत से 1,511 रन बनाए हैं। उनके बल्ले से 5 शतक और 7 अर्धशतक निकले हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 203 रन रहा है।
हर्षित ने 14 लिस्ट-ए मुकाबले खेले हैं। इसकी 14 पारियों में 23.45 की औसत से 22 विकेट लेने में सफल रहे हैं। उन्होंने 2 बार 4 विकेट हॉल अपने नाम किए हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 4/17 का रहा है।
नईदिल्ली। ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के स्टार ऑलराउंडर खिलाड़ी मार्कस स्टोइनिस ने वनडे क्रिकेट से संन्यास ले लिया है।
ये फैसला काफी चौंकाने वाला है, क्योंकि इस खिलाड़ी को चैंपियंस ट्रॉफी की टीम में शामिल किया गया था। कंगारू टीम के लिए यह बहुत बड़ा झटका है।
स्टोइनिस टी-20 क्रिकेट में अपना पूरा ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। इसी कारण उन्होंने यह फैसला लिया है।
स्टोनिस ने संन्यास लेने के बाद कहा, ऑस्ट्रेलिया के लिए वनडे क्रिकेट खेलना एक अविश्वसनीय यात्रा रही है। उच्चतम स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करना कुछ ऐसा है, जिसे मैं हमेशा संजो कर रखूंगा। यह एक आसान निर्णय नहीं था, लेकिन मेरा मानना है कि मेरे लिए वनडे से दूर रहने और अपने करियर के अगले अध्याय पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करने का यह सही समय है। मैं सबके समर्थन की बहुत सराहना करता हूं।
ऑस्ट्रेलियाई टीम के मुख्य कोच एंड्रयू मैकडोनाल्ड ने कहा, स्टोइन पिछले एक दशक से हमारी वनडे टीम का अहम हिस्सा रहे हैं। वह न केवल एक अमूल्य खिलाड़ी रहे हैं, बल्कि टीम में शामिल होने वाले एक अविश्वसनीय व्यक्ति भी हैं। उन्हें उनके वनडे करियर और उनकी सभी उपलब्धियों के लिए बधाई दी जानी चाहिए।
स्टोइनिस के अलावा टीम के एक और ऑलराउंडर मिचेल मार्श चैंपियंस ट्रॉफी में नहीं खेलेंगे। वह चोटिल होने के कारण टीम से बाहर हैं।
35 साल के स्टोइनिस ने अपना पहला वनडे मुकाबला साल 2015 में इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ खेला था। उन्होंने कंगारू टीम के लिए 71 वनडे मुकाबले खेले। इसकी 64 पारियों में 26.69 की औसत से 1,495 रन बनाने में कामयाब रहे।
उनके बल्ले से 1 शतक और 6 अर्धशतक निकले। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 146* रन रहा।
उन्होंने 64 पारियों में 43.12 की औसत से 48 विकेट भी अपने नाम किए थे। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 3/16 का रहा था।
स्टोइनिस 2023 विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य थे। उन्होंने 6 मैच की 5 पारियों में 21.57 की औसत से 87 रन बनाए थे। गेंदबाजी में इस खिलाड़ी ने 4 विकेट अपने नाम किए थे।
स्टोइनिस ने अपने वनडे करियर में सबसे ज्यादा रन भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाफ बनाए हैं। उनके बल्ले से 18 मैच की 17 पारियों में 36.50 की औसत से 438 रन निकले हैं। गेंदबाजी में उन्होंने सबसे ज्यादा 13 विकेट लिए हैं।
नई दिल्ली, 5 फरवरी । महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल ) के 2025 सीजन से पहले, गुजरात जायंट्स ने ऑस्ट्रेलिया की ऑलराउंडर एश्ले गार्डनर को अपना कप्तान नियुक्त किया है। वह अपनी ऑस्ट्रेलियाई साथी बेथ मूनी की जगह लेंगी, जिन्होंने डब्ल्यूपीएल 2024 में गुजरात की कप्तानी की थी।
गुजरात डब्ल्यूपीएल के पहले दो सीजन में अंक तालिका में सबसे नीचे रही थी और अब वह 14 फरवरी को वडोदरा में गत चैंपियन रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के खिलाफ अपने डब्ल्यूपीएल 2025 सीजन की शुरुआत में अपनी किस्मत बदलने की कोशिश कर रही है।
गुजरात जायंट्स की कप्तानी मिलना मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है। मुझे इस टीम का हिस्सा बनना बहुत पसंद है और मैं आगामी सीजन में इस शानदार ग्रुप का नेतृत्व करने के लिए उत्साहित हूं।
फ्रेंचाइजी द्वारा जारी एक बयान में एश्ले ने कहा, हमारे पास युवा और अनुभवी खिलाडिय़ों का एक बेहतरीन मिश्रण है और हमारी टीम में बहुत सारी भारतीय प्रतिभाएं हैं। मैं टीम के साथ काम करने और अपने प्रशंसकों को गौरवान्वित करने के लिए उत्सुक हूं। एश्ले 2017 से ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ नियमित रूप से जुड़ी हुई हैं और दो बार बेलिंडा क्लार्क पुरस्कार विजेता हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और दक्षिण अफ्रीका में 2023 महिला टी20 विश्व कप में प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट रहीं।
2023 में डब्ल्यूपीएल की शुरुआत के बाद से, एश्ले गुजरात जायंट्स की टीम का एक अभिन्न हिस्सा रही हैं, उन्होंने 324 रन बनाए हैं और 17 विकेट लिए हैं। मुख्य कोच माइकल क्लिंगर ने एश्ले के नेतृत्व में अपना विश्वास व्यक्त किया और पिछले सीजऩ में टीम की कप्तान होने के लिए बेथ को धन्यवाद दिया। वह एक ज़बरदस्त प्रतियोगी हैं। उनकी खेल जागरूकता, सामरिक कौशल और खिलाडिय़ों को प्रेरित करने की क्षमता उन्हें गुजरात जायंट्स की कप्तानी के लिए आदर्श विकल्प बनाती है। हमारा मानना है कि वह आगे बढक़र नेतृत्व करेंगी और टीम को सफल अभियान की ओर ले जाएंगी।
मैं मूनी को उनके अत्यधिक मूल्यवान नेतृत्व के लिए धन्यवाद देना चाहूंगा। अब, वह विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी लाइनअप पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगी। वह हमारे समूह की एक प्रमुख लीडर बनी हुई हैं।
अडानी स्पोर्ट्सलाइन के मुख्य व्यवसाय अधिकारी संजय अडेसरा ने कहा, गार्डनर अपने समर्पण, कौशल और नेतृत्व के साथ गुजरात जायंट्स की भावना का प्रतीक हैं। कप्तान के रूप में उनकी नियुक्ति एक विश्व स्तरीय टीम बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दोहराती है जो उच्चतम स्तर पर प्रतिस्पर्धा करती है। हमें विश्वास है कि उनकी कप्तानी में टीम डब्ल्यूपीएल में शानदार प्रदर्शन करेगी।
गुजरात जायंट्स डब्ल्यूपीएल 2025 टीम: एश्ले गार्डनर (कप्तान), बेथ मूनी, दयालन हेमलता, हरलीन देयोल, लौरा वोल्वार्ट, शबनम शकील, तनुजा कंवर, फोबे लिचफील्ड, मेघना सिंह, काशवी गौतम, प्रिया मिश्रा, मन्नत कश्यप, भारती फुलमाली, सयाली सतघरे, डींड्रा डॉटिन, सिमरन शेख, डेनिएल गिब्सन और प्रकाशिका नाइक।