दुबई, 3 मार्च । भारत के स्टार खिलाड़ी विराट कोहली को न्यूजीलैंड के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी के अंतिम ग्रुप मैच में शानदार फील्डिंग के लिए फील्डर ऑफ द मैच मेडल से सम्मानित किया गया।
इस मैच में वरुण चक्रवर्ती ने पांच विकेट लेकर भारत को 44 रन से जीत दिलाई, जिससे टीम ग्रुप ए में शीर्ष स्थान पर रही। अब भारत मंगलवार को दुबई में पहले सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगा, जबकि न्यूजीलैंड बुधवार को लाहौर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेलेगा।
मैच के बाद भारतीय फील्डिंग कोच टी दिलीप ने ड्रेसिंग रूम में खिलाडिय़ों की प्रशंसा की और सर्वश्रेष्ठ फील्डिंग के दावेदारों की घोषणा की। इसके बाद ट्रेनिंग असिस्टेंट उडेनाका नुवान सेनेविरत्ने ने यह मेडल कोहली को सौंपा, जो अपने करियर के 300वें वनडे में खेल रहे थे।
टी दिलीप ने बीसीसीआई द्वारा उसकी वेबसाइट पर पोस्ट एक वीडियो में कहा, हम हमेशा बेहतरीन फील्डिंग टीम बनने की बात करते हैं। मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण यह है कि खिलाड़ी कितने सक्रिय हैं। अलग-अलग मौकों पर हमने शानदार फील्डिंग की। जब मिचेल बल्लेबाजी के लिए आए, तो हमने उन्हें स्ट्राइक रोटेट नहीं करने दी। आउटफील्ड से तेज थ्रो भी शानदार रहे।
उन्होंने आगे कहा, पुरस्कार के दावेदारों में पहला नाम अक्षर पटेल का है, जिन्होंने सुपरमैन जैसी कैचिंग दिखाई। हर मैच में उन्होंने बेहतरीन फील्डिंग की। दूसरा नाम विराट कोहली का है, जो हमेशा सही स्थान पर रहते हैं और जरूरी कैच पकड़ते हैं। तीसरा नाम श्रेयस अय्यर का है, जिन्होंने कई बार डाइव लगाई।
इस मैच में कोहली 300 वनडे खेलने वाले भारत के सातवें खिलाड़ी बने। उनसे पहले यह उपलब्धि सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, एमएस धोनी, मोहम्मद अजहरुद्दीन, सौरव गांगुली और युवराज सिंह ने हासिल की थी।
हालांकि कोहली इस मैच में सिर्फ 11 रन बनाकर आउट हो गए। मैट हेनरी की गेंद पर उन्होंने एक शॉट खेला, लेकिन ग्लेन फिलिप्स ने एक हाथ से शानदार कैच लपक लिया।
श्रेयस अय्यर ने भारत के लिए सर्वाधिक 79 रन बनाए, जबकि अक्षर पटेल ने 42 और हार्दिक पांड्या ने 45 रन जोडक़र टीम का स्कोर 50 ओवर में 249/9 तक पहुंचाया। इसके बाद वरुण चक्रवर्ती की अगुवाई में भारतीय स्पिनरों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मैच को 44 रनों से जीतने में अहम भूमिका निभाई।
दुबई । भारत और न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के ग्रुप ए का आखिरी लीग मैच भारत और न्यूजीलैंड के बीच दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाना है. दोनों टीमें पाकिस्तान और बांग्लादेश को शिकस्त देकर सेमीफाइनल में जगह बना चुकी हैं. इस मैच का परिणाम ये निश्चित करेगा कि ग्रुप में टेबल टॉपर कौन होगा और सेमीफाइनल में किसके सामने ऑस्ट्रेलिया या साउथ अफ्रीका होगी. टॉस दोपहर 2 बजे होगा जबकि मैच की शुरूआत 2:30 से होगी.
रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल, हार्दिक पंड्या, अक्षर पटेल, रवींद्र जड़ेजा, हर्षित राणा, अर्शदीप सिंह, वरुण चक्रवर्ती
विल यंग, डेवोन कॉनवे, केन विलियमसन, रचिन रवींद्र, टॉम लाथम, ग्लेन फिलिप्स, माइकल ब्रेसवेल, मिचेल सेंटनर (कप्तान), मैट हेनरी, काइल जैमीसन, विलियम ओरूर्के
भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली के लिए ये मैच उनके वनडे करियर का 300वां मैच होगा. वे ये उपलब्धि हासिल करने वाले भारत के 7 वें खिलाड़ी होंगे. उनसे पहले सचिन, गांगुली, द्रविड़, अजहरुद्दीन, धोनी और युवराज 300 या उससे अधिक वनडे खेल चुके हैं.
भारत और न्यूजीलैंड के बीच अबतक 118 वनडे मैच खेले गए हैं. भारतीय टीम ने 60 जबकि न्यूजीलैंड ने 50 मैच जीते हैं. 1 मैच टाई हुआ था जबकि 7 मैच का कोई परिणाम नहीं निकला था.
चैंपियंस ट्रॉफी में भारत और न्यूजीलैंड एक ही बार आमने-सामने हुई हैं. दोनों टीमें 2000 में केन्या में खेले गए दूसरे एडिशन के फाइनल में भिड़ी थी. तब भारत को हराकर न्यूजीलैंड चैंपियन बनी थी.
दुबई । रविवार को भारत और न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का एक रोमांचक मुकाबला खेला जाएगा। दोनों टीमें पहले ही सेमीफाइनल में जगह बना चुकी हैं, लेकिन यह मैच जो टीम जीतेगी वह ग्रुप ए में शीर्ष स्थान के साथ सेमीफाइनल में पहुंचेगी। इस मैच में टॉस की भूमिका अहम होगी।
भारतीय टीम में कप्तान रोहित शर्मा और तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को खेलने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। टीम प्रबंधन दोनों खिलाडिय़ों को आराम दे सकता है। देखने वाली बात होगी कि टीम इंडिया न्यूजीलैंड जैसे मजबूत प्रतिद्वंदी को देखते हुए विजयी संयोजन के साथ उतरती या प्लेइंग 11 में कुछ फेरबदल होते हैं।
कीवी टीम में अच्छे स्पिनर और एक मजबूत बल्लेबाजी लाइनअप है, जिससे भारत के लिए मुकाबला आसान नहीं होने वाला। दोनों टीमें सेमीफाइनल में पहुंच चुकी हैं। फिर भी यह मुकाबला इसलिए अहम है क्योंकि ग्रुप की स्थिति में बदलाव हो सकता है जिससे सेमीफाइनल में खेलने वाले प्रतिद्वंदियों का निर्धारण होगा।
हेड टू हेड रिकॉर्ड की बात करें तो भारत और न्यूजीलैंड के बीच अब तक 118 वनडे मुकाबले हो चुके हैं, जिनमें से भारत ने 60 और न्यूजीलैंड ने 50 मुकाबले जीते हैं। इसके अलावा, सात मुकाबले बिना किसी नतीजे के खत्म हुए हैं और एक मैच टाई रहा है। चैंपियंस ट्रॉफी के इतिहास में इन दोनों टीमों का केवल एक बार सामना हुआ है, जिसमें न्यूजीलैंड ने भारत को हराया था।
वनडे फॉर्मेट में भारत का पलड़ा न्यूजीलैंड पर भारी रहा है। वहीं, आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप में भारत और न्यूजीलैंड के बीच कुल 11 मुकाबले खेले गए हैं, जिसमें से पांच बार न्यूजीलैंड और पांच बार भारत ने जीत हासिल की है, जबकि एक मैच का कोई नतीजा नहीं निकला।
भारत और न्यूजीलैंड के बीच आज के मुकाबले में भारतीय टीम के लिए एक और खास बात यह है कि कप्तान रोहित शर्मा के पास दिग्गज सचिन तेंदुलकर का एक बड़ा रिकॉर्ड तोडऩे का मौका होगा। सचिन तेंदुलकर ने कप्तान के रूप में 73 वनडे मैचों में 2,454 रन बनाए थे, जबकि रोहित शर्मा ने 53 मैचों में 2,387 रन बनाए हैं। इस अवधि में रोहित शर्मा ने अब तक पांच शतक और 16 अर्धशतक लगाए हैं। रोहित शर्मा को सचिन से आगे निकलने के लिए 68 रन की जरूरत है। अगर वह न्यूजीलैंड के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देंगे।
भारत और न्यूजीलैंड के बीच आज होने वाले मुकाबले को लेकर पिच रिपोर्ट भी काफी दिलचस्प है। दुबई का मैदान ज्यादातर सपाट होता है और यहां बल्लेबाजों को भी अच्छा मदद मिलती है, लेकिन इस बार चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में खेले गए दो मुकाबलों में बल्लेबाजों और गेंदबाजों के बीच संतुलन देखने को मिला है।
मौसम की बात करें तो दुबई में धूप खिली रहेगी और बारिश के कोई आसार नहीं हैं। उमस भी ज्यादा नहीं होगी, हालांकि हवा की रफ्तार तेज रहने की संभावना है। दिन का तापमान 24 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा, जबकि शाम होते-होते तापमान 19 डिग्री तक गिर सकता है, जो मैच के लिए एक आदर्श स्थिति है।
भारत बनाम न्यूजीलैंड के बीच 25 साल पहले दोनों टीमों के बीच चैंपियंस ट्रॉफी 2000 में मैच हुआ था। वह मैच केन्या के नैरोबी में हुआ था और यह टूर्नामेंट का फाइनल था। उस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कप्तान सौरव गांगुली की 117 रनों की पारी के दम पर 264 रन बनाए थे। लेकिन न्यूजीलैंड ने क्रिस क्रेन्स की नाबाद 102 रनों की शानदार पारी के चलते भारत को 49.4 ओवर में 6 विकेट से हराकर खिताब जीत लिया था।
टीम इंडिया- रोहित शर्मा (कप्तान), विराट कोहली, शुभमन गिल, केएल राहुल, हार्दिक पांड्या, श्रेयस अय्यर, अक्षर पटेल, वाशिंगटन सुंदर, कुलदीप यादव, मोहम्मद शमी, अर्शदीप सिंह, हर्षित राणा, ऋषभ पंत, रविंद्र जडेजा, वरुण चक्रवर्ती
न्यूजीलैंड- मिशेल सेंटनर (कप्तान), मार्क चैपमैन, ड्वेन कॉनवे, माइकल ब्रेसवेल, मैट हेनरी, टॉम लैथम, डेरिल मिशेल, लॉकी फग्र्यूसन, विल ओरूर्के, ग्लेन फिलिप्स, रचिन रविंद्र, नाथन स्मिथ, केन विलियमसन, विल यंग, जैकब डफी
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम चैंपियंस ट्रॉफी में न्यूजीलैंड के खिलाफ ग्रुप स्टेज का अपना अंतिम मुकाबला न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलने जा रही है। यह विराट कोहली का 300वां वनडे मैच होगा। कोहली ने क्रिकेट की दुनिया में अपनी अभूतपूर्व सफलता से एक नई मिसाल पेश की है और आज वह उन खिलाडिय़ों में शामिल हो गए हैं जिन्होंने 300 वनडे मैच खेले हैं। इस महत्वपूर्ण मील के पत्थर के साथ ही कोहली की तुलना सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज से की जा रही है, जिन्होंने 463 वनडे मैच खेले थे और जो वनडे क्रिकेट के सबसे बड़े रिकॉर्डधारी हैं।
विराट कोहली ने 2017 में भी न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना 200वां वनडे मैच खेला था और इस मैच में उन्होंने शानदार शतक भी लगाया था। हालांकि, इस पारी के बावजूद भारत को हार का सामना करना पड़ा था। उस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए विराट के 125 गेंदों में 121 रन की शानदार पारी के दम पर 280 रन का लक्ष्य न्यूजीलैंड को दिया था। इस पारी में विराट ने 9 चौके और 2 छक्के लगाए थे, लेकिन उनके अलावा भारत का कोई और बल्लेबाज बड़ा स्कोर नहीं बना सका। दिनेश कार्तिक 37 रन के साथ दूसरे सबसे बड़े स्कोरर थे। न्यूजीलैंड की टीम ने टॉम लैथम और रॉस टेलर के बेहतरीन प्रदर्शन के साथ इस लक्ष्य को 49 ओवरों में हासिल कर लिया।
अब तक विराट कोहली ने 299 वनडे मैचों में 58.20 की औसत से 14,085 रन बनाए हैं, जिसमें 51 शतक और 73 अर्धशतक शामिल हैं। उनकी स्ट्राइक रेट 93.41 रही है और उनका सर्वोच्च स्कोर 183 रन है। वह कुमार संगकारा और सचिन तेंदुलकर के बाद वनडे क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाडिय़ों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर हैं। सचिन तेंदुलकर ने 463 वनडे मैचों में 18,426 रन बनाए थे, जबकि कुमार संगकारा ने 404 मैचों में 14,234 रन बनाए।
कोहली ने अपने करियर में कई शानदार रिकॉर्ड बनाए हैं। वह वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे अधिक शतक लगाने वाले बल्लेबाज हैं, उनके नाम 51 शतक हैं, और उन्होंने 2023 में न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्व कप सेमीफाइनल में सचिन तेंदुलकर को पीछे छोड़ते हुए यह रिकॉर्ड अपने नाम किया था। उस मैच में सचिन भी मौजूद थे, और यह पल कोहली के लिए बेहद खास था।
आंकड़ों की बात करें तो विराट कोहली ने 30 से अधिक पारियां खेलने वाले बल्लेबाजों में अब तक का सबसे बेहतरीन औसत (58.20) हासिल किया है। इसके अलावा, उन्होंने वनडे में 8,000 रन से लेकर 14,000 रन तक पहुंचने के सभी मील के पत्थर सबसे तेज तय किए हैं। विराट कोहली ने 8,000 रन 175 पारियों में, 9,000 रन 194 पारियों में, 10,000 रन 205 पारियों में, 11,000 रन 222 पारियों में, 12,000 रन 242 पारियों में, 13,000 रन 287 पारियों में और 14,000 रन 299 पारियों में बनाए। यह उनकी निरंतरता और प्रदर्शन का प्रमाण है।
विराट कोहली को चेज मास्टर भी कहा जाता है, क्योंकि वह सफल रन-चेज के दौरान 105 मैचों में 99 पारियों में 89.59 की औसत और 96.74 की स्ट्राइक रेट से 5,913 रन बना चुके हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 2012 के एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ 183 रन था, जो अब तक किसी भी बल्लेबाज द्वारा बनाए गए सबसे ज्यादा रन और सबसे ज्यादा शतक हैं।
कोहली के नाम 50 ओवर के विश्व कप के एक संस्करण में सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड भी है। 2023 में, उन्होंने 95.62 की औसत और 90.31 की स्ट्राइक रेट से 765 रन बनाए थे, जिसमें तीन शतक और छह अर्धशतक शामिल थे। उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का अवार्ड भी मिला था।
विराट कोहली को 2011-2020 में आईसीसी ओडीआई प्लेयर ऑफ द डिकेड का अवॉर्ड मिला था और 2012, 2017, 2018, और 2023 में ओडीआई क्रिकेटर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड भी मिला था, जो किसी भी खिलाड़ी द्वारा जीते गए सबसे अधिक आईसीसी अवॉर्ड्स हैं। कप्तान के रूप में, विराट कोहली ने 95 वनडे मैचों में टीम इंडिया को 65 मैचों में जीत दिलाई, जबकि 27 मैचों में भारत को हार का सामना करना पड़ा था।
नईदिल्ली। रूसी शतरंज के दिग्गज और दसवें विश्व शतरंज चैंपियन बोरिस स्पैस्की का गुरुवार को 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया, रूसी शतरंज महासंघ ने यह जानकारी दी है।
स्पैस्की का जन्म 1937 में लेनिनग्राद में हुआ था और उन्हें कम उम्र से ही शतरंज के प्रतिभाशाली खिलाड़ी के रूप में पहचाना जाता था। उन्होंने 5 साल की उम्र में खेलना शुरू किया, 16 साल की उम्र में इंटरनेशनल मास्टर बन गए और दो साल बाद विश्व जूनियर चैंपियन बन गए। वे शतरंज के राजकुमार का खिताब जीतने वाले पहले सोवियत खिलाड़ी बन गए।
एक महान व्यक्ति ने हमें छोड़ दिया है। शतरंज के खिलाडिय़ों की कई पीढिय़ों ने उनके खेलों का अध्ययन किया है और आगे भी करते रहेंगे। यह हमारे देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं । उनकी स्मृति उज्ज्वल रहे!
उन्होंने 18 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर का खिताब जीता और 1956 (एम्स्टर्डम) में 19 साल की उम्र में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में पदार्पण किया।
शतरंज की दुनिया 10वें विश्व चैंपियन और अब तक के सबसे महान खिलाडिय़ों में से एक बोरिस स्पैस्की के निधन पर शोक मना रही है। एक सच्चे प्रतिभाशाली खिलाड़ी, स्पैस्की 18 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर बन गए और 1969 में विश्व शतरंज चैंपियनशिप का खिताब जीता।
फिडे ने कहा, अपनी सार्वभौमिक खेल शैली और अविस्मरणीय मैचों के लिए माने जाने वाले स्पैस्की ने खेल पर एक अमिट छाप छोड़ी। पेट्रोसियन के साथ उनकी ऐतिहासिक लड़ाइयों से लेकर फिशर के खिलाफ शताब्दी के महान मैच तक, उनकी विरासत हमेशा दुनिया भर के शतरंज खिलाडिय़ों को प्रेरित करेगी। शांति से आराम करें, बोरिस स्पैस्की। शतरंज में आपके योगदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा।’’
केरेस (1965), गेलर (1965) और ताल (1965) को कैंडिडेट्स मैचों में हराने के बाद, स्पैस्की ने विश्व खिताब के लिए टिग्रान पेट्रोसियन को चुनौती देने का अधिकार अर्जित किया। हालांकि बोरिस मॉस्को में 1966 का मैच हार गए, लेकिन उन्होंने वापसी की और तीन साल बाद, पेट्रोसियन को उनके रीमैच (मॉस्को, 1969) में 12.5-10.5 के स्कोर से हराकर दसवें विश्व शतरंज चैंपियन बने।
स्पैस्की ने 1972 तक खिताब अपने पास रखा, जब वह रेक्जाविक में बॉबी फिशर से हार गए, जो शतरंज के इतिहास के सबसे प्रतिष्ठित मैचों में से एक था।
स्पैस्की ने उच्चतम स्तर पर प्रतिस्पर्धा जारी रखी, विशेष रूप से 1974 में कैंडिडेट्स सेमीफाइनल और 1977 में फाइनल तक पहुंचे। उन्होंने सोवियत टीम के लिए सात शतरंज ओलंपियाड (1962-1978) में खेला, जिसमें तेरह पदक जीते। (टीम और व्यक्तिगत) और 94 खेलों में 69 अंक स्कोर किए।
स्पैस्की ने 1972 तक खिताब अपने पास रखा, जब वह रेक्जाविक में बॉबी फिशर से हार गए, जो शतरंज के इतिहास के सबसे प्रतिष्ठित मैचों में से एक था।
नवी मुंबई । क्रिस गेल, ड्वेन स्मिथ, सुलेमान बेन और रवि रामपाल ने समय को पीछे मोड़ दिया, क्योंकि वेस्टइंडीज मास्टर्स ने गुरुवार रात को यहां उद्घाटन इंटरनेशनल मास्टर्स लीग (आईएमएल) में इंग्लैंड मास्टर्स को आठ रन से हराकर अपनी दूसरी जीत दर्ज की।
डीवाई पाटिल स्टेडियम में पुरानी यादें ताजा हो गईं, जब वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के दिग्गज खिलाड़ी उद्घाटन आईएमएल के पांचवें मैच के लिए फ्लडलाइट में एकत्र हुए, जिसमें वेस्टइंडीज मास्टर्स ने हरफनमौला प्रदर्शन किया। क्रिस गेल और ड्वेन स्मिथ ने कैरेबियाई प्रतिभा को फिर से जगाया, एक निडर आक्रमण की शुरुआत की, जिसने वेस्टइंडीज को बल्लेबाजी के लिए बुलाए जाने के बाद सिर्फ सात ओवर में 77 रनों की धमाकेदार ओपनिंग साझेदारी करने में मदद की।
ब्रायन लारा की जगह वेस्टइंडीज मास्टर्स के कप्तान बने गेल ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए 19 गेंदों पर 39 रन बनाए, जबकि स्मिथ ने अपने बाएं हाथ के साथी के साथ शॉट दर शॉट खेलते हुए 25 गेंदों पर 35 रन बनाए। गेल ने ज्यादातर बाउंड्री लगाई और गेंदबाजों को चार बड़े छक्के और तीन चौके लगाए, जबकि स्मिथ ने चार चौके और दो छक्के जड़े।
लेकिन जैसे ही विंडीज अजेय लग रही थी, इंग्लिश स्पिनरों ने ब्रेक लगा दिया और कुछ ही समय में शीर्ष पांच विकेट चटका लिए। लेग स्पिनर क्रिस स्कोफील्ड ने तेजी से आगे बढ़ते हुए तीन गेंदों के अंतराल में शुरुआती साझेदारी को तोडक़र खेल को बराबरी पर ला दिया। बाएं हाथ के स्पिनर मोंटी पनेसर ने इसके बाद लगातार तीन विकेट झटके जिससे वेस्टइंडीज की स्कोरिंग दर और कम हो गई, क्योंकि कैरेबियाई टीम, जिसने 10 ओवर में 2 विकेट पर 90 रन बनाए थे, 15 ओवर में 5 विकेट पर 113 रन पर सिमट गई।
हालांकि, देवनारायण और एश्ले नर्स के आने से गति बदल गई क्योंकि दोनों ने कई आकर्षक स्ट्रोक के साथ विपक्षी टीम पर आक्रमण को वापस ले लिया और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने छठे विकेट के लिए 44 रन की साझेदारी करके पारी को अंतिम समय में गति प्रदान की। देवनारायण ने तीन छक्के लगाकर 23 गेंदों में नाबाद 35 रन बनाए जबकि नर्स ने दो चौके और इतने ही छक्के लगाकर 13 गेंदों में 29 रन बनाए, जिससे पारी 179/6 पर पहुंच गई।
जवाब में, सलामी बल्लेबाज फिल मस्टर्ड की 19 गेंदों में सात चौकों और एक छक्के की मदद से 35 रन की बेहतरीन पारी और कप्तान इयोन मोर्गन की 13 गेंदों में दो चौकों और एक छक्के की मदद से 22 रन की पारी के बाद इंग्लैंड की टीम लय हासिल नहीं कर पाई। वेस्टइंडीज के गेंदबाजों ने न केवल रनों के प्रवाह को रोकने का अनुशासित प्रयास किया, बल्कि नियमित अंतराल पर विकेट भी चटकाए, जिससे इंग्लैंड की बल्लेबाजी पहले 10 ओवरों में 76/5 पर लडख़ड़ा गई।
रामपॉल और जेरोम टेलर द्वारा शीर्ष तीन बल्लेबाजों को आउट करने के बाद, बाएं हाथ के सुलेमान बेन और ऑफ स्पिनर एश्ले नर्स की स्पिन जोड़ी ने तीन और विकेट लेकर इंग्लैंड को पीछे धकेल दिया। मांग बढऩे के साथ, क्रिस स्कोफील्ड और क्रिस ट्रेमलेट ने सातवें विकेट के लिए 52 रन की साझेदारी करके दबाव को कुछ कम किया, इससे पहले टेलर ने स्कोफील्ड के प्रतिरोध को समाप्त कर दिया, जब दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 26 गेंदों में पांच हिट की मदद से 32 रन बनाए।
टूर्नामेंट में अपनी पहली जीत की तलाश में, इंग्लैंड मास्टर्स को अंतिम ओवर में 18 रन की जरूरत थी, और स्टुअर्ट मीकर के 10 गेंदों में 24 रन और ट्रेमलेट के 19 गेंदों में 26 रन की बदौलत वे लगभग जीत की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन ड्वेन स्मिथ ने अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए वेस्टइंडीज के पक्ष में जीत का रुख मोड़ दिया।
संक्षिप्त स्कोर:
वेस्टइंडीज मास्टर्स ने 20 ओवर में 179/6 (क्रिस गेल 39, ड्वेन स्मिथ 35, देवनारायण 35; मोंटी पनेसर 3/14) के स्कोर से इंग्लैंड मास्टर्स को 20 ओवर में 171/8 (फिल मस्टर्ड 35, क्रिस स्कोफील्ड 32; सुलेमान बेन 2/11, रवि रामपॉल 2/38) को 8 रन से हराया।