छत्तीसगढ़

वोटर लिस्ट से हटाए जाएंगे फरार वारंटियों के नाम
Posted Date : 08-Aug-2018 12:39:20 pm

वोटर लिस्ट से हटाए जाएंगे फरार वारंटियों के नाम

रायपुर। विभिन्न आपराधिक मामलों में आरोपी फरार वारंटियों को इस बार चुनाव में मतदान से भी वंचित रखा जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस तरह के लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाने के निर्देश दिए हैं, ताकि शांतिपूर्ण वातावरण में चुनाव संपन्न हो सके।

बुधवार को राज्य निर्वाचन अधिकारी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में चुनाव के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चर्चा की इस दौरान विभिन्न थानों से फरार वारंटियों की सूची जिला निर्वाचन कार्यालय में जमा करने और वोटर लिस्ट से इनके नाम विलोपित करने के निर्देश दिए। रायपुर शहर में ही करीब दो हजार से ज्यादा फरार वारंटी हैं।

छत्तीसगढ़: कांग्रेस में टिकट के लिए एक तरफ दबंगई, दूसरी तरफ परिवारवाद
Posted Date : 08-Aug-2018 12:36:53 pm

छत्तीसगढ़: कांग्रेस में टिकट के लिए एक तरफ दबंगई, दूसरी तरफ परिवारवाद

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में टिकट दावेदारी के लिए एक तरफ दबंगई हुई है तो दूसरी तरफ परिवारवाद का खेल खेला गया है। कुछ वरिष्ठ नेताओं की सीटों पर दूसरे दावेदारों के लिए नो-इंट्री कर दी गई। मतलब, ब्लॉक अध्यक्षों ने दूसरे दावेदारों का या तो आवेदन नहीं लिया या आवेदन लेने के बाद पावती नहीं दी। ऐसे ही एक-दो सीट ऐसी है, जहां एक ही परिवार के दो सदस्यों ने अलग-अलग दावेदारी की है, ताकि किसी एक को टिकट मिलने की संभावना बनी रहे।

पार्टी के कुछ प्रमुख नेताओं की सीट से केवल उनका ही आवेदन जमा हुआ है। अंबिकापुर के विधायक और नेता-प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के सामने कोई और नेता दावेदारी नहीं करेगा, यह तो वहीं के नेताओं ने फैसला लिया था। दूसरे प्रमुख नेताओं ने ब्लॉक अध्यक्षों को कस दिया, कि वे उनके क्षेत्र से किसी और दावेदार का आवेदन न लें। जैसे साजा से पूर्व विधायक और पूर्व नेता-प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे का ही आवेदन जमा हुआ है।

स्थानीय नेताओं का आरोप है कि यहां के ब्लॉक अध्यक्ष ने दूसरे दावेदारों को आवेदन ही उपलब्ध नहीं कराया। ऐसे ही पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल का भी पाटन विधानसभा क्षेत्र एकमात्र आवेदन जमा हुआ है। पाटन क्षेत्र के स्थानीय नेताओं के मुताबिक एक और दावेदार तोपसिंह वर्मा ने भी आवेदन दिया है, लेकिन ब्लॉक अध्यक्ष ने उसे आवेदन जमा करने पर पावती नहीं दी है। 

पार्टी के नेताओं का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व इस बार वरिष्ठ नेताओं की भी टिकट काटकर केवल जिताऊ प्रत्याशी को मैदान में उतारना चाहता है। इस कारण ब्लॉक कमेटी में आवेदन लिया जा रहा है। यहां से आवेदन जिला कमेटी, प्रदेश कमेटी, प्रदेश चुनाव कमेटी से होकर केंद्रीय स्क्रीनिंग कमेटी तक पहुंचेगा। जिन विधानसभा क्षेत्रों से एक-एक नाम जाएगा, वहां प्रत्याशी तय माना जाएगा।

पार्टी के नेताओं का आरोप है कि वरिष्ठ नेताओं ने दूसरे नेताओं का आवेदन जमा ही नहीं होने दिया है। अभनपुर विधानसभा से विधायक धनेंद्र साहू और कोंटा विधानसभा से भी विधायक कवासी लखमा का ही आवेदन जमा हुआ है। टिकट पाने के लिए कांग्रेस नेताओं ने एक और नीति पर काम किया है। जैसे कि दंतेवाड़ा से विधायक देवकी कर्मा का टिकट पक्का माना जा रहा है। उन्होंने तो दावेदारी की ही है, उनके पुत्र छविंद्र कर्मा ने भी आवेदन जमा किया है। बाकी सारे विधायकों ने अपनी-अपनी सीट से आवेदन जमा किया है। 

सिंहदेव की भतीजी की बैकुण्ठपुर से दावेदारी

प्रदेश के पहले वित्त मंत्री रामचंद्र सिंहदेव की भतीजी अंबिका सिंहदेव ने बैकुण्ठपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए आवेदन भरा है। यहीं से 2008 और 2013 की कांग्रेस प्रत्याशी वेदांती तिवारी ने फिर से दावेदारी की है। पिछली बार केवल 1069 वोट से हारे थे। यहां से 11 और दावेदार हैं।

मंत्री अमर के खिलाफ 49 दावेदार, चचेरे भाई का भी आवेदन

बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक मंत्री अमर अग्रवाल हैं, जिन्हें चुनौती देने के लिए कांग्रेस से 49 दावेदारों ने आवेदन जमा किया है। वहीं, मंत्री अमर अग्रवाल के चचेरे भाई और रायगढ़ के उद्योगपति मुरली अग्रवाल ने रायगढ़ और चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र से आवेदन जमा किया है। पिछले चुनाव में इनकी रायगढ़ से दावेदारी थी, लेकिन पार्टी ने विधायक होने के नाते शक्राजीत नायक को टिकट दिया था।

कोटा से रेणु के अलावा 12 दावेदार

कोटा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक डॉ. रेणु जोगी ने अपने एक समर्थक के माध्यम से आवेदन भिजवाया तो ब्लॉक अध्यक्ष ने उसे टीप करके रख लिया। इस पर पीसीसी से सुझाव लिया जाएगा। इनके अलावा कोटा से दर्जनभर और दावेदार हैं। इसमें पीसीसी प्रवक्ता शैलेश पांडेय, युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष उत्तम वासुदेव, इस्तीफा देने वाले डीएसपी विभोर सिंह भी शामिल हैं।

अमित जोगी की सीट से पूर्व न्यायाधीश की दावेदारी

मरवाही के विधायक अभी अमित जोगी हैं, जिन्हें कांग्रेस ने पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इनकी विधानसभा सदस्यता खत्म करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को आवेदन भी दिया जा चुका है। अब कांग्रेस यहां से नया प्रत्याशी उतारेगी। मरवाही से 15 नेताओं ने दावेदारी की है, जिसमें से एक पूर्व न्यायाधीश प्रमोद परस्ते भी हैं।

 

बिना इस्तीफा जिलाध्यक्ष का आवेदन जमा

पीसीसी ने जिला और ब्लॉक अध्यक्षों को इस्तीफा देने के बाद ही दावेदारी करने के लिए कहा था। इस कारण तीन जिलाध्यक्ष और तीन ब्लॉक अध्यक्षों ने इस्तीफा भी दिया, लेकिन जांजगीर-चांपा के जिलाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने इस्तीफा दिए बिना आवेदन पेश किया और ब्लॉक अध्यक्ष ने उसे स्वीकार भी कर लिया है।

 

दावेदारों की स्थिति

मरवाही से 15, कोटा से 15, मस्तूरी से 20, बिल्हा से 24, तखतपुर से 32, बिलासपुर से 49, बेलतरा से 72, डौंडीलोहारा से 5, बेमेतरा से 17, वैशालीनगर से 46, दुर्ग ग्रामीण से 35, दुर्ग शहर से 27, अहिवारा से 11, जांजगीर चांपा से 19, पामगढ़ से 24, जैजैपुर से 27, अकलतरा से 31, सक्ती से 69, चंद्रपुर से 23, भानुप्रतापपुर से 20, कांकेर से 18, अंतागढ़ से 10, कोरबा से पांच, पाली-तानाखार से पांच, कटघोरा से 40, रामपुर से 11, प्रेमनगर से 34, सीतापुर से 12, लुण्ड्रा से 21, सामरी से 10, भटगांव से 10, रामानुजगंज से चार, प्रतापपुर से 11, महासमुंद से 40, सरायपाली से 24, बसना से छह, राजिम से सात, जगदलपुर से 42, चित्रकोट से 11, बस्तर से तीन, नारायणपुर से 16, कोंडागांव से तीन, केशकाल से 16, दंतेवाड़ा से दो, कोंटा से एक, कसडोल से 15, रायगढ़ से 36, सारंगढ़ से 27, लैलुंगा से नौ, धरमजयगढ़ से दो, खरसिया से दो, राजनांदगांव से 33, खुज्जी से 40, मोहला मानपुर से आठ, खैरागढ़ से 28, डोंरगगांव से 33, डोंगरगढ़ से 29, बालौदाबाजार से 15

भाई ने बहन से गुड़ाखू मांगने पर बहन के इंकार करने पर जानलेवा हमला
Posted Date : 06-Aug-2018 4:34:07 pm

भाई ने बहन से गुड़ाखू मांगने पर बहन के इंकार करने पर जानलेवा हमला

जशपुरनगर। नशा के लिए जान लेना आम बात हो गई है। शराब के लिए जान लेना अबतक सामने आ चुका है। अब गुड़ाखू का नाम भी जुड़ गया है। जिले में एक भाई ने बहन से गुड़ाखू मांगने पर बहन के इंकार करने पर जानलेवा हमला कर दिया। इसके बाद भी मन नहीं भरा तो बहन को बेहश होने पर भी पिटता रहा। मामला जिला के तपकरा थाना क्षेत्र के ग्राम मधुटोली रानीबंध की है।जानकारी के मुताबिक रविवार की शाम 5.30 बजे दशमनी बाई पिता घुरन राम खडिय़ा घर के आंगन में बर्तन धो रही थी। उसी समय भाई सुरेश राम शराब के नशे में धुत होकर घर पहुंचा और बहन से गुड़ाखू मांगने लगा।बहन ने जब गुड़ाखू देने से इंकार कर दिया तो सुरेश ने कांसे के लोटे से उसके सिर के पिछले हिस्से में जानलेवा हमला कर दिया। हमले से युवती बेहोश हो गई। इससे भी उसका मन नहीं भरा तो बेहोशी की हालत में भी बहन की पिटाई करता रहा। बगल में रहने वाला एक और बड़ा भाई विश्वनाथ राम ने उसे उठाया और बस्ती वालों को सूचना देकर उसकी जान बचाई। पुलिस मामले की शिकायत पर जांच में जुट गई है।

प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों ने कहा:15 अगस्‍त को मांग पूरी नहीं हुई तो फिर से आंदोलन करेंगे
Posted Date : 06-Aug-2018 4:33:22 pm

प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों ने कहा:15 अगस्‍त को मांग पूरी नहीं हुई तो फिर से आंदोलन करेंगे

पिछले 22 दिनों से राजधानी के लाखेनगर मैदान में आंदोलन कर रहे प्रदेशभर के अनियमित कर्मचारियों ने आज निर्णय लिया है, कि वे 15 अगस्‍त तक आंदोलन स्‍थगित कर रहे हैं। वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं, क्‍योंकि आज छत्‍तीसगढ़ संयुक्‍त प्रगतिशील कर्मचारी महासंघ के शीर्ष नेताओं ने 6 अगस्‍त की शाम राजनांदगांव के महापौर मधुसुदन यादव से मुलाकात की।यादव ने आश्‍वस्‍त किया है, कि वे अपनी मध्‍यस्‍थता में मुख्‍यमंत्री के साथ कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों की सीधी बात कराएंगे और मांगों पर सकारात्‍मक चर्चा करेंगे।इस आश्‍वासन के बाद कर्मचारियों ने आंदोलन स्‍थगित करने का फैसला लिया है। संघ के दंतेवाड़ा जिलाध्‍यक्ष सूरज सिंह ने बताया, कि इस आश्‍वासन के बाद हम मात्र 15 अगस्‍त तक आंदोलन को स्‍थगित कर रहे हैं। अगर 15 अगस्‍त तक सरकार ने मांगें पूरी नहीं की, तो 16 अगस्‍त तक आंदोलन पुन: शुरू किया जाएगा।उन्‍होंने बताया, कि आंदोलन स्‍थगन की अधिकृत घोषणा हालांकि अभी शीर्ष नेतृत्‍व ने नहीं की है। गौरतलब है कि नियमि‍तीकरण, वेतनविसंगति दूर करने तथा ठेका प्रथा की समाप्ति के लिए अनियमित कर्मचारी गत 22 दिनों से आंदोलन पर थे, जो कल से काम पर लौट जाएंगे।

मंत्री नितिन गडकरी:सड़क बनाने में 10 प्रतिशत तक प्लास्टिक या रबड़ वेस्ट लग सकता है
Posted Date : 06-Aug-2018 4:32:15 pm

मंत्री नितिन गडकरी:सड़क बनाने में 10 प्रतिशत तक प्लास्टिक या रबड़ वेस्ट लग सकता है

रायपुर/दिल्ली। अब सड़क रोड पर नहीं फैक्टरी में बनेगी। जी हां… ये हम नहीं केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी कह रहे हैं। सोमवार को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम  में गडकरी ने ये बाते कही। उन्होंने कहा कि सड़क बनाने में 10 प्रतिशत तक प्लास्टिक या रबड़ वेस्ट का इस्तेमाल किया जाएगा। जल्द ही इसके लिए पर्यावरण मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श करके नेटिफिकेशन जारी किया जाएगा।गडकरी ने कहा कि सड़क बनाने के तौर-तरीकों में बुनियादी बदलाव पर विचार किया जा रहा है। सड़क अब सड़क पर नहीं, बल्कि फैक्टरी में बनेंगी। ऐसे में सड़क को फैक्टरी में बनाया जाएगा और फिर मौके पर उसे एसेंबल कर दिया जाएगा। फैक्टरी में प्री कास्ट फ्रेम बनाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए उन्होंने एक मलेशियाई कंपनी से 100 किलोमीटर सड़क परियोजना को प्रायोगिक तौर पर बनाने के लिए कहा है।उन्होंने बताया कि स्टील फाइबर के इस्तेमाल से निर्माण की लागत घट जाएगी। इस समय सरकार हर दिन 28 किलोमीटर सड़क बना रही है, जो कांग्रेस सरकार के मुकाबले बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि आज एनएचएआई या सड़क क्षेत्र को लेकर लोगों का भरोसा बहुत बढ़ गया है और ऐसा उनके अच्छे कामों के चलते है। आज यहां भ्रष्टाचार नहीं है।

उन्नत कृषक पुरस्कार 2018-19 के लिए आवेदन आमंत्रित
Posted Date : 31-Jul-2018 3:55:37 pm

उन्नत कृषक पुरस्कार 2018-19 के लिए आवेदन आमंत्रित

 रायपुर । राज्य शासन के कृषि विभाग एक्सटेंशन रिफार्म (आत्मा) योजना के अंतर्गत तीन स्तरीय उन्नत कृषक पुरस्कार वर्ष 2018-19 के लिए 31 अगस्त 2018 तक आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इसके तहत राज्य, जिला एवं विकासखण्ड स्तर पर खेती, बागवानी, पशुपालन और मछली पालन के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त करने वाले प्रगतिशील किसानों को नगद राशि और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जाता है। कृषि संचालनालय के अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य स्तर पर धान उत्पादन, दलहन-तिलहन उत्पादन, उद्यानिकी, पशुपालन और मछली पालन के लिए दो-दो अर्थात कुल दस पुरस्कार दिए जाते हैं। राज्य स्तरीय प्रत्येक पुरस्कार में 50 हजार रुपए की नगद राशि दी जाती है। जिला स्तर के उन्नत कृषक पुरस्कार में भी पांचों समूहों में कुल दस पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। जिला स्तर पर इन्हीं वर्गों में हर जिले के लिए दस पुरस्कार निर्धारित है। विकासखण्ड स्तर पर पांचों वर्गों में एक-एक पुरस्कार अर्थात कुल पांच पुरस्कार देने का प्रावधान है। प्रत्येक विकासखण्ड के लिए पांच पुरस्कार दिए जाते हैं। जिला स्तरीय पुरस्कार में प्रत्येक पुरस्कृत किसान को 25 हजार रुपए तथा विकासखण्ड स्तरीय पुरस्कार में दस हजार रुपए की राशि दी जाती है।

अधिकारियों ने बताया कि उन्नत कृषक पुरस्कार के लिए निर्धारित आवेदन प्रपत्र विभागीय वेबसाइट तथा कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मछली पालन विभाग के जिला और विकासखण्ड स्तरीय कार्यालयों से प्राप्त किया जा सकता है। पुरस्कार योजना में शामिल होने के इच्छुक किसान निर्धारित प्रपत्र में भरे आवेदन पत्र जिला या विकासखण्ड स्तरीय कार्यालयों में सीधे अथवा डाक से जमा कर सकते हैं। तीनों स्तरीय पुरस्कारों के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त निर्धारित है। किसान जिस स्तर व क्षेत्र के पुरस्कार के लिए आवेदन करना चाहते हैं, उनका स्पष्ट उल्लेख लिफाफे के ऊपर करेंगे। जैसे राज्य स्तरीय कृषक पुरस्कार क्षेत्र कृषि-धान। किसानों को आवेदन पत्र में सभी जानकारियां प्रमाणित करने के लिए आवश्यक अभिलेखों, अपनाई गई कृषि तकनीकों और गतिविधियों के फोटोग्राफ्स एवं प्रमाण पत्रों की छायाप्रतियां संलग्न करना है। किसानों को तीनों स्तर के पुरस्कारों के लिए अलग-अलग आवेदन देना होगा, परन्तु एक वित्तीय वर्ष में एक ही स्तर के पुरस्कार के लिए किसानों का चयन किया जाएगा। यदि किसी किसान की ओर से किसी भी स्तर में पुरस्कार प्राप्त करने पर उसी अथवा इतर स्तर पर किसी भी क्षेत्र में आवेदन किए जाने की स्थिति में उन्हें अपात्र माना जाएगा। योजना के अंतर्गत पूर्व में कृषक पुरस्कार से सम्मानित किसान यदि पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री अथवा परिवार के अन्य सदस्यों के नाम से आवेदन करते हैं, तो उनके आवेदन अमान्य किए जाएंगे। निर्धारित आवेदन प्रपत्र में सफलता की कहानियों के साथ किसान संगवारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, बीटीएम या एटीएम, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी तथा उप संचालक कृषि से हस्ताक्षरित अनुशंसा प्रपत्र अनिवार्य रूप से संलग्न करना है। आवेदक किसानों के पास स्वयं का आधार कार्ड, बैंक खाता व स्वयं के नाम पर कृषि भूमि होनी चाहिए। आवेदन पत्र में किसी भी प्रकार की गलत जानकारी पाए जाने पर आवेदन निरस्त किया जाएगा। किसानों के खेतों की विभागीय प्रदर्शनियों अथवा समूहों की गतिविधियों का समावेश आवेदन प्रपत्र में किए जाने की दशा में आवेदन मान्य नहीं होंगे।