रायपुर । कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय कुलपति डॉ मानसिंह परमार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नोटिस दिया है. यह नोटिस योग्य नहीं होने के बाद डॉ. परमार कुलपति बनाए जाने को लेकर लगाई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दिया है. डॉ. परमार की नियुक्ति को छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता ने उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ में चुनौती दी है. प्रकरण में विश्वविद्यालय कुलपति डॉ. मानसिंह के साथ-साथ यूजीसी को भी पक्षकार बनाया गया है.
गरियाबंद। सरकार शिक्षा व्यवस्था के लिए करोड़ों रूपए का बजट देकर शिक्षा व्यवस्था की स्थिति सुधारने के साथ ही विद्दार्थीयों के लिए भी स्कूल तक पहुंचने के लिए पुल-पुलिया बनाकर उचित व्यवस्था करने का दावा करती है। वहीं सरकार के इन दावों की पोल जिले के मैनपुर ब्लॉक के अमलीपदर सूखा नदी में रपटा के उपर बह रहे चार फीट पानी को पार करते हुए सैकड़ों छात्र-छात्राओं को देखकर खुल जाती है। यहां स्थिति यह है कि सुखा नदी में रपटा के उपर लगभग तीन से चार फीट पानी बह रहा है, इसके बाद भी शिक्षा ग्रहण करने के लिए अंचल के 6 गांव के सैकड़ों छात्र-छात्राएं नदी पार कर स्कूल जाने के लिए मजबूर हो गए है। रपटा पार करते समय सभी छात्र-छात्राएं आपस में एक-दूसरे के पीछे कतारबध्द तरीके से चलते हैं। छात्र-छात्राओं की माने तो उन्हें डर बना रहता है कि कहीं वे हादसे का शिकार न हो जाए, लेकिन इसके बाद भी मजबूरीवश उन्हें रपटा पार कर स्कूल जाना पड़ता है।अमलीपदर निवासी अख्तर मेमन,श्रवण सतपथी का कहना है कि पिछले तीन दशक से सूखा नदी पर पुलिया बनाने की मांग की जा रही है। जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अधिकारी सिर्फ आश्वासन ही देते नजर आते है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि कई बार सुराज में भी आवेदन कर पुलिया बनाने की मांग की गई है। इसके बाद भी आज तक उचित कार्रवाई नहीं की जा सकी है। जिम्मेदारों के उदासीन रवैये का खामियाजा स्थानीय ग्रामीण और स्कूली बच्चों को उठाना पड़ रहा है। स्कूली बच्चे और ग्रामीण इसी तरह पुलिया के उपर बह रहे तीन से चार फीट पानी को पार कर अमलीपदर जाने को मजबूर है। ग्रामीणों की माने तो अभी हाल में हुए बारिश में रपटा के उपर से आठ से दस फीट तक पानी बह रहा था। वहीं करीब 10 गांवों का अमलीपदर से संपर्क कट गया था।यहां बताना लाजमी होगा कि अमलीपदर हाईस्कूल में पढ़ने वाले गुढ़ियारी, मुड़ामहान, भाठीपारा, उसरीजोर, डेन्डुपदर,गुरजीभांठा के सैकड़ों छात्र-छात्राएं सुखा नदी पार कर पहुंचने को मजबूर हो जाते है। 6 गांव के छात्र-छात्राओं की माने तो साईकिल लेकर उन्हें पैदल चलके नदी पार करना पड़ता है। वहीं सबसे ज्यादा परेशानी का सामना छात्राओं को करना पड़ता है। छात्राएं एक हाथ में पुस्तक पकड़तीं है और एक हाथ में साईकिल लेकर रपटा पार करती है। यहां बताना लाजमी होगा कि पिछले दिनों सुखी नदी में एक बस हादसे का शिकार हो गई थी।संबंधित अधिकारी को भेजकर पुरी वस्तुस्थिति की जानकारी लेता हूं.इसके बाद जल्द ही उचित कदम उठाया जाएगा।सरकार के विकास संबंधी दावों की हकीकत सूखा नदी के रपटे को पार करते हुए छात्र-छात्राओं को देखकर खुल जाती है। सरकार को देखना चाहिए कि किस तरह छात्र-छात्राएं पढ़ाई के लिए जान हथेली में रखकर नदी पार कर स्कूल जाने को मजबूर है।
सदी की सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहे केरल के बाढ़ पीड़ितों के लिए राज्य सरकार ने एक मालगाड़ी चावल को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया है. बता दें कि इस गाड़ी को हरी झंडी खाद्य मंत्री पुन्नालाल मोहले,कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, और मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने दिखाई है.बताते चलें कि ये माल गाड़ी चार दिन में 21 सौ किलोमीटर का सफर तय करके त्रिवेंद्रम के पास काराकुटम पहुंचेगी. इसके लिए बकायदा रेलवे ने भी 63 लाख रुपए का भाड़ा माफ कर दिया है. इस दौरान पुन्नालाल मोहले ने कहा कि पीड़ित भाइयों के सहयोग के लिए सरकार मदद कर रही है. हमारे मुख्यमंत्री संवेदनशील हैं. आगे मोहले ने कहा कि जहां भी आपदा होगी छत्तीसगढ़ सरकार मदद करेगी.
वहीं मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने संवेदनशीलता का परिचय दिया है. वहां के लोगों की भावनाओ को देखते हुए सरकार ने फैसला लिया है. इसी दौरान मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पहला राज्य है जो केरल को सहायता के रूप में चावल भेज रहा है.इससे लोगों मे संदेश पहुचेंगा की सरकार मदद कर रही है तो हमे भी करना चाहिए.हमारे देश की यही परंपरा है जब कोई मुसीबत में हो तो उसकी मदद करें.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए छत्तीसगढ़ की नदियों में भी उनकी अस्थि कलश का विसर्जन किया जाएगा. बीजेपी कार्यालय में आज शाम हुई उच्च स्तरीय बैठक में तय किया गया है कि प्रदेश भर की नदियों में अटल जी की अस्थि कलश का विसर्जन किया जाएगा. इसके अलावा सर्वदलीय शोक सभा का भी आयोजन किया जाएगा. 21 अगस्त को होने वाली कैबिनेट की बैठक में भी प्रदेश में राष्ट्रीय महत्व के स्थानों का नामकरण अटल बिहारी बाजपेयी जी के नाम पर किए जाने को लेकर बड़ा फैसला लिए जाने के भी संकेत दिए गए हैं. इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में शोक प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा.
रायपुर । मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक मंगलवार 21 अगस्त को सुबह 11.30 बजे मंत्रालय (महानदी भवन) में होगी.