छत्तीसगढ़

छाीसगढ़ से लगभग पांच सौ तीर्थयात्री कैलाश मानसरोवर जायेंगे
Posted Date : 09-Jun-2017 11:10:47 am

छाीसगढ़ से लगभग पांच सौ तीर्थयात्री कैलाश मानसरोवर जायेंगे

रायपुर। विगत दिनों रायपुर (चौपाल) निवास अशोक बजाज के निवास रायपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम पश्चात कैलाशमान सरोवर यात्रा कमेटी की बैठक संपन्न हुई जिसमें सैकड़ों तीर्थ यात्री शामिल हुए। बैठक में सर्वसमति से अशोक बजाज को कमेटी का संरक्षक चुना गया। प्रस्तावक कुबर राम सपहा ने प्रस्ताव रखा जिसे सदस्य ने तालियों की ध्वनिमत से प्रस्ताव को अमली जामा पहनाया। अशोक बजाज ने कहा कि हम रायपुर छाीसगढ़ से लगभग 500 तीर्थ यात्री कैलाश मानसरोवर यात्रा में जाने के लिए लक्ष्य बनाया है जिस पर 500 तीर्थयात्रियों का प्रस्ताव राज्य शासन और केन्द्रशासन से यात्रियों को यात्रा कराने के लिए पैकेज की मांग रखी जायेगी और 500 यात्रियों का तीर्थयात्रा का लक्ष्य को मूर्तिरूप दिया जायेगा। अशोक बजाज ने कमेटी का प्रदेश संयोजक के रूप में कुबेर राम सपहा को आगामी आदेश तक नियुक्त किया है और मीडिया विभाग की जिमेदारी भी अतिरिक्त रूप से कुबेर राम सपहा को दिया गया है आगामी 11 जून से रमन गोठ कार्यक्रम के पश्चात मानसरोवर तीर्थ यात्रियों का फार्म पंजीयन किया जायेगा और फार्म भरवाएं जायेंगे। यात्रियों में किशोर यादव (गवली) रायपुर को कमेटी का रायपुर शहर अध्यक्ष की जिमेदारी दी गई है 11 जून से यात्रियों की पंजीयन एवं डॉटरी परीक्षण का कार्य प्रारंभ किया जायेगा। समाचार मीडिया को यह जानकारी कुबेर राम सपहा ने दिया है।

तीन सूत्रीय मांगों को लेकर छग आंगनबाड़ी सहायिका, संयुक्त संघर्ष समिति का एक दिवसीय धरना
Posted Date : 02-Jun-2017 11:13:37 am

तीन सूत्रीय मांगों को लेकर छग आंगनबाड़ी सहायिका, संयुक्त संघर्ष समिति का एक दिवसीय धरना

रायपुर। छग आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त संघर्ष समिति की हजारों महिलाओं ने आज बूढ़ापारा धरना स्थल में तीन सूत्रीय मांगों को लेकर जंगी प्रदर्शन किया। संघ की प्रांताध्यक्ष श्रीमती राजकुमारी डहरिया श्रीमती रूखमणी सगान एवं श्रीमती पदमावती साहू से चर्चा करने पर तीनों ने बताया कि हमारी प्रमुख मांगें है न्यूनतम मानदेय 18000 रू दिया जावे। शासकीय कर्मचारी घोषित कर शासकीय सुविधाऐं दी जाए, सेवा समाप्ति के बाद एक मुश्त राशि दी जाये या सेवा समाप्त करने की अवधि ही समाप्त की जाए। इन तीन सूत्रीय मांगों को लेकर पूर्व में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ छग प्रदेश आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ एवं छग जूझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ के सदस्यों ने मुय सचिव महिला एवं बाल विकास मंत्री प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास तथा मुयमंत्री को ज्ञापन सौंपकर मांगें पूर्ण करने का आग्रह किया था किन्तु प्रांताध्यक्षों के अनुसार उन्हें केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग का संविदा कर्मी बताकर मांगें पूर्ण करने से इंकार किया गया था। श्रीमती डहरिया श्रीमती रूकमणी एवं श्रीमती साहू ने दोपहर 1 बजे के बाद विशाल रैली निकालकर मुयमंत्री निवास घेराव करने की जानकारी देते हुये ज्ञापन सौंपने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मांगें पूर्ण नहीं हुई तो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ इस बार आरपार की लड़ाई लडऩे की तैयारी से प्रदेश स्तरीय धरने में आया है। 

बैल गाड़ी से माल लोडिंग और अनलोडिंग के काम को भारतीय खाद्य निगम ने किया बंद
Posted Date : 23-Dec-2016 7:38:32 am

बैल गाड़ी से माल लोडिंग और अनलोडिंग के काम को भारतीय खाद्य निगम ने किया बंद

सरायपाली - महासमुंद में छत्तीसगढ़ गाड़ीवान हमाल रेजा मजदूर संघ और प्रशासन के बीच जमकर हंगामा देखने को मिला...एफसीआई गोदाम घेराव के लिए जा रहे संघ के सैकड़ों सदस्यों सहित विधायक विमल चोपड़ा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बीच रास्ते में ही रोक लिया...दरसल जिस रास्ते से लोग प्रदर्शन करते हुए गोदाम के घेराव के लिए जा रहे थे उसमें जिला प्रशासन ने धारा 144 लागु कर रखा है, प्रदर्शन को देखते हुए भारी पुलिस बल की भी व्यवस्था की गई थी...जिसके बाद कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर तु-तु मैं-मैं, झुमाझटकी भी हुई...जिसे देखते हुए पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए हल्का बल प्रयोग करते हुए विधायक सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर जिला जेल परिसर भेज दिया गया...आपको बता दें कि सालों से काम पर लगे छत्तीसगढ़ गाड़ीवान हमाल रेजा मजदूर संघ द्वारा बैलगाड़ी से माल लोडिंग और अनलोडिंग के काम को भारतीय खाद्य निगम ने बंद कर दिया है...जिसके बाद संघ के सदस्य परिवार सहित महिनों से मांग और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं....17 दिसम्बर को संघ ने एफसीआई गोदाम के सामने चक्काजाम करते हुए प्रदर्शन भी किया था, जिसके बाद एफसीआई के अधिकारियों ने 20 दिसम्बर तक का समय मांगा..जिसपर संघ ने मंगलवार तक मांग पूरा नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी थी...मजदूरों के आक्रोश को देखते हुए जिला प्रशासन ने मंगलवार देर रात से ही महासमुंद और बागबाहरा एफसीआई गोदाम और आस-पास के क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी...बुधवार को देर शाम तक संघ के सदस्यों समर्थन दे रहे विभिन्न राजनैतिक पार्टियों, पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन और एफसीआई के उच्च अधिकारियों के साथ कमिश्नर ने बैठक भी की...लेकिन देर शाम तक बैठक बेनतिजा रहा....इसीबीच बादबाहरा एफसीआई गोदाम के पास से करीब 110 मजदूरों और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया....जिसका विरोध करते हुए विधायक विमल चोपड़ा के नेतृत्व में मजदूर आज धारा 144 को लांघ कर गोदाम का घेराव करने जा रहे थे....जिसे रोकते हुए पुलिस ने विधायक सहित 92 पुरूषों और 32 महिलाओं को गिरफ्तार किया है....

आंगन में होगी सब्जी बाड़ी लाईम स्टोन से भरपूर सीमेंट कारखानों से लगे हुए 62 गांवो मे टमाटर, लोकी, मिर्च और कुम्हड़ा की फसल लेने की तैयारी
Posted Date : 23-Dec-2016 7:37:50 am

आंगन में होगी सब्जी बाड़ी लाईम स्टोन से भरपूर सीमेंट कारखानों से लगे हुए 62 गांवो मे टमाटर, लोकी, मिर्च और कुम्हड़ा की फसल लेने की तैयारी

भाटापारा  खनिज संपदा से भरपूर गांवों में सब्जी की खेती की तैयारी षुरु हो चली है। उद्यानिकी विभाग की चुनौतीपूर्ण योजना के तहत जिले के वे 22 गांव षामिल होगें जहां से सीमेंट कारखानों को लाईम स्टोन पहुंचता है। योजना का प्रारुप तैयार कर लिया गया है। इसी तरह सांसद आदर्ष ग्राम में भी तीन विकासखंड के 40 गांवों में सब्जी की फसल ली जाएगी। इसके अलावा पहली बार “आंगन बाडी“ नाम की एक ऐसी योजना आकार लेने जा रही है जिसके अंतर्गत 500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल मे सब्जियां उगाई जाएंगी।
उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने की सरकार की कोषिषों के बीच इन दिनों बलौदा बाजार जिला अव्वल नंबर पर आने के लिए प्रयासरत् है। विभाग की गंभीर कोषिषों के बीच जिस तेजी से सब्जी की खेती का रकबा बढ़ रहा है उसने अब यहां से दूसरे राज्यों को  सब्जी निर्यात के द्वार खोल दिए है। सब्जी उत्पादक किसानो की रुचि को देखते हुए उद्यानिकी विभाग ने इस बार दो ऐसी योजना पर तेजी से अमल करना षुरु कर दिया है जो यदि सफल होती है तो बलौदा बाजार ऐसा पहला जिला होगा जो असंभव को संभव कर दिखाने वाला होगा। इसमें पहली योजना निष्चित ही चुनौतीपूर्ण होगी। क्योंकि अभी तक पथरीली जमीन पर सब्जी की खेती बेहद कठिन मानी जाती है। तो दूसरी योजना छोटी जमीन के मालिक किसानों के लिए वरदान साबित होगी। इसमें बेहद छोटे रकबे में सब्जी की खेती की जाएगी। पथरीली जमीन पर 
उद्यानिकी विभाग ने इस योजना के लिए जिले के उन 22 गांवो की 100 हेक्टेयर जमीन को चिन्हाकिंत किया है जो सीधे-सीधे सीमेंट कारखानों से लगे हुए है। लाईम स्टोन से भरपूर इन गांवों मे खेती हमेषा से कठिन काम रही है। इसे चुनौती के रुप में स्वीकार करते हुए इन गांवो मे टमाटर, लोकी, मिर्च और कुम्हड़ा की फसल ली जाएगी। इसके लिए इन चारों प्रजातियों के सब्जी बीज के एक मिनीकिट के रुप में किसानों तक पहुंचाए जाऐंगे। खेती के पहले और बाद मे फसल तैयार होते तक विभाग का मैदानी अमला इन गांवों के सब्जी उत्पादक किसानों का मार्गदर्षन करता रहेगा।

ऐसी होगी आंगन में  बाड़ी 

जिले में पहली बार “आंगन बाड़ी“ योजना आकार लेने जा रही है। इसके तहत 500 वर्ग मीटर के रकबे मे सब्जी की खेती की जाएगी।े विभाग की मदद ऐसे किसानें तक ड्रिप सिस्टम, तार घेरा, सब्जी बीज और फलदार पौधे के रुप मे पहुंचेगी। पहली बार यह योजना उन गांवों मे भी पहुंचेगी जिन्हे सांसद आदर्ष ग्राम घोषित किया गया है। इसमे पलारी ,बलौदा बाजार और सिमगा विकासखंड के 40 गांव चुने गए है। विभाग अब दोनों योजना पर एक साथ काम करने को तैयार है।
वर्जन
मिनरल एरीया के गांवों मे पहली बार यह योजना लागू की जा रही है। आंगन बाड़ी योजना पर भी काम चालू कर दिया गया है।
-रामजी चतुर्वेदी ,सहा. संचालक (उद्यानिकी) बलौदा बाजार

सांस्कृतिक भवन का निर्माण पूरा हो तो हर साल बचेंगे Rs.40 लाख
Posted Date : 23-December-2016 6:22:45 am

सांस्कृतिक भवन का निर्माण पूरा हो तो हर साल बचेंगे Rs.40 लाख

नगर निगम द्वारा बनाया जा रहा सामुदायिक भवन का निर्माण पूर्णता तक आकर फिर अधर में लटक गया। फंड के अभाव में काम बंद होने के बाद भवन की चमक और परिसर का सौंदर्य फीका पड़ रहा है। लगभग ढाई साल पहले जब निगम ने जब सामुदायिक भवन बनाना शुरू किया था तो इसका बजट लगभग तीन करोड़ रुपए था, अब कुल खर्च सात करोड़ रुपए बताकर चार करोड़ का फंड और मांगा जा रहा है। छोटे-मध्यम स्तर के सरकारी सांस्कृतिक कार्यक्रमों में टेंट का खर्च ही साल में लगभग 40 लाख रुपए होता है। अगर यह सामुदायिक भवन तैयार हो जाए तो निगम व प्रशासन का खर्च भी बच जाएगा। 

शहर में काफी अधिक संख्या में सरकारी कार्यक्रम होते हैं, जगह के अभाव में आयोजनों को खुले स्थान में किया जाता है, जहां टेंट व बैठक व्यवस्था में ही लाखों का खर्चा सामने आता है। चाहे फिर राज्योत्सव की बात हो या फिर रोजगार मेले की। हर वर्ष चक्रधर समारोह में ही टेंट लगाने में 7 से 10 लाख रुपए खर्च किए जाते हैं। इन खर्चों पर अंकुश सांस्कृतिक भवन के निर्माण से लगाया जा सकता था। बावजूद उसके शीघ्र निर्माण को लेकर कोई कवायद नहीं की जा सकी है। बताया जाता है कि दो करोड़ 80 लाख रुपए की मंजूरी मिली थी, जिसमें भवन के ढांचे को खड़ा कर दिया। अब साज सज्जा और बैठक व्यवस्था में 4 करोड़ रुपए तक खर्चा सामने आ रहा है, जिसे फंड की कमी के चलते रोक दिया गया है।