छत्तीसगढ़

अपर कलेक्टर ने की धान खरीदी की प्रगति की समीक्षा
Posted Date : 28-Nov-2018 12:58:59 pm

अपर कलेक्टर ने की धान खरीदी की प्रगति की समीक्षा

जांजगीर चांपा, 28 नवंबर । अपर कलेक्टर द्वय डीके सिंह व एके घृतलहरे ने कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में धान खरीदी के नियुक्त नोडल अधिकारियों की बैठक लेकर समर्थन मूल्य पर धान खरीदी कार्यो की प्रगति की समीक्षा की। अब तक 5 हजार 174 मिट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का कार्य एक नवम्बर से प्रारंभ हो गया है। धान खरीदी का कार्य जिले में 205 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से किया जा रहा है। धान खरीदी का कार्य नगद और लिकिंग के माध्यम से 31 जनवरी 2019 तक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले में इस वर्ष सात लाख मिट्रिक टन धान खरीदने का अनुमान लगाया गया है। जिले में अब तक पांच हजार 174 मिट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि धान की कटाई और मिसाई के बाद समितियों में धान की आवक में वृद्घि होगी। बैठक में उन्होंने नोडल अधिकारियों को पंजीकृत किसानों से पंजीकृत रकबा के अनुरूप धान की खरीदी करने के निर्देश दिए। उन्होंने धान खरीदी में किसी भी प्रकार की लापरवाही और उदासीनता बरतने पर संबंधितों के खिलाफ सख्त अनुशासानात्मक कार्रवाई की बात कही। उन्होंने कहा कि जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी कार्य के लिए चाक चौबंद व्यवस्था की गई है। कोचियों और बिचैलियों पर लगातार निगाह रखने के निर्देश दिए। समितियों में अवैध रूप से धान पाये जाने पर धान की जब्ती कर संबंधितों के विरूद्घ सख्त कार्रवाई करने की भी बात कही। उन्होंने धान खरीदी की अधिकतम सीमा लिंकिंग सहित 15 क्िवटल प्रति एकड़ के मान से करने के निर्देश दिये। इसी तरह उन्होंने जिले के समस्त 205 उर्पाजन केन्द्रों का भौतिक सत्यापन मोबाइल एप के माध्यम से करने, धान की मात्रा को किसानों के ऋण पुस्तिका में इन्द्राज करने, मोटा एवं पतला धान का पृथक-पृथक स्टेक लगाकर रखने, खरीदी केन्द्र से मिलर को धान का प्रदाय डिलीवरी आर्डर के अनुसार करने तथा समस्त उर्पाजन केन्द्रों में धान की भरती, तौलाई एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। बैठक में जिला खाद्य अधिकारी केके घोरे ने धान खरीदी के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि ग्रेड-ए के धान का समर्थन मूल्य एक हजार 770 रूपये और कामन धान का समर्थन मूल्य एक हजार 750 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। 

जिले में बाइक चोर गिरोह सक्रिय : हर दो दिनों में एक बाइक होती हैं चोरी
Posted Date : 28-Nov-2018 12:57:13 pm

जिले में बाइक चोर गिरोह सक्रिय : हर दो दिनों में एक बाइक होती हैं चोरी

जशपुर, 28 नवंबर । जिले में मोटरसाइकिल चोरी करने का गिरोह सक्रिय बना हुआ है। जिसकी वजह से जशपुर जिले  में आए दिन मोटरसाइकिल की चोरी हो जाने की घटनाएं प्रकाश में आ रही है। पत्थलगांव में कई बाईक चोरी की घटना सामने आने के बाद अब जिला मुख्यालय में चोरो ने एक ही जगह से एक ही दिन दो अलग अलग बजाज पल्सर की चोरी कर ली घटना जशपुर शहर में स्थित शा0 बा0 उ0 मा0 विद्यालय प्रांगण का है इस सम्बन्ध मे मिली जानकारी के मुताबिक बासनताला में व्याख्याता के पद पर कार्यरत संदीप मिंज पिता श्री नथानियल मिंज एव  बच्छरांव में व्याख्याता के पद पर कार्यरत अमृत तिग्गा पिता बरनावस तिग्गा ने सभी मतदान कर्मियों की तरह मतदान केंद्र जाने से पूर्व अपने  बाईक को शा0 बा0 उ0 मा0 विद्यालय प्रांगण में खड़ा कर दिया जब मतदान केंद्र से लौटकर देखे टो दोनों की पल्सर बाईक क्र0 सीजी 14एमएफ/0212  एव क्रमांक सीजी13 एक्स 8962  वहा से गायब मिली। 
पुरे जिले में बाइक चोर गिरोह सक्रिय है। यही वजह है कि हर 2 दिन में शहर से 1 बाइक चोरी हो रही है।  पुलिस जिले  में हो रही बाइक चोरी पर अंकुश लगाने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है।बीते दिनों कुनकुरी में बोडोकछार का निवासी फुगन राम  की बाईक क्रमांक सीजी14-एमए 5358 रायकेरा साप्ताहिक बाजार से चोरी हो चुकी है /इसी तरह बगीचा में भी बेतरा गंझूटोली  निवासी बृजकिशोर खाखा पिता स्व0 बोनीफास खाखा की घर के आंगन मे खडी बाईक सीबी साईन सोल्ड  को चोरो ने पार कर दिया /शहर में चोर गिरोह की सक्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रत्येक 5 दिन में 4 बाइक चोरी हुई हैं। अहम बात यह है कि बाइक चोरी होने के बाद थाने में रिपोर्ट लिखाने के लिए उसे काफी चक्कर लगाने पड़ते हैं। थानों में एफआईआर हो भी जाए तो चोरों का पता नहीं लग पाता है। ऐसे में बाइक मालिक थानों के चक्कर लगाते रहते हैं।

नेशनल लोक अदालत का आयोजन 8 दिसम्बर को
Posted Date : 28-Nov-2018 12:54:39 pm

नेशनल लोक अदालत का आयोजन 8 दिसम्बर को

कोरबा 28 नवम्बर । राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार दिनांक 08 दिसम्बर 2018 को सभी मामलों से संबंधित नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला न्यायालय परिसर कोरबा, व्यवहार न्यायालय कटघोरा एवं पाली में किया जायेगा। 
श्री राकेश बिहारी घोरे, जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों के राजीनामा के आधार पर निराकरण किये जाने के प्रयोजनार्थ 27 नवंबर को समस्त बीमा कंपनी के शाखा प्रबंधक एवं अधिवक्तागण की प्रीसिटिंग बैठक जिला न्यायालय कोरबा के विडियों कान्फेसिंग कक्ष में आयोजित की गई।  28 नवंबर को एन.आई. एक्ट एवं फायनेंस कंपनी के शाखा प्रबंधकों/अधिवक्तागण की बैठक विडियों कान्फेंसिंग कक्ष में दोपहर 2.00 बजे ली जायेेगी। इसके अतिरिकत उक्त लोक अदालत में राजीनामा योग्य आपराधिक प्रकरण, एनआई एक्ट यू/एस 138, बैंक वसूली, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, वैवाहिक एवं श्रम विवाद, भू-अर्जन प्रकरण,  विद्युत एवं जल बिल एवं अन्य सर्विस मेटर एवं अन्य व्यवहारवाद प्रकरण एवं अन्य राजीनामा योग्य प्रकरण रखे जावेंगे। 
उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में 31 मार्च 2018 की स्थिति में विच्छेदित निष्क्रिय उपभोक्ताओं के लंबित विद्युत देयकों में शामिल अधिभार की राशि में छूट हेतु प्रोत्साहन योजना 2018 प्रभावशील है।  योजना के अंतर्गत निम्न दाव के सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं के निष्क्रिय बकाया राशि वालो पर अधिभार की छूट प्रदान की गई है।  संपूर्ण सरचार्ज राशि की छूट उपभोक्ताओं को तभी प्राप्त हो सकेगी तब उसके द्वारा संपूर्ण मूल राशि का भुगतान एक मुश्त अथवा किश्तों में कर दिया जावेगा। जो भी पक्षकार राजीनामा के माध्यम से अपने लंबित प्रकरणों को लोक अदालत के माध्यम से निराकरण कराना चाहते है वे पक्षकार अपने प्रकरण को संबंधित न्यायालय में उपस्थित होकर नेशनल लोक अदालत में रखे जाने हेतु निवेदन कर सकते है। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा बताया गया है कि न्यायालय में प्रस्तुत होने वाले मामले जिनमें कोर्ट फ ीस चस्पा है उन प्रकरणों में लोक अदालत के माध्यम से निराकरण होता है उक्त प्रकरणों में कोर्ट फीस वापसी का प्रावधान है, साथ ही लोक अदालत में निराकरण होने वाले प्रकरणों में किसी भी न्यायालय में अपील स्वीकार्य नहीं होती। 

जिले में अब तक 27 हजार 440 क्विंटल की धान खरीदी
Posted Date : 28-Nov-2018 12:54:00 pm

जिले में अब तक 27 हजार 440 क्विंटल की धान खरीदी

कोरबा 28 नवम्बर । खरीफ  विपणन वर्ष 2018-19 अंतर्गत कोरबा जिले में एक नवम्बर 2018 से धान उपार्जन का कार्य प्रारंभ हो चुका है। आज 27 नवंबर तक 27 हजार 440 क्ंिवटल धान की खरीदी की जा चुकी है। जिला खाद्य अधिकारी एच.मसीह ने बताया कि जिले में धान उपार्जन हेतु कुल 23 हजार 777 कृषक पंजीकृत हुए है। उपरोक्त कृषको से धान क्रय का कार्य अनवरत जारी है, जो 31 जनवरी 2019 तक जारी रहेगा। जिले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक की 06 शाखाओं की 27 समितियों के 41 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से धान खरीदी की जा रही है। किसानों द्वारा विक्रय धान की राशि उनके बैंक खातें में प्रतिदिन ऑनलाईन सिस्टम से स्थानांतरित कर दी जाती है। कलेक्टर मो. कैसर अब्दुल हक ने कृषि सहकारिता एवं खाद्य विभाग के अधिकारियों को खरीदी कार्य तक किसानों को किसी प्रकार की तकलीफ न हो इसका विशेष ध्यान रखे जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिला स्तरीय एवं अनुभाग स्तरीय जांच दल को धान उपार्जन केंद्रों का जांच एवं निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। सहकारी बैंक के एस.के.जोशी नोडल अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार 26 नवंबर तक  532 किसानों से  26 हजार 13 च्ंिटल धान खरीदी की एवज में  चार करोड़ 55 लाख 76 हजार 996 रूपये और  78 लाख तीन हजार 960 रूपये का बोनस किसानों के खाते में जमा कर दिया गया है। 

दोपहर साढ़े 12 बजे ली 24 दिन के बच्चा हाथी ने अंतिम सांस
Posted Date : 28-Nov-2018 12:52:37 pm

दोपहर साढ़े 12 बजे ली 24 दिन के बच्चा हाथी ने अंतिम सांस

० पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों ने कहा-हेड इंजूरी से हुई मौत
महासमुंद , 27 नवंबर । जिले के पासिद (सिरपुर) गांव के कैंप में रखे गए गंभीर रूप से घायल बच्चा हाथी की मंगलवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे उपचार के दौरान मौत हो गई। वन्य जीव संरक्षण से जुड़े चिकित्सकों के अधिकतम प्रयास के बावजूद हाथी के बच्चे को नहीं बचाया जा सका । बच्चा हाथी के अंतिम सांस लेने तक उपचार करने वाले चिकित्सक डा योगेश्वर पटेल (वीएएस) का कहना है कि करीब 24 दिन उम्र के इस बच्चा हाथी के सिर में अंदरूनी चोटें थी । सिर का हड्डी टूटा हुआ था। यही मौत का कारण बना । बच्चा हाथी की मौत के बाद डा योगेश्वर पटेल, डा सीएस चंद्राकर और डा जगमोहन चंद्राकर की तीन सदस्यी टीम ने पोस्टमार्टम किया । जिसमें बच्चा हाथी के बुरी तरह से जख्मी होने का खुलासा हुआ । चार दिन तक लगातार उपचार के बावजूद बच्चा हाथी को डाक्टर बचा नहीं पाए। इधर, महासमुंद वनमंडलाधिकारी आलोक तिवारी ने बताया कि पीएम के बाद बच्चा हाथी को पासिद के जंगल में दफना दिया गया है। 
महानदी को पार करने से हुआ गंभीर
23-24 नवंबर की दरम्यानी रात सिरपुर के जंगल से आगे बढ़ते हुए अछरीडीह होते हुए हाथियों का दल समोदा बैराज के पास महानदी को पार कर रायपुर की ओर बढ़ रहे थे। आरंग ब्लाक के चपरीद गांव के पास महानदी पार करके हाथियों का दल रायपुर जिला में प्रवेश किया। इस बीच सुबह-सुबह कीचड़ में फंसे इस बच्चा हाथी को गंभीर हालत में ग्रामीणों ने निकाला । तब तक बच्चा हाथी बहुत ज्यादा पानी पी चुका था। अनुमान लगाया जा रहा है कि महानदी पार करते समय गहरे पानी में चले जाने से वह डूबते-डूबते बचा था। खेत-खार पार करते हुए नवजात हाथी किसानों के खदेड़े जाने से बड़े हाथियों के दल के साथ भाग रहा था। इससे खेत के मेड़ अथवा किसी पेड़ आदि से टकराने से उसके सिर में गंभीर चोट आने का अनुमान वन अमला लगा रहा है। पैर में भी जगह-जगह गहरे जख्म थे। जिसमें कीड़े बिलबिला रहे थे। इससे पहले दिन ही वन्य जीव चिकित्सक डा जेके जडिय़ा ने बच्चा हाथी की हालत चिंताजनक घोषित कर दिया था। बावजूद, चिकित्सकों की टीम ने हार नहीं मानी और उपचार निरंतर जारी रखा। चार दिन के नियमित उपचार के बावजूद बच्चा हाथी को बचाया नहीं जा सका ।
बढ़ गई किसानों की मुसीबत
उधर, सिरपुर क्षेत्र के हाथी प्रभावित गांव कुकराडीह, लहंगर और परसाडीह के खेतों में 26-27 नवंबर की दरम्यानी रात हाथियों के 16 सदस्यी दल ने जमकर उत्पात मचाया। तीनों गांव के आधा दर्जन से अधिक किसानों के खेतों में धान फसल को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। हाथी भगाओ फसल बचाओ समिति के संयोजक राधेलाल सिन्हा ने बताया कि बीते कुछ दिनों से लहंगर-पीढ़ी के जंगल में 16 हाथियों का दल डेरा जमाए हुए हैं। 27 नवंबर मंगलवार को भी शाम सात बजे तक हाथियों को लहंगर के बघर्रा नाला के पास देखा गया है। किसानों का कहना है कि अपने बच्चे को ढूंढते हुए हाथियों का यह दल इस क्षेत्र में लंबे समय तक डेरा डालकर उनकी फसल को चौपट करते रहेगा, इसे लेकर किसान बहुत परेशान हैं। 
जान जोखिम में डालकर कर रहे पहरेदारी
हाथियों के दल के लहंगर  में होने की खबर मिलने के बाद ग्राम लहंगर के 40 व्यक्ति खेत-खार की ओर जाने वाले रास्ते पर रातभर पहरेदारी कर रहे हैं। जान जोखिम में डाल रतजगा कर किसान अपनी फसल को बचाने में लगे हैं। किसान मिट्टी तेल, जले आइल और टॉर्च लेकर रखवाली कर रहे हैं। रखवाली करने वालों के लिए गांव में आपस में चंदा करके राशि एकत्र की गई है। सामुदायिक सहभागिता से फसल बचाने किसान जूझ रहे हैं। सिरपुर क्षेत्र में मानव और हाथियों के बीच का यह संघर्ष अंतहीन हो गया है। इसे लेकर ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति आक्रोश पनपते जा रहा है।  

सिरपुर इलाके में 17 हाथियों ने फि र पहुंचाई फ सलों को क्षति
Posted Date : 28-Nov-2018 12:51:28 pm

सिरपुर इलाके में 17 हाथियों ने फि र पहुंचाई फ सलों को क्षति

महासमुंद, 27 नवंबर । 17 सदस्यीय हाथियों के दल ने बीती रात खेतों में पहुंचकर खड़ी फसलों को फिर नुकसान पहुंचाया. हाथी भगाओ, फसल बचाओ समिति के संयोजक राधेलाल सिन्हा ने बताया कि हाथियों के दल ने कुकराडीह, परसाडीह के खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचाया. गश्ती दल ने हाथियों को मशाल व टार्च जलाकर खेतों से खदेडा। उसके बाद हाथियों ने लहंगर के बनीला खार पहुंचकर नेपाल सिंह ध्रुव, गजेंद्र सिंह, परसराम ध्रुव आदि किसानों की फसलों को रौंद दिया. श्री सिन्हा ने कहा कि वन विभाग का कोई सुरक्षा गश्ती दल नहीं है. किसान अपनी फसलों की सुरक्षा खुद कर रहे हैं. लहंगर में 40 प्रतिशत कटाई बाकी है जिससे किसान चिंतित हैं।