छत्तीसगढ़

बोलेरो की ठोकर से दो बाईक सवारों की दर्दनाक मौत
Posted Date : 29-Nov-2018 11:41:51 am

बोलेरो की ठोकर से दो बाईक सवारों की दर्दनाक मौत

कांकेर, 29 नवंबर ।  गोविंदपुर के पास नेशनल हाइवे-30 पर शिफ्टर, बोलेरो और बाइक की भिड़ंत में में दो युवकों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में वन विभाग के रेंजर और उनका चालक घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक कांकेर की ओर से शिफ्टर और बाइक माकड़ी की ओर जा रही थी और दूसरी ओर से बोलेरो आ रही थी, तभी शिफ्टर के सामने अचानक एक मवेशी आ गया, जिसे बचाने के लिए शिफ्टर चालक ने गाड़ी विपरीत दिशा में मोड़ दी, उसी दौरान शिफ्टर से बोलेरो और बाइक की भिड़ंत हो गई।
शिफ्टर को ओवरटेक करने का प्रयास कर रहे बाइक सवार उसकी चपेट में आ गए और दोनों की घटनास्थल पर दर्दनाक मौत हो गई वहीं, सामने से आ रही वन विभाग की बोलेरो के चालक ने शिफ्टर को अपनी ओर आता देख गाड़ी दूसरी ओर मोडऩा चाहा, लेकिन बोलेरो शिफ्टर के साइड से टकरा गई, जिसके बाद उसमें सवार वन विभाग के रेंजर अशोक सोनवानी और उनके चालक घायल हो गए, इन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। शिफ्टर के चालक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

 जीएसटी 3 बी रिटर्न प्रस्तुत नहीं करने वाले 336 व्यवसायियों के पंजीयन निरस्त
Posted Date : 29-Nov-2018 11:27:15 am

जीएसटी 3 बी रिटर्न प्रस्तुत नहीं करने वाले 336 व्यवसायियों के पंजीयन निरस्त

कोरबा 29 नवम्बर । जीएसटी पंजीकृत व्यवसायी के तहत लगभग 6 माह तक 3बी विवरण पत्र प्रस्तुत नहीं करने वाले 336 व्यवसायियों के पंजीयन विलापित किये गये है। इनमें 4 व्यवसायी ऐसे हैं जिनका वार्षिक सकल विक्रय रूपये 1.5 करोड़ से अधिक है। कोरबा वृत्त-एक के सहायक आयुक्त, राज्य कर द्वारा डेढ़ करोड़ रूपये से अधिक टर्न ओवर वाले 2 व्यवसायियों एवं डेढ़ करोड़ रूपय़े से कम टर्न ओवर वाले 224 व्यवसायियों का पंजीयन विलोपन किया गया है तथा सहायक आयुक्त राज्य कर कोरबा वृत्त-दो कोरबा द्वारा जिनका वार्षिक सकल विक्रय राशि डेढ़ करोड़ रूपये से अधिक 2 व्यवसायी एवं डेढ़ करोड़ रूपये से कम टर्न ओवर वाले 108 व्यवसायियों के पंजीयन विलोपित किये गये है।
सहायक आयुक्त, राज्य कर से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन व्यवसायियों का पंजीयन विलोपन किया गया है उनमें कोरबा वृत्त-एक के प्रमुख व्यवसायी में मेसर्स बिहान कंस्ट्रक्शन कम्पनी, हाउस नं. 76 कोरबा दर्री रोड कोरबा, मेसर्स के.के. इन्टरप्राइजेस, पाली रोड, दीपका एवं कोरबा वृत्त-दो से मेसर्स दीपक कंस्ट्रक्शन व मेसर्स बजरंग कोल मूवर्स शामिल है।  
जीएसटी एक्ट के तहत पंजीकृत सभी व्यवसायियों को प्रत्येक माह की 20 तारीख तक 3बी विवरण पत्रक प्रस्तुत करके देय कर जमा करना होता है किन्तु उक्त व्यवसायियों द्वारा व्यापार तो किया जा रहा है, किन्तु अपना हिसाब विभाग को प्रस्तुत नहीं करने की वजह से सहायक आयुक्त, राज्य कर कोरबा वृत्त-एक एवं दो द्वारा पंजीयन निरस्त करने की कार्यवाही की गई है। जीएसटी में आन-लाईन विवरण पत्र प्रस्तुत करने की व्यवस्था है। नियत अवधि में विवरण पत्र प्रस्तुत नहीं करने की स्थिति में लेट फीस के साथ ही देय कर का 18 प्रतिशत ब्याज के साथ विवरण पत्र प्रस्तुत करना होता है। 
सहायक आयुक्त, राज्य कर से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन व्यवसायियों के पंजीयन निरस्त किये गये है। उन्हे सभी विवरण पत्र प्रस्तुत करने के उपरांत पंजीयन को जीवित करने का प्रावधान है। जिन व्यवसायियों के पंजीयन विलोपित किये गये है। उनसे क्रय किये गये माल पर क्रेता व्यवसायियों को आगत कर की मुजराई का लाभ नहीं मिलेगा। सहायक आयुक्त, राज्य कर द्वारा सभी पंजीकृत व्यवसायियों से अपील की गई है कि नियत अवधि में आन-लाईन 3बी विवरणी अनिवार्य रूप से प्रस्तुत कर होने वाली असुविधा से बचें।

विक्षित युवती के मामले में खबर का हुआ असर, एसपी से मांगा गया 5 बिन्दुओं में प्रतिवेदन
Posted Date : 29-Nov-2018 11:26:32 am

विक्षित युवती के मामले में खबर का हुआ असर, एसपी से मांगा गया 5 बिन्दुओं में प्रतिवेदन

जांजगीर-चाम्पा, 29 नवंबर ।  जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विगत दो-तीन दिन पूर्व से फगुरम चैकी क्षेत्रान्तर्गत् मानसिक रूप से कमजोर युवती के साथ दुष्कर्म होने, दुष्कर्म से गर्भवती होने तथा इलाज के आभाव में दर्द से तड़पने के प्रकाशित संवेदनशील समाचार पर संज्ञान लिया जाकर घटना के संबंध में पुलिस अधीक्षक से पांच बिन्दुओं पर विस्तृत प्रतिवेदन मांगा गया है। प्राधिकरण की प्रभारी सचिव उदयलक्ष्मी सिंह परमार ने बताया कि कई समाचार पत्रों में उक्त घटना की खबर प्रकाशित की गई है। समाचार में यह भी उल्लेखित किया गया है कि कि युवती की मानसिक स्थिति सालों से खराब है और उसके माता-पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी है और उसके कोई भाई-बहन भी नहीं है। पीडि़ता के 55 वर्षीय चाचा पीडि़ता की देखरेख करते हैं। युवती इलाज के आभाव में दर्द से तड़प रही है। महिलाओं के साथ घटित होने वाले ऐसे अपराधों के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा पीडि़त महिला, उत्तरजीवी को क्षतिपूर्ति योजना 2018 के तहत् नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। इसी प्रकार मानसिक रूप से अस्वस्थ के लिए नालसा मानसिक रूप से बीमार एवं मानसिक रूप से विकलंाग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाएं योजना 2015 क्रियान्वयन इस प्राधिकरण द्वारा किया जाता है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय से प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरंात इन योजनाओं के तहत् पीडि़ता को यथोचित विधिक सहायता प्रदान किए जाने की कार्यवाही की जाएगी। उन्होनें आगे बताया कि पुलिस अधीक्षक को इस प्राधिकरण द्वारा पूर्व में भी पत्र प्रेषित किया गया है कि बेसहारा, बेघर व असहाय मानसिक रोगियों के समुचित उपचार हेतु उनके अधीनस्थ समस्त थाना प्रभारी मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम 1987 की धारा 23 के तहत् यह सुनिश्चित करें कि उनके क्षेत्राधिकार के भीतर ऐसा कोई भी आवारा मानसिक बीमार अथवा खतरनाक मानसिक बीमार व्यक्ति नहीं है जिसे मनोचिकित्सकीय उपचार की आवश्यकता हो। और यह भी सुनिश्चित करें कि यदि ऐसा कोई व्यक्ति पाया जाए तो उसे मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम 1987 की धारा 23, 24 एवं 25 के तहत् कार्यवाही करते हुए राज्य मानसिक अस्पताल सेन्द्री  बिलासपुर छ.ग. भिजवाए जाने बाबत् आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।

ओडि़शा के कृषक मोटी कमाई के लिए बस्तर में बेच रहे धान
Posted Date : 29-Nov-2018 11:24:35 am

ओडि़शा के कृषक मोटी कमाई के लिए बस्तर में बेच रहे धान

जगदलपुर, 29 नवंबर । बस्तर की सीमा ओडि़शा से लगती है और वहां पर धान का अच्छा मूल्य किसानों को नहीं मिलता है, इसलिए ओडि़शा के किसान तथा अन्य बिचौलियें ओडि़शा से धान लाकर मोटी कमाई की आशा में बस्तर में बेचने का कुचक्र शुरू कर चुके हैं। तथा उनके इस कार्य में स्थानीय कुछ लोगों की भी मदद मिल रही है। इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार स्थानीय किसान अभी तक स्थानीय खरीदी केंद्रों में धान लाकर बेचने में 11 दिसम्बर की प्रतिक्षा में कोताही कर रहे हैं। जिससे ओडि़शा के किसान लाभ उठाना चाहते हैं। 
उल्लेखनीय है कि ओडि़शा राज्य में धान खरीदी का समर्थन मूल्य 15 रूपए तय है जबकि वर्तमान में बस्तर के किसानों को 1750 रूपए अपनी धान बेचने में प्राप्त हो रही है। इस प्रकार यहां के किसानों को यहां लाभ 250 रूपए का होता  है। इन खरीदी केंद्रों में बिचौलियें भी ओडि़शा के कम मूल्य के धान को खरीदकर बस्तर के धान खरीदी केंद्रों में बेचने के लिए खरीदी केंद्रों के प्रभारियों से सांठ-गांठकर बेचने का प्रयास कर रहे हैं। इस कुचक्र को रोककर स्थानीय किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए जरूरी कदम उठाये जाने की आवश्यकता है। 

पानी बचाने ग्रामीण रेत की बोरियों से रोक रहे नदी का पानी
Posted Date : 29-Nov-2018 11:22:43 am

पानी बचाने ग्रामीण रेत की बोरियों से रोक रहे नदी का पानी

कोंडागांव,  29 नवंबर । फ रसगांव के ग्राम बडग़ई में रहने वाले 200 ग्रामीण इन दिनों बारदा नदी के पानी को रोकने मे लगे हुए हैं, इसके लिए वे पिछले तीन दिनों से नदी में रेत से भरी बोरियों को रख रहे हैं। ग्रामीणों का कहना वे यह काम इसलिए कर रहे आने वाले दिनों में जहां किसानों को सिंचाई सुविधा सुचारू रूप से मिले तो वहीं पानी की किल्लत का सामना न करना पड़े। 
ग्रामीणों ने कहा कि गांव के विकास को लेकर जिला प्रशासन ने पिछले दो सालों में कई काम किए हैं। किसानों को सिंचाई सुविधा देने के लिए सोलर पंप की सुविधा दी गई तो वहीं बारदा नदी पर पुल बन जाने से ग्रामीणों को आवाजाही में कोई परेशानी नहीं हो रही है। जानकारी के मुताबिक आजादी के बाद से लेकर कुछ महीने पहले तक इस नदी पर पुल नहीं बना था।ग्रामीण आवाजाही करने के लिए डोंगियों का सहारा लेते थे। बारिश के दो माह तो यह गांव पहुंचविहीन हो जाता था। 
ग्रामीणों ने बताया कि कलेक्टर नीलकंठ टीकाम की कोशिश का असर है कि अब बडग़ई के साथ ही इससे लगे आधा दर्जन गांव में ग्रामीणों को हर सुविधा मिलने लगी है । बारदा नदी पर पुल के साथ ही 30 किमी सडक़ बनने से ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने लगी है। पिछले साल तक जहां गांव का विकास नहीं होने और नक्सलियों की धमकी के दबाव में ग्रामीण वोट नहीं डालते थे वहीं इस साल इन गावों के ग्रामीणों ने 75 फीसदी मतदान किया है। कलेक्टर ने कहा कि जिले के अंदरूनी इलाकों के गांवों के विकास को लेकर जो योजनाएं बनाई गई थीं उसमें से सभी पर काम चालू कर दिया गया है। ग्रामीण 3 दिनों से रेत से भरी बोरियों को रख नदी के पानी को रोक रहे हैं। 

मेहमान पक्षियों के आगमन के सुमधुर कलरव से गूंजी बस्तर की फिजा
Posted Date : 29-Nov-2018 11:21:53 am

मेहमान पक्षियों के आगमन के सुमधुर कलरव से गूंजी बस्तर की फिजा

० पूरे मध्यभारत में अब बस्तर ही वह क्षेत्र बन गया है, जहां प्रवासी पक्षियों की सबसे ज्यादा 349 प्रजातियां देखने को मिल रही हैं
जगदलपुर, 29 नवंबर । बस्तर के सुहावने मौसम के अनुसार इन दिनों  संभाग के जंगल में विदेशी पक्षियों का तेजी से आगमन हो रहा है और उनके सुमधुर कलरवों से बस्तर की फिजा मनोरम हो उठी है। प्राणी विशेषज्ञों की मानें तो अब तक बस्तर में करीब डेढ़ सौ प्रवासी पक्षी डेरा डाल चुके हैं। आदिवासी बाहुल्य बस्तर साल द्वीपों का गढ़ माना जाता रहा है। अब साल वन रहे नहीं, जिसके चलते वन्य प्राणियों की संख्या में भारी कमी आयी है, इसीलिए यहां विदेशी मेहमान पक्षियों का जमावाड़ा हो रहा है। 
बर्ड काउंट इंडिया के छत्तीसगढ़ प्रोजेक्ट असिस्टेंट और क्रो फ ाउंडेशन से ऑर्निथोलॉजिस्ट रवि नायडू ने बताया कि मध्यभारत में बस्तर प्रवासी पक्षियों के लिए अपार संभावनाएं हैं। यहां का वातावरण उनके लिए मुफ ीद है। कई ऐसे पक्षी भी मिले हैं, जो सरकारी दस्तावेजों में विलुप्त करार दे दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि भले ही कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में वन्यप्राणी न हों, लेकिन यह क्षेत्र पक्षियों के लिए मध्यभारत का सबसे अधिक समृद्धशाली क्षेत्र है। इन दिनों बस्तर में कड़ी ठंड पड़ रही है, इसीलिए सैकड़ों किमी का सफर तय कर यहां आने वाले विदेशी मेहमानों के लिए यह तापमान वातानुकूलित है। यही कारण है कि बस्तर में अब तक करीब डेढ़ सौ प्रवासी पक्षी पहुंच चुके हैं। ये पक्षी यूरोप, अफ्रीका, साइबेरिया, मंगोलिया, चीन, पेसिफि क पोल, उत्तरी-दक्षिणी धु्रव से पहुंचे हैं। बस्तर में अलग-अलग जगहों पर देखे गए इन पक्षियों का एक बड़ा जमावड़ा कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में भी देखा गया है। 
पक्षी विशेषज्ञ राकेश पांडे ने बताया कि इनमें दुनिया के सबसे ऊंची उड़ान भरने वाले राजहंसों का झुंड, जिसे बार हैडेड गूस भी कहा जाता है, हिमालय को पार कर बस्तर पहुंचा है, जहां से वे ओडिशा की तरफ  से आगे रवाना हो जाएंगे। पूरे मध्यभारत में अब बस्तर ही वह क्षेत्र बन गया है, जहां प्रवासी पक्षियों की सबसे ज्यादा प्रजातियां देखने को मिल रही हैं। पूरे छत्तीसगढ़ में प्रवासी पक्षियों की करीब 387 प्रजातियां देखने को मिली हैं, जिसमें से अकेले बस्तर में 349 प्रजातियों की आमद हुई है। 
बत्तख की प्रजाति के गडवाल, गारगेनी, नॉर्थन पिनटेल, पाइड कक्कू (चातक), टैम्निक स्टिंट, कॉमन टील, रूडी सेल डक, टफ्टेड डक भी इन दिनों बस्तर में अपना बसेरा बनाए हुए हैं। साइबेरिया-मंगोलिया के साथ ही उत्तरी-दक्षिणी धु्रव से भी आते हैं पक्षी, इनके शिकारी परिंदे भी पहुंच जाते हैं। बस्तर यूरोप, अफ्र ीका, साइबेरिया, मंगोलिया, चीन, पेसिफि क पोल, उत्तरी-दक्षिणी धु्रव से आने वाले पक्षियों में कैंटिश प्लोवर, कॉमन ग्रीन शैंक, स्पॉटेड रेड शैंक, कॉमन रेड शैंक, यूरेशियन कल्र्यू, वाइट वैक्टेल, येलो वैक्टेल, साइबेरियन स्टोन चौट, कॉमन कक्कू, ब्लैक टेल्ड गॉडविट, कॉमन सैंडपाइपर, ग्रीन सैंडपाइपर, मार्श सैंडपाइपर, पेसिफि क गोल्डन प्लोवर, रिवर टर्न सहित अन्य शामिल हैं। 
इन पक्षियों के शिकारी माने जाने वाले पक्षी बूटेड ईगल, मार्श हैरियर, पाइड हैरियर, मोतंगू हैरियर, पैराग्रीन फॉल्कन, जो यूरोपीय देशों से आते हैं यह दुनिया का सबसे तेज उडऩे वाला पक्षी माना जाता है, पहुंच जाता है। यही कारण है कि बस्तर में ठंड के दिनों में बड़ी संख्या में पक्षियों का कलरव जंगलों में गूंजता है।