छत्तीसगढ़

खरीदी केंद्रों की लालफीताशाही से मक्का नहीं बेच रहे किसान
Posted Date : 30-Nov-2018 10:07:24 am

खरीदी केंद्रों की लालफीताशाही से मक्का नहीं बेच रहे किसान

जगदलपुर, 30 नवंबर । संभाग के मक्का खरीदी के लिए बनाये गये 148 खरीदी केंद्रों में अभी तक मक्का की खरीदी शुरू नहीं हो पाई है और खरीदी केंद्रों की लालफीताशाही इसमें बहुत बड़ा कारण बनकर आई है। 
मक्का खरीदी की शुरूआत 1 नवंबर से धान की खरीदी के साथ शुरू हो चुकी है, लेकिन मक्का की ऊपज लेकर आने के बाद भी किसान से नमी का बहाना बनाकर इसे नहीं खरीदा जाता है। इसके साथ ही किसान को समर्थन मूल्य 1700 रूपए के स्थान पर 1200-1300 रूपए ही देने की  पेशकश की जाती है। जबकि बाजार में किसानों को 1300 से लेकर 1400 रूपए तक की कीमत प्रति च्ंिटल घर बैठे ही अपनी ऊपज का मिल जाता है। ऐसी स्थिति में किसान खरीदी केंद्रों तक अपनी फसल ले जाने में रूचि नहीं रखते हैं।
उल्लेखनीय है कि खरीदी केंद्रों में दिखावे के लिए दिसंबर माह के बाद ही किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाती है, लेकिन किसानों को तत्काल अपनी फसल का भुगतान नहीं हो पाता और किसानों को अपनी फसल की राशि पांच-पांच या छह माह तक प्राप्त होती है। इन कारणों से किसान नगद राशि की चाहत में खरीदी केंद्रों तक अपनी फसल को लाने में हिचकते हैं। बस्तर जिले में मक्का खरीदी के लिए 24 केंद्र बनाये गये हैं और इन केंद्रों के प्रभारियों द्वारा मक्का खरीदी के लिए केवल जनवरी का ही माह निर्धारित कर खरीदी की जाती है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि किसानों को मक्का की फसल जानबूझकर खुले बाजार में बेचने के लिए विवश किया जाता है। लालफीताशाही के चलते किसानों को मक्का खरीदी का झांसा ही दिया जाता है। इसीलिए मक्का की खरीद इन खरीदी केंद्रों में अभी तक जीरो है और थोड़ी बहुत खरीद जनवरी में ही होगी।

नक्सली कैम्प ध्वस्त, 8 नक्सली गिरफ्तार
Posted Date : 30-Nov-2018 10:06:51 am

नक्सली कैम्प ध्वस्त, 8 नक्सली गिरफ्तार

० मौके से बंदूक एवं बम बनाने का सामान बरामद 
जगदलपुर, 30 नवंबर । छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में कल देर शाम पुलिस और नक्सलियों के बीच हुयी मुठभेड़ के बाद पुलिस ने भागते हुए 8 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। मौके से एक 303 बंदूक समेत बम बनाने का सामान बरामद किया गया है। पुलिस ने नक्सलियों का कैम्प भी ध्वस्त कर दिया है।  
बस्तर आईजी विवेकानंद सिंहा ने बताया कि सूचना मिली थी कि किरंदुल थाना क्षेत्र के हिरोली गांव के दोक्कापारा के जंगल में नक्सलियों ने कैम्प बना रखा है। फौरन ही डीएफ, डीआरजी और सीआरपीएफ के 50 जवानों की टुकड़ी रवाना की गयी, जिसने योजनाबद्ध तरीके से इलाके की घेराबंदी शुरू कर दी। पुलिस की मौजूदगी भांपकर नक्सलियों ने गोलीबारी प्रारंभ कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस बल ने अविलंब मोर्चा संभालते हुए फायरिंग की। लगभग एक-डेढ़ की मुठभेड़ बाद नक्सलियों के हौसले पस्त हो गए और वे जंगल की ओर भागने लगे, जिनका पीछा कर 4 महिला एवं 4 पुरूष नक्सलियों को दबोच लिया गया। गिरफ्तार नक्सलियों की शिनाख्त की जा रही है, जो मलांगिर एरिया कमेटी के सदस्य बताए जा रहे हैं।  
उन्होंने बताया कि  घटनास्थल की सर्चिंग के दौरान एक भरमार बंदूक, दो तीर बम, एक हेंड ग्रेनेड, दो डेटोनेटर, एक स्विच, कॉर्डेक्स वायर, पटाखे एक मोबाइल और दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद की गयी है। 

 कडक़ड़ाती ठंड में ठिठुरने लगा बस्तर, पारा 10 डिग्री तक गिरा
Posted Date : 29-Nov-2018 11:48:35 am

कडक़ड़ाती ठंड में ठिठुरने लगा बस्तर, पारा 10 डिग्री तक गिरा

जगदलपुर, 29 दिसंबर । पिछले तीन दिनों से अचानक ठंड में भारी वृद्धि हुई है तथा पारा गिर गया है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार राजस्थान पर प्रतिचक्रवात का सिस्टम बनने के कारण प्रदेश में आ रही हवाएं पूरी तरह से उत्तरीय हैं। जो ठंड में भारी वृद्धि कर रही हैं। ठंड में भारी परिवर्तन के कारण तापमान में गिरावट आई है। 
सर्दी के लिए सहायक अलग-अलग सिस्टम के अन्तर्गत मौसम खुला हुआ है तथा आकाश से बादल गायब हैं। नमी नहीं होने के कारण ठंड आगामी दिनों में और भी अधिक बढ़ेगी, इसके अलावा उत्तर भारत से आ रही हवाओं के कारण ठंड में वृद्धि हुई है। सर्दी पकड़ते ही गर्म कपड़ों की खरीददारी बढ़ गई है, जिसके कारण ऊनी वस्त्रों के व्यवसायी खुश हैं। पिछले तीन दिनों में रात का तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक कम हुआ है। अन्य स्थानों की तुलना में यह गिरावट बस्तर में 10 डिग्री सेल्सियस गिरने की वजह से बस्तर में बहुत ठंड पड़ रही है। न्यू नरेंद्र टाकीज के पास नेपालियों ने जो दुकानें लगा रखी हैं उसमें देर रात तक गर्म कपड़ों की खरीद फरोख्त तेजी से जारी है। ब्राडेंड कंपिनयों के स्वेटर, शाल तथा जैकेटों की बिक्री में ईजाफा हुआ है। पिछले 15-20 दिनों से अधिक ठंड न होने के कारण लोग अपने-अपने गर्म कपड़े नहीं निकाल रहे थे, लेकिन अब ठंड बढऩे के कारण बक्सों से महिला-पुरूष व बच्चों के गर्म ऊनी कपड़े बाहर निकल चुके हैं। 
 तापमान निरंतर गिरने से समूचा बस्तर शीतलहर की गिरफ्त में आ गया है। मौसम में पहली बार बस्तरवासी कोहरे के बीच स्वयं को ठिठुरता पा रहे हैं। देर रात छाया कोहरा सुबह 7 बजे तक फैला रहता है। मोती के समान चमकती ओस की बूंदें घॉस पर सूरज निकलने के बाद तक मुंह चिढ़ाती रहती हैं। कड़ाके की ठंड की वजह से शाम के समय धुंधलका जल्दी घिर आता है, जो सभी को ठंड की आगोश में जकड़ लेता है। हवाएं और सर्द होती जा रही हैं। इस मौसम वर्ष में ठंड का नया कीर्तिमान बना है। ठंड का असर दिन में भी महसूस होने लगा है। दिन में भी गर्म कपड़ों का सहारा लेना पड़ रहा है। दिन की धूप भी अब दोपहर में ही राहत देती है। शीत का प्रकोप बढऩे से रात की पाली में रोजी रोटी कमाने वालों का असर पडऩे लगा है। ठंड को जहां उच्च वर्ग फैशन का मौसम मानकर गर्म कपड़ों का भरपूर लुत्फ उठा रहा है, वहीं गरीब तबका उपलब्ध वस्त्रों, चिथड़ों तथा गुदडिय़ों को लपेटकर ठंड से राहत पाने का प्रयास करता नजर आता है। इन दिनों सुबह उठकर व्यायाम एवं पदयात्रा करने वालों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। 

अगहन मास के प्रत्येक गुरूवार को श्री जगन्नाथ मंदिर में होंगे अनेक कार्यक्रम
Posted Date : 29-Nov-2018 11:47:13 am

अगहन मास के प्रत्येक गुरूवार को श्री जगन्नाथ मंदिर में होंगे अनेक कार्यक्रम

जगदलपुर, 29 नवम्बर । 360 घर आरण्यक ब्राम्हण समाज के मुख्य प्रबंधकारिणी समिति के द्वारा श्री जगन्नाथ मंदिर परिसर में इस वर्ष भी अगहन माह के प्रत्येक गुरूवार को भक्तिमय वातावरण में अगहन गुरूवार धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर लक्ष्मी पुराण गायन के साथ ही विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
आरण्यक ब्राम्हण समाज के मुख्य प्रबंधकारिणी समिति के महिला सदस्य द्वय श्रीमती आशा आचार्य एवं श्रीमती वंदना पानीग्राही के नेतृत्व में अगहन मास के प्रत्येक गुरूवार को श्री जगन्नाथ मंदिर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे तथा भोग प्रसाद का वितरण किया जाएगा। महिला सदस्यों के द्वारा भजन-कीर्तन, रंगोली प्रतियोगिता तथा लक्ष्मी पुराण सहित अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। अगहन माह के अंतिम गुरूवार को विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरण किया जाएगा। 360 घर आरण्यक ब्राम्हण समाज के अध्यक्ष हेमंत पांडे ने इस अवसर पर समाज के अधिक से अधिक पुरूष तथा महिलाओं की उपस्थिति अपेक्षित की गयी है।

मालगाड़ी की चपेट में आने से युवती की मौत
Posted Date : 29-Nov-2018 11:44:17 am

मालगाड़ी की चपेट में आने से युवती की मौत

अंबिकापुर, 29 नवंबर । अनूपपुर रेलवे ट्रैक पर बुधवार की सुबह मालगाड़ी से अज्ञात युवती का एक पैर कट गया उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई..रेलवे ट्रैक पर सुबह करीब 9:00 से 10:00 के बीच की घटना बताई जा रही है करीब आधे घंटे तक एक अज्ञात युवती जख्मी हालत में पड़ी थीज्युवती का एक पैर कट कर पटरी के बाहर पड़ा थाज् वह दर्द से कराह रही थीज्ग्रामीणों की नजर पडऩे पर तत्काल पटना पुलिस को सूचना दी गई जिस पर आनन-फानन में पुलिस पहुंची और ग्रामीणों की मदद से जिला अस्पताल भर्ती कराया गया अस्पताल में इलाज के दौरान युवती ने दम तोड़ दिया, युवती की उम्र करीब 28 साल बताई गई अब पुलिस ने युवती के परिजनों की तलाश शुरू कर दी है ग्रामीणों का कहना है कि अज्ञात युवती करीब आधे घंटे तक पटरी पर पड़ी थी।

 कोच में चढऩे नहीं करनी पड़ेगी मशक्कत, बढ़ेगी प्लेटफफार्म की लंबाई
Posted Date : 29-Nov-2018 11:43:32 am

कोच में चढऩे नहीं करनी पड़ेगी मशक्कत, बढ़ेगी प्लेटफफार्म की लंबाई

बिलासपुर, 29 नवंबर । पेंड्रारोड रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म दो-तीन से ट्रेन में चढऩे के लिए यात्रियों को मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। बहुत जल्द उन्हें इस समस्या से निजात मिलने वाली है। रेलवे इस प्लेटफार्म की लंबाई बढ़ाने का निर्णय लिया है। 30 नवंबर से आगामी 40 दिनों तक काम चलेगा। इसके बाद अनूपपुर-कटनी की ओर जाने वाली सभी ट्रेनों का ठहराव नवनिर्मित रेल लेबल प्लेटफार्म चार में दिया जाएगा।
नईदुनिया अभियान के तहत इस स्टेशन की कमियों को उजागर की गई थी। इनमें कम लंबाई की प्लेटफार्म बड़ी समस्या थी। इसकी लंबाई बढ़ाने के लिए रेलवे में काम स्वीकृत है। लेकिन लेटलतीफी की वजह से यात्रियों की परेशानी समाप्त नहीं हो रही है। अब जाकर रेलवे ने इसकी लंबाई बढ़ाने का निर्णय लिया है। बिलासपुर के बाद कटनी रेल खंड में यह दूसरा प्रमुख स्टेशन है। यहां पैसेंजर, लोकल व एक्सप्रेस को मिलाकर दो दर्जन के लगभग ट्रेनें ठहरती हैं। ट्रेनों की इस संख्या की वजह से 24 घंटे यात्रियों की भीड़ रहती है। लेकिन सुविधाओं की कमी के कारण यात्रियों को परेशानी होती थी। सबसे ज्यादा दिक्कत प्लेटफार्म दो- तीन में होती थी। इसकी लंबाई इंजन को मिलाकर 20 कोच की है। जबकि यहां रुकने वाली ज्यादातर एक्सप्रेस ट्रेनें 22 से 24 कोच की होती है। इसके कारण पीछे के तीन से चार कोच प्लेटफार्म पर नहीं आते थे। ऐसे में जिन यात्रियों को इस कोच में चढऩा है, उन्हें जद्दोजहद करनी पड़ती है। निर्माण कार्य 40 दिन चलेगा। इसके बाद यात्रियों की यह समस्या हमेशा समाप्त हो जाएगी।
यात्रियों को पहुंचाने बस की सुविधा
नवनिर्मित रेल लेबल प्लेटफ ार्म चार तक आने- जाने के लिए ब्रिज की सुविधा नहीं है। इस लिहाज से संरक्षा व सुरक्षा के मद्देनजर इस प्लेटफार्म तक यात्रियों को पहुंचाने के लिए बस की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। हालांकि यह व्यवस्था कितनी कारगर साबित होगी यह निर्माण शुरू होने के बाद पता चलेगा। प्लेटफार्म क्रमश: है। जबकि बस सुविधा का लाभ लेने वाले यात्रियों को करीब डेढ़ से दो किमी घूमकर आना पड़ेगा।
यह व्यवस्था भी की जाएगी
- सुरक्षा एवं वाणिज्य विभाग के कर्मचारियों की तैनाती।
- जन - उद््घोषणा प्रणाली के माध्यम से एनाउंसमेंट किया जाएगा।
- यात्री पहुंच मार्गों में सूचना चस्पा की जाएगी।