छत्तीसगढ़

दो अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी
Posted Date : 30-Nov-2018 10:12:27 am

दो अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी

कोरबा 30 नवम्बर । कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कोरबा द्वारा जिले के दो अधिकारी श्री राजेन्द्र कश्यप जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास तथा श्री गौरव साहू जिला परिवहन अधिकारी कोरबा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। 
जारी नोटिस के अनुसार उक्त दोनों अधिकारियों को कलेक्टर/जिला निर्वाचन अधिकारी के अनुमति के बिना मुख्यालय से अनुपस्थित रहने पर कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिया गया है।

कलेक्टर ने स्वास्थ्य केंद्रों का किया औचक निरीक्षण
Posted Date : 30-Nov-2018 10:11:56 am

कलेक्टर ने स्वास्थ्य केंद्रों का किया औचक निरीक्षण

कोरबा 30 नवम्बर। कलेक्टर मो. कैसर अब्दुल हक ने जिले के कोरकोमा, करतला, कुदमुरा और बरपाली के स्वास्थ्य केंद्रों का आकस्मिक निरीक्षण किया  चुनावी गतिविधियों के बाद विभागीय अवलोकन निरीक्षण और अन्य कामों को पुन: सुचारू रूप से संचालित करने के उद्देश्य से कलेक्टर का यह प्रवास अत्यंत महत्वपूर्ण रहा।  
अपने प्रवास के दौरान कलेक्टर ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर ईलाज की सुविधाओं के लिए अधोसंरचना, मेडिकल उपकरण, डाक्टरों-मेडिकल स्टाफ  सहित आवास व्यवस्था के लिए मकान आदि के बारे में भी जानकारी ली। कलेक्टर ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारियों को निर्देशित किया कि डाक्टरों सहित स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ ए एन एम, स्टाफ  नर्स, लैब टेक्निशियन, बहुउद्देशीय कार्यकर्ता आदि सभी अपने निर्धारित मुख्यालय में रहकर जिलावासियों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करायें। उन्होंने उपस्थित प्रभारी अधिकारियों को कहा कि आगामी निरीक्षण के दौरान किसी भी अधिकारी, कर्मचारी या डाक्टर के बिना उपयुक्त कारण के मुख्यालय से अनुपस्थित पाये जाने पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी। कलेक्टर ने कोरबा शहर में निवास कर रोज आना-जाना करने वाले मेडिकल स्टाफ  को भी निर्धारित मुख्यालय में रहने की हिदायत दी। कलेक्टर मो. हक ने सुपरवाईजर या एल एच वी को सप्ताह में एक बार कम से कम एक उप स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण कर उसके सुचारू संचालन के लिए व्यवस्थाएं देखने के भी निर्देश दिए। इस दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. पी. एस. सिसोदिया भी उपस्थित रहे।
करतला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण के दौरान लैब टेक्निशियन ने कलेक्टर को बताया कि मरीजों के खून आदि की गहन जांच और कुछ विशेष जांच के लिए आटो एनालाईजर की आवश्यकता है, अभी आटो एनालाईजर नहीं होने के कारण जांच के लिए मरीजों को कोरबा शहर के पैथोलाजी लैब भेजना पड़ता है, जिससे मरीजों की परेशानी के साथ-साथ समय पर ईलाज में भी देरी हो जाती हेै। कलेक्टर ने मरीजों के खून आदि की जांच के लिए आटो एनालाईजर उपकरण क्रय करने की स्वीकृति तत्काल दी। आटो एनालाईजर मिल जाने से मरीजों के खून, पेशाब आदि की विशेष जांच भी करतला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हो सकेगी। 

अग्निशमन दस्ता द्वारा महिलाओं को दी गयी प्रशिक्षण
Posted Date : 30-Nov-2018 10:10:34 am

अग्निशमन दस्ता द्वारा महिलाओं को दी गयी प्रशिक्षण

कोरबा 30 नवम्बर । इंडियन ऑयल गोपालपुर के सौजन्य से ग्रामीण प्रान्त की महिलाओं तथा संगवारी पुलिस दस्ता के महिलाओ के लिए उद्योग  विकास के लिए कुशल भारत, कौशल भारत के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमो में सुरक्षा की दृष्टि से प्रशिक्षण दी गई, जिसमें घरेलू गैस द्वारा आग लगने पर आपातकालीन स्थिति  में महिलाएं उस आग पर कैसे काबू पाए इसका प्रशिक्षण दिया गया। 
रेग्युलेटर  तथा गैस पाइप में आग लगा करके उसे गीले क पड़े से बुझाने का तरीका अग्निशमन दस्ता द्वारा इंडियन ऑयल के प्रांगण के समक्ष महिलाओं को प्रशिक्षण दी गई। इस दौरान सहायक कमांडेड  मुख्य प्रचालन प्रबंधक ए के द्विवेदी, श्री चौधरी और दर्री थाना के श्री अनिल अग्रवाल उपस्थित थे। उन्होंने महिलाओं को अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। श्री ए. के. द्विवेदी द्वारा उन लोगो को अग्नि से सुरक्षा की दृष्टि से विभिन्न उपाय बताए गए।

मरीजों से निशुल्क दवा का भी मूल्य वसूला जा रहा
Posted Date : 30-Nov-2018 10:10:06 am

मरीजों से निशुल्क दवा का भी मूल्य वसूला जा रहा

जगदलपुर, 30 नवंबर । छत्तीसगढ़ मेडिकल कार्पोरेशन के द्वारा प्रदेश में स्थित सभी मेडिकल कॉलेजों, शासकीय अस्पतालों व सीएचसी के लिए मरीजों को निशुल्क दवा वितरित किये जाने के लिए प्रदान की जाती है। लेकिन व्यवस्था के संचालकों ने ही इसे अपनी कमाई का जरिया बना लिया है। शासन के द्वारा भेजी जानी वाली इन मुफ्त की दवाईयों को स्मार्टकार्ड के माध्यम से गैरकानूनी रूप से दिया जा रहा है और इसका मूल्य मरीजों को चुकाने के लिए कहा जा रहा है। गरीबी रेखा के मरीजों को तो सुई और ड्रिप्सेट तक खरीदकर लाने के लिए प्रतिदिन कहा जाता है। 
उल्लेखनीय है कि जीवन रक्षक महंगी दवाओं से लेकर जेनिरिक एंटीबायोटिक्स इंजेक्शन व गोलियों को शासन द्वारा निशुल्क दिये जाने के लिए प्रदान किया जाता है। लेकिन स्थानीय मेकॉज ने इन दवाईयों को मरीजों को उपलब्ध नहीं कराया जाता है और यह सिलसिला उस समय समाप्त होता है जब नर्सो द्वारा दवाओं का स्टाक नहीं होने तथा मरीज को बाहर से लाने के लिए कहा जाता है। मजबूरी व विवशता वश मरीज इसे बाहर से खरीदकर लाता ही है। इसीलिए अस्पताल में आने वाली निशुल्क दवाओं को स्मार्टकार्ड धारी मरीजों को एक सीमा तक ही प्रदान किया जाता है। इस संबंध में मरीजों का कहना है कि अस्पताल से कोई दवाई नहीं दी जाती और उनके द्वारा भुगतान किये जाने अथवा स्मार्टकार्ड बताये जाने पर वहीं दवाई सशुल्क मिल जाती है। इस प्रकार का गोरख धंधा बस्तर के ग्रामीण क्षेत्रों से आये हुए मरीजों के साथ चल रहा है, जिससे शासन की छवि प्रभावित हो रही है। 

 नक्सली आतंक से बस्तर में ठप हो गए निर्माण कार्य
Posted Date : 30-Nov-2018 10:08:53 am

नक्सली आतंक से बस्तर में ठप हो गए निर्माण कार्य

जगदलपुर, 30 नवंबर । संभाग के सातोंं जिलों में नक्सली आतंक इतना पसर गया है कि यहां के ठेकेदारों में साफ-साफ बिना सुरक्षा के किसी भी निर्माण कार्य को करने में अपनी असमर्थता प्रदर्शित कर दी है, जिसके कारण निर्माण कार्य ठप हो गये हैं। 
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों चुनाव कार्य में लगे रहे सुरक्षा बलों की व्यवस्तता से क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों को सुरक्षा प्रदान नहीं की जा सकी और इन जिलों में हुए भारी मतदान से नक्सलियों ने इन निर्माण कार्यों को ही अपनी खीझ मिटाने निशाना बनाया। इसका उदाहरण अरणपुर, जगरगुड़ा मार्ग पर काम कर रहे ठेकेदार व उनके मजदूरों पर नक्सली धावा से सामने आया और अब ठेकेदारों ने यहां आगे काम करने से मना कर दिया है। इसी प्रकार दंतेवाड़ा जिले के नीलवाया में एक निर्माणाधीन सडक़ पर नक्सलियों के प्रहार से तीन जवानों सहित मिडियाकर्मी की भी मौत से कार्य ठप हो गया है। क्षेत्र में इस प्रकार दर्जनों विकास की संवाहक सडक़ों का निर्माण बंद हो गया है। अब जानकारी के अनुसार पुन: कार्य शुरू करने के लिए सुरक्षा बलों की सुरक्षा इन निर्माण कार्यों को प्रदान करने की तैयारी की जा रही है और 20 नवंबर के बाद इनका निर्माण शुरू हो सकेगा। 

बस्तर के नक्सली एवं अंदरूनी क्षेत्रों में आज भी नहीं मिलता मोबाईल नेटवर्क
Posted Date : 30-Nov-2018 10:08:00 am

बस्तर के नक्सली एवं अंदरूनी क्षेत्रों में आज भी नहीं मिलता मोबाईल नेटवर्क

जगदलपुर, 30 नवम्बर । दूर संचार विभाग सहित दूर संचार की दूसरी निजी कंपनियों  द्वारा मोबाईल सेवा प्रदान करने के लिए भले ही लाख उपाय किये जा रहे हैं लेकिन आज भी बस्तर के दूरस्थ व पहुंचविहीन क्षेत्रों में नेटवर्क प्राप्त करना बड़ी ही समस्या बन गया है। 
प्राप्त जानकारी के अनुसार कांगेर घाटी का क्षेत्र भी ऐसा ही है जहां दूरस्थ स्थानों पर और दूर बसे हुए गांवों की आबादी को नेटवर्क नहीं मिलता और उन्हेें अपने मोबाईल से बात करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। इन गांवों के लोगों को या तो गांव से बाहर आकर किसी उंचे वृक्ष पर चढक़र बात करना पड़ता है या किसी उंची पहाड़ी पर चढक़र नेटवर्क मिलने से बात करने की इच्छा उनकी पूर्ण हो पाती है।
उल्लेखनीय है कि ऐसा ही एक गांव कावापाल कांगेर घाटी में तीरिया वनग्राम के पास बसा हुआ है। यहां से उसकी दूरी 50 किलोमीटर के करीब है, लेकिन इस ग्राम तक सहज ही जाना मार्ग की बिगड़ी स्थिति से संभव नहीं है और इसी गांव में तथा इसके आसपास स्थित अन्य गांवों में उन्हें किसी प्रकार की सूचना देने अथवा जानकारी प्रदान करने के लिए गांव  से बाहर आकर किसी वृक्ष में चढऩे की कसरत करनी पड़ती है, उसके बाद ही वह सूचना दूसरी जगह पहुंच पाती है । वर्षा काल में स्थिति नेटवर्क के गायब रहने से और अधिक बिगड़ जाती है, तब उन्हें अपने गांव से मोटर साइकल से करीब 25 किलोमीटर बाहर आकर सूचना या जानकारी देनी पड़ती है। इस प्रकार ऐसे अनेकों गांव हैं, जहां नेटवर्क आज भी नहीं पहुंच सका है।