छत्तीसगढ़

हाई वोल्टेज लाइन का टावर गिरा, एक दिन बाद भी नहीं पहुंचे अधिकारी
Posted Date : 06-Dec-2018 1:01:27 pm

हाई वोल्टेज लाइन का टावर गिरा, एक दिन बाद भी नहीं पहुंचे अधिकारी

बिलासपुर, 06 दिसंबर ।  दर्राभाठा-दवनडीह के बीच मंगलवार की रात हाई वोल्टेज लाइन का टार गिर गया। ट्रांसमिशन कंपनी के अधिकारी क्षतिग्रस्त हुए टावर को सुधार करने दूसरे दिन भी नहीं पहुंचे। इससे आसपास के ग्रामीणों में दहशत रही। एनटीपीसी के अधिकारियों ने अस्थाई रूप से जमीन में गिरी लाइन को उठा दिया है।
छत्तीसगढ़़ पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने सीपत एनटीपीसी पावर प्लांट से बिजली लेने के लिए 180 केवी लाइन बिछाई है। मंगलवार की रात सीपत क्षेत्र के दर्राभाठा और दवनडीह के बीच स्थित एक टावर गिर गया। टावर गिरने व हाई वोल्टेज करेंट में स्पार्किंग की तेज आवाज से ग्रामीणों डर गए। इसके अलावा गई घरों मेंबिजली के उपकरण खराब हो गए। गिरे टावर के आसपास करेंट फैलने की आशंका में ग्रामीण दहशत में आ गए। रात को ही इसकी जानकारी एनटीपीसी और बिजली कंपनी के अधिकारियों को दी गई। एनटीपीसी के अधिकारियों ने सुरक्षा की दृष्टि से अपने कर्मचारियों को तैनात किया। इसके अलावा ट्रांसमिशन कंपनी को बिजली सप्लाई बंद करा दी गई। जबकि हाई वोल्टेज टावर गिरने की सूचना मिलने के दूसरे दिन भी ट्रांसमिशन कंपनी के अधिकारी सुधार करने नहीं पहुंचे। बाद में एनटीपीसी ने जमीन में गिरे तार को अस्थाई व्यवस्था कर ऊपर उठाया है।
पास में चल रहा वेस्टवेयर का निर्णय
ट्रांसमिशन लाइन के टावर को काफी मजबूत बनाया जाता है। यह आसानी से क्षतिग्रस्त नहीं होता है। ग्रामीणों के अनुसार एनटीपीसी द्वारा टावर के पास ही वेस्टवेयर का निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिए बड़े बोल्डर गिराए जा रहे हैं। इसके कारण ही टावर के कमजोर होकर गिरने की आशंका जताई जा रही है।
बिजली आपूर्ति नहीं हुई प्रभावित
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी ने बताया कि ट्रांसमिशन कंपनी के टावर गिरने से सीपत क्षेत्र में बिजली आपूर्ति प्रभावित नहीं हुई है। उनकी कोई लाइन क्षतिग्रस्त नहीं हुई है। बिजली कंपनी के अधिकारी मौके में जाकर निरीक्षण किया है। टावर का सुधार कार्य ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा किया जाएगा।

 जस्टिस नियुक्ति के लिए भेजे गए तीन नामों को कॉलेजियम ने लौटाया
Posted Date : 06-Dec-2018 12:59:37 pm

जस्टिस नियुक्ति के लिए भेजे गए तीन नामों को कॉलेजियम ने लौटाया

बिलासपुर, 06 दिसंबर । सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जस्टिस के पद पर नियुक्त करने भेजे गए तीन वकीलों के नाम को दूसरी बार लौटा दिया है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने पदभार संभालते ही देशभर के उच्च न्यायालयों में जजों के रिक्त पदों को भरने के लिए नाम मंगाए थे।
इसके तहत छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने अधिवक्ता अभिषेक कुमार सिन्हा, आशीष कुमार श्रीवास्तव व सुनील पिल्लई के नाम की अनुशंसा की थी। सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई, जस्टिस मदन बी. लोकुर व जस्टिस एके सिकरी के कॉलेजियम ने तीनों नाम पर फिर से विचार करने छत्तीसगढ़ के सीजे के पास भेजा है।
इससे पहले हाईकोर्ट की कॉलेजियम ने तीन मई 2017 को भी जस्टिस नियुक्ति के लिए कई नाम भेजे थे। इस पर सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने बेंच कोटे से दो व बार कोटे से एक जस्टिस की नियुक्ति को स्वीकृति दी थी। वहीं इन तीनों का नाम पुनर्विचार के लिए लौटा दिया था।

हवा के रूख में बदलाव, आसमान में छाए बादलों ने रोकी ठंड
Posted Date : 06-Dec-2018 12:56:56 pm

हवा के रूख में बदलाव, आसमान में छाए बादलों ने रोकी ठंड

रायपुर, 06 दिसंबर । राज्य में एक बार फिर से मौसम के मिजाज में तब्दीली दर्ज की जा रही है। हवा की दिशा में आए बदलाव के बाद ठंड काफी हद तक कम हो गई है, वहीं निकट भविष्य में बदली-बारिश का भी अंदेशा जताया जा रहा है। 
मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में उत्तर भारत से आ रही सर्द हवा का असर इस समय काफी कम हो गया है। इसकी प्रमुख वजह बंगाल की खाड़ी की ओर से आ रही नमीयुक्त हवा है। बंगाल की खाड़ी में मची हलचल और दक्षिण भारत की तरफ से बनने वाले सिस्टम के असर से खाड़ी में भी हलचल बनी हुई है। इसके अलावा उत्तर भारत की ओर से आने वाली हवा का रूख भी बदला हुआ है। यही वजह है कि उत्तर की सर्द हवा का जोर कम होने, खाड़ी से नमीयुक्त हवा आने और आसमान में छाए बादल की वजह से राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के अधिकांश इलाकों में ठंड का असर कम हुआ है और तापमान में 1 से 2 डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई है। मौसम विभाग की माने तो दक्षिण भारत की ओर बन रहे सिस्टम के निकट भविष्य में खाड़ी की ओर बढऩे और इसका सबसे ज्यादा असर छत्तीसगढ़ में पडऩे की संभावना बनी हुई है। यदि ऐसा हुआ तो आने वाले एक सप्ताह के भीतर प्रदेश में ठंड का असर इसी तरह से कम बना रहेगा। इसके अलावा प्रदेश की राजधानी रायपुर सहित दक्षिणी छत्तीसगढ़ के साथ अन्य शहरों में बदली-बारिश की संभावना बढ़ जाएगी। बहरहाल ठंड कम होने के साथ ही दिन के साथ ही रात के तापमान में भी हल्की से वृद्धि महसूस की जा रही है। 

दो राइस मिलो को प्रशासन ने किया ब्लैक लिस्टेड, बिजली कनेक्शन काटने के दिये आदेश
Posted Date : 06-Dec-2018 12:56:09 pm

दो राइस मिलो को प्रशासन ने किया ब्लैक लिस्टेड, बिजली कनेक्शन काटने के दिये आदेश

जशपुर, 06 दिसंबर । वर्ष 2018-19 के लिए जिले में कुल 28 मिलों का पंजीकरण कर अनुमति प्रदान किया गया है। तथा दो मिल के द्वारा  पंजीयन नहीं किए जाने पर मिल का विद्युत कनैक्शन काटने के निर्देष जारी करते हुए काली सूची में इन दो मिलों को दर्ज कर दिया गया है।खाद्य अधिकारी ने बताया कि खरीफ विपणन 2017-18 में पंजीकृत जय बालाजी राईस मिल एवं मित्तल ट्रेडिंग कंपनी पत्थलगांव द्वारा वर्तमान वर्ष 2018-19 के लिए पंजीयन नहीं कराए जाने पर उक्त दोनों मिलों को आवष्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 7 के तहत् कार्यपालन अभियंता, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मण्डल पत्थलगांव को कनैक्शन काटने का निर्देष जारी किया गया है।

बालको कर्मियों को यूनिफार्म पहनने के लिए बाध्य करना अवैधानिक: श्रमिक संघ
Posted Date : 06-Dec-2018 12:53:35 pm

बालको कर्मियों को यूनिफार्म पहनने के लिए बाध्य करना अवैधानिक: श्रमिक संघ

कोरबा 6 दिसम्बर । बाल्को कर्मियों के लिए ड्रेस कोड जारी करने के बाद उसे अनिवार्य रूप से धारण करने के लिए ई.मेल जारी करने से श्रमिक संघ एवं प्रबंधन में ठन गई है। यूनिफ ार्म नहीं पहनने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। इस पर यूनियन नेताओं ने कहा कि असुविधाजनक यूनिफ ार्म देकर जबरन पहनने के लिए बाध्य करना असंवैधानिक है। समझौता के मुताबिक कर्मियों को यूनिफ ार्म की छूट दी जानी चाहिए।
बाल्को में कार्यरत कर्मियों के यूनिफ ार्म के लिए पहले प्रबंधन द्वारा कपड़ा एवं सिलाई भत्ता प्रदान किया जाता था। इससे कर्मचारी अपनी सुविधा अनुसार कपड़ा सिला कर पहनते थे। बताया जा रहा है कि प्रबंधन अब ड्रेस कोड जारी कर ड्रेस भी उपलब्ध करा रही। कर्मियों का कहना है कि प्रदान किया गया ड्रेस पहनने में असुविधाजनक हैए साथ ही प्रिटिंग भी सही नहीं है। इस पर श्रमिक संघ प्रतिनिधियों ने प्रबंधन के समक्ष आपत्ति करते हुए समझौता मुताबिक नियम लागू करने की मांग की, पर प्रबंधन ने ई.मेल जारी कर यूनिफ ार्म नहीं पहनने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है। इस पर भारत एल्यूमिनियम मजदूर संघ इंटक ने कड़ी आपत्ति जताते हुए सीईओ को पत्र लिखा है। संघ ने कहा है कि प्रबंधन ने यूनिपफार्म उपलब्ध कराया है, वह करारनामे के तहत नहीं है। इसकी सूचना प्रबंधन को पत्र के अलावा मौखिक तौर पर बैठक के दौरान अवगत कराया गया, बावजूद उचित निर्णय नहीं लिया गया। संघ के महासचिव जयप्रकाश यादव ने कहा है कि संघ के साथ हुए पंजीकृत करारनामे 14.1 से 14.5 में स्पष्ट उल्लेख किया है कि यूनिफ ार्म हेतु कपड़ा एवं सिलाई भत्ता प्रत्येक कर्मचारियों को दिया जाएगा। प्रबंधन द्वारा करारनामे का पालन किए बिना असुविधाजनक यूनिफ ार्म सुरक्षा का हवाला देकर कर्मचारियों को लेने हेतु बाध्य किया जा रहा हैए उन्होंने कहा कि प्रबंधन जारी किए गए मेल को तत्काल निरस्त करते हुए कर्मचारियों को 15 दिवस के भीतर करारनामे के अनूरूप यूनिफ ार्म का कपड़ा उपलब्ध कराए। अन्यथा संघ को मजबूर होकर आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेगा।

स्टील प्लांट से उत्पादित माल भेजने चोकावाड़ा तक बिछायी जाएगी रेलवे लाईन
Posted Date : 06-Dec-2018 12:52:08 pm

स्टील प्लांट से उत्पादित माल भेजने चोकावाड़ा तक बिछायी जाएगी रेलवे लाईन

जगदलपुर, 06 दिसंबर। किरंदुल-कोत्तावालसा रेललाइन में चोकावाड़ा से नगरनार स्टील प्लांट तक नई रेललाइन बिछाई जाएगी। इसके लिए चोकावाड़ा में पहले न्यू ब्लाक स्टेशन बनाया जाएगा। यहीं से करीब तीन किलोमीटर लंबी रेललाइन स्टील प्लांट तक जाएगी। इस मार्ग से स्टील प्लांट के लिए विशाखापट्टनम की ओर से आने वाला माल स्टील प्लांट तक लाया जाएगा और पक्का माल स्टील भेजा जाएगा। 
विदित हो कि आमागुड़ा स्टेशन से एक रेललाइन स्टील प्लांट तक के लिए बिछाई जा चुकी है। चोकावाड़ा से स्टील प्लांट को जोडऩे वाली रेललाइन दूसरी साइडिंग का काम करेगी। आमागुड़ा-नगरनार रेललाइन से बैलाडीला से आने वाला लौह अयस्क स्टील प्लांट तक पहुंचाया जाएगा। जब तक चोकावाड़ा-नगरनार रेललाइन का निर्माण नहीं होता है तब तक इसी आमागुड़ा-नगरनार रेललाइन से कच्चा और पक्का दोनों माल का परिवहन किया जाएगा। तीन मिलियन टन सलाना उत्पादन क्षमता के एनएमडीसी के ऑयरन एंड स्टील प्लांट के लिए हर साल करीब दस से बाहर मिलियन टन कच्चे माल की जरूरत को देखते हुए पर्याप्त संख्या साइडिंग के निर्माण की रूपरेखा बनाई गई है। स्टील प्लांट के अंदर करीब 52 किलोमीटर लंबाई की रेललाइनों का निर्माण अंतिम चरण में है। एनएमडीसी स्टील प्लांट के सूत्रों के अनुसार स्टील प्लांट से संबंधित रेललाइन प्रोजेक्ट पर करीब पांच सौ करोड़ रूपये की लागत आने की संभावना है।