छत्तीसगढ़

बारिश बंद होते ही किसान जुटे धान मिंजाई में
Posted Date : 28-Dec-2018 12:33:53 pm

बारिश बंद होते ही किसान जुटे धान मिंजाई में

जगदलपुर, 28 दिसंबर ।  अंचल के किसान इन दिनों जोर-शोर से धान ङ्क्षमंजाई के कार्य में जुट गये हैं। हालांकि अब अधिकांश किसान थे्रशर से ही धान की मिंजाई कर रहे हैं, क्योंकि इससे किसानों के समय की बचत होने के साथ-साथ खर्च भी कम होता है। ज्ञात हो कि सप्ताह भर पूर्व की धान की मिंजाई करना शुरू किये थे, लेकिन बेमौसम बारिश के कारण बंद करना पड़ा था। वहीं इसके पूर्व किसान विस चुनाव के परिणाम आने का इंतजार कर रहे थे, क्योंकि कांग्रेस ने किसानों के साथ कर्जा माफी का वादा किया था।
गौरतलब है कि बस्तर के किसान धान कटाई करने के बाद उसे खलिहानों तक पहुंचाकर कू पा बनाकर रखते हैं। इसके बाद मिंजाई करते हैं। इस वर्ष किसान धान की मिंजाई करना शुरू किये थे और चक्रवात के प्रभाव से दो दिनों तक लगातार बारिश हुई थी। जिससे किसानों को धान मिंजाई बंद करना पड़ा। वहीं बारिश के कारण अब किसानों का धान भी खराब हो रहा है, क्योंकि बारिश में धान भीगने के साथ जमीन में अधिक नमी होने के कारण धान अंकुरित भी हो रहे है। जिसके कारण किसान अब जल्द से जल्द धान मिंजाई करने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं धान विक्रय करने वाले किसानों के पास भी अब मात्र एक माह का ही समय शेष रह गया है।

अब तक 3971 किसानों के बैंक खाते में 14.52 करोड़ रूपए जमा
Posted Date : 28-Dec-2018 12:31:16 pm

अब तक 3971 किसानों के बैंक खाते में 14.52 करोड़ रूपए जमा

० प्रदेश सरकार ने कर्जमाफ ी की घोषणा पर की त्वरित कार्रवाई 
धमतरी, 28 दिसंबर ।  प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी घोषणाओं पर अमल करते हुए किसानों के कृषि ऋण माफ करने त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी तारतम्य में 27 दिसम्बर से अब तक जिले के तीन हजार 971 किसानों के बैंक खातों में कुल 14 करोड़ 52 करोड़ 85 हजार रूपए जमा हो चुके हैं। कलेक्टर डॉ. सी.आर. प्रसन्ना ने बताया कि कल से किसानों के बैंक खातों में राशि जमा होने की प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है तथा यह शासन द्वारा निर्धारित नियमों के दायरे में आने वाले शत-प्रतिशत किसानों की कर्जमाफी तक जारी रहेगी। 

विभागों के विभाजन के बाद मंत्रिमंडल के सदस्यों को बंगलों का आबंटन आज-कल में
Posted Date : 28-Dec-2018 12:29:45 pm

विभागों के विभाजन के बाद मंत्रिमंडल के सदस्यों को बंगलों का आबंटन आज-कल में

रायपुर, 28 नवंबर ।  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंत्रिमंडल का विस्तार के बाद सभी मंत्रियों को विभागों की जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है लेकिन अभी तक मंत्रियों को बंगलों का आबंटन नहीं किया गया है। यहां तक की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी अभी तक मुख्यमंत्री निवास में रहने नहीं पहुंचे है वे अस्थायी रूप से राज्य अतिथि गृह पहुना में निवास कर रहे है। संभावना जतायी जा रही है कि एक-दो दिन में मंत्रियों को बंगलें आबंटित कर दिए जाएंगे। 
मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों को अभी तक बंगलों का आबंटन नहीं किया गया है। जिसके चलते अभी तक मंत्री बंगलों में शिफ्ट नहीं हो पाये है। स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी अभी तक मुख्यमंत्री निवास में शिफ्ट नहीं हुए है। वे अस्थायी रूप से राज्य अतिथि गृह में ही निवास कर रहे है। हालांकि मंत्रियों में लोक निर्माण मंत्री बने ताम्रध्वज साहू को पूर्व मंत्री राजेश मूणत का बंगला आबंटित किये जाने की खबर है। वहीं पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर का बंगला को पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को आबंटित किया गया है। हालांकि मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों को भी जल्द ही बंगलें उनके पसंद के अनुरूप आबंटित किए जा सकते है। बंगले आबंटित करने से पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों के सभी बंगलों का रंग-रोगन कर उन्हें सजाया जा रहा है। एक-दो दिनों के भीतर मंत्रियों को बंगले आबंटित किए जाने की संभावना है। जिसके बाद मंत्री बंगलों में शिफ्ट हो जाएंगे। हालांकि संभावना यहीं जतायी जा रही है कि मंत्रियों में कुछ मंत्री ही सहपरिवार रायपुर में शिफ्ट होंगे। क्योंकि इससे पहले भी भाजपा शासन काल में कुछेक मंत्री ही अपने परिवार सहित रायपुर के बंगलों में शिफ्ट हुए थे। शेष मंत्रीगण रायपुर आगमन पर ही अपने बंगलों में रूकते थे।

 अजय चंद्राकर नहीं देंगे इस्तीफा, कहा-किसानों को लिंकिंग का पैसा वापस करना कर्ज माफी नहीं
Posted Date : 28-Dec-2018 12:26:59 pm

अजय चंद्राकर नहीं देंगे इस्तीफा, कहा-किसानों को लिंकिंग का पैसा वापस करना कर्ज माफी नहीं

0-सीधे किसानों का कर्जा माफ करे सरकार, परिभाषा में न पड़ें
रायपुर, 28 दिसंबर ।  किसानों के कर्ज माफी के बाद भाजपा के विधायक अजय चंद्राकर ने इस्तीफा देने से इंकार करते हुए साफ कर दिया है कि लिंकिंग का पैसा वापस करना, यह कर्ज माफी नहीं है, इसलिए इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता। 
विधानसभा चुनाव के पूर्व कांग्रेस ने वायदा किया था कि यदि कांग्रेस की राज्य में सरकार बनती है तो कांग्रेस दस दिनों के भीतर किसानों का कर्जा माफ कर देगी। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस स्पष्ट बहुमत से जीती और सत्तासीन भाजपा की बुरी तरह से पराजय हो गई। इसके बाद कांग्रेस सरकार ने किसानों के कर्ज माफी का आदेश जारी किया और वर्तमान समय तक 1248 करोड़ रूपए का कर्जा माफ हो चुका है, राज्य शासन चरणबद्ध ढंग से किसानों का कर्जा माफ कर रही है। इधर किसानों के कर्ज माफी पर कुरूद से भाजपा के विधायक और प्रदेश में कद्दावर मंत्री रहे अजय चंद्राकर ने दावा किया था कि यदि कांग्रेस सरकार किसानों का कर्जा माफ कर देगी तो वे विधायकी छोड़ (इस्तीफा) देंगे। मगर अब विधायक अजय चंद्राकर ने इस्तीफा देने से इंकार करते हुए कहा कि यह कर्जा माफी नहीं है, लिहाजा इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता। एक निजी चैनल को दिए अपने बयान में श्री चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस का कोई भी समझदार नेता उन्हें, कांग्रेस का कॉपर्रेटिव मिनिस्टर बताए कि राज्य शासन ने कितना पैसा बैंक को दिया, बैंक से कितना पैसा सोसायटियों में गया। सोसायटियों से एक पत्र जारी कर कहना कि लिंकिंग का पैसा किसानों के खातों में जमा कर दो, यह ऋण माफी नहीं है। छत्तीसगढ़ के किसान इस बात को समझते हैं, अभी भी सोसायटियों के खातों को देखें तो किसान ऋणी दिख रहा है। जब तक, बैंक को सरकार पैसा नहीं देगी कि यह अल्पकालीन, मध्यकालीक या दीर्घकालीक ऋण जो ऋण माफी योजना है उसके तहत इतना पैसा दिया जाता है, तब तक वो ऋण माफी नहीं मानी जाती। कागजों में है कि यह पैसा किसानों को वापस करो और इसे हम अच्छे से समझते हैं। रहा सवाल मेरे इस्तीफे का तो, तो मैंने पहले भी कहा है कि दस दिनों में ऋण माफ हो तो इस्तीफा दूंगा, आज भी कहता हूं कि बैंक पैसा वापस करे, लिंकिंग का यह ऋण माफी नहीं है और सहकारिता आंदोलन इससे समाप्त होगा। बैंक को कितने दिनों में राज्य शासन पैसा देगी कितने पैसे में देगी कितना ब्याज में देगी? पहले यह स्पष्ट हो जाए। यह तो बैंकों और सोसायटियों को दिवालिया करने की कोशिश हो रही है। ईमानदारी से जो वायदा है कर्जा माफी का, वो कर्जा माफी इतने पैसों का हो, इसमें कोई अल्पकालीन, कोई मध्यकालीक या दीर्घकालीक की बात न हो। कांग्रेस ने कर्ज माफी की बात कही है, वे परिभाषा में न पड़ें। 

नक्सली स्वीकारोक्ति, सरकारी प्रयासों और पुलिस बलों की तैनाती से कमजोर हुआ संगठन
Posted Date : 28-Dec-2018 12:26:07 pm

नक्सली स्वीकारोक्ति, सरकारी प्रयासों और पुलिस बलों की तैनाती से कमजोर हुआ संगठन

० दंतेवाड़ा पुलिस के हाथ लगा शीर्ष नक्सली नेता बसवराजू का पत्र
दंतेवाड़ा, 28 दिसंबर ।  दंतेवाड़ा एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि साल में एक बार नक्सल शीर्षस्थ नेता सर्कुलर जारी करते हैं, जुलाई अंत में यह सर्कुलर नक्सल नेता बसवराजू ने जारी किया है जो हमारे हाथ लगा है। इस बार 35 पन्नों का सर्कुलर है, हर पाइंटस में इनकी चिंता साफ  झलक रही है। शिक्षा, कृषि, महिलाओं के लिए काम हुए हैं, निश्चित तौर पर इनका संगठन कमजोर पड़ गया है व इन्हें बड़ा झटका लगा है। 
नक्सल नेता बसवराजू ने अपने एसी, पीपीसी सदस्यों के लिए जारी सर्कुलर में सरकार की नीतियों और खुद की कमजोरियों का उल्लेख किया है। 35 पन्नों के जारी इस सर्कुलर में करीब 10 पेज छत्तीसगढ़ व ढाई पेज सिर्फ  दंतेवाड़ा के लिए ही है। यह सर्कुलर हाल ही में पुलिस को मिला है, जिसकी पुलिस समीक्षा कर रही है। नक्सली नेता ने माना है कि शिक्षा, कृषि, रोजगार व स्वरोजगार के लिए तेजी से काम हुए हैं। इन कामों ने नक्सल संगठन की सबसे ज्यादा चिंता बढ़ाई है। यह चिंता संगठन के शीर्षस्थ नेता बसवराजू के महासचिव पद की कमान संभालने के बाद जारी किए सर्कुलर में स्पष्ट तौर पर दिख रही है। 
श्री पल्लव ने बताया कि नक्सली पत्र में उल्लेख है कि नवंबर 2017 से मई 2018 के बीच छत्तीसगढ़ में 16 नए कैंप स्थापित किए गए हैं, इतने बड़े पैमाने पर बलों को तैनात करने के बाद भी इसे पर्याप्त बल नहीं मानते हुए और मांग की जा रही है। मई 2017 से मार्च 2018 तक 126 नक्सल प्रभावित जिलों में 44 जिले मुक्त हो गए हैं। अत्यधिक नक्सल प्रभावित 35 जिलों में से 5 उस श्रेणी से बाहर हो गए हैं। 44 जिले नक्सल मुक्त होने के कारण नक्सलवादी आंदोलन से प्रभावित इलाके सीमित हो गए हैं। सर्कुलर में इस बात का भी जिक्र है कि जहां नक्सली कमजोर हुए हैं, वहां केंद्र व राज्य सरकारें अभी तक तैनात केंद्रीय अद्र्ध सैनिक व राज्यों के बलों को उनके साथ उन जिलों में तैनात आईपीएस व अन्य पुलिस अधिकारियों को आंदोलन मजबूत करने तबादला कर रही है।
एसपी ने बताया कि पत्र में यह भी लिखा गया है कि देश भर में पिछले डेढ़ साल में 305 नक्सली मारे गए हैं, जिनमें केंद्रीय कमेटी के सदस्य कुप्पु देवराज, पश्चिमी घाटियों के स्पेशल जोनल कमेटी सदस्य, अजिता, डीसी, जेडसी, डीवीसी, सीवाईपीसी के 10, सब जोनल कमेटी के 5, एसी, पीसीसी स्तर के 56, पार्टी के दो सदस्य पीएलजीए के 29 सदस्य, स्थानीय संगठन के 44 जिसमें 10 कार्यकर्ता, मिलिशिया के 34 कार्यकर्ता शामिल हैं। 

अब सस्ती कीमत पर सोलर पंप लगाकर किसान कर सकेंगे सिंचाई
Posted Date : 28-Dec-2018 12:24:37 pm

अब सस्ती कीमत पर सोलर पंप लगाकर किसान कर सकेंगे सिंचाई

जगदलपुर, 28 दिसंबर ।   सौर सुजला योजना के तहत यहां के किसानों को इस वर्ष 1200 ये अधिक सोलर पंप लगाने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए इसके मूल्य में भारी कमी करते हुए किसानों को सोलर पंप लगाकर सिंचाई करने का प्रयास किया गया है। नये सोलर पंप लगाकर अपने खेतों में सिंचाई की सुविधा से किसान हर सीजन में खेती कर अतिरिक्त लाभ प्राप्त कर सकते हैं और अपने तथा अपने परिवार सहित अंचल में समृद्धि का प्रवाह कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष 1248 सोलर पंप बस्तर जिले के विभिन्न विकास खंडों में स्थापित किये गये। इस योजना को प्रदेश सरकार का ऊर्जा मंत्रालय के अधिन राज्य विकास एजेंसी द्वारा संचालित किया जा रहा है। सौर सुजला योजना के तहत पात्र किसानों का चयन कृषि विभाग करता है और किसान अपने खेतों में क्रेड़ा द्वारा पंप लगवाने के बाद खेतों में सिचांई कर सकता है। वर्ष 2017-18 में कुल 1248 सोलर पंप जिले के विभिन्न विकास खंडों में लग चुके हैं और अभी 135 सोलर पंप स्थापित किये जाने का काम चल रहा है। इस प्रकार इस वर्ष 1200 सोलर पंप लगाने का लक्ष्य है। जिसे इस वर्ष सरलता से प्राप्त कर लिये जाने की संभावना है। इसका कारण यह है कि पंप का मूल्य कम है और किसानों की रूचि इस ओर बढ़ रही है। 
सुधीर जैन