छत्तीसगढ़

प्रदेश में नये थाने ग्रामीणों की सहूलियत के अनुसार खोले जायें : ताम्रध्वज साहू
Posted Date : 03-Jan-2019 1:10:03 pm

प्रदेश में नये थाने ग्रामीणों की सहूलियत के अनुसार खोले जायें : ताम्रध्वज साहू

0 गृहमंत्री ने पुलिस मुख्यालय में ली पुलिस अधिकारियों की बैठक
रायपुर, 03 जनवरी । गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने पुलिस मुख्यालय, अटल नगर, रायपुर में बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और रायपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षकों एवं पुलिस अधीक्षकों की बैठक ली। गृह मंत्री के पुलिस मुख्यालय आगमन पर पुलिस महानिदेशक डी. एम. अवस्थी, महानिदेशक आर. के. विज. और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम ने गुलदस्ता भेंटकर उनका स्वागत किया। पुलिस मुख्यालय में छत्तीसगढ़ शसस्त्र बल की टुकड़ी द्वारा गृह मंत्री को सलामी दी गई। 
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने बैठक में अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह एक संक्षिप्त रूप से परिचयात्मक बैठक है। उन्होंने कहा कि राज्य की ग्रामीण जनता बहुत सीधे और सरल स्वभाव की है। पुलिस अधिकारी अपने स्वभाव में थोड़ा सा परिवर्तन लाकर आम जनता का विश्वास जीत सकते हैं और जनता मन से पुलिस का सम्मान करेगी। गृह मंत्री ने कहा कि नये थाने प्रारंभ करते समय जनता की सहूलियत और पुलिस की सुविधा का ध्यान रखा जाये। प्रदेश में कई ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं जहां से अन्य पुलिस थानों की दूरी नजदीक है जबकि अधिसूचित थाने की दूरी काफी दूर हो जाती है। उन्होंने थाना और चौकी क्षेत्रों का परीसिमन एवं आवश्यकता की समीक्षा करने के निर्देश दिये। गृह मंत्री ने कहा कि ग्रामीण जन थाने में अपनी शिकायत लेकर बहुत उम्मीदों के साथ आते हैं थाने के कर्मचारियों को प्राथमिकी दर्ज करने और उनकी समस्याओं का निराकरण करने में मर्यादित व्यवहार करना चाहिए ताकि उन्हें निराशा ना हो। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि पुलिस के आधुनिकीकरण की बात हो अथवा पुलिस कर्मचारियों के आवास तथा उनके कल्याण के कार्यों के लिये शासन स्तर पर हर संभव राशि उपलब्ध कराई जायेगी। साहू ने आशा व्यक्त किया कि पुलिस कुछ अच्छा काम करेगी जिससे आम जनता को भी खुशी होगी।
पुलिस अधिकारी बिना किसी दबाव के विधि सम्मत कार्य करें: डीजीपी
पुलिस महानिदेशक डी. एम. अवस्थी ने रेंज और जिलों से आये पुलिस महानिरीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों तथा सेनानियों को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस में हर व्यक्ति की भुमिका महत्वपूर्ण होती है, परंतु जिले में पुलिस अधीक्षक की भुमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। पुलिस थानों में कार्यरत छोटे कर्मचारी ग्रामीण जनो के सीधे संपर्क में रहते हैं अत: पुलिस अधीक्षक इन कर्मचारियों से भी बातचीत करें और बिना किसी दबाव में आये विधि सम्मत कार्य करें। ‘‘विश्वसनीय पुलिस और मजबूत पुलिस’’ की कार्य योजना के अनुरूप विजन डॉक्युमेंट में गाईड लाईन अन्लिमिटेड है। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप और गृहमंत्री के मार्गदर्शन में हमें छत्तीसगढ़ पुलिस को मॉडल पुलिस के रूप में तैयार करना है। 
उन्होंने कहा कि यदि किसी कर्मचारी की समस्या का निराकरण जिला स्तर अथवा रेंज स्तर पर हो जाता है तो उसे पुलिस मुख्यालय तक आने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए, आप सभी अधिकारियों को सप्ताह में एक दिन अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से मिलने और बातचीत करने का समय निर्धारित करना चाहिए। पुलिस अधीक्षक को जनता के बीच लीडरशीप के रूप में स्थापित रखना चाहिए। जिला पुलिस अधीक्षक जिले के लिए एक कुशल प्रबंधक भी होता है। पुलिस अधीक्षक बहुत महत्वपूर्ण पद होता है उसे अपराध की विवेचना, अपराधी को पकडऩा न्यायिक व्यवस्था के तहत उसे सजा दिलाना और इन सभी प्रक्रियाओं की मॉनिटरिंग भी करना चाहिए। अवस्थी ने कहा कि पुलिस अधीक्षकों को एक आम नागरिक की तरह अपने थानों में जाकर वहां की गतिविधियों और वातावरण का अवलोकन करना चाहिए और देखना चाहिए कि हमारे पुलिस के अधिकारी, कर्मचारी आमजनो से कैसा व्यवहार कर रहे हैं, उन्हें ग्रामीण अंचलों में एवं यातायात बाधित होने वाले स्थानों पर भी आम नागरिक के रूप में जाकर अनुभव करना चाहिए और समस्या का निराकरण भी करना चाहिए। अवस्थी ने राज्य के सभी बटालियनों से आये सेनानियों को संबोधित करते हुए कहा कि, सेनानी अपने बटालियन का मुखिया होता है उसको अपने अधीनस्थ समस्त अधिकारी और कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण अपने स्तर पर करना चाहिए। 
बैठक में महानिदेशक आर. के. विज, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अरूण देव गौतम ने अपनी-अपनी शाखाओं से संबंधित महत्वपूर्ण कार्य योजना और उनके क्रियान्वयन के संबंध में पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया। बैठक में बिलासपुर, सरगुजा और रायपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सर्व हिमांशु गुप्ता, प्रदीप गुप्ता और दीपांशु काबरा ने अपने-अपने रेंज से संबंधित जानकारियां दी।

चावल उपार्जन में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश : खाद्यमंत्री
Posted Date : 03-Jan-2019 1:08:35 pm

चावल उपार्जन में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश : खाद्यमंत्री

0-धान संग्रहण केन्द्रों से धान के उठाव के लिए परिवहन व्यवस्था को सुधारने के भी निर्देश
रायपुर, 03 जनवरी । खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मोहम्मद अकबर ने अधिकारियों को धान संग्रहण केन्द्रों में खरीदे गये धान के परिवहन के लिए प्रभावी व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि धान संग्रहण केन्द्रों में धान का उठाव जल्द से जल्द से होना चाहिए ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। अकबर कल देर रात यहां मंत्रालय में आयोजित बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने विभाग की सभी योजनाओं और कार्यक्रमों के  क्रियान्वयन के तौर-तरीकों की बारिकी से जानकारी ली। अकबर ने हर योजना और कार्यक्रम के संबंध में अधिकारियों से व्यापक चर्चा की। खाद्य विभाग के विशेष सचिव मनोज सोनी ने बैठक में कम्प्यूटर आधारित प्रस्तुतिकरण के जरिये सभी योजनाओं के बारे में बताया। खाद्य मंत्री ने बैठक में कस्टम मिलिंग से चावल उपार्जन व्यवस्था की विशेष रूप से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप चावल उपार्जन में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। अकबर ने बैठक में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013, छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम 2012, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, समर्थन मूल्य धान खरीदी, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, नापतौल तथा उपभोक्ता संरक्षण से संबंधित कार्यो का विस्तार से व्यौरा लिया।  अकबर ने दाल-भात केन्द्रों में हितग्राहियों के संख्या के आधार पर जरूरी राशन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। अकबर ने प्रदेश सरकार के जन घोषणा पत्र में शामिल खाद्य विभाग से संबंधित मुद्दों पर अधिकारियों से विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि जन घोषणा पत्र के अनुसार सभी हितग्राहियों को चावल उपलब्ध कराने कार्ययोजना बनायी जाए। इसके क्रियान्वयन के लिए सभी जरूरी तैयारियों कर ली जाए। खाद्य मंत्री ने मक्का खरीदी तथा जनजातीय क्षेत्रों में रागी, कोदो और कुटकी खरीदी व्यवस्था के बारे में भी अधिकारियों से पूछा। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत कुल 12 हजार 300 उचित मूल्य की दुकानें संचालित की जा रही हैं। इनमें से चार हजार 135 दुकानें ग्राम पंचायतों, चार हजार 451 दुकानें सहकारी समितियों, तीन हजार 543 दुकानें महिला स्व-सहायता समूहों, 144 दुकानें वन सुरक्षा समितियों तथा 27 दुकानें नगरीय निकायों द्वारा चलायी जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के नक्सल हिंसा पीडि़त बीजापुर तथा सुकमा जिले की 130 केन्द्रीकृत उचित मूल्य दुकानों को छोडक़र शेष सभी ग्राम पंचायतों में राशन दुकानें संचालित की जा रही है। प्रदेश में छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत विभिन्न श्रेणियों के 57 लाख 99 हजार 779 राशन कार्ड जारी किए गए हैं।
जिला खाद्य अधिकारी को कार्यप्रणाली में सुधार लाने के दिए निर्देश
खाद्य मंत्री अकबर ने बैठक में बेमेतरा के खाद्य अधिकारी को कार्यप्रणाली में सुधार लाते हुए शिकायतों के निराकरण के निर्देश दिए। उन्होंने पिछले दिनों अपने बेमेतरा प्रवास के दौरान समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के संबंध में मिली कुछ शिकायतों पर नाराजगी जाहिर की।
खाद्य मंत्री ने राज्य सरकार के घोषणा पत्र में शामिल विभाग से संबंधित बिन्दुओं के क्रियान्वयन के लिए की गयी प्रारंभिक विभागीय तैयारियों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि खुशी की बात है कि अधिकारियों द्वारा कार्ययोजना भी तैयार कर ली गयी है। उन्होंने कहा कि खाद्य विभाग के कार्य गरीब परिवारों के हितों से जुड़े हैं। विभाग के अधिकारियों को विभागीय योजनाओं का फायदा जरूरतमंद परिवारों तक सुगमता से पहुंचाने के लिए और अधिक तत्परता तथा गंभीरता से कार्य करना चाहिए। बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य विपणन संघ के प्रबंध संचालक पी. अन्बलगन, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक भोस्कर विलास संदीपन, संचालक खाद्य भुवनेश यादव, राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम के प्रबंध संचालक जन्मेजय महोबे, अपेक्स बैंक के एमडी नागदेव, नियंत्रक नापतौल अजय पाठक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

राष्ट्रीय स्पर्धाओं के पदक विजेता खिलाडिय़ों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं : खेलमंत्री
Posted Date : 03-Jan-2019 1:06:51 pm

राष्ट्रीय स्पर्धाओं के पदक विजेता खिलाडिय़ों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं : खेलमंत्री

0-राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों की समीक्षा
रायपुर, 03 जनवरी । खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल ने आज यहां साइंस कालेज परिसर स्थित खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालनालय में आयोजित बैठक में विभागीय गतिविधियों की समीक्षा की। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता खिलाडिय़ो को बेहतर से बेहतर सुविधाएं और प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश दिए। पटेल ने बिलासपुर में खेल अकादमी प्रारंभ करने, अधिक से अधिक युवाओं को खेलो से जोडऩे के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने 36 वे और 37 वे राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों की समीक्षा भी की।  पटेल ने बैठक में कहा कि  विभाग के माध्यम से प्रतिभावान खिलाडिय़ों को  प्रोत्साहित किया जाये और उनके प्रशिक्षण पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए। उन्होंने खिलाडिय़ो और प्रशिक्षको को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष आयोजन करने और ग्रामीण खेल गतिविधियों में कब्बड्डी को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। खेल मंत्री ने प्रशिक्षण शिविर के लिए मानिटरिंग दल गठित करने, जिलो में जिमखाना का विकास, ब्लाक स्तर पर खेल-कूद की गतिविधियों को बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलों में निर्माणधीन मिनी स्टेडियमों की प्रगति की समीक्षा की। इस वर्ष गोवा में आयोजित होने वाले 36 वे राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों, छत्तीसगढ़ में आयोजित होने वाले 37 वे राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों की समीक्षा की गई। खेल मंत्री ने खेलो इंडिया योजना के तहत प्रदेश के प्रतिभावान खिलाडिय़ों को आगे लाने हेतु कार्ययोजना, हॉफ मैराथन दौड़, युवा उत्सव का आयोजन, युवा कल्याण प्रोत्साहन योजना, युवा शक्ति योजना के क्रिन्वायन की स्थिति की जानकारी ली। बैठक में राज्य स्तरीय खेल संघों, जनघोषणा पत्र के महत्वपूर्ण बिन्दुओ पर भी चर्चा की गई। बैठक में खेल सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने विभागीय गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि खेल गतिविधियों को बढ़ाने में स्थानीय जनता का सहयोग लिया जाए। बैठक में खेल विभाग के उप सचिव डी.एल.बंजारे, संयुक्त संचालक ओ.पी. शर्मा, सहायक संचालक राजेन्द्र डकाते, गुण्डाधुर अवार्ड विजेता राष्ट्रीय नेटबॉल खिलाड़ी प्रीति बंछोर सहित विभाग के अधिकारी तथा सभी जिलों के सहायक संचालक और खेल अधिकारी उपस्थित थे।
खेल मंत्री ने पदक विजेता खिलाड़ी से फोन पर की बात
खेल मंत्री उमेश पटेल ने कोलकता में आयोजित राष्ट्रीय ताईक्वांडो प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वाले बलरामपुर जिले के खिलाड़ी प्रांजल सिंह से फोन पर बात कर उन्हें स्वर्ण पदक प्राप्त करने पर बधाई तथा आगे और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए शुभकामनाएं दी । खेल सचिव परदेशी ने बैठक में प्रांजल की उपलब्धि की जानकारी खेल मंत्री को दी जिस पर खेल मंत्री ने तुरंत मोबाईल पर प्रांजल से बातचीत की। उन्होंने दन्तेवाड़ा से तीरंदाजी में प्रदेश स्तर में आयोजित प्रतियोगिता में पदक प्राप्त करने वाली खिलाड़ी सोनी सोरी सहित प्रदेश के पदक प्राप्त प्रतिभावान खिलाडिय़ों को विशेष रूप से प्रोत्साहित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। खेल मंत्री उमेश पटेल ने बैठक के बाद तीरंदाजी खेल की विधा को जानने की इच्छा जाहिर की और मैदान में पहुंचकर तीरंदाजी खेल में हाथ आजमाया। उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल अतंराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम का भी अवलोकन किया।

न्यायिक सेवा केन्द्र से जनसामान्य को शीघ्र मिलेगी प्रकरणों की जानकारी-जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री रमाशंकर प्रसाद
Posted Date : 02-Jan-2019 11:40:24 am

न्यायिक सेवा केन्द्र से जनसामान्य को शीघ्र मिलेगी प्रकरणों की जानकारी-जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री रमाशंकर प्रसाद

जिला एवं सत्र न्यायालय डिजिटलाइजेशन के माध्यम से प्रकरणों की फाइलिंग करने वाला प्रदेश में पहला जिला बना  
रायगढ़/ जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री रमाशंकर प्रसाद की पहल पर शीघ्र एवं सुलभ न्याय की दिशा में कारगर कदम बढ़ाते हुए जिला एवं सत्र न्यायालय, केस इन्फार्मेशन सिस्टम के माध्यम से प्रकरणों की फाइलिंग करने वाला प्रदेश में पहला जिला बन गया है। 
इसी कड़ी में आज जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में वरिष्ठ अधिवक्ता श्री ओपी बेरीवाल ने न्यायिक सेवा केन्द्र के अतिरिक्त कक्ष का शुभारंभ किया। वहीं प्रतिलिपि अनुभाग में मुख्य प्रतिलिपिकार श्री संजय थवाईत एवं केन्द्रीय पंजीयन शाखा के रजिस्ट्रार श्रीमती उषा साहू ने ई-सेवा का शुभारंभ किया। अधिवक्ता कक्ष में संचार व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री रमाशंकर प्रसाद ने एलसीडी के माध्यम से कोर्ट के प्रकरणों के डिजिटलाइजेशन की शुरूआत की। जिसमें एलसीडी के जरिए अधिवक्ताओंं को हर केस का स्टेटस बताया जाएगा एवं सारे प्रकरण एक साथ एलसीडी में दिखाई देंगे।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री रमाशंकर प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया कि जनसामान्य की आवश्यकताओं के अनुसार शीघ्र एवं सुलभ न्याय तथा पारदर्शिता के लिए यह पहल की गई है। जहां प्रकरण के फाइल होने के बाद हर कदम की जानकारी मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि न्यायिक सेवा केन्द्र में सारे प्रकरण डिजिटलाइजेशन फॉर्म में है। किसी भी पक्षकार को केस की तारीख, किस न्यायालय में एवं किससे संबंधित है की जानकारी एक ही क्लिक पर मिल जाएगी। यदि कोई प्रकरण पेंडिग है या डिस्पोजल हो गया है तो उसकी भी जानकारी मिल जाएगी। न्यायिक सेवा केन्द्र में नि:शुल्क सेवा के लिए पैरालीगल वालिटिंयर की ड्यूटी लगेगी। जनसामान्य को जानकारी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा और उन्हें शीघ्र जानकारी मिल सकेगी। 
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय पंजीयन शाखा में समस्त प्रकरण की फाइलिंग एक ही खिड़की में लिया जाएगा जिसके लिए केस-इन्फार्मेशन सिस्टम (सीआईएस)के माध्यम से प्रकरणें की फाइलिंग होगी। इसके बाद केन्द्रीय पंजीयन शाखा के रजिस्ट्रार के द्वारा प्रकरणों को कार्य विभाजन पत्रक के अनुसार भेजा जाएगा। इस प्रकार समस्त प्रकरणों को अनुभाग में प्रस्तुत कर उसका डिजिटल रिकार्ड संधारित किया जाएगा। जिसका लाभ यह होगा कि कोई भी पक्षकार अपने प्रकरण की स्थिति को फाइलिंग नंबर अथवा पंजीयन नंबर के माध्यम से देख सकता है। यदि किसी पक्षकार ने मोबाइल नंबर या इमेल एड्रेस दिया है तो एसएमएस या ई-मेल के द्वारा की उसके प्रकरण की स्थिति से अवगत कराया जाएगा। इसी तरह प्रतिलिपि अनुभाग का भाग पूर्णत: डिजिटलाइजेशन कर दिया गया है। पहले आवेदन करने के बाद नकल प्राप्त करने में काफी समय लग जाता था, लेकिन अब एक क्लिक से आर्डर की कापी प्राप्त होगी। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के श्री शान्तनु कुमार देशलहरे, कोर्ट मैनेजर सुश्री निधि दुआ, समस्त न्यायाधीशगण, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री सत्येन्द्र सिंह एवं अन्य पदाधिकारी, समस्त अधिवक्तागण उपस्थित थे।
मौसम का असर, सब्जियों की आवक घटने से दाम बढ़े
Posted Date : 02-Jan-2019 11:23:23 am

मौसम का असर, सब्जियों की आवक घटने से दाम बढ़े

0 सब्जियों के दामों में 5-10 रूपए प्रतिकिलो की दर से वृद्धि
महासमुंद, 02 जनवरी । पिछले दिनों हुई बारिश ने जहां जनजीवन को प्रभावित किया है। वहीं इसका असर सब्जियों की फसल पर असर पड़ा है। यही कारण है कि बाजार में आवक घटने से सब्जियों के दाम बढ़ गए हंै। सब्जी विक्रेताओं के मुताबिक सब्जियों के दामों में करीब 5-10 रूपए प्रतिकिलो की दर से वृद्धि हुई है। 
सब्जी विक्रेता संघ के अध्यक्ष संतोष चंद्र्राकर ने बताया कि वर्तमान में करीब 50 हजार किलो सब्जियों की आवक हो रही है। इससे पहले प्रतिदिन 90 हजार किलो सब्जियों की आवक हो रही थी। चंद्राकर ने बताया कि बाजार में लोकल आवक अपेक्षाकृत कम हुई है। हालंाकि बाहरी आवक मामूली कम हुई है। आगामी दिनों में सब्जियों के दाम में और वृद्धि संभव है। आवक कमजोर होने के कारण टमाटर जहां 10 रूपए से बढक़र 15 रूपए प्रतिकिलो के भाव से बिक रहा है। वहीं हरी सब्जियों में भाजियों के दाम में 10 रूपए प्रतिकिलो की वृद्धि हुई है। सब्जी लगाने वाले कृषक विजय चंद्राकर का कहना है कि फैथाई तूफान के कारण पिछले दिनों हुई बारिश से टमाटर, भिंडी, बैगन, और भाजियों की सब्जी को अधिक नुकसान हुआ है। 
आज बाजार में सब्जियों के दाम
आज बाजार में सब्जियों के दाम कुछ इस प्रकार हैं- टमाटर 15, बैंगन 30, फूलगोभी 25, करेला 60 मुनगा 80, गाजर 20, केला 20, मटर 30, धनिया पत्ती 90, मिर्ची 30, पत्तागोभी 20, सेम 20, अदरक 60, खड़ा धनिया 40, प्याज भाजी 40, पालक 30, लाल भाजी 40, नवलगोल 20, बरबट्टी 30, कुसुम भाजी 20, मूली 20 और शिमला मिर्च 25 रूपए प्रतिकिलो के भाव से बिक रहा है। ज्ञात हो कि इससे पूर्व इन सभी सब्जियों के दाम करीब 5-10 रूपए कम था।
क्या कहते है चिल्हर सब्जी व्यवसायी 
सब्जियोंं के दामों में अचानक हुई वृद्धि को लेकर चिल्हर सब्जी व्यावसायी पवन रौतिया, संतोष और ढेलू का कहना है कि सब्जियों के दाम में अचानक हुई वृद्धि के कारण उनका व्यवसाय पर काफी फर्क पड़ा है। खासकर ग्राहक को समझाना मुश्किल हो गया है। कुछ ग्राहक बढ़े हुए दाम को लेकर बहस कर रहे हंै उनका कहना है कि सप्ताहभर के भीतर ही अचानक सब्जियों के दामों में इतनी वृद्धि कैसे हो गई।   

16 साल बाद एक बार फिर अस्तित्व में आएगा बिलासपुर विकास प्राधिकरण
Posted Date : 02-Jan-2019 11:14:08 am

16 साल बाद एक बार फिर अस्तित्व में आएगा बिलासपुर विकास प्राधिकरण

बिलासपुर, 02 जनवरी । 16 साल बाद शहर में एक बार फिर बिलासपुर विकास प्राधिकरण अस्तित्व में आएगा। सीएम भूपेश बघेल की घोषणा के बाद गठन की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। चर्चा तो इस बात की भी है कि विधानसभा सत्र के बाद शासन स्तर पर बीडीए गठन की तैयारी शुरू हो जाएगी । बीडीए के दोबारा पटरी में आने की घोषणा के बाद अब दावेदारों को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है। सीएम बघेल के बेहद करीबी व पीसीसी के महामंत्री अटल श्रीवास्तव की दावेदारी सबसे ज्यादा मजबूत मानी जा रही है।
वर्ष 2002 में छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने विकास प्राधिकरण को गैर जरूरी बताते हुए भंग कर दिया था। रायपुर के अलावा बिलासपुर विकास प्राधिकरण को भी इसी दायरे में रखा गया था। बीडीए भंग करने के साथ ही अधिकारी व कर्मचारियों के अलावा प्राधिकरण की संपत्ति को भी निगम के हवाले कर दिया गया था। बीडीए को समाप्त हुए 16 साल हो गए हैं। 16 साल बाद एक बार फिर गठन की सुगबुगहाट शुरू हो गई है। सोमवार 31 दिसंबर को एक दिवसीय प्रवास पर आए मुख्यमंत्री बघेल ने पीसीसी महामंत्री अटल श्रीवास्तव की मांग पर बिना किसी हिचकिचाहट के बीडीए गठन की सहमति देने के साथ ही मंच से घोषणा भी कर दी । बिलासपुर संभाग की राजनीति पर गौर करें तो सीएम बघेल के सबसे करीबियों में पीसीसी के महामंत्री अटल श्रीवास्तव की गिनती होती है। बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिला पाने में सियासीतौर पर कमजोर पडऩे का एहसास सीएम को अब भी है। यही कारण है कि उनकी एक मांग पर तत्काल बीडीए को अस्तित्व में लाने की घोषणा कर दी । घोषणा के पीछे के राजनीतिक संदेश को पढऩे वाले यह मानकर चल रहे हैं कि डेढ़ दशक बाद अस्तित्व में आने वाले बीडीए के अध्यक्ष पीसीसी महामंत्री अटल श्रीवास्तव ही होंगे । बहरहाल सीएम की घोषणा के बाद से बीडीए चेयरमैन से लेकर उपाध्यक्ष और संचालक मंडल में जगह पाने दावेदारों की सक्रियता भी बढऩे लगी है। दावेदार अपने संपर्क सूत्रों के माध्यम से संभावना भी तलाशने लगे हैं।
0 नए सिरे से बनेगी कार्ययोजना
बीडीए गठन के बाद एक तकनीकी दिक्कत ये कि पूर्व के बीडीए के कार्यालय से लेकर परसंपत्तियों को शासन ने निगम को दे दिया है। नगर निगम ने बीडीए की आधे से ज्यादा भूखंडों व भवनों को बेच दिया है। बीडीए की संपत्ति ही निगम के आर्थिक स्रोत का एकमात्र कारण है । लिहाजा शासन को नए सिरे से कार्ययोजना बनानी होगी। कार्यालय से लेकर अधिकारी व कर्मचारियों के सेटअप को लेकर भी नए दिशा निर्देश जारी हो सकते हैं।
0 सीएम के संकेत के पीछे बड़ा कारण
सीएम भूपेश बघेल ने बीडीए गठन के साथ ही बिलासपुर नगर निगम सीमा के विस्तार का ऐलान भी किया है। निगम सीमा विस्तार के पीछे बीडीए के लिए जमीन तैयार करना माना जा रहा है। निगम सीमा के भीतर 92 गांवों को शामिल करने नगर तथा ग्राम निवेश विभाग ने मास्टर प्लान बनाया है। मास्टर प्लान के अनुसार निगम सीमा के विस्तार के साथ ही बीडीए की योजनाओं को लागू करने सीमा तय की जाएगी ।
0 जब तक भाजपा की सत्ता रही बीडीए की बात भी नहीं उठी
प्रदेश में जब तक भाजपा की सत्ता रही बिलासपुर विकास प्राधिकरण गठन की बात भी नहीं उठ पाई । तब प्रदेश की राजनीति में तत्कालीन मंत्री अमर अग्रवाल का दबदबा था। शहर विधानसभा क्षेत्र में दूसरी ताकत उभरने न देने की गरज से प्राधिकरण की बात कभी उठने ही नहीं दी। उनका प्रभाव ऐसा कि भाजपा के दिग्गज पदाधिकारी भी प्राधिकरण गठन की मांग करने का हिम्मत भी नहीं जुटा पाए थे। संगठन में भी कमोबेश कुछ इसी तरह का प्रभाव रहा। शहर अध्यक्ष की कुर्सी को खत्म कर उन्होंने बिलासपुर शहर को छह अलग-अलग मंडलों में खंडित कर दिया । मंडल बनने से संगठन में भी दूसरी ताकत उभर नहीं पाई । मंडल अध्यक्षों की भूमिका अपने मंडलों तक सिमट कर रह गई थी।