छत्तीसगढ़

चुनाव में मिली हार और तेजी से चल रहा काम  विपक्ष को बर्दाश्त नहीं हो रहा-मुख्यमंत्री
Posted Date : 07-Jan-2019 10:45:04 am

चुनाव में मिली हार और तेजी से चल रहा काम विपक्ष को बर्दाश्त नहीं हो रहा-मुख्यमंत्री

रायपुर, 07 जनवरी । छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के दूसरे दिन आज विधानसभा की कार्यवाही समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि चुनाव में मिली हार एवं कांग्रेस सरकार द्वारा तेजी से कराये जा रहे काम को विपक्ष भाजपा को बर्दाश्त नहीं हो रहा है। 
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 15 साल तक रमन सरकार को अधिकारी चला रहे थे। उन्होंने कहा कि 15 अब जब हमारी सरकार तेजी से काम चल रहा है तो विपक्ष को बर्दाश्त नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा अब तक अपनी हार को पचा नहीं पा रही है।

रेलवे महाप्रबंधक वार्षिक निरीक्षण पर पहुंचे रायपुर
Posted Date : 07-Jan-2019 10:41:19 am

रेलवे महाप्रबंधक वार्षिक निरीक्षण पर पहुंचे रायपुर

0-विधायक श्री जुनेजा ने की यात्री सुविधाओं में वृद्धि की मांग 
0-कुम्हारी, खारून ब्रिज पहुंचकर लिया सेफ्टी का जायजा

रायपुर, 07 जनवरी । दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक सुनील सिंह सोइन आज वार्षिक निरीक्षण करने के लिए रायपुर पहुंचे। इस अवसर पर डीआरएम के साथ ही मंडल के वरिष्ठ अधिकारी विशेष रूप से उपस्थित थे। रेलवे स्टेशन में जीएम श्री सोइन से मिलने विधायक कुलदीप जुनेजा भी आए थे। उन्होंने महाप्रबंधक श्री सोइन से मुलाकात कर यात्री सुविधाओं में वृद्धि व रेलवे स्टेशन के विकास के लिए चर्चा की। इस पर श्री सोइन ने हर संभव सहयोग करने तथा विकास कार्यों के लिए प्राथमिकता तय करने का आश्वासन दिया। रेलवे स्टेशन में निरीक्षण व चर्चा उपरांत श्री सोइन वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों के साथ आगे रवाना हो गए। उन्होंने रायपुर-दुर्ग रेल सेक्शन पर कुम्हारी ब्रिज, खारून नदी पर बने रेलवे ब्रिज का निरीक्षण किया तथा ब्रिज के मरम्मत में काम करने वाले औजारों का निरीक्षण किया। उन्होंने सेफ्टी डिपार्टमेंट के अधिकारियों से मेंटनेंस के संबंध में जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। यहां से वे कुम्हारी, सी-केबिन के बीच लेवल क्रासिंग नंबर 431 पर लिमिटेड हाइट सब-वे का निरीक्षण किया और दुर्ग के लिए रवाना हो गए। दुर्ग में रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करने के बाद वे यात्री आरक्षण केन्द्र पहुंचे और यहां पहुंचे लोगों से मुलाकात कर रेलवे द्वारा वर्तमान में दी जा रही सुविधाओं के संबंध में फिडबैक लिया तथा यात्रियों से उनके सुझाव लिए। इसके पश्चात वे रेलवे कालोनी गए और रहवासियों से मुलाकात कर उनके सुझाव लिए। निरीक्षण के दौरान ही वे मीडिया प्रतिनिधियों से भी चर्चा करते रहे और यात्री सुविधाओं में वृद्धि के लिए सुझाव लिए जाने की जानकारी दी। समाचार लिखे जाने तक रेलवे जीएम निरीक्षण के लिए रिसामा, गुंडरदेही के लिए रवाना हो गए थे। वे अपने तय कार्यक्र्रम के अनुसार आज गुंडरदेही से बालोद, कुसुमकसा होते हुए भानुप्रतापपुर तक जाएंगे। महाप्रबंधक श्री सोइन के साथ मंडल रेलव प्रबंधक कौशल किशोर, बिलासपुर मुख्यालय के प्रधान मुख्य विभागाध्यक्ष, महाप्रबंधक के सचिव हिमांशु जैन व उप महाप्रबंधक सामान्य प्रकाश चंद्र त्रिपाठी विशेष रूप से उपस्थित हैं। 

छात्रावास,आश्रम और पोटाकेबिन में उत्कर्ष अभियान अधीक्षकों की जिला स्तरीय बैठक सम्पन्न
Posted Date : 07-Jan-2019 10:40:07 am

छात्रावास,आश्रम और पोटाकेबिन में उत्कर्ष अभियान अधीक्षकों की जिला स्तरीय बैठक सम्पन्न

सुकमा , 07 जनवरी । जिले के छात्रावास,आश्रम और पोटाकेबिन में रह रहे बच्चों के सर्वोत्तम शैक्षिणिक और व्यक्तितव विकास के लिए कलेक्टर श्री जय प्रकाश मौर्य के कुशल मार्गदर्शन में उत्कर्ष अभियान चलाया जा रहा हैं। अभियान का उद्धेश्य हैं कि छात्रावास,आश्रम और पोटाकेबिन के बच्चों के सर्वागीण विकास के लिए शिक्षा के साथ-साथ अन्य गतिविधियां संचालित की जाए। शासन के नियमों के अनुसार छात्रावासों का बेहतर संचालन हो इसके लिए अधीक्षकों का प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण किया जाए। इसी सिल-सिले में जिले के सभी अधीक्षकों की बैठक शबरी सभागार में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री गजेन्द्र ठाकुर की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
बैठक में श्री गजेन्द्र ठाकुर ने छात्रावास अधीक्षकों से कहा कि आप छात्रावास, आश्रम और पाटाकेबिन के छात्रों के अभिभावक हैं आप अपने बच्चों के जैसे इनका पालन-पोषण कर इन्हे शिक्षित करें जिससे ऐ उज्जवल भविष्य  की ओर अग्रसर हो। श्री ठाकुर ने कहा कि अधीक्षक प्रत्येक बच्चों की सभी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखे जहां पर वे कजोर हैं तत्काल उन्हे आवश्यक सहयोग प्रदान करें। सभी बच्चों परीक्षाओं में सफल हो इसके लिए ठोस रणनीति बनाए। उन्होने कहा कि यह सब अधीक्षकों का प्रशासकीय दायित्व के साथ-साथ नैतिक कार्तव्य भी हैं यदि बच्चे परीक्षाओं में सफल नहीं होते हैं तो नैतिक जिम्मेदारी अधीक्षकों की ही होगी।
आदिवासी विकास विभाग के साहयक आयुक्त श्री पीएल रामटेके ने अधीक्षकों से कहा कि छात्रावासों आश्रमों और पोटाकेबिन के ज्यादा से ज्यादा बच्चों को प्रयास विद्यालयों में प्रवेश के लिए समुवित प्रयास करें। उन्हे अच्छे प्रशिक्षित शिक्षकों से कोचिंग दिलाए। छात्रावासों में बच्चों को मीनू चार्ट के हिसाब से पौष्टिक भोजन दे। छात्रावासों में साफ सफाई की विशेष ध्यान रखा जाए। बच्चों का नियमित स्वस्थ्य परीक्षण हो यह सुनिश्चित हो इसके लिए चिकित्सकों की नियुिक्त की गई हैं। बच्चे छात्रावास में रहे छुट्टी के बाद तत्काल छात्रावास में उपस्थित हो इसके निगरानी रखी जाए  अनुपस्थित रहने वाले छात्रों के माता-पिता से अधीक्षक व्यक्तिगत सम्पर्क करें। बैठक में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री केएल सौरी ने अधीक्षकों को बच्चों के समुचित विकास के लिए प्रेरक उद्बोधन दिया। इसी तरह से डिप्टी कलेक्टर श्री रवि साहू ने भी बैठक को सम्बोधित किया। कार्यक्रम के शुभ अवसर पर जिला एकीकृत बाल संरक्षण योजना के बाल संरक्षण अधिकारी श्री जितेन्द्र सिंह ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के विभिन्न प्रावधानों को लघु फिल्म और प्रजेंटेशन के जरिए जानकारी दी। इस अवसर पर लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 से सवंधित पत्रिका का भी वितरण किया गया। 

 राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण
Posted Date : 07-Jan-2019 10:39:40 am

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण

रायपुर, 07 जनवरी । छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के दूसरे दिन आज राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण हुआ। अभिभाषण में राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की पांचवीं विधानसभा के प्रथम सत्र के अवसर पर मैं आप सबका हार्दिक अभिनंदन करती हूँ। यह सुखद संयोग है कि विधानसभा चुनाव-2018 में नवनिर्वाचित विधानसभा सदस्य के रूप में, आपका कार्यकाल नववर्ष में प्रारंभ हो रहा है। आप में से कई सदस्य पूर्व में भी इस सदन में रहे हैं और बहुत से सदस्य प्रथम बार निर्वाचित होकर यहां पहुंचे हैं। इस प्रकार इस सदन में अनुभवी तथा नवागत सदस्यों का समागम हुआ है। सबको मिलकर जनादेश का सम्मान करते हुए, जनभावनाओं और जनआकांक्षाओं के अनुरूप कार्य करना है। जनता के कल्याण और राज्य के विकास के लिए पूरी लगन, निष्ठा और समर्पण से कार्य करना है। छत्तीसगढ़ विधानसभा की आदर्श परम्पराओं और कीर्ति को आगे बढ़ाना है, इसके लिए आप सभी को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।
उन्होंने कहा कि पं. जवाहरलाल नेहरू ने कहा था-‘आप दीवार के चित्रों को बदलकर इतिहास के तथ्यों को नहीं बदल सकते।’ मेरी सरकार भारत की गरिमामय विरासत का सम्मान करते हुए कल्याणकारी राज्य की अवधारणा के अनुरूप जनहित के नए इतिहास रचेगी। 
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सर्वोच्च त्याग करने वाले अमर शहीदों, वीर सपूतों, वीरांगना सुपुत्रियों के त्याग और बलिदान को याद रखने और मंगल पाण्डे, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल से लेकर गैंद सिंह, वीर गुण्डाधूर, वीरनारायण सिंह और उनकी परम्परा के हजारों-हजार क्रांतिकारियों के सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। आजादी के बाद सात दशकों में देश और प्रदेश को विकास के अनेक शिखरों पर पहुंचाने और संसदीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने वाली छत्तीसगढ़ की विभूतियों के योगदान को आगे बढ़ाने के लिए भी मेरी सरकार संकल्पबद्ध है। 
राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार आजाद भारत के विकास की आधारशिला रखने वाली विभूतियों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पं. जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, लालबहादुर शास्त्री, डॉ. अबुल कलाम आजाद, बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर और उनकी परपंरा के महापुरूषों के आदर्शों पर चलेगी। 
उन्होंने कहा कि जनादेश का सम्मान करते हुए मेरी सरकार ने जनघोषणा-पत्र 2018 को आत्मसात किया है। मेरी सरकार ने छत्तीसगढ़ की जनता से किए संकल्पों को पूर्ण करने के लिए पहले दिन से ही निर्णय लेने की शुरूआत कर दी है। 
श्रीमती पटेल ने कहा कि  नयी सरकार का गठन होते ही उसी दिन 17 दिसंबर 2018 को मंत्रि-परिषद की पहली बैठक में 16 लाख 65 हजार से अधिक किसानों का 6 हजार 100 करोड़ से अधिक अल्पकालीन कृषि ऋण माफ करने का निर्णय लिया गया। अल्पकालीन कृषि ऋण माफी योजना-2018 के दिशा-निर्देश जारी किए गए, जिसके तहत छत्तीसगढ़ के सहकारी बैंकों एवं छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में समस्त किसानों का 30 नवम्बर 2018 तक का अल्पकालीन कृषि ऋण माफ किया जाना है। ऋण माफी के निर्णय को अमलीजामा पहनाने के क्रम में पहले चरण में 10 दिनों के भीतर, लिंकिंग के तहत हुई धान खरीदी के एवज में 12 सौ 48 करोड़ रूपए की राशि 3 लाख 57 हजार किसानों के खाते में जमा कर दी गई है। आगामी चरणों में शेष प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण कर ली जाएगी। राष्ट्रीयकृत बैंकों से संबंधित अल्पकालीन कृषि ऋणों के परीक्षण उपरांत कार्यवाही शीघ्र की जाएगी।
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार का मानना है कि किसानों की आर्थिक समृद्धि से ही ग्रामीण जन-जीवन में खुशहाली और विकास का रास्ता बनेगा। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी आने से ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था का पहिया तेजी से घूमेगा, इसलिए मंत्रि-परिषद की पहली बैठक में ही वर्ष 2018-19 में 2500 रूपए प्रति क्ंिवटल की दर पर धान खरीदी का निर्णय भीे लिया गया। धान की फसल छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार है। धान छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परम्परा और अस्मिता से जुड़ा हुआ है। धान खरीदी दर में यह ऐतिहासिक वृद्धि, जो देश में आज धान खरीदी की सर्वाधिक दर है, अपने-आप में एक बड़ा संदेश है कि मेरी सरकार किसानों के हित में बड़े से बड़ा निर्णय लेने के लिए सदैव सहर्ष तैयार रहेगी। 
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने यह महसूस किया था कि वर्ष 2013 में घटित झीरम घाटी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण आदिवासी अंचलों में लोकतांत्रिक मूल्यों तथा कानून और व्यवस्था के प्रति आस्था को बड़ा धक्का लगा था। इस घटना में शहीद हुए नेताओं के परिवारों तथा जनसामान्य में इस बात को लेकर भी रोष था कि इतनी बड़ी घटना की समुचित जांच नहीं हो पाई है। इन परिस्थितियों को देखते हुए मेरी सरकार ने मंत्रि-परिषद् की पहली बैठक में ही झीरम घाटी घटना के विभिन्न पहलुओं की जांच एस.आई.टी. से कराने का निर्णय लिया है।
राज्यपाल ने कहा कि बस्तर के लोहाण्डीगुड़ा में एक दशक पहले टाटा इस्पात संयंत्र की स्थापना के लिए राज्य शासन द्वारा ग्रामीणों-किसानों की निजी भूमि अधिग्रहित की गई थी, जिसमें 10 गांवों (लोहण्डीगुड़ा तहसील के अन्तर्गत छिंदगांव, कुम्हली, धुरागांव, बेलियापाल, बडानजी, दाबपाल, बड़ेपरोदा, बेलर, सिरीसगुड़ा तथा तोकापाल तहसील के अन्तर्गत ग्राम ताकरागुड़ा) के 1700 से अधिक खातेदारों की 17 सौ हेक्टेयर से अधिक भूमि शामिल थी। दस साल बीत जाने पर भी टाटा द्वारा इस्पात संयंत्र लगाने में कोई रूचि नहीं ली गई, जिसके कारण ग्रामीणों और किसानों में निराशा उत्पन्न हो गई थी। मेरी सरकार ने इन ग्रामीणों-किसानों को उनकी भूमि लौटाने का फैसला किया है। मेरी सरकार ने बस्तर के जनजीवन में व्यवस्था के प्रति विश्वास पैदा करने का जो संकल्प लिया है, उसमें भूमि लौटाने का निर्णय बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 
उन्होंने कहा कि छोटे भूखण्डधारी, मध्यम तथा कमजोर तबकों के लोगों को उनके छोटे आकार के भूखण्ड की खरीदी-बिक्री को लेकर अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था, जिसके कारण वे पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक समस्याओं से घिर गए थे। मेरी सरकार ने उनकी परेशानियों को गंभीरता से देखते हुए त्वरित कार्यवाही का निर्णय लिया और तत्काल राहत देने के लिए पांच डिसमिल से कम रकबे की खरीदी-बिक्री, नामांतरण-पंजीयन से रोक हटा दी है। 
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में अनेक गृहस्थ और छोटे निवेशक चिटफंड कम्पनियों के जाल में फंस गए थे, जिनमें राज्य के अनेक युवा भी हैं जो रोजगार के लिए चिटफंड कम्पनियों के कुचक्र में फंस गए। मेरी सरकार, चिटफंड कम्पनियों के संचालकों तथा आर्थिक धोखाधड़ी में मुख्य भूमिका निभाने वाले महत्वपूर्ण लोगों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करेगी तथा निवेशकों की राशि लौटाने के लिए भी यथोचित कार्यवाही करेगी। 
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की पारम्परिक पहचान इसके समृद्ध, आत्मनिर्भर और प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण, गौरवपूर्ण गांव एवं गांव आधारित संस्कृति, कला एवं शिल्प रहे हैं। छत्तीसगढ़ की प्रगति में केवल आधुनिक तकनीक ही नहीं, बल्कि परम्परागत कला, लोक ज्ञान एवं कौशल की भी महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए। मेरी सरकार ‘‘गढ़बो नवा छश्रीसगढ़’’ के संकल्प के साथ जनभागीदारीयुक्त समृद्ध गांव के सपने को पूरा करने के लिए कृत संकल्प है।
राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार ‘‘नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी’’ से गांवों के समग्र विकास की अवधारणा पर काम करेगी। मेरी सरकार प्रत्येक नाले (नरवा) का क्रमबद्ध संरक्षण एवं संवर्धन करते हुए गांवों में, गांवों के लिए वर्ष भर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी। मनरेगा को इस अवधारणा से जोडऩे के सुसंगत कदम उठाए जाएंगे। 
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में गाय, भैंस, बकरी इत्यादि पशुधन की प्रचुर उपलब्धता है, जिनके सुचारू प्रबंधन, संरक्षण एवं संवर्धन के लिए आधारभूत संरचना निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने की जरूरत है। इससे दुग्ध उत्पादन, नस्ल सुधार जैसे कदमों से आर्थिक एवं क्रमागत उन्नति होगी। मेरी सरकार द्वारा प्रत्येक गांव में पशुधन के रख-रखाव के लिए विशिष्ट गौठान बनाने की पहल की जाएगी, जिसमें पशुओं के बैठने और संवर्धन एवं नस्ल सुधार की प्राथमिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। गाय के गोबर से खाद और गोबर गैस बनाने की योजना बनाई जाएगी। चरवाहा भाई-बहनों के सम्मान के लिए नई नीति बनाई जाएगी।
राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की कृषि भूमि में पोषक तत्वों की लगातार कमी न केवल चिन्ता का विषय है बल्कि इसमें त्वरित हस्तक्षेप की आवश्यकता है। गौवंश की प्रचुरता को जैविक खाद के लिए आवश्यक संसाधन की तरह चिन्हांकित करते हुए मेरी सरकार प्रत्येक गांव के ‘‘घुरवा’’ (कम्पोस्टपिट) को जैविक खाद की लघु उत्पादक इकाइयों में बदलेगी।
उन्होंने कहा किछत्तीसगढ़ में प्रत्येक किसान के पास छोटी-बड़ी बाडिय़ाँ होती हैं। एक समय यह बाडिय़ाँ कृषक परिवारों के लिए ताजी सब्जियों-भाजियों-फलों के द्वारा उनके भोजन में पोषक तत्वों का स्रोत थी साथ ही अतिरिक्त आमदनी का माध्यम भी थी। मेरी सरकार बाडिय़ों को पुनजीर्वित करने की दिशा में समुचित कदम उठाएगी।    
राज्यपाल ने कहा कि राज्य के वन संसाधन, खनिज संसाधन, जल संसाधन, मानव संसाधन आदि का उपयोग राज्य के विकास तथा जनता के हित में करने के लिए मेरी सरकार सुसंगत उपाय करेगी। 
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार एक ओर यहां भिलाई स्टील प्लांट जैसी विरासत पर गर्व करती है, वहीं दूसरी ओर औद्योगिक विकास और सामाजिक सरोकार की घनिष्ठता का रिश्ता बनाए रखने की पक्षधर है। राज्य में उपलब्ध संसाधनों, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कौशल, स्थानीय आवश्यकताओं तथा व्यापक रोजगार की संभावनाओं को देखते हुए औद्योगिक नीति में यथोचित संशोधन किये जाएंगे। 
राज्यपाल ने कहा कि  छोटी पूँजी वाली इकाइयों की स्थापना पर जोर दिया जाएगा। कृषि तथा वनोपज के प्रसंस्करण के लिए ग्रामीण स्तर पर बड़ी संख्या में इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहन दिया जाएगा। 
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक एवं सॉफ्टवेयर कौशल से युवाओं को जोडऩे की दिशा में तेजी से कदम उठाये जाएंगे ताकि नये जमाने की नई आवश्यकताओं के लिए राज्य की नई पीढ़ी तैयार रहे और इसे अपने स्वावलंबन का माध्यम बनाये।  
राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार जन स्वास्थ्य को उच्च प्राथमिकता देगी ताकि स्वस्थ मानव संसाधन को राज्य के विकास में सीधी भागीदारी दी जा सके। नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधा जनता को उनके अधिकार की तरह प्राप्त हो यह सुनिश्चित किया जाएगा । 
उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा का अधिकार, आवास का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, जल-जंगल-जमीन का अधिकार केवल कानून की पुस्तकों में न रहे बल्कि जनसशक्तीकरण का माध्यम बनें, इसके लिए समुचित कदम उठाये जाएंगे। 
राज्यपाल ने कहा कि  मेरी सरकार अनुसूचित जनजाति तथा अनुसूचित जाति के लोगों और उनकी बसाहटों में विशेष सुविधाएं देकर उनके तेजी से विकास की पक्षधर है। इस संबंध में नए निर्णयों की शुरूआत कर दी गई है। तेंदूपत्ता संग्राहकों तथा विभिन्न लघु वनोपजों से स्थानीय समुदायों की आमदनी में वृद्धि के लिए नए कदम उठाये जा रहे हैं, जिसके तहत प्रति मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण दर
2500 रू. से बढ़ाकर 4000 रू. की जाएगी। लघु वनोपजों के लिए भी प्रोत्साहन राशि देने की व्यवस्था की जाएगी। हाथी तथा मानव द्वंद से होने वाली जनहानि की स्थिति में मुआवजा की राशि में वृद्धि की जाएगी। जैव विविधता के संरक्षण और संवर्धन हेतु हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार अधोसंरचना विकास के लिए पिछड़े क्षेत्रों को विशेष प्राथमिकता देगी। सडक़, रेल, विमानन, डिजिटल, टेलीकॉम कनेक्टिविटी के माध्यम से पूरे राज्य को एक सूत्र में बांधा जाएगा। आवश्यकता तथा गुणवत्ता अधोसंरचना विकास परियोजनाओं का आधार बनेगी। 
राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है तथा जलवायु परिवर्तन से लडऩे हेतु हर संभव उपाय करेगी। औद्योगिक विकास के साथ न्यूनतम कॉर्बन उत्सर्जन के लक्ष्य हासिल करने हेतु प्रयास करेगी। कृषि, वानिकी तथा नगरीय विकास को टिकाऊ विकास की दिशा देकर कॉर्बन न्यूट्रल व्यवस्था के श्रेष्ठ लक्ष्य प्राप्त करने हेतु कदम उठाएगी। 
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं को ग्रामीण विकास का केन्द्र बनाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि इन संस्थाओं की स्वायत्तता का संरक्षण हो तथा यह सुशासन का माध्यम भी बनें।
राज्यपाल ने कहा कि मेरी सरकार महिलाओं के स्वावलंबन, सम्मान और सुरक्षा से संबंधित विषयों के विभिन्न पहलुओं की क्रमवार समीक्षा करेगी तथा महिलाओं के अधिकार सम्मत समाधानों के लिए पहल करेगी।
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार ने पत्रकारों, वकीलों और डॉक्टरों के संरक्षण हेतु विशेष कानून बनाने का वायदा किया है। इस दिशा में पहला कदम उठाते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की घोषणा कर दी गई है। इस कानून का प्रारूप बनाने के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की जाएगी।
राज्यपाल ने कहा कि  मेरी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता उश्रम कानून और व्यवस्था बनाए रखना है। जनभावनाओं का सम्मान करते हुए जिलों में क्राइम ब्रांच तथा स्पेशल अनुसंधान सेल को भंग कर दिया है। पुलिस की कार्यप्रणाली में निरन्तर सुधार किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार एक ओर जहां प्रदेश में विद्युत के उत्पादन, पारेषण तथा वितरण के सभी पहलुओं में सुधार की पहल करेगी। वहीं सुधार का लाभ सुसंगत बिजली बिल के रूप में आम उपभोक्ताओं को देगी। 
राज्यपाल ने कहा कि हमारे लिए यह बड़े ही गर्व का विषय है कि जब देश के विभिन्न हिस्सों में साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाएं हो रहीं थीं तब भी छत्तीसगढ़ साम्प्रदायिक सद्भाव का द्वीप बना रहा। इसके पीछे एक वजह तो संत कबीर दास, महाप्रभु वल्लभाचार्य, बाबा गुरू घासीदास, स्वामी विवेकानंद, माता राजमोहिनी देवी, रामेश्वर गहिरागुरू जैसे महान संतों का आशीर्वाद और प्रभाव है। वहीं दूसरी वजह आम जनता तथा जनप्रतिनिधियों की आपसी समझ तथा समरसता रही है। मेरी सरकार की एक बड़ी प्राथमिकता छत्तीसगढ़ में साम्प्रदायिक सौहाद्र्र तथा समरसता की इस विरासत को कायम रखने की होगी।
उन्होंने कहा कि मेरी सरकार नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए पीडि़त पक्षों से चर्चा करेगी। आदिवासी अंचलों में बुनियादी सुविधाएं जुटाने, लम्बित समस्याओं के निराकरण तथा स्थानीय जनता की सुविधा अनुरूप विकास तथा सुरक्षा का मार्ग अपनाएगी। स्थानीय आदिवासी लोगों के विरूद्ध दर्ज आपराधिक प्रकरणों की समीक्षा की जाएगी तथा निर्दोष लोगों को राहत दिलाने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। 
राज्यपाल ने कहा कि  मेरी सरकार जनसुविधाओं में बढ़ोश्ररी के लिए नयी प्रौद्योगिकी-सम्मत उपायों को प्रोत्साहित करेगी ताकि सेवाओं और सुविधाओं की अदायगी पारदर्शिता के साथ समयबद्ध रूप से हो सके तथा भ्रष्टाचार पर सख्ती से अंकुश लगाया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने की प्रक्रिया में प्रत्येक नागरिक का सशक्तीकरण, सबको गरिमा के साथ जीवन जीने की सुविधा, सबको न्याय तथा समान अवसर, किसानों, ग्रामीणों, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, दिव्यांगजनों, बच्चों, युवाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक जैसे समाज के सभी अंगों के कल्याण एवं विकास की नीतियाँ और योजनाएं बनाने में, मेरी सरकार को आप सबका पूर्ण सहयोग मिलेगा। हम सबको मिलकर छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वप्नदृष्टा डॉ. खूबचंद बघेल के सपने को पूरा करना है। आप सबको पुन: नववर्ष की मंगलकामनाएं। 

अनियंत्रित होकर ट्रैक्टर पलटी रिटायर्ड शिक्षक समेत दो की मौत,एक घायल
Posted Date : 07-Jan-2019 10:38:05 am

अनियंत्रित होकर ट्रैक्टर पलटी रिटायर्ड शिक्षक समेत दो की मौत,एक घायल

0 फरसाबहार थाना क्षेत्र की घटना
जशपुर, 07 जनवरी । जिले के फरसाबहार थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम गरईबंध में ट्रैक्टर के अनियंत्रित होकर पलटने से एक शिक्षक समेत दो युवक की मौत हो गई। ट्रैक्टर में सवार एक अन्य युवक घायल हो गया है। स्थानीय ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार सूजीबहार निवासी रिटायर्ड शिक्षक लक्ष्मी साय पैंकरा उम्र 62 वर्ष स्वयं के ट्रैक्टर में अपने लडक़ी के यहाँ खेत जुताई का कार्य करने के लिये सुबरन राम और उसके साथी बरधन यादव को लेकर गरईबंध गए थे। जुताई कार्य समाप्त कर बीती रात्रि लगभग 11 बजे जब लौट रहे थे तब रात की वजह से टेक्ट्रर गड्ढे में जा घुसा जिससे चालक ट्रैक्टर पर अपना नियंत्रण खो बैठा और ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर खेत में ही पलट गई, जिसमें दबने से लक्ष्मी साय पैंकरा उम्र 62 वर्ष एवं सुबरन राम उम्र 42 वर्ष की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। वहीं उसके दूसरे साथी बरधन यादव को चोटें आई है, जिसका इलाज नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। 
घटना की जानकारी होने पर फरसाबहार थाना स्टॉप ने रात में घटनास्थल पर पहुँच चुकी थी तथा घायल को नजदीकी हॉस्पिटल भेज दिया गया था। मृतक के शव के पोस्टमार्टम के लिए फरसाबहार भेजा गया है। घटना की खबर फैलते ही घटनास्थल पर लोगों की भीड़ जुट गई थी। गांव में घटना को लेकर शोक की लहर व्याप्त है।
विदित हो कि मृतक लक्ष्मी साय पैंकरा देश के लिए सेना में तथा राष्ट्र निर्माता के रूप में एक शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। संविलियन के महज एक माह बाद ही शिक्षा सत्र 2018-19 में ही ये सेवानिवृत हुए थे। शासकीय सेवक के साथ साथ इन्होंने अपना पहचान कुशल कृषक के रुप में भी बनाया था बीजेपी सरकार द्वारा चलाये जा रहे विकास यात्रा के दौरान इन्होंने अपने बगीचे का लीची पूर्व मुख्य मंत्री डॉ रमन सिंह को भेंट किया था जिसका जिक्र प्रदेश के पूर्व मुखिया ने अपने फेसबुक वॉल में भी किया था। इनके असामयिक निधन से विकासखण्ड कांसाबेल के समस्त शिक्षक समुदाय में भी शोक व्याप्त है।

छत्तीसगढ़ का उरांव समाज प्रगतिशील और शिक्षित समाज : भूपेश बघेल
Posted Date : 07-Jan-2019 10:32:26 am

छत्तीसगढ़ का उरांव समाज प्रगतिशील और शिक्षित समाज : भूपेश बघेल

० मुख्यमंत्री शामिल हुए नवनिर्वाचित विधायकों के सम्मान समारोह में
रायपुर , 07 जनवरी । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज यहां अटल नगर स्थित पुरखौती मुक्तांगन में छत्तीसगढ़ उरांव आदिवासी समाज द्वारा आयोजित नवनिर्वाचित विधायकों के सम्मान समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर कहा कि उरांव समाज एक प्रगतिशील और शिक्षित समाज है। पहली बार इस समाज से पांच विधायक चुनकर छत्तीसगढ़ की विधानसभा में पहुंचे हैं।  उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में पहली बार आदिवासी समाज का बेटा राज्य के मुख्य सचिव के पद पर पहुंचा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में संसाधनों की कोई कमी नहीं है, केवल इसे सुव्यवस्थित कर इनका लाभ समाज से अंतिम पंक्ति के लोगों तक पहुंचाना है, तभी छत्तीसगढ़ का सही मायने में विकास होगा। मुख्यमंत्री ने विकसित और समृद्ध नवा छत्तीसगढ़ गढऩे में उरांव समाज से भी सहयोग का आव्हान किया। उन्होंने समाज द्वारा मिले समर्थन और आशीर्वाद के लिए आभार प्रकट किया।
      मुख्यमंत्री श्री बघेल नेे कहा कि पेसा एक्ट, पांचवी अनुसूची, वन अधिकार कानून और पंचायती राज का सही क्रियान्वयन सभी की भागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उरांव समाज की उन्नति के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम सबको मिल नया छत्तीसगढ़ बनाना है, इसके लिए सभी समाजों का मिल कर प्रयास करना होगा। इस अवसर पर उरांव समाज के नव निर्वाचित विधायकों को सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को केन्द्र सरकार से जनसंख्या के मान से विकास कार्यो के लिए धन राशि मिलती है जबकि क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य का देश में 9 वां स्थान है। क्षेत्रफल के मामले में छत्तीसगढ देश के तामिलनाड़ु, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे राज्यों से बड़ा राज्य है, इसलिए विकास की गति तेज करने के लिए क्षेत्रफल के मान से राशि प्राप्त करने की पहल की जाएगी, जिससे राज्य के सुदूर अंचलों का भी तेजी से विकास हो सके।  
कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ उरांव समाज के अध्यक्ष श्री सरजियस मिंज ने की। वाणिज्य कर (आबकारी) एवं उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरविंद नेताम, उरांव समाज के नवनिर्वाचित विधायकों सर्वश्री अमरजीत भगत, यू.डी. मिंज, डॉ. प्रीतम राम, मोहित केरकेट्टा और श्री विनय भगत ने भी समारोह को सम्बोधित किया। इस अवसर पर समारोह आयोजन समिति के सर्वश्री आईजेक मिंज, उमेश कश्यप, डी.डी. तिग्गा, सुरजन भगत और आनंद टोप्पो सहित समाज के अनेक पदाधिकारी और सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इस अवसर पर आयोजकों द्वारा अतिथियों को शाल और प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।