जगदलपुर, 09 जनवरी । ग्रामीण अंचलों के बच्चों को उचित अंग्रेजी शिक्षा के सहित अन्य विषयों में प्रवीण बनाने के लिए खोले गये डीएवी स्कूल के शिक्षकों को गत 8 माह से वेतन ही नहीं प्राप्त हो पा रहा है। जिसके कारण इन शिक्षकों के सामने भुखमरी की स्थिति बन गई है और उनके सामने अपने परिवार के भरण- पोषण की चिंता सता रही है।
उल्लेखनीय है कि माडल स्कूल के रूप में उन्नत किये गये शासकीय स्कूलों को मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल के अंतर्गत निर्धन छात्र- छात्रओं को योग्य बनाने यह योजना शुरू की गई थी। इन स्कूलों को संचालित करने के लिए वर्ष-2016 में एक निजी संस्था डीएवी को सौंप दिया गया। इस प्रकार बस्तर जिले के अंतर्गत कई पब्लिक स्कूल चल रहे हैं। इन स्कूलों में गरीब बच्चों से भी शिक्षण शुल्क वसूला जाता है। इसलिए इन स्कूलों में अपने बच्चों को भेजने में ग्रामीण रूचि नहीं ले रहे हैं और स्कूलों में कम दर्ज संख्या है। इन्हीं स्कूलों के शिक्षकों को गत 8 माह से वेतन नहीं मिला है।
इस संबंध में चित्रकोट विधायक दीपक बैज का कहना है कि शिक्षकों को वेतन का नहीं मिलना चिंता जनक तथ्य है। वे इस संबंध में शिक्षा मंत्री सहित विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर शीघ्र ही शिक्षकों को वेतन प्रदान कराने का प्रयास करेंगे।
धमतरी, 08 जनवरी । भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र सिहावा, कुरूद और धमतरी के सभी मतदान केन्द्र, तहसील एवं जिला स्तर पर आगामी 25 जनवरी को नवमें राष्ट्रीय मतदान दिवस का आयोजन किया जाएगा। जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. सी.आर. प्रसन्ना ने बताया कि उक्त दिवस को सभी मतदान केन्द्रों में बूथ लेबल के अधिकारियों द्वारा नए मतदाताओं का स्वागत किया जाएगा। साथ ही उन्हें रंगीन फोटो परिचय पत्र का वितरण कर शपथ भी दिलाई जाएगी।
इसी तरह तहसील स्तर के साथ ही जिला स्तर पर स्थानीय गांधी चौक धमतरी में सुबह 11 बजे से राष्ट्रीय मतदाता दिवस का आयोजन किया जाएगा, जहां नए मतदाताओं का स्वागत, उन्हें रंगीन मतदाता फोटो परिचय पत्र का वितरण, शपथ दिलाने के अलावा राष्ट्रीय मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा अध्ययनरत विद्यार्थियों द्वारा नगर भ्रमण करते हुए मतदाता जागरूकता अभियान का प्रचार-प्रसार कर गांधी चौक में भी मतदाता दिवस कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस दौरान मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण एवं मतदाता सूची का शुद्धिकरण के कार्यों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले बूथ लेबल अधिकारियों तथा मतदाता जागरूकता अभियान के प्रचार-प्रसार में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शासकीय महाविद्यालय के नोडल अधिकारी एवं सहायक प्राध्यापक को नगद पुरस्कार और प्रशस्ति प्रमाण पत्र इस दौरान प्रदाय किया जाएगा।
० बैठक में दी गई जानकारी
धमतरी 08 जनवरी । समय-सीमा बैठक के उपरांत स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक छह माह में आयोजित किए जाने वाली राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के आयोजन के संबंध में संक्षिप्त बैठक कलेक्टर डॉ. सी.आर. प्रसन्ना की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि अभियान के तहत सभी आंगनबाड़ी में पंजीकृत एवं अपंजीकृत एक से पांच साल तक के बच्चों एवं समस्त शासकीय, अनुदान प्राप्त शालाओं, केन्द्रीय विद्यालय, नवोदन विद्यालय, मदरसा, निजी स्कूलों में 06 से 19 वर्ष तक के बालक-बालिकाओं एवं विभिन्न महाविद्यालयों तथा तकनीकी शिक्षा संस्थानों के विद्यार्थियों को अल्बेंडाजोल 400 (चबाने योग्य) का सेवन कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक वर्ष से कम आयु के बच्चों को इसका सेवन नहीं कराया जाएगा, जबकि एक से दो साल तक के बच्चों को आधी गोली का चूरा पानी के साथ सेवन कराया जाएगा। इसी तरह तीन से 19 साल तक के बच्चों को एक पूरी गोली चबाकर पानी के साथ सेवन करने दिया जाएगा।
डॉ.तुर्रे ने यह भी बताया कि पिछली बार सितंबर 2018 में दो लाख 72 हजार 843 के लक्ष्य के विरूद्ध दो लाख 65 हजार 236 बच्चों को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत् अल्बेंडाजोल की खुराक दी गई, जो कि प्राप्त लक्ष्य का 97.21 प्रतिशत कव्हरेज है। कलेक्टर ने इसे अभियान चलाकर शत्-प्रतिशत बच्चों को उक्त दवा का सेवन कराने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री रितेश अग्रवाल, अपर कलेक्टर द्वय श्री के.आर.ओगरे एवं श्रीमती लीना कोसम, ए.एस.पी. श्री कमलेश चंदेल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
कोरबा 9 जनवरी । निगम द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 की आवश्यक तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है तथा तैयारियां लगभग पूर्णता की ओर है। निगम का सम्पूर्ण प्रयास है कि वर्ष 2017 एवं 2018 की उपलब्धियों से आगे बढक़र स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 की रैंकिंग में प्रदेश में अब्बल स्थान प्राप्त करें, निश्चित रूप से इसमें समस्त नगरवासियों का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है, उनकी सक्रिय सहभागिता जरूरी है।
स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत वर्ष 2017 में हुए स्वच्छ सर्वेक्षण में अपने कोरबा शहर को देश में सतहत्तरवां एवं प्रदेश में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ था, वहीं वर्ष 2018 के स्वच्छ सर्वेक्षण में कोरबा को देश में सैतीसवां एवं प्रदेश में तीसरा स्थान मिला था। अब वर्ष 2019 के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण का कार्य शासन द्वारा कराया जाना हैं तथा इस हेतु कभी भी भारत सरकार की टीम कोरबा पहुंचकर सर्वेक्षण का काम कर सकती है। नगर पालिक निगम कोरबा ने विगत दो वर्षो के स्वच्छ सर्वेक्षण में प्राप्त रैंकिंग में और अधिक सुधार लाने एवं इस वर्ष के सर्वेक्षण में प्रदेश में अब्बल स्थान प्राप्त करने हेतु सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं।
निगम में स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अधिकारी डॉ.संजय तिवारी एवं स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 के सहायक नोडल अधिकारी श्री व्ही.के. सारस्वत ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 के मद्देनजर नगर पालिक निगम कोरबा द्वारा अपने पूर्व में संचालित गतिविधियों को और अधिक बेहतर करते हुए निगम क्षेत्र में स्थित 34 सार्वजनिक व सामुदायिक शौचालयों का जीर्णोद्धार, सौदंर्यीकरण, दिव्यांगों व बच्चों के रैम्प व अन्य आवश्यक सुविधाएं शौचालयों में सुनिश्चित की गई है। शत प्रतिशत डोर-टू-डोर कचरे का संग्रहण एवं शॉप-टू-शॉप कचरा संग्रहण, होटल, रेस्टोरेंट, शादी घरों से अपशिष्ट संग्रहण के साथ-साथ व्यवसायिक क्षेत्रों में नाईट स्वीपिंग, सुबह-शाम स्वीपिंग एवं कचरे का एकत्रीकरण कार्य कराए जा रहे हैं। आई.ई.सी.कार्यक्रम के तहत स्वच्छ भारत मिशन एवं स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 के व्यापक प्रचार प्रसार हेतु निगम द्वारा प्रमुख चौक-चौराहों, सार्वजनिक स्थलों में होडिंग, पोस्टर, बैनर आदि लगाने के साथ ही घर-घर में हैण्डबिल व पोस्टर आदि वितरित किए गए हैं, साथ ही लाउण्डस्पीकर के माध्यम से इस संबंध में मुनादी भी कराई जा रही है।
० शिकायत के बाद विभाग कह रहा सुधारेंगे
कोरबा 9 जनवरी । विद्युत वितरण विभाग के मैदानी अमले की लापरवाही का खामियाजा बिरहोर जनजाति के परिवारों को भुगतना पड़ रहा है। इनकी झोपडिय़ों में शासन की सौभाग्य सहज बिजली योजना के तहत विद्युतीकरण के लिए मीटर तो लगा दिया है लेकिन कनेक्शन नहीं दिया। बिना करंट दौड़ाये और बिजली जले बिना ही बिरहोर को बिजली का बिल थमा दिया गया है।
जानकारी के अनुसार मामला पोड़ीउपरोड़ा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत बिंझरा का है। बिंझरा पंचायत के वार्ड क्रमांक 1 में विशेष संरक्षित जनजाति बिरहोर के लगभग 7-8 घर हैं जहां ये परिवार निवासरत हैं। कच्चे व झोपड़ीनुमा मकानों को रौशन करने के लिए शासन की सौभाग्य योजना के तहत 5 माह पूर्व विद्युत वितरण विभाग के कर्मचारी यहां पहुंचे और कनेक्शन देने की बात कहते हुए घरों के बाहरी दीवारों पर मीटर लगाया। इन बिरहोरों का नाम व पता लिखकर कर्मचारी चलते बने। तब से लेकर अब तक इनके घरों में सिर्फ मीटर टंगा है, कनेक्शन के लिए तार नहीं खींचा गया और न ही करंट दौड़ रहा है। मीटर लगाने के 1 माह बाद उक्त कर्मचारी फिर वापस आए व बिरहोरों को बिजली का बिल थमाकर चले गए। इसके बाद हर माह बिल आना शुरू हो गया। बीते सप्ताह विद्युत वितरण विभाग के कर्मचारी फिर मोहल्ले में आये और बिरहोरों को बिल की राशि पटाने दबाव बनाया। बिल न पटाने पर कानूनी कार्यवाही की चेतावनी भी दी। इससे भयभीत बिरहोर परिवार के छतराम, बसंता बाई, बिरसमती,चमरिन बाई, बसंती बाई, पार्वती सहित 1 दर्जन परिवार पिछले दिनों कलेक्टर कार्यालय पहुँचे व आपबीती सुनाई। मामला संज्ञान में आते ही विद्युत विभाग के अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए व दूसरे ही दिन अमला बिरहोर बस्ती पहुँचा व थमाए गए बिल को वापस लेकर भूल सुधार करने की बात कहते हुए बिल अपने साथ ले गए।
0-मुख्यमंत्री के उदबोधन के बाद विधानसभा में तृतीय अनुपूरक ध्वनि मत से पारित
0-अपने भाषण में मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया
0-कहा -अभी तो हमने आपकी फाइलों से थोड़ी सी धूल हटाई है, लेकिन उसके भीतर से भयानक चीख-पुकार निकल रही है
रायपुर, 09 जनवरी । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार अपने सभी विभागों में वित्तीय अनुशासन का गंभीरता से पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी विभाग में बजट से अधिक खर्च न हो इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। बघेल ने हम किसानों, गरीबों, आदिवासियों, अनुसूचित जाति के लोगों के लिए काम करने आए हैं। बघेल आज शाम यहां विधान सभा में चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए अपनी सरकार की तृतीय अनुपूरक अनुदान मांगों पर सदन में हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा -वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में हमने वादा किया था कि 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्जा माफ किया जाएगा, हमने जो कहा उसे 10 दिन के भीतर पूरा भी किया। हमारी सरकार बनते ही हमने जो पहला काम किया, वो है किसानों की कर्जमाफी का काम।
मुख्यमंत्री के उद्बोधन के बाद सदन में 10 हजार 395 करोड़ रुपए का तृतीय अनुपूरक अनुमान ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि वर्ष 2018-19 के मुख्य बजट में कुल प्रावधान 87 हजार 463 करोड़ रुपए था। प्रथम और द्वितीय तथा आज के तृतीय अनुपूरक को मिलाकर राज्य सरकार के इस वित्तीय वर्ष के बजट के आकार बढक़र एक लाख 05 हजार 170 करोड़ रुपए हो गया है। बघेल ने कहा कि तृतीय अनुपूरक में किसानों की ऋण माफी के लिए 6100 करोड़ रुपए का प्रावधान भी शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिन्दुस्तान में छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जिसने आज विधानसभा में किसानों से 2500 रुपए प्रति च्ंिटल की दर से धान खरीदने और उनकी ऋण माफी के लिए 6100 करोड़ रुपए का बजट पारित किया है। उन्होंने इसके लिए तथा तृतीय अनुपूरक पर सदन में अपने विचार रखने वाले सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया। बघेल ने विपक्ष और विशेष रूप से भाजपा सदस्यों द्वारा की गई अपनी सरकार की आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा कि मैं सबकी बातें ध्यान से सुन रहा था खासकर विपक्ष की जिम्मेदारी संभालने आए सदस्यों की बातें कुछ ज्यादा ध्यान देकर सुन रहा था कि शायद वे पश्चाताप के कुछ शब्द कहेंगे, जिसके कारण वे वर्तमान गति को प्राप्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा- लेकिन मुझे यह देखकर बड़ा अचरज हुआ कि लगभग 13 सालों के वित्त मंत्री और 15 वर्षों के मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह जी के तेवर अभी बदले नहीं हैं। बघेल ने विपक्ष की ओर संकेत करते हुए कहा- हमारी सरकार बने अभी मुश्किल से 20 दिन हुए है और आप लोग हमसे सवाल करने लगे। अभी तो हमने आपकी फाइलों की ऊपर से थोड़ी -सी धूल हटाई है, लेकिन उसके भीतर से भयानक चीख-पुकार निकल रही है। बघेल ने कहा- पुरानी सरकार के घपले-घोटालों के बारे में इतनी जानकारियां निकलकर आ रही है कि कहा से शुरू करें और कहां खत्म होगा, कहना मुश्किल है। आप सुशासन की दुहाई देते रहे लेकिन गौ माता से लेकर गवर्नेन्स तक सबका कबाड़ा कर दिया। बघेल ने कहा - पूर्ववर्ती सरकार में गौ-सेवा के नाम पर गौ-शाला में क्या धंधा चलता था, गौशालाओं में सैंकड़ों की संख्या में गायें मरती थीं पर आपकी आंखों में आंसू नहीं आते थे। आपसे तो न गौ संभली और न ही गवर्नमेंट। मुख्यमंत्री ने विपक्ष से कहा- आप 20 दिन में मुझसे शराबबंदी के बारे में पूछ रहे हैं, जबकि आइने की तरह बात साफ है कि इसी राज्य में 1500 करोड़ रुपए की कमीशनखोरी के लिए सरकार ने ही शराब बेचनी शुरू कर दी। आपकी बनाई शराबबंदी समिति ने तो शराब के काउंटर बढ़ाने और विदेशी मदिरा तथा बीयर की खपत बढ़ाने की सिफारिश की थी। शराब का धंधा फैलाने-फु लाने में आपकी क्या जबर्दस्त रूचि थी। मुख्यमंत्री बघेल ने शराबबंदी को लेकर अपनी सरकार की नीति स्पष्ट करते हुए कहा- हमारा उद्देश्य शराब बंदी करने का है लेकिन यह कार्य सबको विश्वास में लेकर जनजागरण से करेंगे। बघेल ने पूर्ववर्ती सरकार के बारे में कहा कि उसने प्रचार-प्रसार के नाम पर बजट से ज्यादा राशि खर्च कर दी। लगभग 260 करोड़ का बजट था, लेकिन उसे मिलाकर 400 करोड़ खर्च किया गया। ऐसा नहीं होना चाहिए था। कोशिश करेंगे कि पुरानी देनदारियों का निराकरण हो और वित्तीय अनुशासन भी लाएंगे। मुख्यमंत्री ने विपक्ष (भाजपा) सदस्यों की ओर संकेत करते हुए कहा कि आपके विभिन्न विभागों के साइनबोर्ड में नाम भले ही सरकारी विभागों का होता था लेकिन उनमें काम साजिशें रचने का होता था। बघेल ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का उल्लेख करते हुए कहा- रमन सिंह जी ने बहुत सी चुनौतियों की चर्चा की बिल्कुल सही कहा निश्चित तौर पर हमारे सामने बहुत हैं क्योंकि हमें आपकी तरह जुमलेबाजी करना नहीं आता।
तृतीय अनुपूरक हमारे जन घोषणा पत्र के वायदों को पूरा करने की दिशा में पहला कदम
बघेल ने सदन में कहा - वित्त विभाग के भारसाधक मंत्री के रूप में सदन में यह मेरा पहला भाषण है। उन्होंने कहा कि हम जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। यह तृतीय अनुपूरक बजट जनघोषणा पत्र के वायदों को पूरा करने की दिशा में पहला कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा -दस दिन के भीतर जो काम पूरा करने का वादा हमने किया था उसे पूरा किया। खरीफ वर्ष 2018 से किसानों को धान पर प्रोत्साहन राशि को मिलाकर 2500 रुपए प्रति च्ंिटल की दर से धान की खरीदी की जा रही है। भारत सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य को मिलाकर हम किसानों को 2500 रुपए प्रति च्ंिटल की कीमत दे रहे हैं। पूरे हिन्दूस्तान में ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य है। सहकारी समितियों में पंजीकृत लगभग 17 लाख किसानों को इसका लाभ मिलेगा। भारत सरकार का न्यूनतम समर्थन मूल्य ए-ग्रेड धान के लिए 1770 रुपए और सामान्य धान के लिए 1750 रुपए हैं। हमारी सरकार द्वारा 300 रुपए बढ़ाकर ए-ग्रेड धान के लिए 730 रुपए और सामान्य धान के लिए 750 रुपए प्रति च्ंिटल धान उत्पादन प्रोत्साहन राशि (बोनस) देने का निर्णय लिया है। हमारे इस निर्णय से किसानों को अब पहले की तुलना में ढाई गुना ज्यादा दर पर धान की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। खरीफ वर्ष 2018 में धान खरीदी के लिए पंजीकृत लगभग 17 लाख किसानों को इसका लाभ मिलने लगेगा। इनमें 2 लाख 13 हजार महिला किसान, एक लाख 87 हजार अनुसूचित जाति वर्ग के किसान और 4 लाख 07 हजार अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए किसान परिवार भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा- हमारी सरकार ने निर्धारित समर्थन मूल्य के अतिरिक्त 750 रुपए प्रति च्ंिटल की दर से बोनस देने के लिए आज के तृतीय अनुपूरक में तीन हजार 070 करोड़ 10 लाख रुपए की अतिरिक्त राशि का प्रावधान किया है।