0 अंचल के हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ से खचाखच भरा रहा दादाबाड़ी पंडाल
0 रायपुर में आज इतिहास रचा है, भाग्य खुला है सभी का भाग्य खुला है
रायपुर, 14 जनवरी । सांसारिक जीवन का त्याग कर साधु जीवन में प्रवेश करने जा रहे 45 दीक्षार्थियों का विशाल ऐतिहासिक अनुकम्पा दान (वर्षीदान) वरघोड़ा रविवार सुबह 8.30 बजे जैन मंदिर, सदरबाजार से प्रारंभ हुआ, जो जिन शासन की जय-जयकार और दीक्षार्थी अमर रहे के समवेत स्वरों के साथ अध्यात्म योगी महेन्द्रसागर महाराज साहब के शिष्य मुनिगण ऋषभसागरजी, वर्धमान सागरजी एवं ऋजुप्रज्ञा सागरजी महाराज साहब के सानिध्य में अहिंसा स्तूप-कोतवाली चौक, मालवीय रोड, जयस्तंभ चौक होकर एमजी रोड स्थित श्री जिनकुशल सूरि जैन दादाबाड़ी पहुंचा. इस भव्य ऐतिहासिक वरघोड़े में पूरे छत्तीसगढ़ अंचल से हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल थे.
दीक्षार्थियों ने जब लोगों पर उछाली पोटलियां
पूरे मार्ग में जनसमूह का अभिवादन करते हुए और सांसारिक जीवन की वस्तुओं, जैसे- रुपया-पैसा, कीमती अलंकार, खाद्यान्न आदि से भरी पोटलियों को श्रद्धालुओं की ओर उछालते हुए 19 बग्गीयों पर सवार दीक्षार्थी, पूज्य मुनिगण और उनके पीछे दीक्षार्थी अमर रहे के जयकारे लगाते हजारों श्रद्धालु, लोक संगीत की धुनों व ढोल की थाप पर थिरकते आदिवासी नर्तक दल, जिन शासन की महिमा का वाद्य यंत्रों की धुन से गुणगान करते सुज्जित बैंड, ढोल-नगाड़े और वीर प्रभु व संयमी जीवन का वंदनीय गायन करते बड़ी तादात में पारम्परिक परिधानों में शामिल महिला श्रद्धालु इस वरघोड़े के प्रमुख आकर्षण रहे. इस प्रसंग पर दीक्षार्थियों के हाथों से जब कीमती वस्तुओं से भरी पोटलियां छूटतीं तो जनसमूह उन्हें लपकने के लिए उमड़ पड़ते. ऐसी जैन धार्मिक मान्यता है कि संसार का त्याग करने जा रहे दीक्षार्थी वस्तुओं से भरी पोटलियां इसलिए छोड़ते हैं कि अब वे सिर्फ मोक्ष के अभिलाषी हैं, संसार की चीजों का मोह उन्होंने छोड़ दिया है. दीक्षार्थियों के हाथों ये चीजें पाकर श्रद्धालु स्वयं को सौभाग्यशाली महसूस करते हैं. इसे जैन धर्म में अनुकम्पा दान भी कहा गया है.
कई श्रीसंघों ने किया बहुमान
इस विशाल वरघोड़े के दादाबाड़ी पहुंचने के बाद वीर प्रभु एवं दादा गुरूदेव प्रतिमाओं के दर्शन-वंदन उपरांत भव्य-ऐतिहासिक धर्मसभा में संयम अनुमोदना उत्सव का आयोजन किया गया. रायपुर में पहली बार एक साथ 45 दीक्षार्थियों के बहुमान का यह दुर्लभ पावन और अभूतपूर्व क्षण था. मंच के समक्ष एक सिरे से नमस्कार मुद्रा में साफा पहने पुरुष व बाल मुमुक्षु और श्रृंगारिक-अलंकारित महिला ममुक्षुओं की पंक्ति को देख हजारों दर्शक अभिभूत थे. इनमें 12 वर्ष के बालक से लेकर 66 वर्ष तक के पुरुष-महिला दीक्षार्थी शामिल थे. पूज्य मुनिगण ऋषभसागरजी, वर्धमान सागरजी एवं ऋजुप्रज्ञा सागरजी महाराज के सानिध्य में आयोजित इस धर्मसभा में राजधानी रायपुर समेत अंचल के कई जैन श्रीसंघों व संस्थानों की ओर से दीक्षार्थियों का बहुमान बारी-बारी से किया गया. इनमें प्रमुख रहे- श्री ऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट, स्वाध्याय प्रतिक्रमण ग्रुप, जीतो ग्रुप, जैन सोशल ग्रुप, श्रमण संघ परिवार रायपुर, स्थानीय जैन समाज विवेकानंदनगर, सौराष्ट्र दशा श्रीमाली युवा मित्र मंडल, श्री सीमंधर स्वामी जैन श्वेताम्बर मंदिर एवं दादाबाड़ी भैरव सोसायटी, धमतरी जैन श्रीसंघ, विचक्षण महिला मंडल, राजनांदगांव जैन श्रीसंघ, कवर्धा जैन श्रीसंघ, शीतलनाथ महिला मंडल, शांतिनाथ जिनालय श्रीसंघ, विहार सेवा गु्रप, संयम अनुमोदक परिवार रायपुर आदि-आदि. सभी श्रीसंघों के बहुमान उपरांत ‘दीक्षार्थी अभिनंदन करके मन हर्षावे रे, आनंद आवे रे...’ ‘लुट रहा- लुट रहा लुट रहा, पुण्याई का खजाना लुट रहा...’के सांगीतिक सुरों के साथ जनसमूह ने सभी दीक्षार्थियों पर पुष्प वर्षा की. इस प्रसंग पर दीक्षार्थियों को तीर्थों की यात्रा कराने वाले सहयोगी धर्मानुरागीजनों का भी संयम अनुमोदक परिवार की ओर से बहुमान-अभिनंदन किया गया. अनुमोदना-बहुमान समारोह का संचालन कर रहे थे युवा मोटिवेटर शेखर बैद. साथ ही अभिनंदन गीतों और भजनों की संगीतमयी प्रस्तुति दे रहे थे सुरेश बैद व साथी. इस अवसर पर युवा दीक्षार्थी राजनांदगांव के सीए शिक्षा प्राप्त पियूष गोलछा व कवर्धा के कम्प्यूटर इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त नवनीत बोथरा ने सभा को संबोधित कर आगामी 10 फरवरी को कैवल्यधाम कुम्हारी में अध्यात्म योगी पूज्य महेंद्रसागरजी म.सा. की निश्रा में होने जा रही उनकी दीक्षा के प्रसंग पर श्रद्धालुओं से आने का आग्रह किया. वहीं मुम्बई के सुधीर मोहता ने बताया कि एक साथ 40 दीक्षाएं मुम्बई में आश्रितगण हितचिंतक आचार्य श्रीमद् विजयजिनचंद्र सूरीश्वर म.सा. एवं आध्यात्मिक देशनादाता आचार्य प्रवर श्रीमद् विजययोगतिलक सूरीश्वर म.सा. की निश्रा में आगामी 14 मार्च को होने जा रही हैं. उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को मुम्बई के ऐतिहासिक दीक्षा समारोह में पहुंचने का आग्रह किया. इसी कड़ी में संयम अनुमोदक परिवार के आशीष गोलछा ने बताया कि छत्तीसगढ़ के नारायणपुर की 22 वर्षीय मुमुक्षु सुश्री प्रियंका देशलहरा की दीक्षा 18 फरवरी को उज्जैन में होने जा रही है. इस कड़ी में श्री ऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय कांकरिया ने इस पुनीत अवसर का लाभ रायपुर श्रीसंघ को प्राप्त होने पर अपार हर्ष व्यक्त कर आभार माना. इस अवसर पर श्री ऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री कांकरिया सहित ट्रस्टीगण तिलोकचंद बरडिय़ा, उज्ज्वल झाबक, राजेन्द्र गोलछा, पूर्व ट्रस्टीगण तिलोकचंद भंसाली, सम्पत झाबक, प्रकाशचंद सुराना, जयकुमार बैद, स्वरूपचंद श्रीश्रीमाल, धरमचंद निम्माणी, प्रकाशचंद सुराना, श्री जैन श्वेताम्बर चातुर्मास समिति-2018 के महासचिव खेमराज बैद, कोषाध्यक्ष निलेश गोलछा आदि सहित हजारों की संख्या में जैन समाज के गणमान्यजन उपस्थित थे. आखिर में अमित मुणोत के आभार प्रदर्शन से सभा का समापन हुआ. समारोह के उपरांत स्वामी वात्सल्य का हजारों श्रद्धालुओं ने लाभ लिया, जिसके लाभार्थी रहे महेन्द्र सौरभ धाड़ीवाल परिवार.
दीक्षार्थियों के भावों को पढक़र करें
जीवन का बदलाव: मुनि ऋषभसागरजी
धर्मसभा में अपने आशीवर्चनों से कृतार्थ करते हुए पूज्य मुनि ऋषभसागरजी महाराज ने कहा, इस दुर्लभ सभा में मुमुक्षुओं का तिलक कर जिन्होंने बहुमान किया, क्या वास्तव में उन्होंने संयम जीवन के कुछ आंशिक सद्गुणों को अंगीकार करने के लिए किया या केवल औपचारिक तौर पर बहुमान कर दिया, यह हमारे चिंतन का विषय होना चाहिए. उन्होंने कहा, इस सभा में बैठे हजारों लोगों में वे लोग भी धन्य हैं, जिन्होंने अपने स्थान पर बैठे-बैठे ही संयम की अनुमोदना कर अपने जीवन में कोई न कोई पुनीत संकल्प को चरितार्थ करने का नियम ले लिया. मुनि भगवंत ने कहा, आप सभी इन दीक्षार्थियों के भावों को पढक़र अपने जीवन को बदल पाएंगे तो यह संयम अनुमोदना उत्सव सार्थक होगा.
कार्यक्रम ‘संयम संवेदना’ में दीक्षार्थियों ने दी प्रेरक अभिव्यक्ति
रात्रि 8 बजे से दादाबाड़ी में एक विशेष कार्यक्रम ‘संयम संवेदना’ का आयोजन किया गया. जिसमें दीक्षार्थियों ने स्वयं अपने वैराग्य की कहानी अपनी जुबानी बयां की. दीक्षार्थियों के अब तक के जीवन के प्रेरक प्रसंगों-संघर्षों को सुनकर हर श्रद्धालु अभिभूत थे. इस पुनीत प्रसंग पर कार्यक्रम संचालित कर रहे थे अहमदाबाद के आशीष गोलछा. वहीं सांगीतिक भक्तिपूर्ण प्रस्तुति से इस दुर्लभ अवसर को यादगार बनाया इंदौर के ऋषभ, संभव व साथियों ने. संयम अनुमोदक परिवार, रायपुर के अमित मूणोत के अनुसार सोमवार, 14 जनवरी को सुबह सभी दीक्षार्थी अपने तीर्थयात्रा कार्यक्रम के अंतर्गत नगपुरा स्थित श्रीउवसग्गहरम् तीर्थ के लिए रवाना होंगे.
० छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज चंदखुरी राज के 73वें वार्षिक अधिवेशन में शामिल हुए मुख्यमंत्री
रायपुर, 14 जनवरी । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने के लिए हमें नरवा, गरवा, घुरूवा, बारी की ग्रामीण संस्कृति को बचाना होगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल आज अभनपुर विकासखण्ड के ग्राम पोंड में चंदखुरी राज के 73वें कुर्मी अधिवेशन को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी जनघोषणाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश के किसानों का 6100 करोड़ रूपए का कृषि ऋृण माफ किया गया है साथ ही 2500 रुपए प्रति क्विंटल के मूल्य में धान खरीदा जा रहा है। अंतर की राशि किसानों के खाते में मार्च तक पहुंच जाएगा। श्री बघेल ने कहा कि राज्य में शराबबंदी भी की जाएगी। समाज के प्रत्येक व्यक्ति को शराब का सेवन नहीं करने का संकल्प लेना चाहिए। शराब बंदी के लिए सामाजिक जागरण और चेतना आवश्यक है। इसके लिए छत्तीसगढ़ के सभी समाजों को आगे आना होगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि गरीब, किसान और मजदूर के मजबूत होने से ही छत्तीसगढ़ मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में दस-दस गौठान का कंक्रीटीकरण किया जाएगा। जहां पर मवेशियों के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा एवं पानी की व्यवस्था होगी। चरवाहों को मानदेय भी दिया जाएगा। इस अवसर पर अभनपुर विधायक श्री धनेंद्र साहू, जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष श्रीमती शारदा वर्मा, पूर्व महापौर रायपुर श्रीमती किरणमयी नायक, कुर्मी समाज के केंद्रीय राज प्रधान डॉ. रामकुमार सिरमौर, समाज के समस्त राजप्रधान सहित बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित थे।
रायगढ़ / रायगढ़ के पूर्वांचल क्षेत्र में बटमूल आश्रम कॉलेज विद्यमान है जिसमे प्रत्येक वर्ष क्षेत्र के सैकड़ो छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर अपना भविष्य बनाते है। कॉलेज प्रबंधन प्रत्येक वर्ष NSS का कैम्प लगाती है जिससे दर्जनों छात्र-छात्राएं भाग लेते है। इस कैम्प में बौद्धिक एवं शरीरिक ज्ञान का संचार होता है। इस वर्ष भी बटमूल आश्रम कॉलेज के प्राचार्य श्री पद्मलोचन पटेल जी के निर्देशानुसार ग्राम भोजपल्ली में NSS कैम्प आयोजित किया गया। जिसके प्रभारी शिक्षक श्री गजेंद्र चक्रधारी जी एवं कैम्प संचालन सनातन भोय अध्यक्ष रजनी पटेल, उपाध्यक्ष सरस्वती गुप्ता, प्रतिवेदक गौरांग चौहान रहे।
हमारे देश मे 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी के जयंती के उपलक्ष्य में युवा दिवस मनाया जाता है। स्वामी विवेकानंद जी भारत वर्ष के एक ऐसे युग पुरुष थे जिन्हें पूरे देश के युवा अपने रोल मॉडल के रूप में देखते है। मानवता का पाठ पढ़ाने वाले विवेकानंद जी जात-पात, ऊंच-नीच, छुआ-छूत और अंधविश्वास के कड़े विरोधक थे। शिकागो में हुए धर्म परिषद में दिए भाषण से उन्होंने भारत ही नही अपितु पूरे देश मे अपने विचार का लोहा मनवाया। 39 वर्ष के कम उम्र में ही स्वामी जी ने देह त्याग समाधि ले लिया।
सभी जाती और धर्मो के सम्मान करने वाले समानता के भाव रखने वाले समाज सुधारक एवं दार्शनिक स्वामी विवेकानंद जी के जयंती में उन्हें याद करते हुए बटमूल आश्रम कॉलेज के द्वारा ग्राम भोजपल्ली में 12 जनवरी को युवा दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि युवा संकल्प संगठन के संस्थापक श्री कौशल गोस्वामी भारतीय जी विशिष्ट अतिथि आनंद मार्ग स्कूल के आचार्य करुण कृष्णानंद अवदुत्त जी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुरुआत विवेकानंद जी के फोटो में माल्या अर्पण एवं पुष्प गुच्छ चढ़ा कर किया गया। छात्र छात्राओं ने अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ से किया। स्वागत के बाद बौद्धिक चर्चा कार्यक्रम चालू किया गया जिसमें कौशल भारतीय जी ने छात्रों को जोशीला मोटिवेशनल भाषण देते हुए कहा कि अगर सभी लोग स्वामी विवेकानंद जी के द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुशरण करे एवं अपना लक्ष्य निर्धारित करें तो वो अपना और देश का भविष्य उज्ज्वल बना सकते है। युवा दिवस बौद्धिक चर्चा कार्यक्रम में बटमूल आश्रम के शिक्षकों एव छात्र छात्राओं ने विवेकानंद जी के जीवन पर एक-एक कर भाषण और निबंध के माध्यम से प्रकाश डाला।
बटमूल आश्रम कॉलेज NSS कैम्प स्वामी विवेकानंद जयंती युवा दिवस के इस कार्यक्रम में युवा संकल्प उपाध्यक्ष संजय सोनी, आई.टी. सेल प्रभारी सत्यम पंडा, महामंत्री दिलीप यादव, हरि गोस्वामी, मीडिया प्रभारी रजत शर्मा बनोरा ग्राम अध्यक्ष अंकित बेहरा एवं अन्य स्थानीय लोग उपस्थित रहे।