छत्तीसगढ़

जागरूकता की मिसाल-106 साल के धोबा पाव ने लगवाया कोविड टीके का दूसरा डोज
Posted Date : 14-May-2021 5:53:54 pm

जागरूकता की मिसाल-106 साल के धोबा पाव ने लगवाया कोविड टीके का दूसरा डोज

भ्रमित हुये बिना टीका लगवाने की लोगों से की अपील
रायगढ़, 14 मई2021/ 106 साल के धोबा पाव ने कोविड टीके का दूसरा डोज लगाकर जागरूकता का परिचय दिया है। बंगुरसिया चक्रधरपुर के धोबा पाव ने आज गांव के टीकाकरण केन्द्र पहुंचकर अपना दूसरा डोज लिया। उन्होंने दूसरे सभी लोगों से कहा कि बिना डरे या किसी अफवाह में पड़े सभी पात्र लोगों को टीका जरूर लगवाना चाहिये। तभी हम कोरोना संक्रमण को नियंत्रित कर रोक पाएंगे।
        जिले में कोविड-19 की वैक्सीन लगाने लोग जागरूक दिख रहे है जिसमें बड़ी संख्या में बुजुर्ग वैक्सीन लगवाने पहुंच रहे हैं। इस बीच डॉक्टर्स का कहना है कि यदि वैक्सीन की डोज के बाद हल्का बुखार या चक्कर आने जैसी शिकायत आए तो इससे घबराएं नहीं। ऐसा हो सकता है। वैक्सीन की दोनों डोज लगने से शरीर का इम्यून सिस्टम और मजबूत होता है इसलिए सभी लोगों को जिन्होंने कोविशील्ड की पहली डोज ली है उसके 6 सप्ताह बाद दूसरी डोज और को.वैक्सीन की पहली डोज के 28 दिन बाद दूसरी डोज अवश्य लेना चाहिए। वैैक्सीन की दोनों डोज लगाने के बाद संक्रमित होने के मामले बहुत कम आए हैं। वैक्सीन की दोनों डोज लगने के बाद यदि संक्रमण होता है तो वायरल लोड कम होता है और गंभीर स्थिति की संभावनाएं या अस्पताल में भर्ती होने की संभावना न्यूनतम रहती है। विशेषज्ञों का कहना है कि दूसरी डोज लगाने के 14 दिन बाद शरीर में पर्याप्त मात्रा में एंटीबाडी बनती है और हमारा प्रतिरक्षात्मक तंत्र मजबूत होता है। कोविड टीकाकरण के तहत फिलहाल कोविशिल्ड और को-वैक्सीन ये दो टीके लगाए जा रहे हैं। लाभार्थी को पहले डोज में जो टीका लगा है दूसरे में भी वही टीका लगाया जाएगा। कोविशील्ड टीके की दूसरी खुराक पहले खुराक के 6 से 8 सप्ताह के बीच तथा को-वैक्सीन टीके की दूसरी खुराक 28 दिन बाद लगवा लेनी चाहिए। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी।

मजबूत हुआ छत्तीसगढ़, कोरोना हुआ कमजोर
Posted Date : 13-May-2021 6:48:33 pm

मजबूत हुआ छत्तीसगढ़, कोरोना हुआ कमजोर

0-छत्तीसगढ़ में कोरोना टेस्टिंग का नया रिकार्ड, एक दिन में 71 हजार से अधिक जांच
0-01 मई के बाद लगातार सुधर रही है स्थिति
0-सुविधाओं में विस्तार से टेस्ट और टीकाकरण में आई तेजी
0-अस्पतालों में सभी तरह के बेड की उपलब्धता भी बढ़ी
0-प्रतिदिन होने वाली मृत्यु के आंकड़े में भी कमी
0-पाजिटिविटी दर और नीचे उतर कर 14 प्रतिशत रह गई

रायपुर, 13 मई । छत्तीसगढ़ में 01 मई 2021 के बाद कोरोना संक्रमण की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। तब से लेकर अब तक जहां प्रतिदिन नये मामलों में कमी हो रही है, वहीं संक्रमण दर भी लगातार घट रही है। इन 12 दिनों में पाजिटिविटी दर 26.1 से घट कर अब 14 प्रतिशत रह गई है।
 अस्पतालों में सभी तरह के बिस्तरों और आक्सीजन की उपलब्धता बढऩे के साथ-साथ प्रतिदिन होने वाली मृत्यु में भी कमी आ रही है। इस बीच टेस्ट और टीकाकरण में भी तेजी आई है। राज्य ने प्रतिदिन किए जा रहे टेस्ट में नया रिकार्ड कायम किया है। 12 मई को एक दिन में 71 हजार 138 से टेस्ट किए गए।
      छत्तीसगढ़ में बीते 1 मई को जहां कोरोना संक्रमण के 15 हजार 905 नये मामले सामने आए थे, वहीं 12 मई को 10 हजार 150 नये मामले दर्ज किए गए। इसी तरह प्रतिदिन होने वाली मृत्यु का आंकड़ा जहां 01 मई को 229 था, वहीं 12 मई को 153 लोगों की मृत्यु हुई। 12 दिन पहले तक राज्य के अस्पतालों में जहां खाली बेड उपलब्ध नहीं हो पा रहे थे, वहीं कल 12 मई की स्थिति में 318 वेन्टीलेटर बेड, 852 आई.सी.यू. बेड, 750 एच.उी.यू. बेड, 6364 ऑक्सीजन बेड एवं 11,883 अन्य बेड उपलब्ध थे। राज्य में शुरु से आक्सीजन की कमी नहीं रही है। सुविधाओं में किए जा रहे विस्तार के कारण अब संभावित कोरोना संक्रमितों की प्रतिदिन जांच का आंकड़ा भी बढ़ा है। 12 मई को राज्य ने 71 हजार 138 लोगों की जांच कर नया रिकार्ड कायम किया है।
     इस बीच टीकाकरण की मुहिम को व्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 12 मई को राज्य में सीजी-टीका वेब पोर्टल की शुरुआत की है। इस पोर्टल की शुरुआत होने से गरीब, निराश्रित और अंत्योदय सहित ऐसे लोग भी अपना पंजीयन करा सकेंगे, जिनके पास मोबाइल या इंटरनेट की सुविधा नहीं है। राज्य के 13 नगर निगमों में आज 13 मई से सप्ताह में सातों दिन चैबीसों घंटे रेपिड एंटीजन टेस्ट की सुविधा शुरु कर दी गई है। सैंपलों की आरटीपीसीआर जांच सुविधाओं में किए जा रहे विस्तार के तहत बैकुंठपुर में नये वायरोलाजी लैब की शुरुआत की जा चुकी है। इस लैब को मिलाकर अब राज्य के दस शासकीय लैबों में आरटीपीसीआर जांच की सुविधा उपलब्ध हो चुकी है। इससे प्रतिदिन जांच की संख्या में बढ़ोतरी होने के साथ-साथ जांच-रिपोर्ट भी जल्दी मिलने लगेगी।

सीजी टीका वेब पोर्टल शुभारंभ के 24 घण्टे के भीतर ही 72 हजार से ज्यादा पंजीयन
Posted Date : 13-May-2021 6:47:38 pm

सीजी टीका वेब पोर्टल शुभारंभ के 24 घण्टे के भीतर ही 72 हजार से ज्यादा पंजीयन

  • टीका लगवाने के लिए अब नहीं लगेंगी लम्बी लाइनें
  • ऐसे लोग जिनके पास मोबाइल नहीं, उनका भी हेल्प डेस्क की मदद से हो सकेगा पंजीयन

रायपुर, 13 मई ।  कोरोना से बचाव के लिए राज्य के 18 से 44 आयु के सभी वर्ग के लोगों के लिए सुविधाजनक तरीके से टीका लगवाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने सीजी टीका वेब पोर्टल का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 12 मई की शाम को अपने निवास कार्यालय में किया गया। इस वेबपोर्टल के शुभारंभ के 24 घण्टें के भीतर आज 13 मई को दोपहर 3 बजे तक 72 हजार 269 लोगों ने अपना पंजीयन कराया लिया है, इसमें 862 अंत्योदय, 7 हजार 645 बीपीएल, 2 हजार 486 फ्रंट लाईन वर्कर और 61 हजार 276 एपीएल श्रेणी के लोग शामिल है। टीकाकरण के लिए वेबपोर्टल में पंजीयन की प्रक्रिया सतत रूप से जारी है। 
गौरतलब है कि इस वेबपोर्टल में ऑनलाईन पंजीयन के साथ-साथ यह सुविधा भी उपलब्ध है कि बिना मोबाइलधारी व्यक्ति भी जिला प्रशासन द्वारा पंचायतों, नगरीय निकायों एवं नगर निगमों सहित अन्य स्थानों पर स्थापित हेल्प डेस्क के सहयोग से अपना पंजीयन इस वेब पोर्टल में कराकर टीका लगवा सकता है। छत्तीसगढ़ सरकार का सीजी टीका वेब पोर्टल यहां के लोगों की सामाजिक और भौगोलिक परिस्थिति को ध्यान में तैयार किया गया है, ताकि लोगों को टीकाकरण के लिए किसी भी तरह की परेशानी न हो। छत्तीसगढ़ सरकार की इस अभिनव पहल से लोगों को अब कोरोना का टीका लगवाने के लिए न तो लम्बी लाइनें लगानी पड़ेंगी न ही समय गवाना पड़ेगा। सीजी टीका वेब पोर्टल में पंजीयन के लिए  लिंक https://cgteeka.cgstate.gov.in/ पर जानकारी अपलोड करनी होगी। पंजीयन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद संबंधित व्यक्ति को टीकाकरण के स्थान और समय की जानकारी एसएमएस के जरिए मिल जाएगी।
जिन लोगों के पास मोबाइल अथवा नेट कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध नहीं है, ऐसे लोगों के पंजीयन के लिए कलेक्टर द्वारा पंचायत मुख्यालयों, नगरीय निकायों एवं नगर निगम सहित अन्य सुविधाजनक स्थानों पर हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएंगे, जहां लोग अपना पंजीयन करा सकेंगे।

जरूरतमंदों को सहायता पहुंचाने के साथ धैर्य और मनोबल बनाए रखे-राज्यपाल
Posted Date : 13-May-2021 6:45:36 pm

जरूरतमंदों को सहायता पहुंचाने के साथ धैर्य और मनोबल बनाए रखे-राज्यपाल

0-मैट्स विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित वेबिनार को राज्यपाल ने किया संबोधित
0-किसी भी बड़े संकट से उबरने के लिए सरकार के साथ जनसहयोग को जरूरी बताया
0-कोरोना से बचने वैक्सीन लगाने के लिए भी की अपील

रायपुर, 13 मई ।  छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनसुईया उइके ने आज ‘कोविड-19‘ के खिलाफ लड़ाई और निकट भविष्य में युवाओं की भूमिका’’ पर मैट्स विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित वेबिनार को संबोधित किया। इस वर्चुअल कार्यशाला को संबोधित करते हुए राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि कोविड की वजह से देश ही नहीं पूरा विश्व जूझ रहा है। अभी तक ठोस इलाज और दवा नहीं है। ऐसे में हमारा दृढ़ संकल्प, आत्मबल और सकारात्मक सोच इस बीमारी से विजय प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। कोविड से सभी वर्ग प्रभावित हुए हैं। इस महामारी के दौर में हम सभी का यह सामूहिक दायित्व और कर्तव्य है कि हम सभी एकजुट होकर इस संकट से उबरने में सहयोग करें। इस संकट से प्रभावित समाज के जरूरतमंद लोगों तक राहत और सुविधाएं पहुंचाने में सामाजिक संस्थाएँ, राजनीतिक दल शासन-प्रशासन के साथ मिलकर कार्य करे। यह दलगत राजनीति से ऊपर उठकर  मानव जीवन को बचाने का प्रयास का समय है। वास्तव में यही मानवता और इंसानियत की परीक्षा की असली घड़ी है। महामारी से बचाव हेतु आज टीकाकरण के लिये लोगों को जागरूक करने की महत्ती आवश्यकता है और इसमें विश्वविद्यालय के छात्र, शिक्षक, प्राध्यापक महत्वपूर्ण  भूमिका निभा सकते हैं।
 राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि कोविड काल में विश्वविद्यालय प्रबंधन और छात्र-छात्राएं सराहनीय कार्य कर रहे हैं। जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन जारी करने की भी आवश्यकता है। विश्वविद्यालय और सामाजिक संस्थाएं हेल्पलाइन नंबर के साथ और भी बेहतर ढंग से लोगों की सहायता कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के इस संकट से पूरा विश्व संघर्ष कर रहा है। हर वर्ग इस महामारी से प्रभावित हुआ है। सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक, वाणिज्यिक, औद्योगिक हर क्षेत्र महामारी से प्रभावित है और संकट के इस काल में आवश्यकता है सही समय पर सही निर्णय लेने की और यह जागरूकता से संभव है। उन्होंने कहा कि कोरोना को पूर्णरूपेण समाप्त करने के लिये हर व्यक्ति यह संकल्प ले कि वह अनिवार्य रूप से मास्क का उपयोग करेगा, बार-बार हाथ साफ करेगा, स्वच्छता रखेगा व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेगा। इसके साथ ही  पात्र व्यक्ति वैक्सीन लगाकर इस महामारी से उबरने में सहयोग प्रदान करेंगे। वे स्वयं के साथ अपने परिवार, समाज, राज्य व राष्ट्र को सुरक्षित रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि अब वैक्सीन के प्रति लोग जागरूक हो रहे हैं और भ्रम भी दूर हो रहा है। प्रतिदिन लाखों लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है और वैक्सीन सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की सबसे बड़ी उपलब्धि है। भारत दुनिया में सबसे तेजी से टीका लगाने वाला देश भी बन गया है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगाने के बाद भी हमें पूरी सावधानी रखनी आवश्यक है। हम लोगों को यह भी बताएं कि कोरोना के लक्षण दिखने पर जल्द से जल्द टेस्ट कराएँ और जब तक टेस्ट की रिपोर्ट नही आ जाती, तब तक स्वयं को आइसोलेट रखें और रिपोर्ट आने के बाद इलाज प्रारंभ करें। राज्यपाल सुश्री उइके ने विश्वविद्यालय के ब्रोशर का विमोचन भी किया।
राज्यपाल सुश्री उइके ने मैट्स विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों तथा विद्यार्थियों द्वारा पोस्टर, स्लोगन, आडियो-वीडियो ग्राफि क्स के माध्यम से लोगों को महामारी के प्रति लोगों को जागरुक करने पर बधाई देते हुए उनके कार्यों की सराहना की। वेबिनार में मैट्स विवि के श्री गजराज पगारिया ने वेबिनार को सम्बोधित करते हुए कोविड काल में ऑनलाइन क्लास, वेबिनार आदि के माध्यम से किए गए कार्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर मैट्स विश्वविद्यालय के उपकुलपति सहित सहायक प्राध्यापक एवं छात्र-छात्राएं वेबिनार के माध्यम से शामिल हुए।  

कोरोना की संभावित तीसरी लहर की चुनौतियों से निपटने की तैयारी - सिंहदेव
Posted Date : 13-May-2021 6:44:49 pm

कोरोना की संभावित तीसरी लहर की चुनौतियों से निपटने की तैयारी - सिंहदेव

0 गर्भवती महिलाओं और बच्चों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था पर जोर
0 स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने पोस्ट कोविड मैनेजमेंट पर विशेषज्ञों और वरिष्ठ अधिकारियों से किया विमर्श
0 मरीजों के इलाज व रिकवरी संबंधी तथ्यों एवं आंकड़ों का विश्लेषण कर बेहतर व्यवस्था बनाने मांगे सुझाव

रायपुर, 13 मई । लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने आज वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों और प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञों से कोरोना संक्रमितों के पोस्ट कोविड मैनेजमेंट पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने कोरोना की संभावित तीसरी लहर की चुनौतियों से निपटने के लिए पुख्ता तैयारी के निर्देश दिए। उन्होंने मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञों से गर्भवती महिलाओं और बच्चों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था बनाने कहा। स्वास्थ्य मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस से एम्स रायपुर तथा प्रदेश के सभी नौ शासकीय मेडिकल कॉलेजों के अधिष्ठाताओं और विशेषज्ञों से चर्चा कर कोविड-19 के इलाज के बाद मरीजों को आ रही शारीरिक तकलीफों और इससे उत्पन्न स्थिति की समीक्षा कर इसके बेहतर प्रबंधन के निर्देश दिए। उन्होंने सभी मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञों से कहा कि वे वर्तमान परिस्थितियों, कोविड मरीजों के इलाज व रिकवरी संबंधी तथ्यों एवं आंकड़ों का विश्लेषण कर बेहतर व्यवस्था बनाने के लिए अपने सुझाव स्वास्थ्य विभाग को भेजें।   
सिंहदेव ने कोविड-19 के उपचार संबंधी आंकड़ों एवं प्रोटोकॉल का अध्ययन कर इसके इलाज से जुड़ी भ्रांतियों और अफवाहों को दूर करने कहा। उन्होंने सभी मेडिकल कॉलेजों से पोस्ट कोविड मैनेजमेंट के लिए आवश्यक तैयारियों एवं संसाधनों की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के संबंध में आम धारणा है कि इससे युवा सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। पर यदि हम पहली और दूसरी लहर के आंकड़ों को देखें तो इससे प्रभावितों का पैटर्न लगभग एक जैसा है। भले ही अलग-अलग आयु वर्ग के कोरोना संक्रमितों की संख्या दूसरी लहर में पहली लहर की तुलना में अधिक है। कोरोना मरीजों के इलाज में दवाईयों के उपयोग को लेकर भी अनेक भ्रांतियां हैं। कई दवाईयों का अनावश्यक बहुत ज्यादा उपयोग भी देखने में आया है। इनके दुष्प्रभाव भी मरीजों में दिख रहे हैं। 
स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने बैठक में कहा कि कोरोना संक्रमितों के इलाज से जुड़े तथ्यों एवं आंकड़ों का गहराई से विश्लेषण जरूरी है। उन्होंने सभी मेडिकल कॉलेजों से कहा कि वे वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए पोस्ट कोविड मैनेजमेंट की अपनी व्यवस्थाओं को बेहतर करें। कोरोना से ठीक हुए लोगों की पोस्ट कोविड मैनेजमेंट के साथ इलाज और दवाईयों के उपयोग का मेडिकल ऑडिट किया जाना चाहिए। उन्होंने इसके लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के साथ मिलकर मेडिकल ऑडिट टीम बनाने का सुझाव दिया। डॉ. शुक्ला ने कहा कि कोरोना के इलाज में उपयोग की जा रही बहुत सी दवाईयां अभी प्रयोगात्मक स्तर पर हैं। इनका अनावश्यक उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने मेडिकल कॉलेजों के अधिष्ठाताओं से अपने विशेषज्ञों को निर्देशित करने कहा कि वे मेडिकल जानकारी के आधार पर ही दवाईयां प्रिस्काइब करें।   
एम्स रायपुर के निदेशक डॉ. नितिन एम. नागरकर ने कहा कि कोविड-19 के प्रबंधन में प्रोटोकॉल का पालन जरूरी है। दवाईयों के दुष्प्रभाव और इसके प्रयोगात्मक चरण को देखते हुए इनका बहुत सावधानी से उपयोग किया जाना चाहिए। लंबे समय तक चलने वाले वायरस संक्रमण में नए-नए स्टेन्स आते रहते हैं और इनके अनुरूप प्रोटोकॉल में बदलाव करना पड़ता है। गंभीर मरीजों के इलाज में वेंटिलेटर और आईसीयू की भूमिका को देखते हुए पर्याप्त संख्या में वहां काम करने वाले दक्ष व प्रशिक्षित मेडिकल स्टॉफ जरूरी है। 
वीडियो कॉन्फ्रेंस में सभी मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञों ने कोरोना मरीजों के इलाज, संक्रमित गर्भवती महिलाओं, बच्चों के उपचार, आईसीयू और वेंटिलेटर के उपयोग के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। स्वास्थ्य सेवाओं के संचालक नीरज बंसोड़, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला, चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक डॉ. आर.के. सिंह, एम्स के डॉ. अजॉय बेहरा, रायपुर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. विष्णु दत्त, सिम्स बिलासपुर की डीन डॉ. तृप्ति नागरिया, जगदलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. यू.एस. पैकरा, राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. रेणुका गहिने, रायगढ़ मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. पी.एम. लूका, अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आर. मूर्ति, कोरबा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. वाई.के. बडग़ैंया, महासमुंद मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. पी.के. निगम और कांकेर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. एम.एल. गर्ग ने भी अपने-अपने संस्थानों के विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ चर्चा में हिस्सा लिया।

कोरोना से माता-पिता खो देने वाले बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएगी छत्तीसगढ़ सरकार, साथ में देगी छात्रवृृृत्ति भी
Posted Date : 13-May-2021 6:44:20 pm

कोरोना से माता-पिता खो देने वाले बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएगी छत्तीसगढ़ सरकार, साथ में देगी छात्रवृृृत्ति भी

0 छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना कोविड से अनाथ हुए बच्चों को देगी संरक्षण
0 ऐसे बच्चे जिनके परिवार में कमाने वाले सदस्य की मृत्यु हो गई है, उनकी पढ़ाई का जिम्मा भी उठाएगी राज्य सरकार
0 स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों में प्रवेश में मिलेगी ऐसे बच्चों को  प्राथमिकता ; नही ली जाएगी उनसे कोई फीस
0 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संवेदनशील पहल से बेसहारा बच्चों का संवरेगा बेहतर भविष्य

रायपुर, 13 मई । कोविड के खिलाफ लड़ाई के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार ने एक ऐसा निर्णय लिया है जो कोविड पीडि़तों के कुछ आंसू पोंछ सकेगा।कोविड के निर्मम प्रहार के चलते जिन बच्चों का सब कुछ छीन गया है, अब छत्तीसगढ़ सरकार उनका संबल बनने जा रही है,और न केवल उनकी शिक्षा का दायित्व उठायेगी बल्कि उनके भविष्य को संवारने की हर संभव कोशिश भी करेगी। सरकार की इस संवेदनशील पहल को अमली जामा पहनाया जाएगा छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना के माध्यम से। यह योजना इस वित्तीय वर्ष से लागू की जाएगी। 
ऐसे बच्चे जिन्होंने अपने माता-पिता कोइस वित्तीय वर्ष के दौरान कोरोना के कारण खो दिया है, उन की पढ़ाई का पूरा खर्च अब छत्तीसगढ़ सरकार उठाएगी। साथ ही पहली से आठवीं तक के ऐसे बच्चों को 500 रुपयेप्रतिमाह और 9 वीं से 12 वीं तक के बच्चों को 1000 रुपये प्रतिमाह की छात्रवृत्ति भी राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी। शासकीय अथवा प्राईवेट किसी भी स्कूल में पढ़ाई करने पर ये बच्चे इस छात्रवत्ति के लिये पात्र होंगे। 
इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है ऐसे बच्चे जिनके परिवार में रोजी-रोटी कमाने वाले मुख्य सदस्य की मृत्यु कोरोना से हो गई है, तो उन बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था भी राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। राज्य सरकार द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि यदि ये बच्चे राज्य में प्रारंभ किए गए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूलों में प्रवेश हेतु आवेदन देते हैं तो उन्हें प्राथमिकता से प्रवेश दिया जायेगा और उनसे किसी भी प्रकार की फीस नहीं ली जायेगी।
कोरोना महामारी ने न जाने कितने घरों में अंधेरा कर दिया है और न जाने कितने बच्चों के सिर से उनके मा-बाप का सहारा छीन लिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जरूरतमंदों को हर तरह का सहारा मुहैया कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री की यह संवदेनशील पहल इन बेसहारा बच्चों के बेहतर भविष्य निर्माण में काफी सहायक होगी।