0-आईजी रतनलाल डांगी राष्ट्रपति पदक से होंगे सम्मानित
रायपुर । आजादी के 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सम्पूर्ण देश में आजादी का अमृत महोत्सव विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से 15 अगस्त को मनाया जाएगा। परंपरा के अनुसार इस अवसर पर केन्द्रीय पुलिस सेवा एवं राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को वीरतापूर्ण कार्य किए जाने पर विशिष्ट सेवा पदकों से सम्मानित किया जाएगा। बिलासपुर रेंज के आईजी रतन लाल डांगी को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाएगा। भारत शासन, गृह मंत्रालय, नई दिल्ली से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वतंत्रता दिवस, 2022 के अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति द्वारा छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग के निम्नलिखित अधिकारियों को पुलिस वीरता पदक, विशिष्ट सेवा पदक एवं सराहनीय सेवा पदक से विभूषित किये जाने की घोषणा की गई है :-
पुलिस वीरता पदक
मालिक राम, निरीक्षक, जिला नारायणपुर।
अलरिक लकड़ा, उप निरीक्षक, जिला नारायणपुर हाल निरीक्षक जिलासरगुजा।
महेन्द्र पोटाई, उप निरीक्षक, जिला नारायणपुर।
सुक्कु राम नाग, प्रधान आरक्षक हाल उप निरीक्षक, जिला नारायणपुर।
शहीद जयलाल उईके, प्रधान आरक्षक (मरणोपरांत), जिला नारायणपुर।
शहीद कनेर उसेंडी, प्रधान आरक्षक (मरणोपरांत), जिला नारायणपुर।
शहीद श्याम किशोर शर्मा, उप निरीक्षक (मरणोपरांत), जिला राजनांदगांव।
डॉ.अभिषेक पल्लव (भापुसे), पुलिस अधीक्षक, दुर्ग।
राम अवतार पटेल, सउनि हाल उप निरीक्षक जिला दंतेवाड़ा।
डिलेश्वर कुमार सोनवानी, प्लाटून कमाण्डर हॉल कंपनी कमाण्डर,
एसटीएफ, बघेरा- दुर्ग।
हजारी लाल मौर्य, सउनि हाल उप निरीक्षक जिला दंतेवाड़ा।
सुक्कू राम नुरेटी, उप निरीक्षक हाल निरीक्षक जिला नारायणपुर।
बलराम उसेण्डी, उप निरीक्षक हाल निरीक्षक जिला नारायणपुर।
राजकुमार सलाम, प्रधान आरक्षक, जिला कोण्डागांव।
हरिशंकर प्रताप सिंह कंवर, निरीक्षक, विआशा राजनांदगांव।
विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक
संजीव शुक्ला, पुलिस उप महानिरीक्षक, अअवि, पुलिस मुख्यालय, नवा रायपुर।
बिश्नु प्रसाद देशमुख, निरीक्षक, विआशा, पुलिस मुख्यालय, नवा रायपुर।
सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक
सुन्दरराज पट्टीलिंगम, पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज।
ओम प्रकाश पाल, पुलिस महानिरीक्षक, रायपुर रेंज, हाल विआशा, पु.मु. नवा रायपुर।
राजेश कुकरेजा, ओएसडी, सारंगढ़-बिलाईगढ़।
विजय कुमार पाण्डेय, अति. पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, बघेरा-दुर्ग।
रति राम नेताम, कंपनी कमांण्डर, 19वीं पोखरण वाहिनी, छसबल,
जगदलपुर।
रामनरेश यादव, उप निरीक्षक, थाना-मानपुर, जिला राजनांदगांव।
जितेन्द्र सिंह, सहा. उप निरीक्षक, अअवि. पुलिस मुख्यालय, नवा रायपुर।
खेमराज जैन, सहा. उप निरीक्षक, थाना परतापुर, जिला कांकेर।
एन.रमैय्या राव, प्रधान आरक्षक, विआशा, पुलिस मुख्यालय, नवा रायपुर।
जयंत कुमार पैंकरा, प्रधान आरक्षक, एसटीएफ, बघेरा-दुर्ग।
पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने पदक से सम्मानित उपरोक्त सभी पुलिस अधिकारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
नई दिल्ली । 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस साल 1082 पुलिसकर्मियों को पदक से सम्मानित किया जाएगा। सभी कैटेगरी में सबसे ज्यादा 125 पदक जम्मू कश्मीर पुलिस को मिले हैं। गृहमंत्रालय ने रविवार को इनके नामों की सूची जारी कर दी। इस साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर दिए जाने वाले पुलिस पदकों की घोषणा कर दी गई है। गृहमंत्रालय के मुताबिक इस साल कुल 1082 पुलिसकर्मियों को अलग अलग पदकों से सम्मानित किया जाएगा। इनमें 347 पुलिसकर्मियों को वीरता के लिए पुलिस पदक, जबकि 87 पुलिसकर्मियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा 648 पुलिसकर्मियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक दिए गए हैं। इन सभी पुलिसकर्मियों को 15 अगस्त के मौके पर ये पदक दिए जाएंगे।
गृहमंत्रालय ने जो सूची जारी की है, उसके मुताबिक ये सभी पदक अलग अलग राज्यों की पुलिस और अर्धसैनिक बलों को दिए गए हैं। खास बात ये है कि तीनों कैटेगरी में सबसे ज्यादा 125 पदक जम्मू कश्मीर पुलिस को मिले हैं। जिन 347 पुलिसकर्मियों को वीरता के लिए पदक दिए गए हैं, उनमें 204 को जम्मू कश्मीर में उनकी बहादुरी, जबकि 80 पुलिसकर्मी ऐसे शामिल किए गए हैं, जिन्होंने लेफ्ट विंग प्रभावित नक्सली इलाकों में बहादुरी दिखाने का काम किया है। वहीं 14 पुलिसकर्मियों को नार्थ ईस्ट क्षेत्र में काम के लिए वीरता पदक मिल रहा है।
वीरता के लिए पुलिस पदक पाने वालों में सीआरपीएफ के 109, जम्मू कश्मीर पुलिस के 108, बीएसएफ के 19 और 42 महाराष्ट्र पुलिस के जवान शामिल हैं। बाकी अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिसकर्मी शामिल हैं।
मुंबई । शेयर मार्केट के बिगबुल और अरबपति व्यवसायी राकेश झुनझुनवाला का निधन हो गया है। झुनझुनवाला ने 62 साल की उम्र में ली अंतिम सांस ली। झुनझुनवाला ने रविवार सुबह 6.45 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। इसकी पुष्टि अस्पताल ने की है। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल ने उनके निधन की पुष्टि की है। झुनझुनवाला को 2-3 सप्ताह पहले ही अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था और वह घर आ गए थे। झुनझुनवाला के निधन की खबर सुनकर हर कोई स्तब्ध है।
बता दें कि करीब एक हफ्ते पहले ही राकेश झुनझुनवाला ने अपनी एयरलाइंस अकासा की भी शुरुआत की थी। उनकी अकासा एयरलाइंस के पहले विमान ने 7 अगस्त को मुंबई से अहमदाबाद के लिए उड़ान भरी थी। उन्होंने इस कंपनी की शुरुआत विमानन क्षेत्र के कारोबारी आदित्य घोष और विनय दुबे के साथ मिलकर की थी।
भारत के वारेन बफे कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला की कमाई का मुख्य जरिया शेयर बाजार है। झुनझुनवाला की इस सफल कहानी की शुरुआत महज पांच हजार रुपये से हुई थी। आज उनकी नेटवर्थ करीब 40 हजार करोड़ रुपये है। इसी सफलता के कारण झुनझुनवाला को इंडियन स्टॉक मार्केट का बिगबुल और भारत का वारेन बफेट कहा जाता है। जब आम इन्वेस्टर्स शेयर बाजार में पैसे गंवा रहे होते हैं, झुनझुनवाला उस समय भी कमाई करने में सफल रहते हैं।
नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बकाया कर्ज की वसूली करने वाले एजेंटों के लिए नए निर्देश जारी करते हुए कहा कि वे सुबह 8 बजे के पहले और शाम 7 बजे के बाद कर्जदारों को कॉल नहीं कर सकते। आरबीआई ने इस आशय की एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि बैंक, गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियां (एनबीएफसी) और संपत्ति पुनर्गठन कंपनियां (एआरसी) यह सुनिश्चित करें कि कर्ज वसूली संबंधी उसके निर्देशों का ठीक से पालन किया जाए। आरबीआई ने साफ कहा कि विनियमित इकाइयां सख्ती से यह सुनिश्चित करेंगी कि वे या उनके एजेंट बकाया कर्जों की वसूली के दौरान कर्जदारों को किसी भी तरह से प्रताडि़त या उकसाने से परहेज करें।
इसके अलावा आरबीआई ने कर्जदारों को किसी भी तरह का अनुचित संदेश भेजने, धमकी भरा या अनजान नंबर से फोन करने से भी परहेज करने को कहा है। आरबीआई के मुताबिक, वसूली एजेंट कर्जदारों को सुबह आठ बजे के पहले और शाम सात बजे के बाद कॉल भी नहीं कर सकते हैं। आरबीआई समय-समय पर कर्ज वसूली से संबंधित मुद्दों पर दिशानिर्देश जारी करता रहा है। उसने पहले भी कहा था कि विनियमित इकाइयां कर्जदारों को परेशान या प्रताडि़त न करें, लेकिन हाल के समय में वसूली एजेंटों की तरफ से की जा रही अनुचित गतिविधियों को देखते हुए आरबीआई ने नया दिशानिर्देश जारी किया है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि ये दिशानिर्देश सभी वाणिज्यिक बैंकों, सहकारी बैंकों, एनबीएफसी, एआरसी और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों पर लागू होंगे।
चेन्नई। चेन्नई एयपोर्ट पर कस्टम्स विभाग को बड़ी सफलता हाथ लगी है। इथियोपियाई एयरलाइंस से अदीस अबाबा से पहुंचे एक यात्री से 9.590 किलोग्राम वजन की हेरोइन और कोकीन जब्त की गई है। इसकी कीमत करीब 100 करोड़ रुपये बताई जा रही है। एयर इंटेलिजेंस यूनिट (एआईयू) के अधिकारी अनिल कुमार की खुफिया जानकारी के आधार पर यह छापेमारी की गई थी।
चेन्नई एयर कस्टम द्वारा जारी बयान के मुताबिक इथोपियन एयरलाइंस द्वारा अदीस अबाबा से पहुंचे एक भारतीय यात्री इकबाल बी उरंदादी को एआईयू अधिकारियों ने रोका। उनसे 9.590 किलोग्राम वजन वाली हेरोइन और कोकीन जब्त की गई, जिसकी करीब 100 करोड़ रुपये है।
बयान के मुताबिक यात्री और उसके सामना की जांच करने पर कोकीन और हेरोइन मिले। यात्री ने इसे चेक-इन बैगेज और जूते में छिपा रखा था। इसे नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम 1985 के तहत जब्त किया गया था। इसके बाद यात्री को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मुंबई। महाराष्ट्र की मुंबई से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है जिसमे एक व्यक्ति को दफ्तर में कम्प्यूटर पर टाइप करने के दौरान एक मामूली गलती के चलते डेढ़ साल की जेल हो गई। वहीं अब बॉम्बे उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार आदेश दिया है कि वह उस शख्स को दो लाख रुपये का मुआवजा दे।
आपको बता दें कि ये मामला एक केमिकल एनालाइजर रिपोर्ट में टाइपिंग की एक मामूली गलती से संबंधित है। इस मामले में एक नाइजीरियाई शख्स को गलती से डेढ़ वर्ष के लिए जेल भेज दिया गया था। न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ 27 वर्षीय नाइजीरियाई व्यक्ति की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसे कथित तौर पर अपने पास मादक पदार्थ रखने को लेकर अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था।
अभियोजन के मुताबिक, व्यक्ति के पास से 116.19 ग्राम कोकीन, और केसरिया रंग की दिल के आकार वाली 40.73 ग्राम गोलियां तथा 4.41 ग्राम गुलाबी रंग की गोलियां बरामद की गई थी।
उल्लेखनीय है कि रासायनिक विश्लेषण की रिपोर्ट आने पर यह पता चला कि यह कोकीन नहीं थी बल्कि लिडोकेन, टेपेनटाडोल और कैफीन थी। हालांकि, फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के सहायक निदेशक की रिपोर्ट में कहा गया था कि लिडोकेन और टेपेनटाडोल स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के दायरे में आते हैं।
वहीं, एक साल बाद क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला,औरंगाबाद के सहायक निदेशक ने खेद जताया और विश्लेषण में सुधार किया तथा कहा कि यह सामग्री एनडीपीएस अधिनियम के दायरे में नहीं आती। इसके आधार पर आरोपी ने जमानत के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया। शुक्रवार को, न्यायमूर्ति डांगरे ने आदेश दिया कि आरोपी को 25,000 रुपये के मुचलके पर जमानत पर रिहा किया जाए और राज्य सरकार को छह सप्ताह के अंदर उसे मुआवजे के तौर पर दो लाख रुपये अदा करने का निर्देश दिया।