खेल-खिलाड़ी

सिर्फ 231 पर ढेर हुआ पाकिस्तान, पहली पारी से श्रीलंका को 147 रन की लीड
Posted Date : 26-Jul-2022 8:12:10 pm

सिर्फ 231 पर ढेर हुआ पाकिस्तान, पहली पारी से श्रीलंका को 147 रन की लीड

नईदिल्ली । श्रीलंका दौरे पर टेस्ट सीरीज खेलने गई पाकिस्तान की टीम दूसरे टेस्ट की पारी में सिर्फ 231 रन बनाकर ढेर हो गई. इससे पहले श्रीलंका ने पहली पारी में 378 रन बनाए थे. इसके जवाब में पाकिस्तान की ओर से आगा सलमान (62) को छोडक़र कोई भी बल्लेबाज कमाल नहीं दिखा पाया. पाकिस्तान की ओर से इमाम उल हक (32), मोहम्मद रिजवान (24), फवाद आलम (24) और यासिर शाह (26) को अच्छी शुरुआत मिली थी लेकिन चारों ही बल्लेबाज इसे बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर पाए.
मैच के तीसरे दिन 191/7 से आगे खेलने उतरी पाकिस्तान ने अंतिम 3 विकेट खोने तक 40 रन और जोड़े. पाकिस्तानी बल्लेबाज रमेश मेंडिस की फिरकी में घूमती नजर आए. उन्होंने 5 विकेट अपने नाम किए. इसके अलावा बाएं हाथ के स्पिनर प्रभात जयसूर्या ने भी 3 विकेट चटकाए. अपने करियर का 10वां टेस्ट खेल रहे रमेश मेंडिस ने तीसरी बार पारी में तीसरी बार 5 विकेट हॉल अपने नाम किया.
इससे पहले टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने उतरी श्रीलंका ने ओशाडा फर्नांडो (50), दिनेश चंडीमल (80) और निरोशान डिकवेला (51) की फिफ्टियों के दम पर 378 का स्कोर खड़ा किया. पाकिस्तान की ओर से यासिर शाह और नसीम शाह ने 3-3 विकेट अपने नाम किए.
हालांकि पाकिस्तान दो टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 से आगे है और उसके लिए राहत की बात यह है कि वह पहले टेस्ट में भी श्रीलंका से पहली पारी में पिछड़ गई थी लेकिन इसके बाद उसने मैच की चौथी पारी में 342 रन का लक्ष्य हासिल कर जीत दर्ज की थी. गॉल के मैदान पर यह रिकॉर्ड रन चेज था. इससे पहले कभी किसी भी टीम ने इस मैदान पर मैच की चौथी पारी में 300 रन का लक्ष्य भी हासिल नहीं किया था.

 

हर बार प्रशंसकों की उम्मीदों पर खरा उतरना आसान नहीं : मीराबाई चानू
Posted Date : 25-Jul-2022 2:21:24 pm

हर बार प्रशंसकों की उम्मीदों पर खरा उतरना आसान नहीं : मीराबाई चानू

नई दिल्ली  ।  टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता मीराबाई चानू को लगता है कि उनके लिए हर बार प्रशंसकों की उम्मीदों पर खरा उतरना आसान नहीं है।
मणिपुर की 27 वर्षीय वेटलिफ्टर ने उम्मीद जताई कि वह आगामी राष्ट्रमंडल खेलों में अपने प्रदर्शन से लोगों को निराश नहीं करेंगी।
भारत 1990, 2002 और 2018 में वेटलिफ्टिंग में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला रहा है और चानू के नेतृत्व वाली 15 सदस्यीय मजबूत टीम फिर से बर्मिंघम में अपनी जीत की लय को दोहराने की उम्मीद कर रही है।
मीराबाई ने गोल्ड कोस्ट में 2018 सीडब्ल्यूजी में स्वर्ण पदक जीतकर रिकॉर्ड तोड़ा। अब उनकी निगाहें इस बार भी स्वर्ण पदक जीतने पर होंगी, खास कर उनके टोक्यो प्रदर्शन देखने के बाद।
भारत में टॉप एथलीटों में से एक, मीराबाई ने आगामी इवेंट में एक और शानदार प्रदर्शन के साथ देश को गौरवान्वित करने का संकल्प लिया है।
मीराबाई चानू ने कहा, मुझे पता है कि फैंस क्या चाहते हैं। मैं राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने की पूरी कोशिश करूंगी। मैंने अपने प्रशिक्षण पर बहुत काम किया है। टोक्यो के बाद, मैं मुख्य रूप से अपनी तकनीक पर ध्यान केंद्रित कर रही हूं और अभी मैं केवल आपको आश्वस्त कर सकती हूं कि मेरे प्रशिक्षण और तकनीक के साथ सब कुछ ठीक है। तो मैं अच्छे परिणाम की उम्मीद कर रही हूं।
भारत इस खेल में 125 पदक के साथ राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में दूसरा सबसे सफल देश है। राष्ट्रमंडल खेलों में वेटलिफ्टिंग में केवल ऑस्ट्रेलिया (159) ने भारत से अधिक पदक जीते हैं।
उन्होंने आगे बताया, राष्ट्रमंडल खेल तुलनात्मक रूप से आसान हैं क्योंकि चीन और उत्तर कोरिया के कई विश्व स्तरीय वेटलिफ्टर इसमें भाग नहीं लेते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। मैं अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ से आगे जाने की पूरी कोशिश करूंगी। मुझे भविष्य के टूर्नामेटों को ध्यान में रखते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देना होगा।
अपने लगातार प्रदर्शन के कारण मीराबाई ने रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर लिया था। हालांकि, रियो में उनका प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। वह क्लीन एंड जर्क के तीनों प्रयासों में वजन उठाने में विफल रहीं।
रियो पराजय को पीछे छोड़ते हुए, मीराबाई ने कैलिफोर्निया के अनाहेम में 2017 विश्व चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल 194 किग्रा (स्नैच में 85 और क्लीन एंड जर्क में 107) का भार उठाया, जो एक प्रतियोगिता का रिकॉर्ड था।
उसने 2018 में (49 किग्रा वर्ग में) स्नैच (86 किग्रा), क्लीन एंड एर्क (110 किग्रा) और कुल (196 किग्रा) के लिए राष्ट्रमंडल खेलों का रिकॉर्ड बनाया। बर्मिंघम में वह अपना ही विश्व रिकॉर्ड तोडऩे के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी।
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल भी पेरिस ओलंपिक की तैयारी कर रहा है। इस आयोजन के बाद, मुझे ओलंपिक योग्यता के लिए तैयारी शुरू करनी होगी। राष्ट्रमंडल खेलों से मुझे अपनी कमजोरी सुधारने में मदद मिलेगी इसलिए मैं एक अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रही हूं।
उन्होंने आगे कहा, मैं अपने खेल को सुधारने के लिए किए गए सभी कामों का अभ्यास करना चाहती थी। यह मेरे लिए एक ट्रायल की तरह है। मैं देखना चाहती हूं कि मैंने कितना सुधार किया है। यह मुझे अन्य आयोजनों में और निश्चित रूप से पेरिस खेलों में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करेगा।

 

महिला क्रिकेट के लिये महत्वपूर्ण हैं राष्ट्रमंडल जैसे आयोजन : हरमनप्रीत
Posted Date : 25-Jul-2022 2:20:48 pm

महिला क्रिकेट के लिये महत्वपूर्ण हैं राष्ट्रमंडल जैसे आयोजन : हरमनप्रीत

मुंबई । भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेल 2022 से पहले कहा कि इस तरह के आयोजन महिला क्रिकेट के लिये महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। हरमनप्रीत ने एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, एक क्रिकेटर के रूप में हम ज्यादा मैच खेलना चाहते हैं। जब भी आप किसी बड़े आयोजन में जाते हैं तो आपके लिये आपके लिये अच्छा प्रदर्शन करना महत्वपूर्ण हो जाता है।
उन्होंने कहा, बिल्कुल, अगर हमें ऐसे आयोजनों में खेलने का मौका मिले तो यह महिला क्रिकेट के लिये अच्छा है। महिला क्रिकेट को बहु-राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शामिल करना गेम-चेंजर हो सकता है।
बर्मिंघम में 28 जुलाई से शुरू होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का पहला मैच ग्रुप ए में महिला टी20 विश्व कप विजेता ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होगा। इसके दो दिन बाद उनका सामना चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से होगा, जिसके बाद वह तीन अगस्त को ग्रुप स्टेज के आखिरी मैच में बारबाडोस के खिलाफ खेलेंगे।
टूर्नामेंट के सेमीफाइनल मैच छह अगस्त को खेले जाएंगे जबकि स्वर्ण और रजत पदक मुकाबले सात अगस्त को खेले जाएंगे। सभी मुकाबले एजबेस्टन  में आयोजित होंगे। हरमनप्रीत ने कहा कि टीम पहली बार आयोजन में हिस्सा लेते हुए पोडियम पर जगह बनाना चाहेगी।
उन्होंने कहा, यह आयोजन हमारे लिये बहुत महत्वपूर्ण है। हम इस बार पदक के लिये खेल रहे हैं। अगर मैं अपने बारे में बात करूं तो हम इस तरह के आयोजन देखते हुए बड़े हुए हैं और इस बार हम इस आयोजन का हिस्सा बनकर बहुत खुश हैं। मेरा मानना है कि अगर भविष्य में हमें इस तरह के अवसर मिलते रहे तो हमारे लिये अद्भुत होगा।

 

जीत के बाद बोले नीरज चोपड़ा- हर दिन एक जैसा नहीं होता, गोल्ड की भूख बनी रहेगी
Posted Date : 25-Jul-2022 2:20:22 pm

जीत के बाद बोले नीरज चोपड़ा- हर दिन एक जैसा नहीं होता, गोल्ड की भूख बनी रहेगी

नई दिल्ली   ।  विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में नीरज चोपड़ा के रजत पदक जीतने पूरे देश में खुशी का माहौल है। देशभर नीरज चोपड़ा के लिए बधाई संदेश आ रहे हैं। अपनी शानदार जीत पर नीरज चोपड़ा ने प्रतिक्रिया दी है।
नीरज चोपड़ा ने कहा कि मैं हमेशा से बोलता आया हूं कि हर एथलीट का दिन था। पीटर्स ने अच्छा किया, आज पीटर्स का दिन था। ओलंपिक की बात करें तो पीटर्स फाइनल में भी नहीं पहुंच पाया था। ये हर एथलीट के लिए काफी चैलेंजिंग होता है, हर एथलीट की बॉडी भी अलग होती है। कभी किसी को कंपेयर नहीं किया जा सकता। सभी ने दमखम लगाया। हमने भी काफी कोशिश की। टफ कॉम्पटिशन था। आज के खेल से बहुत कुछ सीखने को मिला है।
जीत के बाद नीरज चोपड़ा ने कहा कि सिल्वर की काफी खुशी है। उन्होंने कहा कि अलग से कोई रणनीति नहीं थी। क्वालिफिकेशन राउंड में काफी अच्छी थ्रो थी। हर दिन अलग होता है। हमेशा वैसा रिजल्ट नहीं मिलता जैसा हम सोचते हैं, लेकिन काफी कठिन मुकाबला था, हमने कमबैक किया और सिल्वर जीता।
नीरज चोपड़ा ने कहा कि एंडरसन पीटर्स की थ्रो काफी अच्छी थी। मेरे लिए आज की कंडीशन अलग थी। लेकिन मुझे लगा कि थ्रो ठीक है, मैं अपने थ्रो से खुश हूं। उन्होंने कहा कि हर बार गोल्ड नहीं आ सकता। स्पोर्ट्स में हमेशा अप-डाउन हो सकता है। मैं हमेशा बेस्ट देने की कोशिश करूंगा।
नीरज ने कहा कि आज के खेल ने बहुत कुछ सिखाया है। हवा खिलाफ थी। इसका भी असर हुआ है। कहीं न कहीं लग रहा था कि थ्रो लगेगी, लेकिन मेडल जीतने की खुशी है। आगे और मेहनत करेंगे।

 

बीसीसीआई ने अंपायरों के लिए शुरू की ए प्लस श्रेणी
Posted Date : 25-Jul-2022 2:19:55 pm

बीसीसीआई ने अंपायरों के लिए शुरू की ए प्लस श्रेणी

मुम्बई   । आईसीसी एलीट पैनल के सदस्य नितिन मेनन उन दस अधिकारिक लोगों में शामिल हैं जिन्हें बीसीसीाई के अंपायरों की नई शुरू की गई ए प्लस श्रेणी में शामिल किया गया है। अन्य में जो चार अंतर्राष्ट्रीय अंपायर शामिल हैं वह हैं अनिल चौधरी, मदनगोपाल जयरामन, वीरेंद्र शर्मा और केएन अनंतापद्मनाभन। रोहन पंडित, निखिल पटवर्धन, सदाशिव अय्यर, उल्हास गांधे और नवदीप सिंह सिद्धू भी ए प्लस श्रेणी का हिस्सा हैं।
सी शमशुद्दीन सहित 20 अंपायर ए ग्रुप में हैं, जबकि ग्रुप बी में 60, ग्रुप सी में 46 और ग्रुप डी में 11 अंपायर हैं, जो 60-65 आयु वर्ग में आता है। पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अंपायर के हरिहरन, सुधीर आसनानी और अमीश साहेबा और बीसीसीआई अंपायरों की उप-समिति के सदस्यों द्वारा किए गए कार्यों के बाद गुरुवार को एपेक्स काउंसिल की बैठक में पूरी सूची पेश की गई।
ए प्लस और ए श्रेणी वाले अंपायरों को प्रथम श्रेणी मैच के लिए प्रतिदिन 40,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा, जबकि बी और सी श्रेणी वाले अंपायरों को प्रति दिन 30,000 रुपये मिलेंगे। हालांकि सूची को अंपायरों के उन्नयन के रूप में प्रस्तुत किया गया था, बीसीसीआई के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि बोर्ड ने ग्रुप्स बनाए हैं।अधिकारी ने कहा, यह ग्रेडिंग नहीं है। ए प्लस नई श्रेणी का समूह है। कोई कह सकता है, ए प्लस और ए में सर्वश्रेष्ठ भारतीय अंपायर होंगे। बी और सी श्रेणी के अंपायर भी अच्छे हैं।
जब रणजी ट्रॉफ़ी के साथ शुरू होने वाले शीर्ष घरेलू आयोजनों में ड्यूटीज़ सौंपने की बात आती है, तो समूहवार वरीयता दी जाएगी। 2021-2022 सीजऩ के प्रदर्शन की समीक्षा के बाद ग्रुपिंग की गई है।
कोविड -19 के ख़तरे को कम करने के साथ, बीसीसीआई ने दो साल बाद 2022-23 में पूर्ण घरेलू सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया है। वह पुरुष और महिला क्रिकेट के विभिन्न आयु वर्गों में 1832 मैचों का आयोजन करने की योजना बना रहा है, जो एक अतिविशाल प्रयोग है।
आईपीएल में भारतीय अंपायरों के स्टैंडर्ड की अक्सर आलोचना की जाती है। केवल एक भारतीय, मेनन, वर्तमान में आईसीसी एलीट पैनल का हिस्सा हैं।
अधिक अंपायरों के सर्वोच्च लेवल पर पहुंचने के बारे में पूछे जाने पर बीसीसीआई अधिकारी ने कहा: हम एलीट पैनल पर बहुत अधिक ज़ोर देते हैं। एलीट पैनल में सिफऱ् इंग्लैंड के तीन अंपायर हैं, ऑस्ट्रेलिया के दो और बाकिय़ों के केवल एक हैं। ध्यान सभी स्तरों पर अंपायरिंग के स्टैंडर्ड में सुधार पर होना चाहिए।

 

वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप-2022 में नीरज चोपड़ा ने 88.13 मीटर दूर भाला फेंक जीता सिल्वर मेडल
Posted Date : 25-Jul-2022 4:59:09 am

वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप-2022 में नीरज चोपड़ा ने 88.13 मीटर दूर भाला फेंक जीता सिल्वर मेडल

0-19 साल बाद भारत को दिलाया पदक 
यूजीन । वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप-2022 में गोल्डन ब्वाय हरियाणा के छोरे नीरज नीरज चोपड़ा ने अमेरिका के यूजीन में इतिहास रच दिया है। नीरज ने 88.13 मीटर दूर भाला फेंककर सिल्वर मेडल हासिल किया। नीरज ने 19 साल का सूखा खत्म करते हुए 2003 के बाद भारत को इस चैम्पियनशिप में पहला मेडल दिलाया है। इसी प्रतियोगिता में 10वें नंबर पर रहते हुए रोहित यादव रेस से बाहर हो गए थे। इससे पहले वर्ल्ड चैम्पियनशिप में इंडिया का सिर्फ एक ही मेडल था, जो लंबी कूद की एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज ने 2003 में कांस्य पदक से हासिल किया था। अब 19 साल बाद भारत के खाते में दूसरा मेडल आया, जो सिल्वर है।
नीरज चोपड़ा का पहला अटेम्प्ट फाउल रहा, जबकि दूसरे अटेम्प्ट में उनहोंने 82.39 मीटर का थ्रो किया। यह उनके सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से काफी दूर था। दूसरी ओर, ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने पहले ही अटेम्प्ट में 90 मीटर को पार कर लिया। उन्होंने लगातार 3 अटेम्प्ट में 90.46, 90.21 और 90.46 मीटर का थ्रो करते हुए अपना मेडल लगभग पक्का कर लिया था।
नीरज ने तीसरे अटेम्प्ट में अपने प्रदर्शन में सुधार किया। उन्होंने 86.37 मीटर का थ्रो करते हुए चौथे नंबर पर पहुंच गए। भारतीय स्टार ने चौथे राउंड में 88.13 मीटर का थ्रो करते हुए दूसरा नंबर पा लिया। नीरज का यह ओलिंपिक से भी बेहतर प्रदर्शन था। उन्होंने ओलिंपिक में 87.58 मीटर का जैवलिन थ्रो करते हए गोल्ड मेडल जीता था। अब चेक रिपब्लिक के जेकुब वाद्लेज तीसरे नंबर पर पहुंच गए थे। छठे राउंड में वह फाउल कर गए। वह 5वें राउंड में वह फाउल कर बैठे, लेकिन अच्छी बात यह रही कि जेकुब 81.31 मीटर ही फेंक सके। दूसरी ओर, ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स को गोल्ड मेडल मिला, जिन्होंने लगातार दूसरे बड़े इवेंट में नीरज से गोल्ड छीना है।
39 साल से चल रही वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत का गोल्ड जीतने का सपना पूरा नहीं हो पाया। उसे सिल्वर से संतोष करना पड़ा। 19 साल बाद देश को इस चैंपियनशिप में कोई मेडल मिला है। नीरज से पहले अंजू बॉबी जार्ज ने लॉन्ग जंप में 2003 में ब्रॉन्ज जीता था। नीरज इस चैंपियनशिप में सिल्वर जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट बन गए हैं। साथ ही वे पहले भारतीय पुरुष एथलीट हैं, जिन्होंने इस चैंपियनशिप में कोई मेडल जीता है।
नीरज ने पिछले साल ओलिंपिक में 120 सालों का सूखा खत्म किया था और भारत के लिए ट्रैक एंड फील्ड में गोल्ड मेडल लाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे। वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन पहली बार 1983 में किया गया था।