नईदिल्ली,10 जुलाई । राजधानी दिल्ली की कडक़डड़ूमा अदालत में चेक बाउंस मामले में जब एक सात साल का बच्चा बतौर आरोपी अदालत में दाखिल हुआ तो जज सहित मौजूद तमाम लोग चौंक गए. स्कूल की यूनिफॉर्म पहन कर अपने खिलाफ दायर किए गए मामले की सुनवाई में पहुंचे इस बच्चे को देखते ही फौरन जज ने मामले को ही खारिज कर दिया.
जानकारी के मुताबिक साहिबाबाद निवासी शिकायकर्ता सिद्धार्थ अग्रवाल के पिता और टीटू शर्मा एक दूसरे के साथ व्यापार करते थे. उन्होंने टीटू को चांदनी चौक स्थित उसकी दुकान पर माल सप्लाई किया. जिसके एवज में टीटू शर्मा ने चैक दे दिया. कहा गया कि मई 2018 में जो माल सप्लाई किया गया था उसमें 33 हजार रुपये का माल खराब निकला लेकिन टीटू शर्मा इस माल का भुगतान चैक के माध्यम से कर चुका था.
जब शिकायतकर्ता के पिता इस चैक को भुनाने के लिए बैंक में गए तो यह बाउंस निकला. इसके बाद शिकायतकर्ता के पिता ने टीटू शर्मा के बेटे के नाम कानूनी नोटिस भेजकर 33 हजार रुपये का भुगतान 15 दिन के अंदर करने की मांग की. कोर्ट के सामने आरोपी बच्चे की ओर से वकील विशेष राघव ने बताया कि शिकायतकर्ता ने टीटू शर्मा के बेटे के नाम से नोटिस भेज तो दिया जबकि उन्हें पता ही नहीं था कि यह बच्चा नाबालिग है.
वहीं कोर्ट ने आरोपी बनाए गए बच्चे के पिता को छूट दी है कि वह शिकायतकर्ता के खिलाफ प्रताडऩा का मुकदमा दायर कर सकते हैं. जिसमें उनके नाबालिग 7 साल के बेटे को आरोपी बनाया गया. बता दें कि यह मामला साहिबाबाद का है. जहां सिद्धार्थ अग्रवाल नाम के शिकायतकर्ता ने मई 2018 में टीटू शर्मा के पुत्र के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया.