व्यापार

09-Jul-2019 1:49:45 pm
Posted Date

आयात पर ड्यूटी बढ़ाने से गोल्ड के कच्चे और पक्के रेट में आएगा 5 प्रतिशत का अंतर

नई दिल्ली,09 जुलाई । सोने के आयात पर कस्टम ड्यूटी 10 से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने के खिलाफ जूलरी ट्रेडर लामबंद होने लगे हैं। उनका मानना है कि इससे वैध और अवैध व्यापार की खाई बढ़ेगी और 15.5 से 18 प्रतिशत टैक्स बोझ के साथ चलने वाले जूलर अपने ही बाजारों में प्रतिस्पर्धा से बाहर हो जाएंगे। जूलर्स का अनुमान है कि इससे गहनों के रेट भी अलग-अलग हो जाएंगे और कैश एवं बिल के साथ होने वाली खरीद में रेट का अंतर कम-से-कम 5 प्रतिशत तक चला जाएगा।
कस्टम ड्यूटी में इजाफा वापस लेने की मांग के साथ जूलर्स संगठनों ने एकजुट अभियान छेडऩे की पहल शुरू कर दी है। द बुलियन ऐंड जूलर्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट योगेश सिंघल ने बताया कि जूलरी पर कस्टम ड्यूटी घटने की उम्मीदों के बीच हुए इजाफे से झटका लगा है। यह एक तरह से ग्रे मार्केट को इंसेंटिव है। बाजार में अवैध सोने की सप्लाई बढ़ेगी। एक तरफ 10 प्रतिशत कस्टम, 3 प्रतिशत जीएसटी और कुछ मामलों में जॉब वर्क पर अतिरिक्त जीएसटी के साथ 15.5 से 18 पर्सेंट तक टैक्स बोझ वाली सेल होगी तो दूसरी तरफ बिना बिल के कैश खरीद-फरोख्त होगी। ग्राहक को कैश और इनवॉइस पर होने वाली बिक्री के रेट में कम-से-कम 5 प्रतिशत का अंतर होगा। हाई वैल्यू ट्रेड में यह अंतर खरीद का रुझान शिफ्ट करने के लिए काफी है। इससे न सिर्फ टैक्स कंप्लायंट ट्रेडर प्रतिस्पर्धा से बाहर होंगे, बल्कि सरकार को राजस्व में भी झटका लगेगा। उन्होंने बताया कि इस पर विरोध दर्ज कराने के लिए दिल्ली में सभी संगठनों और जूलर्स की एक मीटिंग बुलाई गई है।
ऑल इंडिया जेम्स ऐंड जूलरी डोमेस्टिक काउंसिल का अनुमान है कि इससे ग्रे मार्केट में करीब 30 प्रतिशत का इजाफा होगा और असंगठित कारोबारियों को संगठित बाजार में लाने की मुहिम को भी झटका लगेगा। कस्टम ड्यूटी बढऩे से कैश और बिलिंग रेट का अंतर बढ़ेगा, नतीजतन ग्रे मार्केट की डिमांड और सेल्स बढ़ेगी।

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