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07-Jul-2017 4:08:44 pm
Posted Date

ट्रांसपोर्टरों को जीएसटी से दो माह की छूट से कर चोरी बढऩे की आशंका

नई दिल्ली,(आरएनएस)। जीएसटी लागू होने से कुछ राज्यों में चुंगी नाके (चेकपोस्ट) खत्म होने लगे हैं, मगर टैक्स चोरी के डर से आरटीओ व पुलिस की चेकिंग बढ़ गई है। चूंकि ईवे बिल के लिए जीएसटीएन पोर्टल अभी पूरी तरह तैयार नहीं है, लिहाजा केंद्र सरकार ने ट्रांसपोर्टरों को दो महीने की मोहलत दे दी है। लेकिन राज्य सरकारों ने ट्रकों के खिलाफ गश्त बढ़ा दी है। उन्हें आशंका है कि ईवे बिल के कारण जीएसटी से मिली छूट का फायदा उठाकर ट्रांसपोर्टर इन दो महीनों के दौरान जम कर टैक्स चोरी कर सकते हैं। पहली जुलाई से पूरे देश में जीएसटी लागू हो गया है। लॉजिस्टिक्स व ट्रांसपोर्ट व्यवसाय भी इससे अछूता नहीं है। बड़ी लॉजिस्टिक्स कंपनियों, कॉमन कैरियर्स व गुड्स बुकिंग एजेंटों ने इसे अपनाने का संकेत दिया है। लेकिन ईवे बिल की दिक्कतों के कारण वे हिचक रहे हैं। जबकि मझोले ट्रांसपोर्टर पंजीकरण से बचने के कारण जीएसटी का विरोध कर रहे हैं। नतीजतन पहले दिन केवल 25 फीसद माल की बुकिंग होने के समाचार हैं। इससे ट्रक भाड़ों में गिरावट देखने में आ रही है। जीएसटी के चलते कई राज्यों में प्रवेश बिंदुओं पर बिक्रीकर नाके हटाए जाने की खबर है। तमिलनाडु में अधिकांश नाके हट गए हैं, लेकिन आरटीओ और पुलिस की चेकिंग बढ़ गई है। पहले माना जा रहा था कि जीएसटीएन पूरी तरह तैयार नहीं होने से चेक पोस्टें अभी तीन-चार महीने बनी रहेंगी। कई जगहों पर पहले ही दिन चुंगी नाकों का हटना आश्चर्यजनक है। ईवे बिल प्रणाली के तहत 50 हजार रुपये से ऊपर के कंसाइनमेंट का ब्योरा जीएसटीएन नेटवर्क पर डालना और ईवे बिल नंबर लेना जरूरी है। ट्रक ड्राइवर को सामान के कागजात के साथ यह नंबर लेकर चलना होगा। रास्ते में प्रवर्तन एजेंसियां सौ में एक ट्रक का औचक निरीक्षण कर ईवे बिल के साथ सामान का मिलान करेंगी और देखेंगी कि कर चोरी तो नहीं की जा रही है। पिछला अनुभव बताता है कि जब-जब कर व्यवस्था में बदलाव हुआ है, कुछ समय के लिए कर चोरी के मामले बढ़ जात हैं। इसीलिए एजेंसियां जगह-जगह ट्रकों को रोककर कागजात और सामान की जांच कर रही हैं। इसे देखते हुए ट्रांसपोर्टरों के फिलहाल माल की बुकिंग रोकने से ट्रक भाड़ों में गिरावट का रुख देखने में आ रहा है।

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