व्यापार

07-Jul-2017 4:07:55 pm
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कुछ ही दिन रहेगी ई-कॉमर्स कंपनियों को मिली राहत

नई दिल्ली,(आरएनएस)। सरकार की तरफ से ई-कॉमर्स कंपनियों को टीडीएस (स्नोत पर कर कटौती) और टीसीएस (स्नोत से कर संग्रह) पर दी गई राहत बहुत ज्यादा दिनों तक जारी नहीं रहेगी। वित्त मंत्रालय ने जीएसटी लागू होने के ठीक दो दिन पहले ई-कॉमर्स कंपनियों को छोटे कारोबारियों (सप्लायर) से टीडीएस व टीसीएस वसूलने में रियायत देने का फैसला किया था। लेकिन कई विशेषज्ञों ने सरकार के इस कदम पर यह सवाल उठाया है कि ई-कॉमर्स का सारा कारोबार ही ऑनलाइन होता है। उन्हें माल की आपूर्ति करने वाले छोटे से छोटे कारोबारी को भी सारा रिकॉर्ड ऑनलाइन रखना होता है तभी कारोबार की सारी प्रक्रिया पूरी होती है। ऐसे में इन्हें दी छूट को लेकर सरकार के भीतर भी आवाज उठ रही है। बहरहाल, वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि जब ई-कॉमर्स कंपनियों को यह छूट दी गई थी, तभी सरकार ने परोक्ष तौर पर उन्हें स्पष्ट कर दिया था कि ज्यादा दिनों तक यह राहत नहीं रहने वाली है। इसके लिए अभी कोई समय सीमा तय नहीं की गई है, लेकिन निश्चित तौर पर यह कई महीनों तक जारी नहीं रहने वाली है। इस बीच ई-कॉमर्स कंपनियों को कहा गया है कि वे अपने छोटे सप्लायरों को पंजीकृत कराने का काम शीघ्रता से करें। उन्होंने आश्वासन दिया है कि कुछ हफ्तों में यह काम पूरा हो जाएगा। सरकारी अधिकारी अ"ले महीने की शुरुआत में ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ मिलकर पूरी स्थिति की समीक्षा करेंगे। सरकार के पूर्व आदेश से जीएसटी के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों का पंजीयन 25 जून से शुरू हुआ था। मगर वित्त मंत्रालय ने 26 जून को एक सूचना जारी कर इन कंपनियों को सप्लायरों की बिलिंग पर एक फीसद टीडीएस काटने के प्रावधान पर रोक लगा दी है। कहा गया है कि छोटे-छोटे सप्लायरों के लिए कुछ दिनों के भीतर जीएसटी पंजीयन कराना आसान नहीं है। इसका सबसे ज्यादा फायदा अमेजन और फ्लिपकार्ट को हुआ है। इन दोनों कंपनियों ने अपने ऑनलाइन साइट पर जीएसटी से ठीक पहले बिक्री का बड़ा अभियान शुरू करने की योजना बनाई थी। अगर इन्हें राहत नहीं मिलती तो इनके कार्यक्रम को धक्का लगना निश्चित था, क्योंकि न तो पंजीयन नहीं कराने वाले सप्लायर की बिलिंग हो पाती और न ही ग्राहकों को समय पर सामान की आपूर्ति मिल पाती।

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