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04-Nov-2018 10:42:25 am
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जाने कैसे बना कटा हुआ सेब एप्पल ब्रांड का लोगो

वाशिंगटन अमेरिकी कंपनी एप्पल की स्थापना 1 अप्रैल 1976 को हुई। कंपनी की स्थापना स्टीव जॉब्स, स्टीव वोजनियाक और रोनाल्ड वेन ने की थी। शुरुआत में इनका मकसद पर्सनल कंप्यूटर बनाना था। स्थापना के अगले साल 1977 में कंपनी का नाम ‘ऐप्पल इंक’ रखा गया। वक्त तकनीक के साथ एप्पल की पहचान भी समय-समय पर बदली। एप्पल का पहला लोगो आइज़क न्यूटन की तस्वीर थी, जिसमें वो सेब के पेड़ के नीचे बैठे थे। तस्वीर उस घटना को बयां कर रही थी जिसने न्यूटन को गुरुत्वाकर्षण खोज के लिए प्रेरित किया। पहले लोगो को तीन सह-संस्थापकों में से एक रोनाल्ड वेन ने 1976 में ही तैयार किया था, लेकिन वे स्थापना के 2 हफ्ते बाद ही कंपनी से अलग हो गए थे। पर स्टीव जॉब्स और स्टीव वोजनियाक ने एक साल तक वही लोगो रखा। फिर 1977 में इसे बदलने का फैसला लिया।कंपनी के लिए नया लोगो खोजते हुए कंप्यूटर वैज्ञानिक ‘एलन ट्यूरिंग’ का ख़्याल आया। ये लोगो उन्हीं को श्रद्धांजली देने के लिए बनाया गया। ‘एलन ट्यूरिंग’ की कहानी तब की है, जब यू.एस. में होमोसेक्सुएलिटी गुनाह था। एलन इसी के चलते दोषी ठहराए गए थे, उनका इलाज करने के मद्देनजर उन्हें केमिकल ट्रीटमेंट देना तय हुआ और सायनाइड इंजेक्टेड एप्पल खाने के लिए दिया गया, जिसे खाने से उनकी मौत हो गई और उनके शव के पास से चखा हुआ ज़हरीला सेब बरामद हुआ था, ये भी कहा जाता है कि सेब ऐसा फल है, जिसकी आकृति थोड़ी सी कटने के बाद भी पहचान नहीं बदलती, इसलिए कंपनी ने इसे अपना लोगो बनाया। 1977 में रॉब जेनिफ ने लोगो तैयार किया। जो स्टीव जॉब्स को चखा हुए सेब पहली ही नजर में भा गया था। जब कंपनी का लोगो बनना कटा सेब तय हुआ तो उसमें रेनबो रंग थे, जो 1977 से लेकर 1998 तक रहा। 1998 में एप्पल के रंग को सुनहरे कर दिया, जिसकी वजह मैक कम्प्यूटर और आईफोन की मेटल बॉडी बनाना थी।

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