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नईदिल्ली,08 जून। फंसे लोन की समस्या के हल के लिए आरबीआई ने नया सर्कुलर जारी किया है। सर्कुलर में लिखा गया कि अगर बैंक को जरा सा भी अहसास हो कि उनका कर्र्ज फंस सकता है तो वे तुरंत इसकी रिपोर्टिंग करें। साथ ही लेंडर्स को सेंट्रल रिपॉजिटरी ऑफ इन्फर्मेशन ऑन लार्ज क्रेडिट्स सीआरआईएलसी को कर्ज की सूचना देनी चाहिए। यह नियम 5 करोड़ रुपये या उससे अधिकर की रकम के कर्जदारों पर ही लागू होगा।
सर्कुलर में बैकों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी कर्जधारक के डिफॉल्ट करने के 30 दिन में उसके खाते की समीक्षा शुरू की जाए। पुराने सर्कुलर के मुताबिक डिफॉल्ट होने के एक दिन में ही बैंकों को रिव्यू शुरू करना होता था। समीक्षा अवधि के दौरान कर्जदाता रेजोल्यूशन प्लान की रणनीति तय कर सकेंगे। प्लान लागू किया जाता है तो सभी कर्जदाताओं को इंटर-क्रेडिटर एग्रीमेंट (आईसीए) करना होगा।
नए सर्कुलर के मुताबिक रेजोल्यूशन प्लान के लिए अब कुल लोन की 75त्न वैल्यू वाले कर्जदाताओं की मंजूरी जरूरी होगी। पहले सभी कर्जदाताओं की मंजूरी लेनी होती थी। समीक्षा अवधि से 180 दिन में रेजोल्यूशन प्लान लागू नहीं होता है तो आरबीआई बैंकों से 20त्न अतिरिक्त प्रोविजनिंग के लिए कहेगा। 365 दिन में रेजोल्यूशन प्लान लागू नहीं होने पर 35त्न अतिरिक्त प्रोविजनिंग करनी होगी।
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