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28-May-2019 12:40:57 pm
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जेट डूबा, इंडिगो का मुनाफा 5 गुना बढ़ा

नई दिल्ली,28 मई । इंडिगो का नेट प्रॉफिट मार्च च्ॉर्टर में पांच गुना बढ़ गया। कंपनी को पिछले साल के लोअर बेस का फायदा मिला। जेट एयरवेज की कैपेसिटी में तेज गिरावट आने से भी कंपनी को फायदा हुआ। उससे कंपनी को प्राइस और मार्केट शेयर बढ़ाने में मदद मिली थी। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो का आधे घरेलू बाजार पर कब्जा है।
उसने कहा है कि मार्च च्ॉर्टर में उसे 589 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ जो सालभर पहले 118 करोड़ रुपये था। पिछले फिस्कल के चौथे च्ॉर्टर में कंपनी का रेवेन्यू 36 प्रतिशत बढक़र 7,883 करोड़ रुपये हो गया। एयरलाइन ने कहा कि इस दौरान उसकी यील्ड पर किलोमीटर में 12 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू पर अवेलेबल सीट किलोमीटर 6 प्रतिशत बढ़ गया। हालांकि मार्च च्ॉर्टर में कंपनी का ऐवरेज लोड 89 प्रतिशत से गिरकर 86 प्रतिशत रह गया।
कंपनी ने रिजल्ट्स के ऐलान के बाद एनालिस्टों के साथ हुई कॉन्फ्रेंस कॉल में सीईओ रणंजय दत्ता ने कहा कि जेट एयरवेज का कामकाज बंद होने से इंडिगो का रेवेन्यू पर यूनिट 3-4 प्रतिशत बढ़ गया। उन्होंने कहा कि कंपनी के रेवेन्यू में बाकी 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी डिस्काउंटेड सेल्स और नेटवर्क ऑप्टिमाइजेशन से हासिल हुई है। जेट का कामकाज 17 अप्रैल को बंद हो गया था। दत्ता ने कहा कि उस महीने कंपनी का रेवेन्यू मार्च से ज्यादा रहा, लेकिन कॉम्पिटिटर्स के कैपेसिटी एडिशन के चलते इसका फायदा मई में कम हो जाएगा और जून में खत्म हो जाएगा।
इंडिगो ने कहा कि उसने मौजूदा फाइनैंशल ईयर में अपनी कैपेसिटी 30 प्रतिशत बढ़ाने की योजना बनाई है। मार्च में इसके पास 217 विमानों का बेड़ा था जबकि इस साल कंपनी 53 विमानों की डिलीवरी लेनेवाली है, जिनमें 11 एटीआर और 15 ए321 नियो विमान शामिल हैं। ए321 नियो कंपनी के बेड़े का आधार बने ए320 नियो का स्ट्रेच्ड वर्जन हैं। इंडिगो के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर ने कहा कि कंपनी ने हर महीने 40 कमांडर्स की भर्ती कर उनकी कमी की समस्या दूर कर ली है। कमांडर्स की कमी के चलते साल की शुरुआत में इंडिगो को 30 डेली फ्लाइट्स कम करने पड़ गई थीं।
मार्च के अंत में इंडिगो के पास 15,308 करोड़ रुपये का कैश रिजर्व था जो पिछले साल से 12 प्रतिशत ज्यादा था लेकिन उसका फ्री कैश फ्लो 14 प्रतिशत गिरकर 6,079.6 करोड़ रुपये रह गया। बताया जा रहा है कि यह प्लेंस की डिलीवरी के लिए किए गए पेमेंट के चलते हुआ है। कंपनी पर मार्च के अंत में 2,429.2 करोड़ रुपये का कर्ज था।

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