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22-May-2019 1:24:11 pm
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इसरो ने लांच किया ‘आरआईएसईटी-2बी’ अर्थ सैटेलाइट

0- अब आतंकियों पर होगी बाज जैसी नजर
नई दिल्ली  ,22 मई । भारत का पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल (पीएसएलवी) रडार इमेजिंग अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट आरआईएसएटी-2बी को लेकर यहां रॉकेट पोर्ट के पहले लांच पैड से को प्रक्षेपित हो गया। प्रक्षेपण के लगभग 15 मिनट के बाद रॉकेट आरआईएसएटी-2बी को यहां से लगभग 555 किलोमीटर दूर कक्षा में स्थापित कर देगा। इसरो के अनुसार इसका जीवन पांच साल का है। रॉकेट अपने साथ 615 किलोग्राम का आरआईएसएटी-2बी ले जाएगा जो आकाश से भारत की खुफिया क्षमताओं को और मजबूत करेगा, वहीं इसरो ने इस संदर्भ में कोई जवाब नहीं दिया।
भारत की एक अन्य आरआईएसएटी-2बीआर नाम के रडार इमेज सैटेलाइट को भी इसी साल लांच करने की योजना है। इसरो के अनुसार, आरआईएसएटी-2बी का उपयोग कृषि, वन विज्ञान और आपदा प्रबंधन में किया जाएगा।
आरआईएसएटी-2बी के साथ  प्रक्षेपित 44.4 मीटर लंबा पीएसएलवी स्ट्रैप-ऑन मोटरों के बिना वाला अकेला वेरिएंट है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के पास पीएसएलवी के दो और चार स्ट्रैप-ऑन मोटर्स और बड़े पीएसएलवी-एक्सएल हैं।
रिसेट-2बी उपग्रह में कई विशेषताएं
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. के. शिवन ने कहा कि लांच व्हीकल पीएसएलवी-सी 46 से सफलतापूर्ण प्रक्षेपित पृथ्वी की निगरानी करने वाले रडार इमेजिंग उपग्रह रिसेट-2बी में कई विशेषताएं हैं।
डॉ. शिवन ने सफल मिशन के बाद वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा, मुझे यह कहते हुए बेहद खुशी हो रही है कि पीएसएलवी-सी46, रिसेट-2बी उपग्रह को 555 किलोमीटर की ऊंचाई पर सफलतापूर्वक निर्दिष्ट कक्षा में 37 डिग्री झुकाव के स्थापित कर दिया। उन्होंने कहा, यह मिशन इस मायने में महत्वपूर्ण है कि पीएसएलवी ने अंतरिक्ष में 50 टन ले जाने की रिकॉर्ड को पार किया है। यह अब तक 350 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया है जिनमें से 47 राष्ट्रीय उपग्रह हैं और शेष छात्र एवं विदेशी उपग्रह हैं। डॉ. शिवन ने कहा कि रिसेट-2 बी उपग्रह एक सिंथेटिक अर्पचर रडार(एसएसआर) से लैस है जो पृथ्वी की निगरानी की क्षमता को बढ़ाता है। 

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