व्यापार

20-May-2019 1:49:30 pm
Posted Date

कोचर की चार कंपनियों के खिलाफ प्रोसिक्यूशन कंप्लेंट

मुंबई ,20 मई । पहली पीढ़ी के उद्यमी और आईसीआईसीआई बैंक की फॉर्मर चीफ चंदा कोचर के पति दीपक कोचरकी मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स (रूष्ट्र) ने रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज यानी क्रशष्ट के जरिए हाल ही में कोचर की कम से कम चार कंपनियों के खिलाफ प्रोसिक्यूशन कंप्लेंट (क्कष्ट) दी है। जिन कंपनियों के खिलाफ क्कष्ट दर्ज हुई है, उनमें पैसेफिक कैपिटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, ईचंदा ऊर्जा प्राइवेट लिमिटेड और सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। सूत्रों ने ईटी को बताया कि मिनिस्ट्री ने मुंबई के रीजनल एमसीए ऑफिस की सिफारिश पर कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वी एन धूत की कंपनियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया था। 
क्रशष्ट की तरफ से क्कष्ट दर्ज कराया जाना ढ्ढष्टढ्ढष्टढ्ढ वीडियोकॉन लोन मामले की जांच कर रही एजेंसी की तरफ से पहली दंडात्मक कार्रवाई किए जाने के बराबर है। ढ्ढष्टढ्ढष्टढ्ढ बैंक की फॉर्मर एमडी और सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और धूत के खिलाफ एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (श्वष्ठ), ष्टक्चढ्ढ और ढ्ढ-ञ्ज डिपार्टमेंट सहित कई लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियां जांच कर रही हैं। मुंबई में एक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में दर्ज कराई गई क्कष्ट स्वीकार कर ली गई है, जिस पर 27 जून को सुनवाई होगी। सूत्रों के मुताबिक ये कंपनियां 20 से ज्यादा धाराओं के तहत कंपनी एक्ट का उल्लंघन करती पाई गई हैं। सूत्र ने बताया, कुछ मामलों में कंपनियों पर सेक्शन 447 और सेक्शन 448 लगा है जो फ्रॉड से जुड़ा है। 
सूत्र ने कहा, जहां तक धूत की बात है तो, पीसी वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (ङ्कढ्ढरु) के खिलाफ भी कंपनी एक्ट की 20 से ज्यादा धाराओं के उल्लंघन का मामला है। सूत्रों ने बताया कि ये कंपनियां क्रशष्ट की तरफ से दंडित की जानेवाली फर्मों की पहली सूची वाली हैं, लेकिन मामले में जिन दूसरी कंपनियों के खिलाफ जांच चल रही है उनके साथ भी ऐसा ही हो सकता है। 
सूत्र ने कहा, जांच रिपोर्ट फाइनल होने के बाद रीजनल ऑफिस की तरफ से सिफारिशें आने और एमसीए के पास जमा कराए जाने से पहले मिनिस्ट्री कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश कर रही है। इस मामले में डिटेल के लिए कोचर और धूत को भेजे गए ईमेल का जवाब खबर लिखे जाने तक नहीं मिल पाया था। कोचर के वकील विजय अग्रवाल ने कमेंट करने से मना कर दिया। 
कोचर और धूत की कंपनियों की जांच में मुंबई के रीजनल ऑफिस ने पाया कि वीडियोकॉन ग्रुप की तरफ से कोचर ग्रुप को 64 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे, जिसे वसूल करने को लेकर लेनदार का गंभीर नजर नहीं आ रहा था। ईटी ने इस जांच रिपोर्ट को देखा है। 

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