मनोरंजन

25-Oct-2018 8:36:50 am
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अनोखा है पानी में तैरने वाला यह गाँव, नहीं मिलेंगी एक भी सड़क

किसी नई जगह जाना चाहते हैं या फिर कुछ अलग देखने का मन कर रहा है। अगर आप दुनिया में कुछ ऐसा देखना चाहते हैं जो सबसे अलग हो और उसे आपने आज तक ना देखा हो तो आपको एक बार नीदरलैंड घूम आना चाहिए। नीदरलैंड में गिएथ्रून नाम का एक गांव है जो पानी में तैरता है। जो भी यहां की सैर एक बार कर लेता है वह जिंदगी भर इस नजारे को नहीं भूल पाता है।

नही मिलेंगी सड़कें

इस गांव की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां एक भी सड़के आपको नहीं मिलेंगे। अगर आपको इस गांव में घूमना है तो नाव का सहारा लेना होगा। इसकी सुंदरता भी कोई कम नहीं है यही कारण है कि यहां पर पर्यटकों का जमाव लगा रहता है। बड़े बड़े देशों से पर्यटक नाव में बैठकर इस गांव का नजारा लेने आते हैं।

पॉल्युशन का नामोनिशान नही

इस गांव में पॉल्यूशन बिल्कुल भी नहीं है। इसके पीछे का कारण है कि यहां एक भी सड़के नहीं है गांव में सड़के ना होने के कारण यहां लोग कृत्रिम यातायात के साधनों का प्रयोग नहीं करते हैं। बल्कि, नाव से सफर करते हैं।

इलेक्ट्रिक मोटर बोट की है उबलब्धि

अगर आपको कम समय में इस गांव की सैर करनी है तो यहां आपको इलेक्ट्रिक मोटर वोट भी मिल जाती है। इस गांव की एक और बड़ी खासियत यह है कि यहां पर आपको कोई भी शोर शराबा नहीं सुनाई देगा। पूरे दिन यह गांव बतख और चिड़ियों के आवाज से गूंजता है। इस दौरान यह नजारा देखने लायक होता है।

176 पुल हैं मौजूद

यह गांव पूरी तरह से नहरों के बीच में स्थित है। इस पार से उस पार जाने के लिए नहरों के ऊपर कुल 176 लकड़ी के पुल हैं जिन्हें बहुत खूबसूरती से बनाया गया है। इस गांव में आपको कई पुरानी इमारतें भी मिल जाएंगे जो पुराने समय के राजा महाराजाओं से जुड़ी हुई हैं।

नहरों के ऊपर लें स्केटिंग का मजा

अगर आप कभी इस गांव में जाना चाहते हैं तो सर्दी के मौसम में जाए। सर्दी के मौसम में यहां की लहरें बर्फ से ढक जाती हैं जिससे आप स्केटिंग का मजा भी ले सकते हैं। सर्दी के मौसम में यह गांव पूरी तरह से बर्फ से ढक जाता है जो नजारा देखने लायक होता है।

भोजन भी मिल जाएगा

इस गांव में पर्यटकों के भोजन का भी खास ध्यान रखा गया है। अगर आप यहां घूमने के लिए आए हैं तो आपको अपने साथ भोजन लाने की जरूरत नहीं है क्योंकि यहां हर किसी के लिए स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध है।

18 वीं शताब्दी में बना गांव

इस गांव की उत्पत्ति 18वीं शताब्दी में हुई थी। 18 वीं शताब्दी में जब कुछ लोग यहां रहने आए तो बाढ़ के कारण यहां की मिट्टी दलदली हो गई थी जिन पर उन्होंने खुदाई करना शुरू कर दिया। खुदाई करते करते जब कुछ साल बीत गए तो इस गांव का नजारा देखने लायक था क्योंकि यहां बहुत सारी नहरे उत्पन्न हो गई थी। यही वह वक्त था जब से यह खूबसूरत गांव दुनिया की नजर में आया और धीरे-धीरे यहां पर पर्यटकों का आना भी शुरू हो गया।

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