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07-May-2019 2:06:29 pm
Posted Date

वीवीपैट पर 21 विपक्षी दलों की याचिका सुको में खारिज

0- सीजेआई बोले- एक मामला बार-बार क्यों सुनें
नई दिल्ली ,07 मई ।  लोकसभा चुनाव के बीच सुप्रीम कोर्ट ने आज ईवीएम और वीवीपैट पर 21 विपक्षी दलों की याचिका को खारिज कर दी है। पहले तीन चरणों के मतदान के दौरान कांग्रेस, टीडीपी समेत 21 राजनीतिक पार्टियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। 
इन दलों की मांग थी कि 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की ईवीएम से मिलान का आदेश चुनाव आयोग को दिया जाए। सुनवाई के लिए चंद्रबाबू नायडू, डी. राजा, संजय सिंह और फारूक अब्दुल्ला अदालत में मौजूद रहे। याचिका को खारिज करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अदालत इस मामले को बार-बार क्यों सुने। सीजेआई ने कहा कि वह इस मामले में दखलअंदाजी नहीं करना चाहते हैं। विपक्षी दलों की याचिका में कहा गया था कि कई मामलों में देखा गया है कि वोटर किसी अन्य पार्टी को वोट देता है और उसका वोट किसी दूसरी पार्टी के लिए रिकॉर्ड हो रहा है। गौरतलब है कि पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम पांच बूथ के ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों के औचक मिलान करने को कहा था। आयोग ने इसे मान भी लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस लोकसभा चुनाव में ईवीएम और वीवीपैट के मिलान को पांच गुना बढ़ाया। कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र मे 5 वीवीपैट का ईवीएम से मिलान किया जाएगा। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने कहा था, हर विधानसभा में ईवीएम और वीवीपैट मिलान की संख्या इसलिए बढ़ाई गई है ताकि सटीकता बढ़े, चुनावी प्रक्रिया सही हो और न सिर्फ राजनीतिक दल बल्कि मतदाता भी इससे संतुष्ट हो।
इसी के साथ आपको बता दें कि चुनाव आयोग 4125 ईवीएम और वीवीपैट के मिलान कराता है जो अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बढक़र 20625 ईवीएम और वीवीपैट का मिलान करना होगा। वर्तमान में वीवीपैट पेपर स्लिप मिलान के लिए प्रति विधानसभा क्षेत्र में केवल एक ईवीएम लिया जाता है। एक ईवीएम प्रति विधानसभा क्षेत्र के 4125 ईवीएम के वीवीपैट पेपर्स से मिलान कराया जाता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग को 20625 ईवीएम की वीवीपैट पर्चियां गिननी हैं, यानी प्रति विधानसभा क्षेत्र में पांच ईवीएम की जांच होगी। 

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