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06-May-2019 1:23:10 pm
Posted Date

हाईकोर्ट ने रद्द किया साल 2018 के लिए आईएएस-आईपीएस कैडर आवंटन

नईदिल्ली,06 मई । वर्ष 2018 के बैच के लिए इंडियन सिविल सर्विसेज के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के कैडर आवंटन को दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की बेंच ने आवंटन के खिलाफ दायर चार याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान इस प्रक्रिया में दोष पाया और इसे रद्द कर दिया. कोर्ट ने दोबारा से कैडर आवंटन करने का आदेश भी जारी किया है.
क्या है मामला?
गौरतलब है कि कैडर आवंटन से नाराज़ होकर चार अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थीं. याचिका दायर करने वालों ने आरोप लगाया था कि कैडर आवंटित करने में मनमाना रवैया अपनाया गया है, किसी की पसंद का ख्याल नहीं रखा गया है. याचिकाकर्ता का तर्क था कि कैडर उनके पूरे करियर को प्रभावित करेगा इसलिए उनकी राय का इसके आवंटन में सम्मान किया जाना चाहिए. चारों ही याचिकाकर्ताओं ने कैडर आवंटन नीति 2017 की प्रक्रिया को अनुचित, अन्यायपूर्ण और मनमानी बताया था.
अदालत ने क्या कहा?
अदालत ने याचिका स्वीकार करते हुए स्पष्ट कहा था कि अधिकारियों की ओर से कैडर के पुन: आवंटन में अधिक समय नहीं लिया जाना चाहिए. अदालत ने कहा कि क्योंकि पूरी प्रक्रिया अब इलेक्ट्रॉनिक है जो कि कंप्यूटर प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर के माध्यम से पूरी होती है तो अधिकारियों के पास इस संबंध में पहले से ही अपेक्षित डेटा भी मौजूद है.
कोर्ट ने दिसंबर 2018 केंद्र सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें आईएसएस और आईपीएस अधिकारियों को कैडर आवंटन किया गया था. कोर्ट ने आवंटित सफल उम्मीदवारों की योग्यता और उम्मीदवारों द्वारा दी गई प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द नए कैडर आवंटन करने का निर्देश दिया है.

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