छत्तीसगढ़

05-May-2019 1:01:29 pm
Posted Date

कहां गये अवैध दारू पकडऩे वाले वो शासकीय कारिंदे

(पत्थलगांव) दारू की शासकीय दूकान शहरी क्षेत्र से बाहर लगभग दो कि?मी? दूर ग्राम लंजियापारा में स्थित है, फिर भी पीने की शौकीन लोगों को यहां बस स्टैण्ड के कुछ रसुखदारों के नामचिन होटलों आसानी से उपलब्ध हो जाती है, बताया जाता है कि यहां के कुछ नामचिन होटलों में अवैध ढंग से बिक रही दारू की जानकारी जिम्मेदार अधिकारियों को है, जो मौका-ठौका पर यहां आकर अवैध दारू का सेवन कर मौज मस्ती का लुफ्त भी उठाते हैं, आबकारी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी एवं कर्मचारियों की तो बात ही छोडिय़े वे किसी रसुखदार व्यक्ति के इशारे पर ही उन्हें खुश करने के लिए ऐसे प्रतिष्ठान व रहवासी घरों में छापा मारते हैं जहां अवैध दारू का एवं उसके आस-पास नामों निशान नहीं रहता, एवं जहां अवैध दारू की बिक्री होती है उसे जानते हुये भी इन शासकीय जिम्मेदार कारिंदों द्वारा नजर अंदाज कर दिया जाता है, इसी प्रकार का एक वाकिया पिछले दिनों 18 जनवरी 2019 को तब हुआ था, जब यहां के एक सिक्ख समाज के परिवार जन सपरिवार स्थानीय गुरूद्वारा में एक शादी समारोह में सरीक थे, ठीक इसी दिन किसी के इशारे पर आबकारी अमले द्वारा स्थानीय पुलिस कर्मियों के साथ बिना सर्च वारंट तामिल किये इनके ऑफिस व घर पर छापा मारा गया, छापा जांच में इनके प्रतिष्ठानों से कोई भी अवैध व आपत्तिजनक सामग्री बरामाद नहीं हो सकी, समाज के इस पीडि़त परिवार के मुखियाजनों द्वारा जब आबकारी अमले से सर्च वारंट, जांच प्रतिवेदन आदि संबन्धित कागजात मांगे जाने पर भी इन्हें नहीं दिया गया, छापा मार इस अवैध कार्यवाही से उक्त पीडि़त सिक्ख परिवार को शादी में बाहर से आये अनेक रिस्तेदारों एवं समाज व शहर के लोगों के बीच अपमानित व शर्मिन्दा होना पड़ा व इनकी प्रतिष्ठा व मान सम्मान को आघात पहुॅचा, जिसकी लिखित जानकारी उक्त पीडि़त सिक्ख परिवार के लोगों द्वारा जिले के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों को देने के बाद भी दोषी कर्मियों के खिलाफ कोई कार्यवाही न किये जाने के कारण इनके द्वारा माननीय छ.ग. उच्च न्यायालय बिलासपुर के समक्ष रिटपिटिशन प्रस्तुत कर दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही कर न्याय की मांग की गयी है।
इस उक्त प्रकरण के पश्चात् शहर के चारों ओर आउटर पर महुए से बनी कच्ची शराब का विक्रय एवं सेवन खुलेआम धड़ल्ले से किया जा रहा है, कार्यवाही हेतु जिम्मेदार विभाग के कर्मचारी मानो नदारद से हो गये हैं, किसी का कोई अता-पता नहीं है।

 

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