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नईदिल्ली,03 मई । निवेशकों से धोखाधड़ी करने के मामले में आम्रपाली ग्रुप पर सुप्रीम कोर्ट सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. आम्रपाली ग्रुप से जल्द ही 9 हजार 590 करोड़ रुपए वसूले भी जा सकते हैं. आम्रपाली ग्रुप की ऑडिट करने वाली फॉरेंसिक लेखा परीक्षकों ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में यह जानकारी दी है.
बता दें कि कुछ महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने पवन अग्रवाल और रवि भाटिया को फॉरेंसिक लेखा परीक्षक नियुक्त किया था. दोनों ने गुरुवार को जस्टिस यूयू ललित और अरुण मिश्रा की पीठ के सामने ऑडिट रिपोर्ट पेश कर दी. रिपोर्ट में बताया गया है कि 455 करोड़ रुपए फर्म के निदेशकों और उनके परिवार के सदस्यों और 321 करोड़ 31 लाख रुपए फर्म द्वारा बेचे गए 5 हजार 856 फ्लैट की वर्तमान बाजार कीमत के हिसाब से वसूले जा सकते हैं. इसके साथ ही 3 हजार 487 कोरड़ आम्रपाली समहू के 14 प्रोजक्ट में फ्लैट का कब्जा लेने वालों से वसूले जा सकते हैं.
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह से पूछा कि कंपनी फंड से समूह के निदेशकों के 152 करोड़ रुपए का आयकर भुगतान कैसे कर दिया गया? आम्रपाली ग्रुप के 11 अलग-अलग प्रोजेक्ट में 5 हजार 229 फ्लैट्स अभी बिना बिके पड़े हैं. इन्हें बेचने पर लगभग 2 हजार करोड़ रुपए मिल सकते हैं.
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