छत्तीसगढ़

03-May-2019 12:45:45 pm
Posted Date

कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद रूकवाई गई शादी

न्याय साक्षी/रायगढ़।  परिवार न्यायालय रायगढ़ के हस्तक्षेप के बाद 1 मई को होने वाली पहली पत्नी के रहते दूसरी शादी अंतत: रोकना पड़ गया। यह मामला रायगढ़ जिले के ग्रामीण अंचल का है। 
यह मामला  रायगढ़ जिला न्यायालय के परिवार न्यायालय में चल रही है ,वादी महिला हाल निवास मैका कदमघाट तहसील लखनपुर जिला झारसुगुडा ओडिसा  की शादी 12 -3-2015 को सामाजिक रीति रिवाज के तहत डूमरपाली, बनोरा जिला रायगढ़ के वृन्दावन सा के साथ हुई थी ।किन्तु दोनों में अनबन होने के कारण न्यायालय में मामला चली जिसमें उभय पक्ष में साथ साथ रहने का समझौता हुआ था किंतु कुछ साल रहने के बाद वृन्दावन ने पत्नी को घर से निकाल दिया था तथा  एक अन्य महिला से दूसरी शादी करने निमंत्रण पत्र वितरण कर एवं घर पर मेहमान बुलाकर बटमुल आश्रम बनोरा में 1 मई 2019 को शादी करने की पूरी तैयारी कर ली थी ।
इसी बीच पहली पत्नी को इसकी जानकारी प्राप्त होने पर उसके द्वारा वकील के मार्फत परिवार न्यायालय रायगढ़ में पहली पत्नी के रहते हुए उसे तलाक दिये बिना दूसरी महिला के साथ शादी की रस्म निभाने की पूरी  तैयारी कर ली थी । परिवार न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश श्री जयदीप निमोडकर द्वारा आवेदिका के अधिवक्ता द्वारा प्रस्तुत तर्क एवं दस्तावेज की गंभीरता को देखते हुए आवेदिका द्वारा प्रस्तुत दावा को तुरंत पंजीयन कर हमदस्त नोटिस की तामीली स्पेशल मचकुरी के माध्यम से कराया जाकर अगले दिन प्रकरण सुनवाई अनावेदक गण की उपस्थिति हेतु रखी गई।  1 मई 2019 को अनावेदक वृन्दावन एवम देवकी के परिजन उपस्थित होकर अंडर टेकिंग दिये हैं कि आगामी पेशी तारीख 22 जून  तक शादी नहीं करेंगे ।

 

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