छत्तीसगढ़

02-May-2019 12:47:10 pm
Posted Date

लू के लक्षण व बचाव के संबंध में दिशा-निर्देश

न्याय साक्षी/रायगढ़।   राज्य में तेज धूप एवं गर्मी प्रारंभ हो गया है जिसके कारण लू लगने की संभावना है। लू लगना खतरनाक एवं जानलेवा भी हो सकता है। लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और खनिज मुख्यतया नमक की कमी होती है। लू के रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केसरी ने लू के लक्षण एवं उसके बचाव के संबंध में जनसामान्य को जानकारी दी है। 
लू के लक्षण-  लू लगने से सिर में भारीपान और दर्द का अनुभव होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सुखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का ना आना, अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना, भूख कम लगना एवं बेहोश होने जैसे लक्षण दिखाई पड़ते है।  लू लगने पर किए जाने वाला प्रारंभिक उपचार:-बुखार पीडि़त व्यक्ति के सर पर ठंडे पानी की पट्टी लगाए, अधिक पानी व पेय पदार्थ पिलाए जैसे कच्चे आम का पना, जलजीरा आदि, पीडि़त व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लिटा दे, शरीर पर ठंडे पानी का छिडक़ाव करते रहे, पीडि़त व्यक्ति को शीघ्र ही किसी नजदीकी चिकित्सा या अस्पताल में इलाज के लिए जाए एवं मितानिन अथवा एएनएम से ओआरएस की पैकेट हेतु संपर्क करें। 
लू से बचाव के उपाय- लू से बचाव एवं उपाय के लिए धूप मे निकलने से पहले सिर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह बांध लें, पानी अधिक मात्रा में पीये, अधिक समय तक धूप में न रहे, गर्मी के दौरान नरम, मुलायम सूती के कपड़े पहनने चाहिए ताकि हवा और कपड़े पसीने को सोखता रहे। अधिक पसीना आने की स्थिति में ओआरएस घोल पीयें। चक्कर आने, मितली आने पर छायादार स्थान पर आराम करें, शीतल पेयजल अथवा फल का रस, लस्सी, मठा आदि का सेवन करें। उल्टी, सर दर्द, तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर जरूरी सलाह ले।  

 

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