छत्तीसगढ़

27-Apr-2019 1:19:18 pm
Posted Date

नया रायपुर में बिछ गई 75 फीसदी पटरी, स्टेशन के भवन का मॉडल भी पास

रायपुर। नया रायपुर में रेलवे ने 15 किलोमीटर तक पटरी बिछा ली है। महज पांच किलोमीटर में पटरी बिछाने का काम बाकी है। इसे भी जल्द पूरा करने का लक्ष्?य रखा गया है। नया रायपुर रेलवे स्टेशन के मॉडल को रेलवे ने अप्रूव कर दिया है। स्टेशन बनाने का काम एनआरडीए जल्द शुरू करेगा। तीन अन्य स्टेशनों का मॉडल अप्रूव नहीं हुआ है। अप्रूव होने पर भवन बनाने का काम तेजी से किया जाएगा। रेलवे ने नया रायपुर में 2021 तक ट्रेन दौड़ाने का लक्ष्य रखा है। रेलवे के अधिकारी का कहना है कि पटरी बिछाने का काम तेजी से चल रहा है।
नया रायपुर में बनने वाले चारों स्टेशनों के भवनों पर 180 करोड़, पटरी बिछाने पर 170 करोड़ खर्च होगा। बीस किलोमीटर की दूरी पर करीब एक ओवर ब्रिज और आठ अंडर ब्रिज का निर्माण कार्य किया जाना है। इनमें से एक ओवर ब्रिज और पांच अंडर ब्रिज का काम पूरा कर लिया गया है।
अंडर ब्रिज और ओवर ब्रिज बनाने का काम रेलवे कर रहा है। अंडर ब्रिज और ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए एनआरडीए ने रेलवे को अब तक 32 करोड़ रुपये दे दिया है। अभी 28 करोड़ रुपये और देगा, जिसके बाद बचे हुए अंडर ब्रिज और ओवर ब्रिज का काम रेलवे द्वारा किया जाएगा।
नया रायपुर में मंत्रालय होने की वजह से वहां पर धीरे-धीरे बसाहट बढ़ रही है। वर्तमान में नया रायपुर जाने के लिए सीटी बस या निजी वाहन का ही इस्तेमाल पब्लिक कर रही है। नया रायपुर की बसाहट को देखते हुए रेलवे प्रशासन रेल परिवहन पर जोर दे रहा है। इसलिए वहां चार स्टेशन बनाए जा रहे हैं।
स्टेशन से सडक़ तक स्काईवॉक
नया रायपुर में बनने वाले स्टेशनों को मेट्रो शहरों की तर्ज पर कॉमर्शियल बनाया जाएगा, ताकि लोगों को रोजगार मिल सके और रेलवे के राजस्व में भी इजाफा हो। चारों स्टेशन मल्टी मॉडल होंगे। इनमें सार्वजनिक परिवहन के साथ ही व्यावसायिक सुविधाएं भी होंगी।
प्रशासनिक, व्यावसायिक और पर्यटन के लिहाज से आने वाले लोगों के मद्देनजर स्टेशन परिसर में ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट उपलब्ध कराया जाएगा। इनमें बीआरटीएस बस, सिटी बस और ई-रिक्शा आदि शामिल हैं। हर स्टेशन में ऐसे स्काई वॉक बनाए जाएंगे जो यात्री को स्टेशन से सीधे सबसे नजदीक की मेन रोड पर उतारे।
इनको मिलेगा रोजगार
नया रायपुर में बनने वाले स्टेशनों की जद में करीब 20 से 25 गांव आएंगे। स्टेशन बनने से आवागमन तेजी से शुरू होगा। इससे आसपास के लोगों को रोजगार मिलेगा।

 

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