जगदलपुर, 25 अप्रैल। स्थानीय कृषि विभा फॉर्म आर्मी वर्म से निपटने के लिए स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र के साथ सहयोग करते हुए इस कीट से निपटने के उपाय खोज रहा है और कृषि विज्ञान केंद्र के सुझाव पर एक रिपोर्ट तैयार कर शासन के पास भेजी जा रही है। शासन से जैसे ही कीट प्रकोप के नियंत्रण के लिए अभियान चलाने की अनुमति प्राप्त होगी, वैसे ही विभाग अपनी कार्रवाई शुरू करेगा।
उल्लेखनीय है कि विदेशों में अपने प्रकोप से तबाही फैला कर बस्तर में भी फॉल आर्मी वर्म नाम के कीटों ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है। फाल ऑर्मी वर्म से पूरे प्रदेश भर में बस्तर में ही इसका प्रकोप सर्वाधिक गत 3 माह से हो रहा है। सर्वप्रथम गत जनवरी माह में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने इसे फॉल आर्मी वर्म कीट का आक्रमण निरूपित कर इसके बारे में शासन को जानकारी दी थी। इन कीटों से बस्तर में मक्के की फसल को लगातार नुकसान पहुंच रहा है। बस्तर जिले में इस कीट की वजह से 300 एकड़ से अधिक की फसल चौपट हो चुकी है। किसानों द्वारा जिन कीटनाशकों का उपयोग किया जा रहा है, उससे ये कीट पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं आते हैं और अपनी संख्या बढ़ा कर दुगने वेग से आक्रमण कर फसल को क्षतिग्रस्त कर देते हैं।
इस संबंध में उपसंचालक कृषि कपिल देव दीपक ने जानकारी दी कि फॉल आर्मी वर्म के प्रकोप की बस्तर में सूचना प्राप्त हुई है। इन कीटों के प्रकोप से ग्रस्त किसानों के मध्य जाकर कृषि विभाग ने कीटों से निपटने की कुछ उपाय भी किसानों को बताये हैं। चूंकि इससे कुछ किसानों को राहत तो मिली, लेकिन इन कीटों को प्रभाव इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि अब कृषि विभाग इससे निपटने के लिए मिशन मोड पर काम करने की तैयारी कर रहा है। इसकी शुरूआत शीघ्र ही होगी।
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