जगदलपुर, 23 अप्रैल (आरएनएस)। बस्तर में इस समय मौसम में भारी बदलाव देखा जा रहा है। अंचल में तेज वर्षा और ओला गिरने के साथ धूल भरी आंधी व तेज हवाओं के कारण तेंदू पत्ता की गुणवत्ता पर प्रभाव तो पड़ा ही है साथ ही भारी मात्रा में तेंदू पत्ता का नुकसान भी हो रहा है। इस समय संभाग के हजारों ग्रामीण परिवार अपने प्रमुख आर्थिक श्रोत तेंदू पत्ता के संग्रहण में लगे हुए हैं, लेकिन बेमौसम वर्षा और ओला गिरने से तेंदू पत्ता के संग्रहण में ग्रहण लग गया है। उल्लेखनीय है कि मौसम में आये इस बदलाव से अंचल में विशेष रूप से दक्षिण पश्चिम बस्तर में मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है। नित्यप्रति तेज हवा के साथ-साथ वर्षा और ओले गिरने से तेंदू पत्ता की कोमल पत्तों को भारी नुकसान पहुंंचा ही है साथ में तेंदू पत्ता का संग्रहण भी प्रभावित हुआ है। पत्ते फट रहे हैं, सूखाने के लिए और इनका बंडल बनाने के लिए मौसम साथ नहीं दे रहा है। इससे तेंदू पत्ता संग्राहक भी परेशान हैं इसका कारण यह है कि तेंदू पत्ता संग्रहण से उन्हें अपने परिवार के भरण-पोषण व अन्य कार्यों के लिए भरपूर आर्थिक आय प्राप्त हो जाती है, लेकिन इस वर्ष उन्हें चिंता सता रही है। इस वर्ष बस्तर सर्किल के चारों वन मंडलों ने सवा दो लाख मानक बोरा तेंदू पत्ता खरीदी का लक्ष्य रखा गया है और ग्रामीण अधिक से अधिक तेंदू पत्ता का संग्रहण इसलिए भी करना चाह रहे हैं कि इस वर्ष कांग्रेस सरकार ने तेंदूपत्ता पारिश्रमिक दर में वृद्धि करते हुए 2500 से इसे 4000 रूपए प्रति मानक बोरा कर दिया है। यदि मौसम ऐसा ही चलता रहा तो तेंदू पत्ता की गुणवत्ता के साथ-साथ संग्रहण लक्ष्य भी प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है।
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