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24-Aug-2018 5:36:03 am
Posted Date

एक दिलचस्प कहानी एक बाबा दो कारोबारी भाई और एक करीबी का खेल हवा में उड़ गए 22,500 करोड़ रुपये

एक प्रभावशाली ‘बाबा’ और भौतिकवाद के प्रति कमजोरी रखने वाला उसका परिवार. एक कंपनी बेचने से मिले करीब 10 हजार करोड़ रुपये की नकदी के साथ दो युवा कारोबारी और उनके परिवार का एक बेहद करीबी. इन सबने मिलकर एक ऐसा कारनामा किया जो बॉलीवुड की किसी कहानी को भी फेल कर सकता है. उनके कारनामे से करीब 22,500 करोड़ रुपये हवा में उड़ गए.

कारोबारी जगत में मलविंदर सिंह और शिवेंदर सिंह दो साल पहले से चर्चा में हैं, जब यह पता चला कि उनके ऊपर करीब 13,000 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया है. यह तब है, जब 2008 में उन्होंने तबकी भारत की सबसे बड़ी दवा कंपनी रैनबैक्सी को जापान की दाइची सैंक्यो को बेचा था अौर इससे उनके पास 9,567 करोड़ रुपये की नकदी आ गई थी. यह कंपनी उन्हें अपने पिता परविंदर सिंह से विरासत में मिली थी.

तो सवाल यही है कि उनके पास से यह करीब 22,500 करोड़ रुपये (9,500 करोड़ नकदी और 13,000 करोड़ कर्ज) कहां हवा हो गए. यह भारतीय कॉरपोरेट जगत का अपने तरह का पहला उदाहरण है. इसे समझने के लिए बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लन और उनके परिवार के कारनामे को भी समझना होगा.

रैनबैक्सी को बेचने के बाद पिछले 10 साल में सिंह बंधु ने फोर्टिस हेल्थकेयर और रेलिगेयर एंटरप्राइजेज जैसे एनबीएफसी से भी अपना प्रभावी नियंत्रण खो दिया. जबकि सिंह बंधुओं द्वारा रैनबैक्सी बेचे जाने के दो साल बाद ही अजय और स्वाति पीरामल ने अपने फार्मा कारोबार को अबॉट लेबोरेटरीज को बेच दिया था और इससे उन्हें 18,000 करोड़ रुपये मिले थे. आज पीरामल परिवार ने इस पैसे को फिर से निवेश कर 25,000 करोड़ की संपत्त‍ि बना ली है.मलविंदर और शिवेंदर सिंह ने हमारे सहयोगी प्रकाशन बिजनेस टुडे के सवालों के ई-मेल से दिए जवाब में यह स्वीकार किया है, ‘आज हम अपने सभी प्रमुख कारोबार-फोर्टिस, एसआरएल और रेलिगेयर-पर नियंत्रण खो चुके हैं. अपने कर्ज चुकाने और बैंकों द्वारा हमारे गिरवी रखे गए शेयरों को भुनाने की वजह से ऐसा हुआ है.’

कौन हैं बाबा ढिल्लन और गोधवानी गुरिंदर सिंह ढिल्लन राधा स्वामी सत्संग ब्यास (RSSB) के आध्यात्मिक गुरु हैं और ‘बाबाजी’ या ‘व्यास के संत’ के नाम से मशहूर हैं. सिंह परिवार इनका अनुयायी है और सिर्फ अनुयायी ही नहीं बल्कि ढिल्लन परिवार और सिंह परिवार में बहुत करीबी रिश्ता है. राधा स्वामी सत्संग ब्यास के करीब 20 लाख अनुयायी हैं और देश भर में उसके आश्रम आदि के रूप में काफी जमीन है. सिंह बंधुओं के परिवार का एक और करीबी व्यक्ति है सुनील नारायणदास गोधवानी.

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