छत्तीसगढ़

11-Apr-2019 11:31:21 am
Posted Date

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में नक्सली हमले में 24 जवान हुए थे शहीद

जगदलपुर, 11 अप्रैल । माओवादियों ने 2014 के लोकसभा के दौरान भी बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया था। तीन अलग-अलग घटनाओं में बस्तर में 24 जवान शहीद हुए थे। इस घटना ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान हुए माओवादी हमलों की याद दिला दी है।
11 मार्च 2014 को माओवादियों ने 15 जवानों को अपना निशाना बनाया था। इस हमले में एक ग्रामीण की भी मौत हो गई थी। उस दिन सीआरपीएफ और जिला पुलिस बल के 44 जवान सर्चिंग पर निकले थे। इन्हें निशाना बनाकर आईईडी ब्लास्ट कर दिया और इसके बाद अंधाधुंध फायरिंग भी की थी, जिसमें 15 जवान शहीद हो गए और राह चलता एक ग्रामीण भी माओवादियों की गोली का शिकार हो गया था। इस हमले के बाद माओवादियों ने एक जवान के शव के नीचे आईईडी रख दिया था। ताकि शव को जब जवान उठांए तो वह ब्लास्ट हो जाए और कुछ और जवान मारे जाएं। लेकिन बम निरोधक दस्ते ने आईईडी एक्टिवेट कर दिया और उसके बाद जवान के शव वहां से निकाल गया।
 ठीक एक महिने बाद 12 अप्रैल को बीजापुर और दरभा घाटी में आईईडी ब्लास्ट में पांच जवानों समेत 14 लोगों की मौत हो गई थी। माओवादियों ने पहला हमला करीब 11 बजे बीजापुर जिले के तुलनार गांव के पास किया था। उन्होंने मतदान कर्मियों को ले जा रही बस को बारूदी विस्फोट से उड़ा दिया था। इसमें सात मतदानकर्मियों की मौत हो गई थी। बस के पीछे चल रहे पुलिसकर्मियों ने जवाबी फायरिंग की थी।
दूसरा हमला बस्तर जिले की दरभा घाटी में हुआ था। माओवादियों ने कामनार के करीब एक एंबुलेंस को विस्फोट से उड़ा दिया। एंबुलेंस में सवार सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए थे। साथ ही एंबुलेंस के चालक और उसमें सवार कंपाउंडर की भी मौत हो गई थी। माओवादियों द्वारा एंबुलेंस को निशाना बनाने का यह पहला मामला था।

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